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  • 5/15/2025

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00:00हेलो दोस्तो मैं हूँ डाक्टर सिवरा सिंग, स्वागत है आपका अपने चैनल हिश्टी विद सिंग में आसा है दोस्तो आप लोग अच्छे से होंगे और बढ़ियां अपना पढ़ाई कर रहे होंगे
00:08जो है आप पढ़ोगे भारत में सिच्छा का विकास स्वतंतरता के बाद कि जो सिच्छा में विकास हुआ है उसको आप इस वीडियो में देखेंगे
00:22पिछले वीडियो में दोस्तों आपने देखा कि अंग्रीजों की समय में, अंग्रीजों की सासनकाल के तवरान किस तरह की जो सिच्छा व्योस्था में क्या विकास किया गए, क्या बतलाव किये गए, वो आपने पिछले वीडियो में देखा, है ना, तो अब आजाईए भार
00:52और देश आजाद हो चुका है अब क्या हो रहा है सिच्छा की छेत्र में आईए इस वीडियो में आप जानेंगे ठीक है तो जैसे ही भारत आजाद होता है 1947 में तो पहला जो आयोग बनता है सिच्छा का वो है देखिए राधा कृष्णन आयोग
01:081948 में इस आयोग को बनाया गया सिच्छा में विकास के लिए सुधार के लिए तो क्या है आईए इसे आप समझेए नवंबर 1948 में सरकार ने डाक्टर राधा कृष्णन की अध्याचता में एक आयोग नियुक्त किया ठीक है
01:29जिसे 248 सिच्छा पर अपनी रिपोर्ट देनी थी किस पर 248 सिच्छा पर अपनी रिपोर्ट देनी थी
01:40और क्या हो रहा है भई और उसके सुधार के लिए अपनी सिफारिशे देनी थी
01:47अगस्त 1949 में दी गई रिपोर्ट की क्या सिफार से थे वो आप दिखिए ठीक है
01:56तो 1949 में ये आयोग जो था वो रिपोर्ट दे दी
02:00अब क्या रिपोर्ट दी है आईए इस रिपोर्ट को आप दिखिए
02:03विस्व विद्यालय पूरो बारा वर्ष का ध्यान है ना
02:09तो जैसा कि आज आप दिखते हैं कि जब भी हम विस्व विद्यालय कालेज में जाते हैं
02:16तो उसके पहले बारा वर्ष की सिच्छा हम गरहन करते हैं
02:20एक से लेके कच्छा बारत तक हम लोग से इच्छा करन करते हैं न स्कुल में, फिर जाते हैं कालेज में, तो वही ये सिफारिस दी है, जो की यहाँ पे, आज हम लोग पढ़ रहे हैं, उसी सिस्टम पे आप देख रहे हैं, और दूसरा विश्विद्यालेओं में परिच्छा
02:50ठीक है, अगला क्या सिफारिस है भाई, उच्छ सिच्छा के तीन मुख्यों देश होने चाहिए, सामाने सिच्छा, संसकारी सिच्छा और व्यावसाईक सिच्छा, और देखे, इसमें पहली सिच्छा पर अधिक बल दिया जाना चाहिए, क्योंकि अब तक इसके महत को समझ
03:20और इंजीनिरिंग, टेकनोलाजी, ला, मेडिसीन पर अधिक बल देना चाहिए, ये सिफारिस कर रही है, और वर्तमान जो इंजीनिरिंग और जो टेकनोलाजी संस्थाओं को राष्टी संपत्ति मानना चाहिए, और उनके सुधार के लिए प्रयत्न करना चाहिए,
03:42प्रसासनिक सिवाओं के लिए विश्विद्याले की सनातक की उपाधी आवश्यक नहीं होनी चाहिए, है ना, तो अब देख रहे हैं कि जो प्रसासनिक सिवा है, उसके लिए जो विश्विद्याले की जो ग्रिजुएशन की डिगरी है, जो सनातक की उपाधी है, वो आव�
04:12कि सभी वर्वों, सभी वर्षों के कारे की हम एक परिच्छा से ही विवेशना करें.
04:19यथा संभव बेन-विन विषयओं की बेन-विन अस्तरों पर परिच्छा खोब, ठीक है?
