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कुचामन सिटी: शहर के सभी मंदिरों में सावन के पावन माह में हिंडोला महोत्सव चल रहा है. हर दिन प्रभु का अलग-अलग ढंग से मनोहारी शृंगाकर झूले में विराजित किया जा रहा है. झूले में विराजित प्रभु श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं. प्रभु को कई तरह वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं. सिर पर मोतियों और चांदी का मुकुट पहनाते हैं. मंदिरों में कभी श्रद्धालु ठाकुरजी के साथ फूलों की होली खेलते हैं तो कभी पुष्प अर्पित करते हैं. मंदिर के मुख्य पंडित छोटूलाल शर्मा ने बताया कि हिण्डोला महोत्सव में प्रभु हर दिन झूला झूलते हैं. महोत्सव रक्षाबंधन तक चलेगा. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के स्वागत के लिए झूले सजाए गए हैं. कहीं एक माह तो कहीं 15 दिन मंदिरों में झूले लगाए जाते हैं और भगवान को बुलाया जाता है. पंडित कन्हैयालाल शास्त्री ने कहा कि हरियाली तीज से एक दिन पहले हिण्डोला महोत्सव शुरू होता है. हिण्डोला महोत्सव की शुरुआत हजारों साल पहले वृंदावन में हुई थी, जब गोपियों ने भगवान कृष्ण को भव्य हिण्डोले में बिठाकर प्रेमपूर्वक झुलाया था.

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