00:00हेलो दोस्तो मैं हूँ डाक्टर सिवराज सिंग स्वागत है आपका अपने चनल हिस्ट्री विद सिंग में दोस्तो आसा है आप लोग अच्छे से होंगे भाई और पढ़े अपना पढ़ाई और तयारी कर रहे होंगे तो दोस्तो आज की वीडियो में आप पढ़ोगे जानो
00:30इसकी सुरुवात कब हुई? किस ने सुरुवात की थी? है ना? और कौन से बदला होते हुए? कौन से अधनियम बने? कौन-कौन से पेपर आए? और उसको किस ने च्छापा? तो ये सारी जानकारी दोस्तो आपको इस वीडियो में मिलेगी और ये जो वीडियो है इसमें इ
01:00कानवाला फिट करिए एकदम सुनिए अच्छे से और फटा-फट ये जो इससे जो धेर सारे क्यूस्चन बनते हैं वो आपके कुछ ही आप थोड़ा सा समय दीजेगा और वो क्यूस्चन आपके तियार हो जाएंगे है ना बिल्कुल फटा-फट मैं बताऊंगा तो चलिए आ
01:30भारत में यूरोपीन लोगों की आघमन से माना जाता है है तो जब यूरोपी लोग भारत में आए हैं तभी से ये जो नियूस पेटर हैं जो हम लोग पढ़ते हैं इसकी शुरुवात उसी से नही से होती है है
01:45अब देखे आगे भारत में प्रिंटिंग प्रेस की सुरुवात सोलहवी सदी में पुर्टगाली मिसनरियों के द्वारा किया गया.
01:56आगे आएए गोवा के पादरियों ने 1557 इस्वी में भारत की पहली पुस्तक छापी.
02:03कब छापी है? अब भ्यान दीजे.
02:051557 इस्वी में ठीक है? तो जो इसाई धर्म के प्रचार करने वाली थे, जो पादरी थे, उन्होंने 1557 इस्वी में भारत में पहली पुस्तक छापी है.
02:26ठीक है? प्रिंटिंग प्रेस से. अब देखिए, इस्ट इंडिया कमपनी ने 1684 इस्वी की इस्वी बंबई में अपना पहला प्रिंटिंग प्रेस इस्थापित किया.
02:38अब ध्यान दीजे, 1557 के बाद, यहां देखिए, जो इस्ट इंडिया कमपनी जो भारत पे सासन कर रही थी, वो 1684 इस्वी में यहां पे बंबई में अपना पहला प्रिंटिंग प्रेस इस्थापित किया है.
03:04ठीक है? तो कितनी दिनों बाद आप देखिए?
03:08आगे देखिए, 1766 इस्वी में कमपनी के कुछ असंतुष्ट कर्मचारी, विलियम बोट्स ने कोर्ट आफ डारेक्टर की नीतियों के विरुद्ध अपने द्वारा निकाले गए समाचार पत्र में लिखा, लेकिन सिग्र ही इन्हें इंगलेंड वापस बुला दिया गया.
