केले बेचने वाली चुड़ैल – डरावनी हिंदी कहानी | Witch Horror Story in Hindi | Moral Kahani
"केले बेचने वाली चुड़ैल" एक अनोखी और डरावनी हिंदी हॉरर कहानी (Witch Story in Hindi) है जिसमें छुपा है एक महत्वपूर्ण जीवन सबक। यह कहानी एक रहस्यमयी चुड़ैल की है जो केले बेचती है—but her truth will shock you!
क्या आप सच्चाई का सामना कर पाएंगे? डर, रहस्य और सीख—तीनों एक साथ लाया गया है इस कहानी में। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर किसी को पसंद आने वाली यह हॉरर मोरल स्टोरी ज़रूर देखें।
🎥 HD में देखें और अपनी राय ज़रूर कमेंट करें! 🔔 Follow करें और ऐसी और भी कहानियाँ पाएं सबसे पहले।
hindi kahani, horror stories in hindi, witch story, ghost stories, moral stories, hindi stories, scary hindi kahani, bhootiya kahani, hindi moral story, bedtime horror story, kahani, kahaniya, moral kahani, best hindi story, scary tales, ghost kahani, hindi kahaniyan, new story, heart touching story, hindi fairy tales
00:29उन्हें सर्कल में जूर जूर से हवा में उच्छालती हुई कर्तब दिखाती है
00:33जिसे देखकर आसपास के सारे बच्चे अपने अपने ममी पापा से
00:37उस औरत की पास जाने के जिद करने लग जाते है
00:40रोणा एक पतली सितार पर चलती हुई केलों से कर्तब दिखाती है
00:53आते जाते सभी लोग बहार रुक कर उसके कर्तब देखते हैं
00:56और वावाही करते नहीं ठकते
00:58जैसे ही एक आदमी पास आकर उसे पैसे देने लग जाता है
01:02तब वो कहती है
01:03अरे नहीं नहीं साहाब
01:06मैं कर्तब तो बच्चों के मन को बहलाने के लिए करती हूँ
01:09धंदा तो मेरा केले का है
01:11पीछे देखो मेरी रिडडी
01:13जो भी मेरे केले खाएगा
01:15मेरी तरह जुस्त दुरस्त और तंदुरस्त हो जाएगा
01:18पता चलता है क्या
01:20कि मेरी उम्र पचपन की है
01:22अरे पर ऐसे ठंड के मौसम में
01:25कोई केला क्यों खाएगा
01:27यह ऐसे वैसे केला नहीं है साब
01:29यह शदेन में गर्मी देते हैं
01:32ठंड को दूर बगाए
01:33जो भी रोएना के केले खाए
01:35पापा, अगर मुझे केले नहीं मिले
01:38तो मैं घर नहीं जाओंगी
01:40तब ही उसके पापा कहते हैं
01:42कि बेटा केले ठंड में कभी गर्मी नहीं देते
01:44यह सब कहने की बाते हैं
01:46सामान बेशने का तरीका है इनका
01:48पर पिंकी नहीं मानती
01:50पिंकी की जिद के आगे नथ्थू हार जाता है
01:57और उसे केले खरिद कर दे देता है
01:59पिंकी खुश हो कर केले घर ले आकर खाती है
02:02अब मैं बे कर्टब करूँगी
02:06कितना मसाएगा जा दोई केले
02:09पिंकी पहला केला खत्म भी नहीं करती
02:13कि वो बेहोश हो जाती है
02:14दूसरे केले से एक काला धुमा आता है
02:17और रोणा चुडैल बनकर बहा निकलाती है
02:20रोणा पिंकी को गोद में उठा कर
02:42काले धुवे में कहीं गायब हो जाती है
02:44शाम के वक्त नत्थु घर लोटता है
02:47और पिंकी को घर में ना पाकर उसकी मा से कहता है
02:50नत्थु गाओं के घर कोने में अपनी बेटी को ढूंडता है
03:11पर उसे वो कहीं नहीं मिलती
03:12परिशान होकर आके रो रोकर नत्थु हिमत हार कर घर लोटता है
03:16अगली सुबर रोणा फिर से कर्तब दिखाने आती है
03:19और इस पार पिंकी की तरह रोनी केले खरीद लेता है
03:23यही सोचते हुए रोनी केले खाता है
03:36और पहला अकेला केला आधा खत्म भी नहीं करता कि चुडल उसके सामने आ जाती है
03:41मेरे साथ चलने का समय आ गया है रोनी
03:45यह तो बस शिरुवात है
03:50अब इस गाओं के सारे बच्चे धीरे धीरे मेरे कबजे में होंगे
03:56एक बच्चा भी नहीं बच्चेगा
03:58यह कहकर रोना, रोनी को गोद में लेकर काले धुए में अद्रश्य हो जाती है
04:06इसके बाद हर रोज गाओं में से कोई ना कोई बच्चा गायब होता
04:10पर ऐसा क्यों हो रहा है किसी को भी समझ में नहीं आ पा रहा था
04:14रोज की तरह अपनी बेटी पिंकी की तलाश में नथ्थु गाओं के एक तलाब के पास बैठा रो रहा था
04:20नथ्थु यह कहता हुआ रोही रहा था कि तभी तालाब में से उसे शकुन्तला की आवाज सुनाई दिती है
04:38कहां? कहां थी तुम शकुन्तला?
04:41हमारी बच्ची और सारे गायब हुए बच्चे रोहना के कबजे में हैं
04:47वो बच्चों को जो केले देती है उससे बच्चे बेहोश हो जाते हैं
04:51और उसके कबजे में आ जाते हैं
04:53और वो उन्हें ले जाकर काली दुनिया में ले जाती है
04:56पर वो ऐसा क्यों कर रही है?
04:59ये मैं नहीं जानती, पर उस दुनिया का रास्ता मैं आपको बता सकती हूँ
05:04जहां ये नदी खत्म होती है, वहाँ एक केले का पेड़ है, उसके नीचे एक दर्वाजा है, वहीं से रास्ता जाता है उस दुनिया का
05:13ये कहकर शकुंदला के आत्मा गायब हो जाती है, गाउं के सभी लोग जुन्ड बना कर उसी रास्ते से काली दुनिया में चले जाते हैं, और वहाँ देखते हैं कि सारे बच्चे वहाँ काम कर रहे थे
05:25पापा, मुझे ले चलो यहां से, पापा, पापा
05:31सभी बच्चे अपने ममी पापा से ले पड़ जाते हैं
05:35तो तुम लोग यहां तक आ गए
05:36क्यूं हमारे बच्चों को पकड़ लिया तुने, तुझे शिकार ही बनाना है तो ले, हम सब आ गए हैं, हमें खा ले
05:45क्या मतलब?
06:15तुम सब के बच्चे छिनकर, बर्दाश नहीं कर पाए ना, सोचो मुझ पर क्या भीती होगी?
06:23हमें माफ कर दो, रोणा, पता नहीं है किसकी गलती थी, पर हम सभी माफी माफी मांगते हैं, हमारी खुशिया लोटा दो, तुम भी तो एक माँ हो
06:31गांवालों की बात सुनकर, रोणा का मन पिगल जाता है, और वो बच्चों को छोड़ देती है, उसके बाद, काली दुनिया, बच्चों के लिए जादुई दुनिया बन जाती है, अब कोई भी कभी भी वहाँ आ जा सकता था