Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 7/4/2025
Muharram 2025: इस्लामिक कैलेंडर के मुहर्रम महीने की 9वीं तारीख जिसे 9 मुहर्रम कहा जाता है. ये कर्बला की घटना से जुड़ी है, और खासकर शिया मुसलमानों के लिए यह दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। चलिए बताते हैं कि 9 मुहर्रम के दिन क्या हुआ था, क्या है इतिहास |Muharram 2025: What happened on 9th Muharram, what is the history |

#muharram2025 #muharram2024 #muharram #muharramqawwali #muharramsong #muharram_2025 #muharram2025new #muharramstatus #muharram2022 #muharramspecial #muharramfestival

~HT.410~PR.114~ED.120~

Category

🗞
News
Transcript
00:00मुहर्म इसलामे कलेंडर का पहला महीना होता है जिसे शोक और गम के रूप में मनाय जाता है
00:09इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग शादी या कोई भी शुपकारे नहीं करते हैं सिर्फ और सिर्फ मातम मनाते हैं
00:18मुहर्म के महीने का खास दिन अशुरा होता है जो की दसवे दिन होता है इस बार अशुरा 6 जुलाई को है दरसल इस दिन लोग पैगंबर मुहम्मत के नाती इमाम हुसेन की शहादत को याद करते हैं ऐसे में चलिए आपको बताते हैं नौमुहर्म को क्या हुआ था
00:36दरसल नौमोहर्म को इमाम हुसेन और उनके परिवार कर्बला में यजीत की सेना ने घेर लिया था
00:43पानी की आपूर्ती बंद कर दी थी इमाम हुसेन और उनके साथियों ने प्यास और तकलीफों के बावजूद अपने वसूलों से समझोता नहीं किया
00:52नौमोहर्म की रात को शबे असुरा कहा जाता है ये वो रात थी जब इमाम हुसेन ने अपने साथियों से कहा था कि जो लोग चाहते हैं वो कर्बला का मैदान छोड़ सकते हैं लेकिन उनके वफदार साथियों ने जाने से इनकार कर दिया
01:07इसी रात यजीत की सेना ने अंतिम हमला करने की तैयारी शुरू कर दी थी और अगले दिन याने की दस मुहर्म असुरा को कर्बला का एतिहासिक यूद हुआ जिसमें इमाम हुसेन और उनके अधिकान साथि मरे गए
01:22नो मुहर्म त्याग धैरे और सच्चाई के लिए खड़े रहने का प्रतीक मना जाता है श्रिया मुस्लिम समुदाय में नो और दस मुहर्म का खास मातम ताजिया मजलिस और जलूस निकाले जाते हैं इस दिन लोग इमाम हुसेन और उनके साथियों के बलिदान को याद कर �
01:52झाहिए म हुआ है जाज झाले जाए बल्स ते बलूस रहने को याद कर दके लिए जाग जाँ कर दूए झाले जाए रहने कि इस सब्सक्तर जाए जाए जाए

Recommended