03:38क्यों समाचार पत्र को रोक के रखे थे कि भाई कोई ख़बर न छपे, तो नहीं चाहते थे कि भाई जो हम लोग यहां पे आप देखते थे कि ब्रष्टा चायर बहुत था, पैसे यह अपना बनाना चाहते थे, ज्यादा से ज्यादा इसके जो कमपनी के कर्मचारी थे, त
04:08दबाय रखा और यहां पे आप देखते हैं कि जो बिलियम बोट्स ने कोट आप जो डिरेक्टर की नीतियों के बिरुद्ध अपना अपने द्वारा निकाले गए समाचार पत्र इनों ने लिखा है, लेकिन अब यह लिखे, अब इन्हें क्या किया गया, लंदन भेज दिय
04:38को भारत का प्रथम अकबार माना जाता है, तो भारत का पहला अकबार किसे माना जाता है, जेम्स आगस्टक, आगस्टस हिक्की के द्वारा प्रकासित किया गया, दे बेंगाल गैजेट, यह भारत का पहला पेपर माना जाता है, ठीक है, आगे आईए, भारत में स्वतंत्र
05:08और बर्किंगम ने कलकत्ता जर्नल के प्रकासन से किया है ठीक है अठारवी सताब्दी में निकलने वाले प्रमुक अखबार कौन-कौन से थे वो आप देखिए कलकत्ता कैरियर एसियाटिक मीरर ओरियेंटल स्टार बांबे गजट हिराल्ड और मद्रास गजट आदी
05:37अभी मैं सीरियल से बताऊंगा अभी आप लोग परसान नहीं होईगा कि जो क्यूश्चन आप लोगों के एक्जाम में पूशता है न कि भाई ये पेपर की सन में था क्या था मैं अभी सब बताऊंगा आपको ठीक है बस ध्यान से आप सुनते रहिए क्या-क्या मैं बता रहा
06:07ये एक दुसरे के पूरत थी इसमें अपनी आपसी प्रतिस्परधा का अभाव था क्योंकी ये सब्ताह के अलग अलग दीन निकलते थे आज आज आप लोग देखते हैं कि भाई जो नि�स्टेपर हैं कई निउस्टेपर निकलते हैं
06:23है ना और एक ही दिन निकलते हैं कमप्टीशन भी होता है है लेकिन ये जो पेपर अभी आपने सुना इनमें कोई कमप्टीशन नहीं था ठीक है
06:34आगे आएए किसी भी भारतिय द्वारा अंग्रेजी में प्रकासित पहला समाचार पत्र 1816 स्वी में प्रकासित बंगाल गजट था इसका प्रकासन गंगाधर भटाचाहर ने किया
06:50चलिए आगे आएए अगला पॉइंट 1818 स्वी में अपरेल में मार्स मैंद्वारा बंगाली भासा में दिग्द धर्शन नामक मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया गया
07:04ठीक है? कब किया गया? 1818 इस्वी में. अगला देखे, जेम्स सिल्क बरकिरगहम का पत्रकाईटा के इतिहास में महतपुर स्थान है, इन्होंने स्वतंत्र और तटस्त पत्रकाईटा को जन्म दे कर पत्रकारों को पत्रकाईटा का अपनाने के लिए प्रोसाहित किया.
07:27बरकिरगहम ने ही प्रेश को जन्ता का प्रतिवीमबद बनाया, प्रेश का आधुनिक रूप इन्हीं की देन है.
07:38भारत में राष्टिय प्रेश की स्थापना का स्रेय राजा राम मोहन राय को दिया जता है.
07:46इन्होंने समवाद कौमुदी 1821 में. और मिरात उल अखबार 1822 में फार्सी में का प्रकाशन कर भारत में प्रगत्सिल राष्टी प्रवित्ती के समाचार पत्रों का सुभारंब किया.
08:11भारत में अंग्रेजियों द्वारा समपादी समाचार पत्रों में प्रमुख इस प्रकार थी. अंग्रेजियों के प्रमुख पेपर कौन-कौन से है? वो आप देखिए.
08:22टाइम्स आफ इंडिया अठारा सो एकसट, स्टेट्समैन अठारा सो सत्तर में, फ्रेंड आफ इंडिया, मद्रास मेल, पाइनियर, इलहाबाद, सिविल एंड मिलिटरी गजट, अठारा सो चीहत्तर, लाहोर में, इंग्लिसमैन आदी. ये सब पेपर थे.
08:43इन इंग्लो इंडियन अकबारों में इंग्लिसमैन सर्वधिक रूढिवादी, प्रतीक्रियावादी और स्टेट्समैन सर्वधिक उत्तरदाई दिश्टिकूर वाले समाचार पत्र थी.
08:56पाइनियर सरकार का समर्थक अकबार. Surprise सरकार के बारे में समर्थक है, तो सरकार की दुराइयों को नहीं दिखाना है, च्छैयों को ही दिखाना है, बढ़ाचडा के दिखाना है ऐसथ करे.
