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Parwarish Episode 24 | Aina Asif | Samar Jafri | Reham Rafiq |28 June 2025 | ARY Digital | HD Review
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NewsTranscript
00:00माशालला आपकी बातों का ऐसा असर हुआ इस पर कि मैं नाराज होकर चला गया
00:14सो मैंने सोचा कि ये खुश खबरी खुद आकर आपको बता हुआ उता कि आपके देल को ठंटक पाँचे आपको यही शक्वात है ना कि बड़ी परिनामी हो
00:26कि अले को व्ली ने घर चोड़ दिया है क्यों घुदा जाने वह भद बिखरा होगा रहा था जैदा स्वाल्जरा आपके व।
00:48आपके व।
00:51यह जो किसित आ एक शोषिaking हलती में मौलुए जाए कि लूखाय यह का इसाया तो in
01:03शहर प्रिबवार उख एक्सों दोस्इद एक कुंसे रूपे का मधि Parapur
01:10वे, ठीक है, बहार जाओगे ना, तो अगर उसने कहा ना, मेरे मेरे में पुछ पूचा, तो कैतने को आई थी? चली गई?
01:16अच्छे, चली, नेक्स, अपीतो उठाओं.
01:18अब में उठ्धे.
01:27माया?
01:28माया, क्या हो?
01:30माया, माया, रिलेक्स, माया.
01:32माया, माया, पानी, माया, पानी, माया, लेक्स, माया, माया, बन करो, ठंड हो रही है.
01:49अचली, ठीक है, चाओ. मैं सुआ स्कूल में जाना है, सोजाओ.
01:54जब से वली गया, यह घर में नहीं टिक था.
01:59मर्दोस भी अच्छे नहीं बना रहा.
02:03अचली, अचली
02:13कर दो कर दो
02:43कर दो
03:13माया, क्लास के लेट उड़े, तुम नहीं आरे?
03:27तुम जा, मैं आठी.
03:29के लेड़े, लेट लेट
03:44क्लास के लेड़़े, तुम कर दो
03:45झाल झाल
04:15झाल झाल
04:45माया क्लास के लिए लेट हुआ है तुम नहीं आ रही है तुम जो मैं आ थी
04:57विवर्जी ड्रामस के कहानी में आप देखेंगे
05:09माहम और आर्मीन दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रकते हैं लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
05:17माहम एक जपाकश समझदार रहसास ललकी है जो अपनी मा की साथ लाहुर के कुराने महले में रहती है
05:26वो मुसूरी की शुकीन है और इसके हुआवे के वो एक दिम्शूर प्रेंटर बने लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी ताले मुकमन कर सके
05:34गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
05:43जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है वो पाकिस्तान में एक नई आर्ड गेली कौलता है
05:50और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते हैं जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
05:58वो इन तस्वीरे से इतना मुतासर होता है कि हर जगा इसके पनकार की तलाश में लग जाता है बलाखिर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
06:07जब आरीन माहम को इसके पन के अजल केमत बताता है
06:11माहम पहले तो हिरान होती है
06:12लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खलोज नज़नाता है
06:16वो दूने एक साथ आठ पर काम करने लगते है
06:19वो इसे दोरां खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
06:24लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
06:26माहम को पता चलता है
06:28कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
06:32जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
06:35अब माहम एक कश्मकश में मतला है
06:37क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
06:39या एक ऐसा मस्तक्विल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
06:43ने वारीन को सचाई का इलम होता है
06:45वो भी तोट जाता है
06:47वो अपने वाप के के माप भी मांगता है
06:49और माहम से कहता है
06:50मैं तुमसे तुमारी माज़े के किमत पर नहीं
06:52तुमारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हो
06:55आखरे सीन में माहम के सामने
06:57दो तस्विरी होते है
06:58एक बदले की और एक महबत की
07:00क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
07:02या हमेशे गले रंग चुल देगी
07:04इस ड्रामसिल के हौले से
07:05अपने राग की साहर लाजमी कमेंट करें
07:08साथ में हमारे येटो का चैनल इखलास टेवी को
07:10सबस्क्राइब का ना मत भूली है
07:11तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
07:14विवर्जी ड्रामसिल की कहानी में आप देखेंगे
07:17माहम और आर्मीन
07:19दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रखते है
07:22लेकिन तकदीर उन्हें एक ही परेम में ले आती है
07:25माहम एक जपाकश समझदार वे साहस ललकी है
07:29जो अपनी मा की साहतला होर के कुराने महले में रहती है
07:34वो मुसूरी की शुकीन है
07:35और इसके हुआवे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
07:38लेकिन हालात ऐसे नहीं के वो अपनी तालिम मुकमन कर सके
07:42गर के हालात खराब है
07:44और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
07:47दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
07:51जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
