"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा
यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨ ओम शांति!
Related Searches:- murli 24 april 2025 murali 24 april 2025 today murli murli today hindi murli today today murli in hindi brahmakumaris murli today brahmakumaris murli shiv baba murli todays murli peace of mind live tv shiv baba ki murli baba ki murli bk today murli in hindi madhuban murli today madhuban murli live murli om shanti meditation shiv baba aaj ki murli aaj ki murli shiv baba ki aaj ki murali shiv baba ki shiv baba ki murli aaj ki aaj ki murli aaj ki murli in hindi brahma kumaris brahma kumaris mount abu peace of mind tv channel om shanti murli song peace of mind channel madhuban ki murli peace of mind live tv channel shiv baba ki murali mount abu brahma kumaris peace of mind tv live today aaj ki murli madhuban om shanti mount abu brahmakumaris song bk murli shiv baba ki aaj ki murali brahmakumaris meditation aaj ki murli aaj ki murli murli aaj ki aaj ki murli om shanti brahmakumaris songs om shanti murli aaj ki om shanti shiv baba ki murli murali aaj ki murali madhuban ke baba murli wale madhuban murali aaj ki murli bk brahmakumaris murali om shanti murli om shanti music om shanti murali b k murli today in hindi aaj ki murli live baba ki murli aaj ki aaj ki murli ka saar brahma kumaris aaj ki murli aaj ki murli brahma kumaris hindi murli baba murli om shanti baba bk murli today brahma kumaris meditation brahmakumari aaj ki murli shiv baba avyakt murli madhuban murli bk aaj ki murli bk murli today in hindi murli in male voice murali in male voice murali aadmi ki awaz me murli aadmi ki awaz me aadmi ki awaz me murali aadmi ki awaz me murli aaj ki murli in male voice aaj ki murali in male voice todays murli in male voice todays murali in male voice daily murli in male voice daily murali in male voice
आज की मुरली ओम शांति मुरली ओम शांति की मुरली आज का मुरली ओम शांति मुरली आज की ओम शांति आज की मुरली ओम शांति आज की मुरली मधुबन
00:00मुरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती
00:25आए सुनते हैं 24 अप्रेल 2025
00:29दिन ब्रहस्पतिवार की साकार मुरली
00:32शिव बाबा कहते हैं
00:35मीठे बच्चे
00:36वैजन्ती माला में आने के लिए निरंतर बाप को याद करो
00:41अपना टाइम वेस्ट मत करो
00:43पढ़ाई पर पूरा पूरा ध्यान दो
00:45प्रश्न
00:47बाप अपने बच्चों से कौन सी एक रिक्वेस्ट करते हैं
00:51उत्तर
00:52मीठे बच्चे
00:54बाप रिक्वेस्ट करते हैं
00:57अच्छी रीती पढ़ते रहो
00:59बाप के दाढ़ी की लाज रखो
01:01ऐसा कोई गंदा काम मत करो
01:04जिससे बाप का नाम बदनाम हो
01:05सत बाप
01:07सत शिक्षक सत गुरू की कभी निंदा मत कराओ
01:11प्रतिग्या करो
01:12जब तक पढ़ाई है तब तक पवित्र जरूर रहेंगे
01:15गीत
01:17तुम्हें पाके हमने जहां पा लिया है
01:20ओम शान्ती
01:21ये किन्हों ने कहा
01:23कि तुम्हें पाकर सारे जहान की राजाई पाते है
