Delhi artificial rain: दिल्ली में पहली बार एयर पॉल्यूशन से निपटने के लिए वैज्ञानिक Artificial Rain करेंगे. 4 से 11 जुलाई के बीच मौसम अनुकूल रहने पर फ्लाइट्स के जरिए क्लाउड सीडिंग की जाएगी. कई लोग सवाल कर रहे हैं कि मानसून के दौरान जब पहले से ही वर्षा हो रही है तो आर्टिफिशियल बारिश की क्या आवश्यकता है?
00:00दिल्ली में एर पॉलूशन कम करने के लिए पहली बार आर्टिफीशल रेन का सहारा लिया जा रहा है।
00:30पर साइन कर चुकी है इस पूरे प्रोसेस का संचालन करेगी आई एटी टीम कानफूर कैंपस में मौजूद प्रोफेसर जो इस पूरी टीम का हिस्सा है और पूरे आपरेशन को देख रहे हैं।
01:00जब पहले से ही बारिश हो रही है तो आर्टिफीशल बारिश की क्या जरूरत है।
01:04तकनीकी विशेशग्यों के मुताबिक क्लाउट सीडिंग के लिए बादलो की उपस्तिती जरूरी होती है यानि बादल मौजूद होना जरूरी है और मौनसून में सबसे ज्यादा बादल होते हैं।
01:14इस वज़ा से इसे इस वक्त करने का फैसला लिया गया है। इस प्रोसेस में दो तरह की तकनीक का इस्तमाल होता है।
01:44और इंडिया, BCS जैसी संस्थानों से अनुमत्ती की जरूरत होती है, जादतर पर्मिशन मिल चुकी है, आखरी चरण में DGCS से पर्मिशन आने का इंतजार है, वहीं इसको लेकर सोचल मीडिया पर भी लोग तरह तरह के रियाक्शन दे रहे हैं, कि यूजर ने लिखा नैच्
02:14के लिए तयार रहना, दुबाई का क्या हाल हुआ था, मैंक और यूजर ने लिखा, दुबाई याद है ना या भूल गए, फिलाल आप क्या कहेंगे इस आर्टिफिशल रेन के बारे में, कॉमेंट सेक्शन में हमले कर, जरूर बताएं, वीडियो को लाइक करें, शेर करें
02:44कर दो, क्या है, एवीजर ने जिए रूह सेक्शन में झाली कर दो आदा करें।