नीलगिरि माउंटेन रेलवे को 20 साल पहले 15 जुलाई, 2005 को यूनेस्को से विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त हुआ था. मंगलवार को कुन्नूर रेलवे स्टेशन पर भव्य समारोह के साथ इसकी वर्षगांठ मनाई गई. इस प्रतिष्ठित ट्रेन में आने वाले यात्रियों का माला पहनाकर स्वागत किया गया. उन्हें मिठाइयां भी खिलाई गईं और माउंटेन रेल स्टीम कैरिज ट्रस्ट की ओर से आयोजित एक विशेष समारोह में शामिल किया गया. इस खास मौके पर रेलवे की खास विशेषताओं के बार में भी कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को बताया गया. मूल रूप से 1899 में शुरू की गई, नीलगिरि माउंटेन रेलवे मेट्टुपालयम और कुन्नूर के बीच चलती है. ये एशिया की एकमात्र कॉगव्हील-संचालित पर्वतीय ट्रेन है. खड़ी पहाड़ी भूभाग से होकर गुजरने वाली अपनी मनोरम यात्रा के लिए मशहूर इस मार्ग में 206 पुल और 16 सुरंगें हैं, जो यात्रियों को लुभावने दृश्य और एक अनोखी यात्रा का अनुभव कराती हैं.