01:26अभी तुम स्टूडेंट भी हो
01:28तो बच्चे भी हो
01:30तुम जानते हो बेहत का बाप
01:32हम बच्चों को विश्व का मालिक बनाने के लिए आये है
01:36उनके सामने हम बैठे हैं
01:38और हम राज्योग सीख रहे है
01:40अर्थात विश्व का क्राउन
01:42प्रिंस प्रिंसेस बनने
01:44तुम यहां पढ़ने आये हो अथवा पढ़ते हो
01:46ये गीत तो भक्ति मार्क का गाया हुआ है
01:49बुद्धी से बच्चे जानते हैं
01:51हम विश्व के महराजा महरानी बनेंगे
01:54बाप है ग्यान का सागर
01:56सुप्रीम रूहानी टीचर रूहों को बैठ पढ़ाते है
01:59आत्मा इन शरीर रूपी करमेंद्रियों द्वारा जानती है
02:03कि हम बाप से विश्व क्राउन प्रिंस प्रिंसेस बनने के लिए
02:07पाटशाला में बैठे है
02:08कितना नशा होना चाहिए
02:10अपनी दिल से पूछो
02:12इतना नशा हम स्टूडेंट में है
02:14यह कोई नई बात भी नहीं है
02:17हम कल्प कल्प विश्व के क्राउन प्रिंस और प्रिंसेस बनने के लिए
02:21बाप के पास आए है
02:22जो बाप
02:23बाप भी है
02:24टीचर भी है
02:25बाप पूछते हैं तो सभी कहते हैं
02:28हम तो सूरिवंशी क्राउन प्रिंस प्रिंसेस वा लक्ष्मी नारायन बनेंगे
02:32अपनी दिल से पूछना चाहिए
02:34हम ऐसा पुरुशार्त करते है
02:36बेहत का बाप जो स्वर्ग का वर्सा देने आये है, वह हमारा बाप टीचर गुरू भी है, तो जरूर वर्सा भी इतना उंचते उंच देंगे
02:46देखना चाहिए हमको इतनी खुशी है कि हम आज पढ़ते हैं, कल क्राउन प्रिंस बनेंगे, क्योंकि ये संगम है ना, अभी इस पार हो, उस पार स्वर्ग में जाने के लिए पढ़ते हो, वहा तो सरगुन संपन्न, सोलह कला संपन्न बनकर ही जाएंगे
03:03हम ऐसे लायक बने हैं, अपने से पूछना होता है, एक नारत भगत की बात नहीं है, तुम सब भक्त थे, अब बाप भक्ती से छुडाते हैं, तुम जानते हो हम बाप के बच्चे बने हैं, उनसे वर्सा लेने, विश्व का क्राउन प्रिंस बनने आये हो, बाप कहते हैं, �
03:33ब्रह्मचरी में ही पढ़ाई पढ़ते हैं, अब यह पढ़ाई हैं, बहुत उंच, इसमें पवित्र बनना है हमेशा के लिए, वो तो ब्रह्मचरी में पढ़कर फिर विकार में जाते हैं, यहां तुम ब्रह्मचरी में रहे कर पूरी पढ़ाई पढ़ते हो, बाप कहते है
04:03कितना बड़ा बाप है, भल है साधारन तन, परंतु आत्मा को नशा चड़ता है न, बाप आए हैं पवित्र बनाने, कहते हैं तुम विकार में जाते जाते वैश्यालय में आकर पड़े हो, तुम सत्युग में पवित्र थे, यह राधे कृष्ण पवित्र प्रिंस प्रिंसे�
04:33पहले तो निरंतर बाप को याद करो, अपना टाइम वेस्ट मत करो, इन कौडियों पिछाडी बंदर मत बनो, बंदर चने खाते हैं, अभी तुमको बाप रत्न दे रहे हैं, फिर कौडियों अत्वा चने पिछाडी जाएंगे, तो क्या हाल होगा, रावन की कैद में चले �
05:03बाप कहते हैं, मैं कल्प कल्प भारत में ही आता हूँ, भारतवासी बच्चों को विश्व का क्राउन प्रिंस प्रिंसिस बनाता हूँ, कितना सहच पड़ाते हैं, ऐसे भी नहीं कहते, कोई चार से आठ घंटा आकर बैठो, नहीं, ग्रियस्थ व्यवार में रहते, अपने
05:33गाई जाती है, बाप समझाते हैं, वह है अल्प कल्प खशन भंगूर का सुक, सन्यासी ठीक कहते हैं, कि काग विश्वता समान सुक है, परंतु उनको यह पता नहीं कि देवताओं को कितना सुक है, नाम ही सुकधाम है, यह दुखधाम, इन बातों का दुनिया में किसको भ