07:56वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली कौलता है
07:58और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
08:02जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
08:06यो इंतस्वियरे से अतना मुतासर होता है
08:09कि हर जग़ा इसकी पनकार की तलाश में लग जाता है
08:12बलाखिर किसमत दोनों को एक दूसी से मिला देती है
08:15जब आर्डियली माहम को इसकी पन के असल किमत बताता है
08:18माहम पहले तो हěरान होती है
08:20लेकिन जल ही उसे आरेन के नियत में खलोज नजर आता है
08:24वो दोने एक साथ आठ पर काम करने लगते है
08:27वो इसे दोरां खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
08:32लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
08:34माहम को पता चलता है
08:36कि आरेन के वालिद ने कही साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
08:40जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
08:42अब माहम एक कश्मकश में उत्तला है
08:45किया वो अपने माजी का बदला ले
08:47या एक ऐसा मुस्तक्विल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
08:51ने वालिद ने को सचाई का इलम होता है
08:53वो भी तूट जाता है
08:54वो अपने बाप के के माप भी मांगता है
08:57और माहम से कहता है
08:58मैं तुमसे तुमारी माजी के किमत पर नहीं
09:00तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हो
09:02आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्विरी होते है
09:06एक बदले की और एक महबत की
09:07क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
09:10या हमेशे गले रंग चुल देगी
09:12इस ड्रामसिल के हौले से
09:13अपने रागे की साहर लाजमी केमेंट करें
09:16साथ में हमारे येट्व का चैनल इखलास टेवी को
09:18सबस्क्राइब का ना मत भूली है
09:19तेंस पार वाचिंग लाहाफिस
09:21वीवर्जी ड्रामसिल की कहानी में आप देखेंगे
09:24माहम और अर्मीन
09:27दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रखते है
09:30लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
09:33माहम एक जबाकश समझदार वे साहस ललकी है
09:37जो अपनी मा की साथ लाहुर के एक पुराने महले में रहती है
09:41वो मुसूरी की शूकीन है
09:43और इसके हुआवे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
09:46लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुकमन कर सके
09:50गर के हालात खराब है
09:52और माहम टीवीशन पढ़ाकर गर चलाती है
09:54दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
09:59जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
10:03वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली कौलता है
10:06और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
10:10जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नम के रखे गए है
10:14वो इन तस्वीरे से इतना मुतासर होता है
10:16कि हर जगा इसकी पनकार की तलाश में लग जाता है
10:19बलाखिर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
10:23जब आर्डियली माहम को इसकी पन के असल किमत बताता है
10:26माहम पहले तो हिरान होती है
10:28लेकिन जल ही उसे आरेन के नियत में खलोज नजर आता है
10:32वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
10:35वो इसे दोरां खामोची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
10:39लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
10:42माहम को पता चलता है
10:43कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
10:48जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
10:50अब माहम एक कश्मकश में मतला है
10:52किया वो अपने माजी का बदला ले
10:54या एक ऐसा मुस्तक्बिल चुने जिसमें सिर्फ मोहबबत हो
10:59वारेने को सचाई का इलम होता है
11:01वो भी तोट जाता है
11:02वो अपने बाप के के माप भी मांगता है
11:04और माहम से कहता है
11:06मैं तुमसे तुमारी माजी के केमत पर नहीं
11:08तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हो
11:10आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्वीरी होते है
11:13एक बदले की और एक महबत की
11:15क्या वो अपने दूरी तस्वीर मुकमल करेगी
11:18या हमेशे गले रंग छोल देगी
11:19इस ड्रामसिल के हौले से
11:21अपने राग की साहर लाजमी केमेंट करें
11:23साथ में हमारे येटोब का चैनल इखलास टेवी को
11:26सबस्क्राइब का ना मत भूली है
11:27तेंस पार वाचिंग लाहाफिस
11:29विवर्जी ड्रामसिल की कहानी में आप देखेंगे
11:32माहम और अर्मीन
11:34दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रिकते है
11:38लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
11:41माहम एक जबाकश समझदार रहसास ललकी है
11:45जो अपनी मा की साथ लाहुर के कुराने महले में रहती है
11:49वो मुसूरी की शुकीन है
11:51और इसके हुआबे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