09:12अब देखे, प्रक्यात समास सुधारक राष्टिय राष्टवादी इस्वर्च चंद्र विद्या सागर ने 1869 स्वी में बंगाली भासा में सोम प्रकास का प्रकाशन किया।
09:28सोम प्रकास एक मात्र समाचार पत्र था जिसके विरुध लिटन वार्ना क्यूलर एक प्रेश एक्ट लागू हुआ था।
09:41राष्टवादी दिश्टिकोण वाले इस समाचार पत्र का पत्रकाइटता के छेत्र में उंच्या स्थान था।
09:49क्रिश्टो पाल दास को पत्रकाइटता का राचकुमार कहा जाता था।
10:021868 हिसरी में कलकत्ता में बांगला भासा में मोतिलाल घोस ने अमरित बाजार पत्रिका का प्रकासन प्रारम किया।
10:12लिटन के वार्नाकुलर प्रेस एक्ट से बशने के लिए यह जो अम्रित बजार पेपर था समाचार पत्र अंग्रेजी सबताहिक में परिवर्टित हो गया अब इससे बशने के लिए क्या हो गया अंग्रेजी में हो गया
10:281826 इस्वी में कांपूर के जुगल की शोर द्वारा हिंदी में प्रकासित उद्धन्त मार्दंड भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र है कहां से प्रकासित हुआ था कलकत्ता से प्रकासित हुआ था
10:421923 में गदर का प्रकासन सैन फ्रांसिस्को सैन फ्रांसिस्को यानि अमेरिका में से किया गया इसका प्रकासन अंग्रेजी और पंजाबी में प्रारम हुआ अनियमीत रूप से गदर हिंदी मराथी गुजराती तथा
11:02पस्तो में भी प्रकासित हुआ अब जो प्रेश हैं जो पेपर हैं उन पर कौन-कौन से प्रतिबंध लगाए गए हैं आई उसे भी आप देखिए
11:171799 इस्वी में लाड वेलेजीली ने प्रेश नियंतर अधिनियम दौरा सभी समाचार पत्रों पर नियंतर लगाते हुए संपादक, मुत्रक, मालिक का नाम अकबार पर देना अनिवारे कर दिया
11:33अब ये इस तरह नियंक लगा रहे हैं के वह Minnie जो पेपर हैं इन पर सरकार को पकड़ बनानी है देखिए पेपर क्या है जन्मत को तय आर करता है ये पेपर अब गैसे हम लोग नीज्मेपर पढ़ते हैं तो जो घत गड़ रही है
11:53क्या हो रहा है दुनिया में, समाज में, गाओं में, देश में
11:56तो जो पढ़ते हैं तो सरकार की क्या नीतिया हैं
12:00लोग पढ़ते हैं, जानते हैं, समझते हैं
12:03तो उससे क्या होता है लोग मत तयार हो जाता है
12:07तो अब भाई अंग्रेज सरकार को डर था
12:11कि पता लगा जो हिंदी वाले हैं जो न्यूस पेपर हैं खबर पूरे छापते जा रहे हैं और जो हमारे कारे हैं वो सब जनता को पता लग रहा है तो अब कैसे कंट्रोल करना है न्यूस पेपर पे
12:28कैसे कंट्रोल करना है कि जो हमारे कारे हैं जो भी भाई सासन इनको करना है यहां पे देश पे करना है और आपने देखा भी कि कैसे इनको समान जो पैसे रुपए हैं भाई वो लंदन ले जाना है तो कैसे कंट्रोल करना है कि हमारी जो असलियत है वो खुले न और कैसे कंट्र
12:58क्या-क्या नियम ये लगा रहे हैं वो आप यहां पर पढ़ गए हैं है ना तो अब देखिए लाड हेस्टिंग ने अठारा सो अठारा इसी में इस अधिनियम को समाप्त कर दिया अभी जो आपने पढ़ा जैसे देखे 1799 इसी में लाड वेलेजिली ने प्रेश नियंतर अध