06:03देह के तुम मालिक हो, देह तुमारी मालिक नहीं, 84 जन्म लेते लेते, अब तुम तमो प्रधान बन गए हो, तुमारी आत्मा और शरीर दोनों पतिद बने है, देह अभिमानी बनने से तुमारे से पाप हुए है, अब तुमको देही अभिमानी बनना है, मेरे साथ वापि
06:33आधा कल्ब तुम फ्रीडम राज्य करो, वहाँ पांच विकारों का नाम नहीं, अब श्रीमत पर चल श्रेष्ट बनना है, अपने से पूछो, हमारे में विकार कहां तक है? बाप कहते हैं, एक तो मामे कम याद करो और कोई लड़ाई जगडा भी नहीं करना है, नहीं तो त�
07:03कल्ब की बादशाही गवा देंगे, फिर अंत में बहुत पच्टाना पड़ेगा, उस पढ़ाई में भी रजिस्टर रहता है, लक्षन भी देखते हैं, यह भी पढ़ाई है, सुबह को उटकर तुम आपे ही यह पढ़ो, दिन में तो कर्म करना ही है, फुरसत नहीं मिलती ह
07:33को याद करते हो, फिर धन्दाधी याद आ जाता है, जितना बाप की याद में रहेंगे, उतना पाप करते जाएंगे, तुम बच्चे जब पुरुशार्ट करते करते, बिल्कुल पवित्र बन जाएंगे, तब यह माला बन जाएगी, पूरा पुरुशार्थ नहीं किया त
08:03अब बाप कहते हैं, मैं डायरेक्ट आता हूँ, अभी तुम जो कुछ करते हो, सो अपने लिए, मनुष्य दान पुर्ण्य करते हैं, वह है इन डायरेक्ट, इस समय तुम बाप को बहुत मदद करते हो, जानते हो ये पैसे तो सब खत्म हो जाएंगे, इससे अच्छा क्यों न
08:33कोई गुप्त देते हैं, पेटी बन कर चाबी हाथ में दे देते हैं, कोई बहुत शो करते हैं, कोई गुप्त देते हैं, बाप भी कहते हैं, तुम सजनिया हो, तुमको हम विश्व का मालिक बनाने आया हूँ, तुम गुप्त मदद करते हो, ये आत्मा जानती है, बाहर का �
09:03कहते भी हैं इस हिसाब से अनाज पूरा नहीं होगा
09:07यह है ही आसुरी बुद्धी
09:09तुम बच्चों को अब इश्वरिय बुद्धी मिली है
09:12भगवान पढ़ाते हैं तो उनका कितना रिगार्ड रखना चाहिए
09:16कितना पढ़ना चाहिए
09:18कई बच्चे हैं जिने पढ़ाई का शौक नहीं है
09:22तुम बच्चों को यह तो बुद्धी में रहना चाहिए न
09:25हम बाबा द्वारा क्राउन प्रिंस प्रिंसेज बन रहे हैं
09:29अब बाप कहते हैं मेरी मत पर चलो
09:31बाप को याद करो
09:33घड़ी घड़ी कहते हैं हम भूल जाते हैं
09:36स्टुडेंट कहें हम सबक पाट भूल जाते हैं
09:40तो टीचर क्या करेंगे
09:41याद नहीं करेंगे तो विकर्म विनाश नहीं होंगे
09:45क्या टीचर सब पर क्रिपावा आशिरवाद करेंगे
09:48कि यह पास हो जाए
09:49यहाँ ये आशीरवाद कृपा की बात नहीं
09:53बाप कहते हैं पढ़ो
09:55भल धंडा आदी करो
09:57परन्तु पढ़ना जरूरी है
09:59तमो प्रधान से सतो प्रधान बनो
10:01और उको भी रास्ता बताओ
10:03दिल से पूछना चाहिए हम बाप की खिदमत में कितना है
10:07कितनों को आप समान बनाते है
10:09त्रिमूर्ती चित्र तो सामने रखा है
10:12यह शिवबाबा है यह ब्रह्मा है
10:15इस पढ़ाई से यह बनते है
10:17फिर 84 जन्म के बाद यह बनेंगे
10:20शिवबाबा ब्रह्मा तन में प्रवेशकर
10:23ब्राह्मनों को यह बना रहे है
10:25तुम ब्राह्मन बने ओ, अब अपनी दिल से पूछो हम पवित्र बने हैं, डैवी गुण धारन करते हैं, पुरानी देह को भूले हैं, यह तो पुरानी जुत्ती है ना, आत्मा पवित्र बन जाएगी तो जुत्ती भी फर्स क्लास मिलेगी, यह पुराना चोला छोड नया च
10:55उस राजाई को कोई भी छीन नहीं सकेंगे, तो बाप की श्रीमत पर चलना चाहिए न, अपने से पूछो हम कितना याद करते हैं, कितना स्वधर्शन चक्रधरी बनते और बनाते हैं, जो करेगा सो पाएगा, बाप रोज पढ़ाते हैं, सब के पास मुरली चाती है, अच्