11:54लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुकमन कर सके
11:57गर के हालात खराब है
11:59और माहम टीवीशन पढ़ाकर गर चलाती है
12:02दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
12:07जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
12:11वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली को लता है
12:14और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
12:18जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
12:21वो इन तस्वीरे से इतना मुदासर होता है
12:24कि हर जगा इसकी पनकार की तलाश में लग जाता है
12:27बलाखर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
12:30जब आर्डियली माहम को इसकी पन के असल किमत बताता है
12:34माहम पहले तो हिरान होती है
12:36लेकिन जल ही उसे आर्डियली के नियत में खलोज नजनाता है
12:39वो दूने एक साथ आर्ड पर काम करने लगते है
12:42वो इसी दोरां खामोच से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
12:47लेकि कहानी यहाँ खतम नहीं होती
12:49माहम को पता चलता है
12:51कि आर्डियली के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
12:56जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
12:58अब माहम एक कश्मकश में मतला है
13:00किया वो अपने माज़ी का बदला ले
13:02या एक ऐसा मुस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
13:06ने वारीन को सचाई का इलम होता है
13:08वो भी तोट जाता है
13:10वो अपने वाप के के माप भी मांगता है
13:12और माहम से कहता है
13:14मैं तुमसे तुमारी माज़ी के किमत पर नहीं
13:16तुमारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हो
13:18आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्विरी होते है
13:21एक बदले की और एक महबत की
13:23क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
13:26या हमेशे गले रंग चोल देगी
13:27इस ड्रामसिल के हाले से
13:29अपने रागे की साहर लाजमी केमेंट करें
13:31साथ में हमारे ये ये टुक का चैनल इखलास टेवी को
13:33सबस्क्राइब करना मत भूली है
13:35तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
13:37विवर्जी ड्रामसिल की कहानी में आप देखेंगे
13:40माहम और आर्मीन
13:42दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रिकते है
13:46लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
13:49माहम एक जपाकश समझदार रहसास ललकी है
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13:57वो मुसूरी की शुकीन है
13:59और इसके हुआबे के वो एक दिम्शूर प्रेंटर बने
14:02लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुक्मन कर सके
14:05गर के हालात खराब है
14:07और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
14:10दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
14:15जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
14:19वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली को लता है
14:22और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नज़राते है
14:26जो एक मुकामी नमाईश में बगेर नाम के रखे गए है
14:29वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
14:32कि हर जग़ इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
14:35बलाखिर किसमत दुनों को एक दूसरे से मिला देती है
14:38जब आरीन माहम को इसके पन के अजल के मत बताता है
14:42माहम पहले तो हिरान होती है
14:44लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खलोज नज़राता है
14:47वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
14:50वो इसे दोरां खामोच से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
14:55लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
14:57माहम को पता चलता है
14:59कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
15:03जिसके बज़े से इनके गर बरबाद हुआ
15:06अब माहम कश्मकश में मतला है
15:08किया वो अपने माज़ी का बदला ले
15:11या एक एसा मस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
15:14ने बाहरीन को सचाई का ऐलम होता है
15:16वो भी टोड़ जाता है
15:18वो अपने बाप के के मापी मांगता है
15:20और माहम से कहता है
15:21मैं तुम्हारी माज़े के किमत पर नहीं तुम्हारे हाल के बन्याद पर महबत करता हूँ
15:26आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्वीरी होते हैं
15:29एक बदले की और एक महबत की
15:31क्या वो अपने दूरी तस्वीर मुकमल करेगी या हमेशे गले रंग छोल देगी
15:35इस ड्रामसिल के हौले से अपने रागे की साहर लाजमी कमेंट करें
15:39साथ में हमारा येटूप का चैनल इखलास टेवी को सबस्क्राइब का ना मत भूली है
15:43तेंस बार वाचिंग अल्ला हाफिस
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15:48माहम और आर्मीन दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रखते है
