Separation Vs Divorce: साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला लिया है। क्या ये तलाक है या ज्यूडिशियल सेपरेशन? जानिए तलाक और सेपरेशन में अंतर, हिंदू मैरिज एक्ट में इसके नियम और कोर्ट द्वारा दिए जाने वाला कूलिंग ऑफ पीरियड। रिश्तों से जुड़ी जरूरी कानूनी जानकारी।
00:00साइना नहवाल इन दिनों अपनी नीज़ी जिन्दगी को लेकर चर्चा में हैं हर्याणा के हिसार में जन्मी साइना ने इंस्टाग्राम पर बताए कि उन्होंने उनके पती पारुपली कश्प्ट ने आपसी सहमती से अलग होने का फैसला किया है
00:17हलाकि उन्होंने तलाग का जिक्र नहीं किया लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में उनके तलाग के खबरे सामने आ रही है
00:23अब ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि सैपरेशन यानि कि अलगाव और तलाग यानि कि डिवोर्स दोनों एक जैसे नहीं होते
00:30तो चलिए आज कि इस वीडियो में हम जानेंगे कि तलाग और सैपरेशन में फ़र्क क्या होता है
00:35लेकिन उससे पहले नमशकार मैं सुतो शिपाद्ध है और आप बोल्ड स्काई देख रहे हैं
00:40बारत में कई लोग इन दोनों को एक जैसा मान लेते हैं जबकि इनका कानूनी मतलब अलग होता है
00:46तलाग लेने पर पती पत्नी का रष्टा पूरी तरखत्म हो जाता है
00:49जबकि judicial separation में वे सर्फ अलग होते हैं लेकिन कानूनी रूप से पती-पत्नी ही बने रहते हैं
00:55अब ऐसे मामलों में सही जानकारी का होना बहुत जरूरी है ताकि कोई भी बिना समझे बड़ा फैसला न ले
01:02तो चले बापको बताते हैं कि आखिर judicial separation क्या होता है
01:05judicial separation का मतलब होता है कि कोट के आदेश से पती-पत्नी एक दूसरे से अलग रह सकते हैं लेकिन वे कानूनी रूप से अभी भी पती-पत्नी ही बने रहते हैं
01:15यह एक तरह का cooling off period होता है जिसमें दोनों को सोचने का समय मिलता है कि वे भविश्य में साथ रहना चाहते हैं या फिर नहीं
01:23वह अगर बात इसके नियम की कर लें हिंदू विवा अधिनियम यानि कि इस अधिनियम के section 10 में judicial separation का प्रावधान है
01:30इस special marriage act 1954 में जो आया है अब इस कानून में भी judicial separation के अनुमती दी गई है इसाई समुदाई के लिए Indian divorce act 1869 में इससे संबुन्धित प्रावधान मौजूद है
01:42अब मुसलिन कानून में तुलाग के प्रावधान होती है और judicial separation जैसे स्पष्ट नियम नहीं है लेकिन कोछ मामलों में कोट के अनुमती से पती पत्नी अलग रह सकते हैं
01:51तो चले वाग को बताते हैं कि अखिर कितना अलग है separation से divorce
01:55हिंदु मेरेज एक्ट के section 13b के तहत जब पती पत्नी आपसी सहनती से तलाग लेना चाते हैं तुने तलाग के अरजी दैर करने की तारीक से कम से कम 6 महिने और अधिकतम 18 महिने का इंतजार करना होता है
02:07अब इस समय को cooling period कहा जाता है इस दोरान दोनों पक्ष अपना फैसला बदल सकते हैं और अरजी वापिस ले सकते हैं अगर ऐसा नहीं होता है तो waiting period के बाद court सुनवाई कर तलाग की मनजूरी दे सकता है
02:20अगर बात तलाग और separation में अंतर के कर ले तो तलाग यानि के divorce और judicial separation दोनों ही पती-पत्नी के बीच बढ़े तनाव के बाद अपनाये जाने वाले कानूनी तरीके हैं लेकिन इन दोनों में बड़ा अंतर होता है
02:33तलाग के बाद वे कानूनी रूप से पती-पत्नी कोई बाद धेता नहीं होती अब इसके बाद दोनों अपनी अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ सकते हैं और दुबारा शादी भी कर सकते हैं
02:47तुलाक का मतलब होता है कि दोनों ने हमेशा के लिए अलग होने का फैसला ले लिया है, वे अब भी पती-पत्नी माने जाते हैं और इस दोरान वे किसी और से शादी नहीं कर सकते, अब इससे प्रकुरिया का मकसद दोनों को सोचने और रिष्टे को सुधारने का एक मौका द
03:17में कितना अंतर होता है, आपको ये जौनकारी कैसी लगी कमेंट में लिखकर जरूर बतेएगा, धन्यवाद.