All About Table 9B – Credit / Debit Notes (Unregistered) in GSTR-1 | GST Return Filing Guide
✅ Description (विवरण): Learn everything you need to know about Table 9B in GSTR-1 for Credit and Debit Notes issued to unregistered buyers. This includes when and how to report B2C and B2CL returns, the correct format, data requirements, and best practices for e-commerce sellers. Avoid mismatches in your GST returns by understanding how to correctly classify and report unregistered transactions in your monthly GSTR-1 filing.
00:00दोस्तों आज की इस वीडियो के दिर में आपको बताऊंगा GSTR1 के अंदर टेबल नमबर 9B जो होती है उसी के बारे में और इसी के साथ में टेबल नमबर 7 जो होती है आपकी B2C की इसी की एंट्री से रिलिटेड कुछ ऐसी बैसिक सी जो गाइडलाइन होती है वो मैं आप ल
00:30तो रिटन आने पर कुछ आपके जो इसमें credit note होते है तो उनकी return की जो entry होती है अब यहाँ पर अगर आप देखेंगे तो इसमें table number 9B जो होती है दो तरय की इसमें table 9B credit debit इसमें registered person जो होते है उनके लिए होता है कि credit note है या debit note है उसकी entry यहाँ पर करनी होती ही जो registered person होते है
01:00हमारी जो सेल होती है उसकी सेल की एंट्री तो हम टेबल नंबर 7 जो B2C है यानि कि कोई भी कस्टमर अमारा रेजिस्टर्ड नहीं होता है तो इसमें एंट्री करते हैं बट जो हमारी रीटर आती है उसकी एंट्री 9P के अंदर होनी चाहिए यह क्रेडिट डेबिट नोट का �
01:30होता है उसमें जो आपको रीटर आती है और उसकी जो रिपोर्ट होती है अमेजोन की और फिपकार्ड की अगर आप दिखें तो एक सेटलमेंट वेल्यू आपको मिलती है उस रिपोर्ट के अंदर आपकी टोटल सेल होती है और सेल के साथ ही स्टेट वाइज आपकी टोटल
02:00तो इसको समझने से पहले मैं आपको समझा देता हूं कि यहाँ पर B2C जो आता है यानि B2C लार्ज टेबल नमबर 5 के अंदर जो एंट्री होती है B2C लार्ज इसको थोड़ा समझना जरूरी होता है
02:16तो सबसे पहले मैं इसको वाले टेबल के अंदर मानलब की टेबल नमबर 5 जो होता है B2C लार्ज जो होता है यह क्या है इसको थोड़ा समय आपको एक्स्प्लेन कर देता हूं तो यहाँ पर इसके लिए मैंने कि पूरा तयार किया है तो इसमें B2C L जो होता है यानि कि इसकी
02:46एक इन्वोईस पे अगर आपकी वेल्यू 50,000 से जादा है और आपनी दूसरे स्टेट के अंदर उसको सप्लाई दी है तो वो आपका B2C L कहलाएगा यह चीज आपको ध्यान में रखनी है कि GST के अंदर एक सप्लाई केटिगरी है जो कि रजिस्टर्ड सेलर आप तो रजि
03:16पहता है अब उसमें इन्वोईस की वेल्यू 50,000 से जादा होती है तो वो एंट्री आपकी B2C L के अंदर जाएगी यहां पर कस्टमर जो होता है वो अन्रजिस्टर्ड है इसकेस में में बता रहा हूं अब यहां पर क्या होता है B2C L जो होता है बिजनिस तो कंजूमर जो ह
03:46आपका जो शेलर जिस स्टेट का होता हूँ दूसरे स्टेट का अपना माल सप्लाइं करता है मैं उस्टेट में उससप्लाइं नी कर रहा इंट्र स्टेट की वो सप्लाइं कर रहा है और उसकी वेल्यू 50,000 से ज्यादा होनी चाइए तो यहां पर यह हो गया अब इसमें जicamente
04:16वो इस मेरी 50,000 से ज़्यादा है
04:18तो यहाँ पर यह जो transaction होगा
04:20B2C L category के अंदर आएगा
04:22यह चीज आपको ध्यान में रखनी है
04:24B2C L category जो है इसमें आएगा
04:27और यह जो होता है
04:28GSTR 1 के अंदर B2C L
04:30कहाँ पर दिखाना होता है