13:28अनिवार कर दिया ठीक है अब आगे देखे 1823 इसी में कारे वाहा गवर्नर जर्नल एडम से ने अनुग्यप्ती नियम ये कब बनाये थे 1823 में बनाकर मुद्रक तथा प्रकासक को जो प्रिंटिंग प्रेश स्थापित करने से पूरो लाइसेंस अनिवार कर दिया ठीक है त
13:58अनुग्यप्ती नियम कब आया 1823 में आया आगे देखे अनुग्यप्ती नियम दौरा राजा राम मुहन राय का मिरातुल अकबार प्रतिबंधित कर दिया गया था ठीक आईए आगे कर पॉइंट आप देखे अब जो एक्जाम में आपको पूछा जाता है डारेक्टिंग
14:28या किस सन में था किस अस्थान पर था ऐसे नियूस्वेपर कभी सुमेलित वाले में आ जाता है मिलाने वाले में कभी डारेक्टिंग पूछता है तो आज यह उसे आप समझेए मैं बोलता जा रहा हूं ध्यान से आप लोग बस सुनते जाएए पूरे आपका क्यूश्चन �
14:58इसके संपादक या संस्थापक कौन थे तो इनका नाम था रावर्ट नाइट किस वर्ष में यह हुआ 1861 में किस अस्थान पर हुआ स्थान बंबई और इसकी भासा क्या थी तो यह भाई अंगरी जी में थी ठीक है तो अब आईसे आईए मैं बताते जा रहा हूं बस ध्या
15:28इंग्लिश मेल रावर्ट नाइट है कलकत्ता स्थान है अंगरी जी माध्यम है मदरास से मेल रावर्ट नाइट है मदरास में है अपना स्थान है और अंगरी जी माध्यम में है पाइनियर जार्ज एलन है 1876 का समय है इलावाद स्थान है अंगरी जी माध्यम में है यह चप
15:581868 से 1868 और 1888 स्थान कलकत्ता है बंगला उंग्रेजी दोनों भासाओं में चपता था
16:06सूम प्रकास ठीक है पेपर का नाम समाचार पत्र का नाम सूम प्रकास इस्वर्चन विद्या सागर है इसके संस्थापक या संपादक जो भी आप समझ लीजे
16:171869 कलकत्ता अस्थान है बंगला में ये जो है चपराथा बंगवासी जो गिंदनाद बोस 1881 का समय है कलकत्ता बंगला में ठीक है हिंदू पेपर का नाम वीर रागवाचारी इसके जो संस्थापक या संपादक
16:341888 मदरास अंगरेजी में केसरी मराथा तिलक और प्रारम में आगरकर ने भी इसको सह्योग दिया था इस पेपर में केसरी और मराथा में
16:48समय क्या है 1881, स्थान क्या है बंबई और भासा क्या थी मराठी और अंग्रेजी।
17:18कलकत्ता स्थान अंग्री जी में, भारत मीत्र इनके नाम है जो संपदक है संस्तापक बाल मुकुन्द गुप्त।
17:27स्थान कलकत्ता माध्यम हिंदी में छपता था
17:30हिंदुस्तान मदन मोहनमालवी प्रताप नरायन कालांकर उत्तरपदेश में है
17:37और यहीं पे यह जो छपता था माध्यम जो है हिंदी में छपता था
17:42बंबई दरपड बाल सास्त्री हैं
17:461832 में स्टार्ट हुआ बंबई मराथी है ना स्थान बंबई और मराथी में चपता था बस स्टेंडर्ड कामन वील एनी बेसेंट 1914 अंगरी जी कवी वच्चन सुधा भारतिंदू हरिश्चंद
18:031868 से उत्तरपदेश हिंदी ठीक है स्थान उत्तरपदेश और माध्यम हिंदी हरिश्चंद मैगजीन भारतिंदू हरिश्चंद समय है 1872 स्थान उत्तरपदेश और चपता था हिंदी में हिंदुस्थान स्टेंडर्ड सचिदानन सिन्हा 1899 अंगरी जी माध्यम में ज्यान पर
18:33मत्ताता हंग्रेज ही चब्ता था माड़न
18:43यंग इंडिया महत्मा गाधी 8 अक्टूबर 1919 में Direction
18:48में Konदाबाद में इंग्रेज है माजीन www. IS Oz fart
18:51आ। हरेजन महत्मा गाधी स्प्रेटित हैं