04:25और देखिए
04:27सभी विश्विद्याले के इस्तर पर एक समान किया जाए
04:35और उचे उठाये जाए
04:37सिच्छा को समवर्ती सूची में सम्मिलिट किया जाए
04:42विश्विद्याले के अध्यापकों के वेतनों में बृध्धी की जाए
04:47एक विश्विद्याले अनुदान आयोग बनाया जाए
04:51जो देश में विश्विद्याले सिछा की देखरी करी
04:54ठीक है
04:56तो ये जो राधा कृष्णन जो अध्यच थे
05:00जो उनकी जो आयोग बनी हुई थी
05:03राधा कृष्णन आयोग कही गई
05:04उसकी सिफारिशों को आपने समझा ठीक है अब अगला आ जाईए विश्विद्याले अनुदान आयोग उन्नीसो तिरीपण में इसे आप समझे
05:14देखे राधा क्रिष्णन आयोग की सिफारिशों को कार्यानुइत करने के लिए
05:221903 में विश्व विद्याले अनुदान आयोग बना दिया गया
05:27इसे संसत के अधिनियम के अनुसार एक स्वायत पूर परिनियत पद दे दिया गया
05:35स्तरों का निश्चित करना और उनका समन्य करना भी इसी का उत्तरदायुत था
05:42इसके लिए सरकार परियाप्त धन की विवस्था करती है ठीक तो ये आप समझ गये विश्व विद्याले अनुदान के पारे में
05:521903 अब आजाएए अगला जो है कोठारी आयोग 1964 से 66 इसी के बीच इसे आप समझे
06:04जुलाई 1964 इसी में डाक्टर डी एस कोठारी की अध्यचता में एक उच्च अस्तरिय सिच्छा आयोग का गठन किया गया
06:13ठीक है और आयोग ने अपने जुन 1906 इसी की रिपोर्ट में वर्तमान सिच्छा पद्धत के अलोशना की और बदलती हुई परस्थितियों के अनुकूल लचीली सिच्छा की आवसकता पर बल दिया
06:29आयोग की सिफारिसे क्या थी अब इसे आप समझे कुठारी आयोग सिच्छा आयोग की सिफारिस क्या हुई भाई उसे समझे
06:37सिच्छा के सभी अस्तरों पर समान सिच्छा के अनिवार अंग के रूप में समास सेवा यों कार अनुभव को सामिल किया जाना चाहिए
06:47माधमिक सिच्छा को ब्यवसाई एवन तकनीकी पूर बनाया जाए
06:52राश्टी आय का 6 प्रतिसत सिच्छा पर बैय होना चाहिए
06:58सिच्छा के पुनन डिमाड में क्रिशी क्रिशयनों संधान तथा इससे समंधित विज्ञानों को उच्छ प्राथमिक्ता प्रदान की जाए
07:07विद्यालेओं के लिए अध्यापकों के प्रसिच्छन तथा स्रेणी का परविशेश बल दिया गया
07:14सभी बच्चों को प्राइमरी कच्छाओं में मात्रि भासा में ही सिच्छा दी जाए
07:19माध्मिक अस्तर पर सिकेंडरी लेवल पर स्थानिय भासाओं में सिच्छन को प्रसाहन दिया जाए
07:26कोठारी आयोग ने सिच्छक की आर्थिक समाजिक वह ब्यावसाइक इस्थतिकों सुधाने की सिफारिष की
07:33ठीक तो ये भाई हो गया आपका जो कोठारी सिच्छायोग के बारे में आपने जाना
07:42क्या सिफारिषे हुई ठीक अब आजाईए
07:47अगला जो है राष्टी सिच्छा नीती 1968 अब इसमें क्या है आप समझें
07:57मुख्यता अरी आयोग की सिफारिषों पर आधारित करके 1968 में भारा सरकार ने सिच्छा पर एक प्रस्ताव पारित किया
08:06जिसमें निमलिखित तत्यों पर बल दिया गया था क्या-क्या वो तत्यों है वो आप समझें चौदा वर्ष की आयू तक अनिवार तथा ने सिच्छा की जाए अध्यापकों के लिए पद तथा वेतन में ब्रिध्धी
08:22तीन भासाई फार्मूले को स्विकार करना और छेत्री भासाओं का विकास विज्ञान तथा नुसंधान की सिच्छा का समानी करन क्रिसी तथा उद्योग के लिए सिच्छा का विकास पाठाय पुस्तकों को अधिक उत्तम बनाना और सस्ती पुस्तकों का उत्पादन राष
08:52अब आजाईए अगला नवीन राष्टी सिच्छा नीती 1986 स्वी भाई इसमें क्या हो रहा है आप समझे उस समय के परधान मंत्री राजिव गाधी के सासंकाल में ततकालीन सिच्छा मंत्री केसी पंत ने 1986 स्वी में सिच्छा नीती का प्रारूप प्रस्तूत किया था
09:22इस सिच्छा नीती में दस्तावेज को बारा भागों में बाटा गया जिसमें कुछ प्रमुक सिफार सें कौन-कौन सी हैं वो आप दिखी
09:31पहला सिच्छा की इस राष्टी सिच्छा नीती में सिशू के बिकास के सरवन्त मुखी प्रकृति को मानिता दी गई
09:43अर्थात आहार, स्वास्त तथा समाजिक, मांसिक, सारीरिक, नैतिक वभावात्मक विकास पर विशेश ध्यान देते हुए समेकित बाल विकास कारिकम चलाने पर बल दिया गया
09:57ठीक, अगला पॉइंट क्या है भई, दूसरा, पूरे देश में प्राथमिक विद्यालेओं के सुधार के लिए ततकाल आपरेशन ब्लैक बोर्ड कारिकम चलाने पर बल दिया गया
10:08माधमिक सिच्छा के प्रसार वा उन्यन हेतु अवसक्तानुसार देश के विभिन भागों में नवोदय विद्यालेओं की स्थापना की गई ताकि तिब्र गती से विकास करने वाले विशेश प्रतिभावाले बच्चों को अवसर उपलब्द हो सकी
10:24अगला चौथा क्या है आप देखे ब्यावसाई कारिकम सुरू पिया गया इस सिच्छा नीती के तहट जिला सिच्छा वा प्रसिच्छन संस्थान की स्थापना की गई
10:39इस नीती में राश्टी साच्छता की दर को 36 प्रतीसत से बढ़ा कर दोहजारिस्वीत तक 56 प्रतीसत करने पर बल दिया गया तो 36 प्रतीसत से बढ़ा कर 2000 तक कहां तक पहुचाना था
10:5856 प्रतीसत तक पहुचाने पर बल दिया गया तो यह जो आयोग बने भारत की जो सोतनता के बाद कुछ जो आयोग बने हैं उसको आप ने देख लिया ठीक है बाकी और भी कुछ अगर आपको सिच्छा से समंदित पूशना है तो आप कमेंट करिएगा ठीक है तो कैसा लगा

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