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  • 2 days ago
देवरिया, यूपी: सावन के महीने में भगवान शिव से जुड़े हर तीर्थ, हर धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। महादेव का ऐसा ही एक अनोखा और प्राचीन धाम है दीर्घेश्वर नाथ मंदिर, ये धाम यूपी के देवरिया से लगभग 35 किमी दूर मझौली राज में स्थित है। इस धाम की मान्यता महाभारत काल से जुड़ती है जिसके मुताबिक द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा को यहीं पर भगवान शिव ने दीर्घायु होने का वरदान दिया था। शिवभक्त अश्वत्थामा अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं, माना जाता है कि वो आज भी दीर्घेश्वर नाथ मंदिर में रात्रि के पहर में पूजा करने आते हैं। महाभारत काल में भगवान कृष्ण भी इस मंदिर में दर्शन करने आए थे।

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00:00तो प्राचीन दाम के द्राज़नात मंदिर
00:05सावन के महीने में भगवान शिव्ट से जुड़े हर दीर्थ, हर धाम में शद्धालूं का सेलाब उमर पड़ता है
00:12महादेव का ऐसा ही ये कनूखा और प्राचीन दाम है दीरकेश्वर नाथ मंदिर
00:20ये धाम यूपी के देवरिया से लगभग 35 किलोमीटर दूर मजोली राज में इस्थित है
00:27इस धाम की मानिता महभारत काल से चुरती है
00:30जिसके मिताबिक द्रोनाचारे के पुत्र अश्वत्थामा को यही पर भगवान शेप ने दीरगायों होने का वर्दान दिया था
00:39शिवभग अश्वत्थामा अश्ट चरन जीवियों में से एक है
00:43माना जाता है कि वो आज भी दिरगेश्वरनाथ मंदिर में रात्री के पहर में पूजा करने आते हैं
00:51द्वापर योग में भगवान शी कृष्ण भी इस मंदिर में दर्शन करने आये थे
00:55मेहंत ने बताया कि मंदिर परिसर में इस्थित पार्वती सरोवर है
01:18जिसमें इसनान करने से तवचा से संबंदित बिमारियां खतम हो जाती है
01:23जो आप इदर मंदिर के बाहें तरप देख रहे हैं
01:28माता पार्वती के नाम से प्राचीन पार्वती सरोवर है
01:31उसमें सफेद कमल जो है खिलते हैं
01:34वो सफेद कमल भगवान स्री देगिवर्णा जी का पूजन अर्चन होता है
01:38और कई जो है जड़ी गूटी जैसे तवचा से संबंदित रोग व्यादियां है
01:46वो उसमें नहाने से खत्म हो जाती है
01:48मंदिर में दर्शन करने आई श्रद्धालू और इस्थानिये लोगों ने भी मंदिर की मानिता के बारे में बताया
01:57इस मंदिर की पौणारिक जो इतिहास रहा है उस इतिहास के आधार पे
02:02यह मानता है कि अस्वस्थामा की तपवस्तली रही है
02:06और यहां पे बहुत सारे लोग अगल वगल के दूर दूर से लोग आते हैं
02:11पूजा और पास करते हैं उनको उसका प्रत्फल भी मिलता है
02:16बहुत सारे लोगों को लाव मिलता है इस तरह की मानिता है इस मंदिर के
02:20कि अस्वस्थामा ने यहां उनका पूजा किया
02:25और रोज आज भी अश्वत्थामा किसी रूप में मंदिर में पूजा करने आते हैं
02:31ऐसा लोगों का मानना है
02:33महाभारत काली इंदीर केश्वरनात मंदिर से
02:38अश्वत्थामा को लेकर जुड़ी मानितां बले ही पौरानिक हो
02:42लेकिन धाम में लोगों की आस्था आज की वास्तविक्ता है

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