18:55realizes द्रीज हुआटी स इसी वाराó Marine building द्रीच प ine
19:03हिंदी गुजराती दोनों भासाओं में ठीक है इंडिपेंडेंडेंस मोती लाल नहरू 1919 में अंग्रेजी मद्य में आज सीव प्रशाद गुप्त द्वारा हिंदी ठीक है हिंदुस्तान टाइम्स केम पनिकर 1922 दिल्ली अंग्रेजी में उद्धंड मातंड जुगल किशोर 1826
19:33स्थान दिल्ली था माध्यम अंग्रेजी था ठीक है आगे दीखिए आप लोग हिंदु पैट्रियाट ठीक हरिश्चन मुखर जी और समय है ठार्शो पस्पन अंग्रेजी में है ना गदर गदर पार्टी 1913-1914 सैन फ्रांसिसको अंग्रेजी और पंजाबी में ठीक है प्र
20:03और देखे हमदर्द है मुहमद अली जिन्ना द्वारा उर्दु में था कामरेट था मुहमद अली जिन्ना द्वारा ही और अंग्रेजी माध्यम में ठीक है अल बिलाग मुलाना अब्दुल अबुल कलाम आजाद 1913 में कलकत्ता उर्दु में ठीक है अल हिलाल मुलाना अब�
20:33से चापा गया, ठीक है, कुछ समाचार एजेंसियों को भी आप लोग जानिये, और इनके जो कब इसकी स्थापना का वर्स क्या है, वो भी आप लोग जानिये, तो देखे, ये राइटर है, समाचार एजेंसी का नाम, ये कब स्थापना की गई इसका, अठार सो अस्थी में, �
21:03इसकी स्थापना है 1927 में, UPI, United Press of India, इसकी स्थापना का समय है 1934-35 में, ठीक है, आज आगे देखे आप, गवर्नर जर्नल विलियम बेंटिंग का दिश्टिकोल भारती समाचार पत्रों के प्रति उदार था, ठीक है, बेंटिंग के बाद बने कारिवाहा का ध्याच्य चार
21:33मेटकाफ ने 1923 के एक्ट को समाप्त कर 1935 में, लिवरेशन आफ दी इंडियन प्रेस अधिनियम लागो करवाया, जिसकी अंतरगत मुद्रकों और प्रकाशकों को के और प्रकाशन की अस्थान की ही सूचना देना होता था, है ना, तो ये जो छूट दे रहे हैं और जो नाम
22:03जाता जाता है, तो अगर ये क्योशन बनता है कि समाचार पत्रों के मुक्तिदाता कौन कहे गए और आप सन में आपको देखेंगी और चाल्स मेटकाफ को आपको टिक कर देना है, आगे दिखें अठारसो सताओन के बिद्रोह के बाद लाइसेंसिंग एक्ट अठारसो सता�
22:33और मुद्रन जो प्रिंटिंग का स्थान है का नाम लिखना अनिवार कर दिया गया, अब दिखें फिर से वही चीज लागू कर दी गई, कब से अठारसो सताओन के बिद्रोह के बाद से, अब दिखें आगे समाचार पत्रों को प्रत्वंदित करने के लिए बनाए गया धि
23:03मजिस्टेट को एधिकार दिया मिला था कि वह किसी भी भारती भासा के समाचार पत्र से बांड पेपर पर हस्ताचर करवा ले, वह कोई भी समगरी नहीं चापेगा जो सरकार बिरोधी हो, और दिखें कानून का बिरोध करने वाले जो प्रिंटिंग प्रेस हैं कि जमानत को
23:33जिनके द्वारा प्रकासी समाचार पत्रों से हिंसा थ्वाहत्या को बढ़ाओ मिलता था, ठीक है इंडियन प्रेस एक्ट 1910 इसी द्वारा ब्योस्था की गई कि प्रकासक से कम से कम 500 रुपए तथा अधिक से अधिक 2,000 रुपए पंजी करन जमानत लेने का स्थानी सरकार
24:031910 इंडियन प्रेस एक्ट 1910 ये 500 रुपए बहुत भारी कीमत आज ये आज का समय नहीं है अब ये मत सुची कि 500 रुपए आज कितना होता है ये 1910 की बात है बहुत बड़ी कीमत होती थी 500 और 2,000 आगे देखे समाचार पत्र समंधी कानूनों की समिच्छा को देश से 1921 इस
