चेन्नई/तिरुवल्लूर. जिले में शुक्रवार रात बड़ा ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें मैसूर से बिहार के दरभंगा जा रही बगमती एक्सप्रेस ट्रेन खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई जिससे उसके 13 डिब्बे पटरी से उतर गए और 19 लोग घायल हो गए। ट्रेन हादसे के वक्त रेलगाड़ी में 1300 से अधिक यात्री सवार थे। हादसा तिरुवल्लूर जिले में कावारापेट्टै के पास हुआ। दक्षिण रेलवे के जीएम आरएन सिंह ने बताया कि यह हादसा सिग्नल और रूट के बीच असमानता के कारण हुआ। 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस को मेन लाइन से गुजरना था, लेकिन गलती से इसे उस ट्रैक पर मोड़ दिया गया, जहां मालगाड़ी खड़ी थी। इस हादसे में एक पावर कार में आग लग गई, लेकिन सौभाग्य से किसी की मौत नहीं हुई है। घायल यात्रियों को सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जबकि बाकी यात्रियों को बसों से चेन्नई पहुंचा दिया गया जहां से उनको विशेष ट्रेन से उनके गंतव्य तक रवाना किया गया। समाचार लिखे जाने तक बेपटरी कोचों को ट्रेक से हटाने का कार्य पूरा हो चुका था और ट्रेक के ओवरहेड उपकरण और इंजीनियरिंग कार्य शुरू हो गए थे।
कैसे हुआ हादसा
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही बागमती एक्सप्रेस मेन लाइन में जाने के बजाय लूपलाइन में चली गई। इसी लूप लाइन पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। ऐसे में बागमती एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हो गई। हादसे में कई यात्री घायल हो गए और 12 से 13 कोच बेपटरी हो गए जबकि एक कोच और पार्सल वैन में आग लग गई।
मेन लाइन की जगह लूपलाइन में कैसे गई ट्रेन
दक्षिणी रेलवे ने बताया एलएचबी कोच वाली ट्रेन नम्बर 12578 मैसूर-डिब्रूगढ़ दरभंगा एक्सप्रेस को पोन्नेरी स्टेशन क्रॉस करने के बाद रात करीब 8.27 बजे मेन लाइन पर चलने का ग्रीन सिग्नल मिला था, लेकिन कावारापेट्टै रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से पहले लोको पायलट और ट्रेन क्रू को जोर का झटका लगा। इसके बाद ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से मेन लाइन छोडकऱ लूपलाइन में चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। एक यात्री ने बताया हम ट्रेन में ही बैठे थे तभी अचानक तेज आवाज आई. जब हमने ट्रेन से बाहर देखा तो डिब्बे पलटे हुए थे। जब हम बाहर निकले तो देखा एक डिब्बे में आग भी लगी हुई थी।
उपमुख्यमंत्री ने की घायलों से मुलाकात
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों से मुलाकात की। घाटलों का चेन्नई के सरकारी स्टेनली मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के दुर्घटना व आपातकालीन विभाग में इलाज चल रहा है।
कैसे हुआ हादसा
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक शुक्रवार को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही बागमती एक्सप्रेस मेन लाइन में जाने के बजाय लूपलाइन में चली गई। इसी लूप लाइन पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी। ऐसे में बागमती एक्सप्रेस की मालगाड़ी से टक्कर हो गई। हादसे में कई यात्री घायल हो गए और 12 से 13 कोच बेपटरी हो गए जबकि एक कोच और पार्सल वैन में आग लग गई।
मेन लाइन की जगह लूपलाइन में कैसे गई ट्रेन
दक्षिणी रेलवे ने बताया एलएचबी कोच वाली ट्रेन नम्बर 12578 मैसूर-डिब्रूगढ़ दरभंगा एक्सप्रेस को पोन्नेरी स्टेशन क्रॉस करने के बाद रात करीब 8.27 बजे मेन लाइन पर चलने का ग्रीन सिग्नल मिला था, लेकिन कावारापेट्टै रेलवे स्टेशन पर पहुंचने से पहले लोको पायलट और ट्रेन क्रू को जोर का झटका लगा। इसके बाद ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से मेन लाइन छोडकऱ लूपलाइन में चली गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। एक यात्री ने बताया हम ट्रेन में ही बैठे थे तभी अचानक तेज आवाज आई. जब हमने ट्रेन से बाहर देखा तो डिब्बे पलटे हुए थे। जब हम बाहर निकले तो देखा एक डिब्बे में आग भी लगी हुई थी।
उपमुख्यमंत्री ने की घायलों से मुलाकात
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों से मुलाकात की। घाटलों का चेन्नई के सरकारी स्टेनली मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के दुर्घटना व आपातकालीन विभाग में इलाज चल रहा है।
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