11:25छह से आठ मास पवित्र बन, फिर देह अभिमान में आकर अपना घात कर लेते हैं, माया बड़ी दुष्तर है, आधा कल्प माया से हार खाई है, अभी भी हार खाएंगे, तो अपना पद गवा देंगे, नंबर वार मरतबे तो बहुत हैं न, कोई राजारानी, कोई वजीर
11:55अभी की बाते हैं, अब तुम बच्चों को ये निश्चे रहना चाहिए, कि हम विश्व का क्राउन प्रिंस बनने के लिए पढ़ते हैं, हम बैरिस्टर वा इंजिनियर बनेंगे, ये कभी स्कूल में भूल जाते हैं क्या, कई तो चलते चलते माया के तूफन लगने से प�
12:25अच्छी रीती पढ़ो तो अच्छा पद पाएंगे, बाप के दाढ़ी की लाज रखो, तुम ऐसा गंदा काम करेंगे तो नाम बदनाम कर देंगे, सत बाप, सत टीचर, सत गुरू की निंदा कराने वाले उंच पद पा नहीं सकेंगे, इस समय तुम हीरे जैसा बनते हो त
12:55सब दे दिया, हम तो विश्व की बादशाई ले लेते हैं, ये भी जानते हो विनाश होना है, अब नहीं पड़ा तो टूलेट हो जाएंगे, पच्ताना पड़ेगा, बच्चों को सब साक्षातकार हो जाएगा, बाप कहते हैं तुम बुलाते भी हो कि हे पतित पावन आओ
13:25बाप आकर रास्ता बताते हैं, नौलेज देते हैं कि ये स्रिष्टी चक्र कैसे फिरता है, ये है बेहत की नौलेज, जिनोंने कल्प पहले पड़ा है, वही आकर पड़ेंगे, वह भी साक्षातकार होता रहता है, निश्चे हो जाए कि बेहत का बाप आये है, जिस भगवा
13:55ठगी की बात नहीं, ऐसे भी बहुत है, पवित्र बनते नहीं, पढ़ते नहीं, बस चलो बाबा के पास, ऐसे ही घूमने फिरने भी आजाते हैं, बाप बच्चों को समझाते हैं, तुम बच्चों को गुप्त अपनी राजधानी स्थापन करनी है, पवित्र बनेंगे तो �
14:25बाप को याद करो, ये नशा रखो, हम बेहत के बाप से विश्व का क्राउन प्रिंस बनने आये हैं, फिर श्रीमत पर चलना चाहिए, माया ऐसी है, जो बुद्धी का योग तोड़ देती है, बाप समर्थ है, तो माया भी समर्थ है, आधा कल्प है राम का राज्य, आधा क
14:55रूहानी बाप की रूहानी बच्चो को नमस्ते, हम रूहानी बच्चो की रूहानी मात पिता बाप दादा को याद प्यार, गुड मॉर्निंग और नमस्ते, धारणा के लिए मुख्य सार,
15:09ए, सदा नशा रहे कि हम आज पढ़ते हैं, कल क्राउन प्रिंस प्रिंसेस बनेंगे, अपनी दिल से पूछना है, हम ऐसा पुरुशार्थ करते हैं, बाप का इतना रिगार्ड है, पढ़ाई का शौक है,
15:26दो, बाप के कर्तव्य में गुप्त मददगार बनना है, भविश्य के लिए अपना बैग बैगेज ट्रांसफर कर देना है, कौडियों के पीछे समय नगवा कर, हीरे जैसा बनने का पुरुशार्थ करना है,
15:41वर्दान
15:43मन बुद्धि को मनमत से फ्री कर, सुक्ष्म वतन का अनुभव करने वाले डबल लाइट भव, सिर्फ संकल्प शक्ती, अर्थात मन और बुद्धि को सदा मनमत से खाली रखो,
15:55तो यहां रहते भी वतन की सभी सीन सीनरियां ऐसे स्पष्ट अनुभव करेंगे, जैसे दुनिया की कोई भी सीन स्पष्ट दिखाई देती है, इस अनुभूती के लिए कोई भी बोज अपने उपर नहीं रखो, सब बोज बाप को देकर डबल लाइट बनो,
16:13मन बुद्धी से सदा शुद्ध संकल्प का भोजन करो, कभी भी व्यर्थ संकल्प वविकल्प का अशुद्ध भोजन न करो, तो बोज से हलके होकर उची स्थिति का अनुभव कर सकेंगे,
16:26स्लोगन
16:27व्यर्थ को फुल स्टॉप दो और शुभ भावना का स्टॉप फुल करो
16:32अव्यक्त इशारे
16:34कंबाइंड रूप की स्मिर्ती से सदा विजयी बनो
16:37अगर चलते चलते कभी असफलता या मुश्किल का अनुभव होता है