24:33में 1910 इस्वी के अधिनियमों को समप्त कर दिया 1931 इस्वी में इंडियन प्रेस अमेर्जंसी एक्ट पारेत किया गया इस एक्ट द्वारा 1910 के प्रेस समाझी नियम लागू कर दिये गए 1932 इस्वी में Criminal Amendment Act लागू हुआ जो 1931 की एक्ट का ही एक
25:03सुजाओ पीस करना था ठीक है अगे दीखे लाड वेलेजली मिन्टो लाड एडम कैनिंग लीटन आधी को भारती प्रेश की स्वतंता का बिरोधी माना जाता है अभी आपने मुक्तिदाता को जाना की बाई मुक्तिदाता कौन था चाल्स मेटकाप को समचार पत्रों का मुक्
25:33लाड वेलेजली मिन्टो लाड एडम कैनिंग लीटन आधी को भारती प्रेश की स्वतंता का बिरोधी माना जाता है ठीक है अब दीखे आइए लाड हैस्टिंग
25:58Associate Press of India अर्थात API भारत की प्रथम राष्टी समाचार एजिंसी थी तो अब क्यूशन आया कि भाई प्रथम समाचार एजिंसी भारत की कौन है ठीक है तो Associate Press of India और साट में आप कहिए तो API भारत की प्रथम राष्टी समाचार एजिंसी थी
26:24सोतंता के बाद ये आपकी पहली समाचार इजंसी यही थी ठीक है इस्ट इंडिया कमपनी ने अपना पहला प्रिंटिंग प्रेस 1984 में बंबई में स्थापित किया था यह तुम आने आपको सुबात में बता दिया था फिर मैं बता दे रहा हूं और एक चीज और एक पॉइं�
26:54देशी भासा समाचार पत्र अधिनियं उन्न अठारा सोव अठारा सोव अठात्तर जयान दीजे अठारा सोव अठात्तर- इस्वी-को मह बंद करने वाला अधिनियं किса कहा जाता है उससे
27:20ठीक है आब आजाए जो अधनियम हैं कौन-कौन से कुछ अधनियमों को भी आप जानिए जोकी एकजाम में पूर सकता है
27:31उसको भी आप समझ लिए देखे प्रतेच्छड अधनियम ये कब आया था ये आया था
27:37सत्रसव आपका 99 इस्वी में ठीक है सत्रसव नियानबी इस्वी में और उस समय गवर्नर्ज जर्नल या वायसराय कौन था तो भाई उस समय थे लाड वे लेजली ठीक है और इसकी विश्यस्ता क्या थी वह आप समझ लीजिए लागू करने का कारण भाई फ्रांसिसी आकमर का
28:07अगला अधिनियम अनुग्यप्ति अधिनियम 1823 इसके गवर्नर जर्नल या वैसराय कौन थे जान एडम्स यह मुख्षिता भारतिय भासाओं संपद्गों या स्वामी के लिए ठीक है
28:29भारतिय प्रेश अधिनियम 1835 इसके यह जो इस समय थे चार्ल्स मेटकाफ थे प्रेश के सभी प्रतिबन हटाए गए इसमें भारतिय प्रेश अधिनियम 1835 में
28:43अनुग्याति अधिनियम 1857 यह भाई अधिनियम के समय थे लाड कैनिंग पंजिकर्ण अधिनियम 1884 इसमें थे जौन लारेंस देशी भासा समाचार पत्र अधिनियम 1878 इसमें थे लाड मीन्टो सेकेंड भारति समाचार पत्र अधिनियम 1910 इसमें थे लाड मीन्टो सेकें�
29:13समाचार पत्र अधनियम आया निन्य सोव क्याओन में सोतनता के बाद निन्य सब एक क्याओन नधर तो भाइ यह जो अधनियम
29:27इसको आपने देख लिया ठीक है तो और कुछ अगर आपको पूछना होगा तो याप कमेट में बूचिएगा और कैसा लग आपको ये वीडियो अच्छा लगा याप लाई करिएगा शेयर करिएगा ठीक है मिलते हैं हम सेगले वीडियो में वीडियो आपने देखा इसके आ