04:32तो यह आपको table number 5 के अंदर दिखाना होता है
04:35B2C large के अंदर और इसकी entry 50,000 से ज़्यादा है
04:38तो आपको वहाँ पर दिखाना है
04:40B2C L के अंदर
04:41तो अब इसी के अंदर
04:43यह B2C और B2C L में जो फरक होता है
04:46मैं थोड़ा सा अगर इसका explain करूं आपको
04:48तो यहाँ पर क्या होता है
04:49B2C जो होता है
04:50अन्रेजिस्टर्ड होता है
04:52मतलब इसमें buyer जो होता है
04:53वो अन्रेजिस्टर्ड होता है
04:54दोनों ही case में
04:55B2C और B2C L के अंदर
04:57invoice amount इसमें कुछ भी हो सकता है
04:59B2C के अंदर
05:00B2C L के अंदर
05:0250,000 से ज़्यादा का invoice होना चीए
05:03और यहाँ पर supply के जो type होती है
05:06इसमें interested भी हो सकती है
05:08और interested भी हो सकती है
05:09लेकिन B2C L के अंदर केवल
05:11interested के supply होनी चीए
05:12यह चीज आपको द्यान में रखनी है
05:14और GSTR 1 के अंदर
05:16B2C की entry होती है
05:17table number 7 के अंदर अपन करते हैं
05:19B2C other के अंदर
05:20और यहाँ पर B2C L के अंदर
05:22table number 5 होती है
05:24B2C large की
05:25तो अब यहाँ पर यह कुछ और भी example है
05:28लेकिन आप example को समझने से पहले वापस
05:30मैं portal पर आता हूँ
05:32अब यहाँ पर क्या होता है
05:33मैं आपको एक चीज़ समझा देता हूँ
05:35कि यहाँ पर जब आपकी sale होती है
05:37यानि कि sale के अंदर
05:38जो customer आपके unregistered होते हैं
05:40उन सब की तो sale आपने यहाँ पर
05:42table number 7 के अंदर आपको feed करनी होती है
05:45और यहाँ पर आप देखेंगे
05:46मैंने अभी अपनी GST R1 को file नहीं किया
05:48entry इसमें भी pending है
05:50मैंने केवल जो table number 7 होती है
05:52उसकी entry की है
05:53बाकी अभी यहाँ पर 12, 13, 14 नमबर की table है
05:56यह खाली है जो मुझे अभी feel करना है
05:58तो यहाँ पर मैंने अपनी sale
06:00जो होती है उसको भी मैंने यहाँ पर पूरा
06:02डिफाइन कर दिया रीटन वाली जो section है
06:04वो भी मैंने इसमें यहाँ पर एड़ कर दिया
06:06तो अब यहाँ पर क्या होता है
06:07जो B2C large होते है
06:09यानि कि आपने क्या किया
06:11GST portal के अंदर
06:13कोई भी unregistered customer होता है
06:15उसकी entry आपने table number 5 के अंदर कर दी
06:18अब मान के चलो
06:19कुछ आपके ऐसे product होते है
06:21या कुछ ऐसे goods होते है
06:23जो invoice आपने इसू किया है
06:25उसमें से वो return आ जाते है
06:27अब return आने के case में क्या होता है
06:30तो उस case में आपको
06:32credit note जो होता है
06:33वो आपको issue करना होता है
06:35offline के case में
06:36अगर आपने अपना offline कोई भी माल अगर आप बेचते हैं और माल बेचने पर customer उसको अगर return करता है
06:42या आपका invoice जो था 70,000 का है 20,000 का माल अगर आपको वापस आजाता है तो आपको 20,000 का जो credit note आप issue करते हैं
06:50यानि आपका invoice एक 70,000 का था 20,000 का आपको credit note आपको return कर रहा है वो
06:56तो credit note आप 20,000 का जो है वो इसमे return file करेंगे तो 9B के अंदर आएगा unregistered के case में
07:04अगर आपका जो registered person होता है तो उसकी entry तो आपकी यहाँ पर होगी table number 4 ये B2B के लिए
07:10लेकिन अगर आपका क्या होता है कि वो consumer जो होता है वो unregistered है तो यहाँ पर आपने एक बार तो entry उसकी वहाँ पर एक single
07:19जो entry होती है यानि B2C large का invoice था, sale की entry तो आपको आपको यहाँ पर की है अब उसकी जब return हो जाती है
07:259B के अंदर बबता रहा हूँ जो unregistered पर जैसे ही आप click करते हैं और click करने पर जब आप add record पर click करते हैं तो यहाँ पर आपको option मिलता है B2C L
07:36तो यह B2C L जो होता है मैं यह आपको explain करना चाहरा हूँ कि यहाँ पर जब आप होता कि B2C L के लवा कोई दूसरा option आपको देखने को नहीं मिलता है
07:46तो यह option इसलिए होता है कि यहाँ पर 9B के अंदर मतलब अगर आपकी sale जो होती है
07:53sale के entry आपने जो table number 7 है B2C के अंदर उसमें आपने डाल दिया
07:58लेकिन अगर आपके एक single invoice की value अगर 50,000 से ज़्यादा होती है और उसमें से कोई भी return आती है
08:07जल्दा 50,000 का कोई single invoice आपके अगर कोई सा भी market place है Amazon हो गया, Flipkart हो गया, Amiso हो गया
08:14कोई दूसरा कोई सा भी market place होता है उसकी अगर invoice value जो होती है कि single की अगर 50,000 से ज़्यादा की होती है और वो return आता है तो उसकी return की आपको यहाँ पे table number 9 B के अंदर जो होता है
08:26यह वाला section इसमें आपको उसकी entry करनी होती है यहाँ पर आपको अपना उसका debit या आप credit note जो होता है उसकी entry या पे number आपको देना होगा अगर यहाँ पर क्या होता है मान के चलो कोई भी एगर online market place है वो आपको अगर यह credit note के number provide नहीं करता है और simple जो यहाँ पे आप entry देख
08:56होगा और यहाँ पर credit note number आपको अपने जो manual आप यहाँ पर enter करेंगे वो आपको soft copy में reference आपको उसमें order number होता है वो आपको इसमें देना होगा और फिर उसी की हिसाब से date and time के हिसाब से आपको entry यहाँ पर feel करनी होगी तो यहाँ पर इसका example मैं आपको समझाता हूं तो यह
09:26तो यानि बैतर अजार का कोई भी जो माल होता है वो आप sell out करते हो तो इसमें क्या होता है कि buyer के पास GST नहीं है तो यहाँ पर अब यह क्या होता है बीटू सी एल जो transaction होता है उसके अंदर इसकी entry चली जाएगी आपको बीटू सी एल के अंदर आपको वो entry करनी है तो यहा
09:56जैसे कि मान के चलो seller जो होता है वो करनाटका का है और buyer भी करनाटका का है तो order की value अगर असी जार है मलब सेम जिस state के अंदर आप हो और उस state के अंदर को आपका high volume का कोई order आपको मिल जाता है और उस case में आपको क्या होता है बीटू सी एल जो होता है वो यहाँ पर applicable नहीं
10:26है यानि कि सेम state में है तो आपको यह जो value होती है पचास जार से ज्यादा है फिर भी आपको बीटू सी एल में यह नहीं आएगा क्योंकि यह आपका B2C other table number 7 में आपको दिखाना होगा तो यह चीज आपको ध्यान में रखनी है और ठीक इसी तरह से मीशो पर को भी आपकी �
10:56पर इस तरह से यह एक example था और example के साथ में अब यहां पर यह जो मैंने आपको example दिखाया था अब और कोई high volume का कोई आपका order होता है और वो अगर return आ जाता है अब यह तो entry उस case में थी वापस में बेक आता हूँ और अगर आपकी कोई भी value कम मतलब की return आ जाती है एक single invoice के �
11:26चनाता है तो मैं जो एक आपको यह इस table को यहां पर जो समझाना चाहरा हूं इसका मकसद सिरफ यह है कि जब कभी भी आप कोई से भी market place जो होता है online आप जितने भी seller होते हैं तो उस case में आपके पास छोटे छोटे जो invoice होते हैं मतलब कि आप हर state के अंदर आपका माल जाता
11:56है उस case में आपको यह table number 5 जो होती है B2C large invoice जो होता है इसमें आपको entry करनी है और अब आपको जो return आती है तो return मलब एक single invoice 50,000 से ज़्यादा का है उसका अगर return आता है तो उसकी credit note की entry आपको 9B के अंदर करना है unregistered वाले column के अंदर अगर आपका buyer unregistered है जो consumer होता है उस case म
12:26marketplace हो उसकी आपकी return भी आती है, sale भी होती है तो उसकी return को आपको 9B जो होता है इसमें करने की जरुरत नहीं है क्योंकि आप लोगों का एक काफी common question रहता है कि जब online marketplace के अंदर हम sale कर रहे है और sale की return आ रही है और return के बदले हम जब credit note उसको अगर entry upon issue documents के अंदर उसको credit note में �
12:56क्योंकि last में कि यह 9B जो table होती है यहां पर केवल उन्हीं returns की entry होती है जो invoice जिनकी एक single invoice का amount अगर 50,000 से ज़ादा होता है या कोई भी अगर invoice होता है उसकी value 50,000 से ज़ादा है और उसमें से particular कोई return अगर आ जाता है आपका जैसे मान के चलो 70-80,000 का कोई भी invoice है और उसमें स
13:26जो credit note आप issue करते हैं उसकी entry यहां पर आपको 9B के अंदर करनी है क्योंकि आपके single invoice था उसकी entry 50,000 से उपर की थी तो उसके बिहाब पर जो भी आप credit note issue करते हैं वो entry आपको 9B के अंदर दिखानी है ना कि कोई की जो online जितने भी seller होता है उन सब की return होती है वो कम होती है और �
13:56laptop अगर sell करते हैं या कोई भी MacBook iPhone तो उस case में यह वाली जो होती है table इसमें अगर वो return जब आ जाते हैं in case तो आपको वो entry इस वाले 9B के अंदर करनी है बाकी छोटी मोटी जो entries होती है उसको आपको करने की ज़रूरत नहीं है जो process अभी एक report आपको मिलती है जो अगर कोई भ
14:26आप देखेंगे कि negative value जो होती है यहाँ पर आपके इन्वोई की value 50,000 से ज़्यादा नहीं है तो यह चीज होती है कि आपको मतलब जो GSTR 1 के अंदर जो अलग अलग tables होती है तो यहाँ पर main आपकी जितनी भी होती है online जितने भी marketplace होते हैं क्योंकि mostly
14:55मतलब ज्यादा तर invoice की value 50,000 से कम ही होती है एक single invoice की तो यहीं पर आपको sale और return की entry इसी जो table number 7 है इसी में करनी होगी ना कि 9B के अंदर 9B का criteria मैंने आप लोगों को explain कर दिया कि 9B के अंदर कौन-कौन से से invoice होता है उनकी entry आपको इसमें लेनी है बाकी की entries को इसमें option कहीं प
15:25जो returns आपकी आती है उसकी entry portal पे आपको नहीं करनी है GST का जो rule होता है जो उसकी guideline होती है जो उसका criteria है वो मैंने complete आप लोगों को यहाँ पे explain कर दिया है table number 7 और table number 5 को भी मैंने explain कर दिया कि 5 जो B2C जो large होता है इसमें कौन सी entry आपको लेनी है कौन सी entry आपको नहीं लेनी है
15:55मैंने आप पवित example के साथ में आप explain कर दिया है तो दोस्तों उडियो पसंद आई तो इसे like और share जरूप है और मैंने चुन को subscribe करना ना भूले