15:54लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
15:56माहम एक जपाकश समझदार वे साहस ललकी है
16:00जो अपनी मा की साहतला होर के कुराने महले में रहती है
16:05वो मुसूरी की शुकीन है और इसके हुआवे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
16:09लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुकमर कर सके
16:13गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
16:18दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
16:22जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
16:27वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियलिक वालता है
16:29और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजर आते हैं
16:34जो एक मुकामी नमाईश में बगेर नाम के रखे गए है
16:37वो इन तस्वीरों से इतना मतासिर होता है
16:40कि हर जग़ा इसकी पनकार की तलाश में लग जाता है
16:43बलाखिर किसमत दुनों को एक दूसरे से मिला देती है
16:46जब आरीन माहम को इसकी पन के अजल केमत बताता है
16:50माहम पहले तो हिरान होती है
16:51लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खलोज नजर आता है
16:55वो दूने एक साथ आठ पर काम करने लगते है
16:58वो इसे दोरां खामोच से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
17:03लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
17:05माहम को पता चलता है
17:07कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
17:11इसके बज़े से इनके गर बरबाद हुआ
17:14अब माहमे कश्मकश में मतला है
17:16किया वो अपने माज़ी का बदला ले
17:18या एक ऐसा मुस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
17:22निवारीन को सच्चाई का इलम होता है
17:24वो भी तोट जाता है
17:26वो अपने बाप के के मापी मांगता है
17:28और माहम से कहता है
17:29मैं तुम्हारी माज़ी के किमत पर नहीं
17:31तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हूँ
17:34आखरे सीन में माहम के सामने
17:36दो तस्विरी होते है
17:37एक बदले की और एक महबत की
17:39क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
17:41या हमेशे गले रंग छोल देगी
17:43इस ड्रामसिल के होले से
17:44अपने रागे की ज़ार लाजमी कमेंट करें
17:47साथ में हमारे एक टूप का चैनल इखलास टेवी को
17:49सबस्क्राइब का ना मत भूली है
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17:53विवर इस ड्रामसिल के कहानी में आप देखेंगे
17:56माहम और अर्मीन दो ऐसी इस इंसान
18:00जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रकते है
18:01लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
18:04माहम एक जपाकश समझदार रहसास लल्की है
18:08जो अपनी मा की साथ लाहोर के एक पुराने महले में रहती है
18:13वो मुसूरी की शुकीन है
18:14और इसके हुआवे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
18:17लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुक्मन कर सके
18:21गर के हालात खराब है
18:23और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
18:26दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
18:30जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
18:35वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियल लिक वालता है
18:37और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजर आते है
18:41जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
18:45वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
18:48कि हर जगह इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
18:51बलाखिर किस्मत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
18:54जब आरीन माहम को इसके पन के अजल केमत बताता है
18:57माहम पहले तो हिरान होती है
18:59लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खलोज नजर आता है
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19:06वो इसे दोरां खामोची से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
19:11लेकिन कहानी यहाँ खतम नहीं होती
19:13माहम को पता चलता है
19:15कि आरीन के वालिद ने कई साल पेले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
19:19इसके बज़े से इनके गर बरबाद हुआ
19:21अब माहम कश्म कश्म में उत्तला है
19:24किया वो अपने माजी का बदला ले
19:26या एक ऐसा मस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
19:30वारीन को सच्चाई का इलम होता है
19:32वो भी तोट जाता है
19:33वो अपने बाप के के मापी मापी मांगता है
19:36और माहम से कहता है
19:37मैं तुमसे तुम्हारी माजी के किमत पर नहीं
19:39तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हूँ
19:42आखरे सीन में माहम के सामने
19:44दो तस्विरी होते है
19:45एक बदले की और एक महबत की
19:46क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
19:49या हमेशे के लिए रंग छोड़ देगी
19:51इस ड्रामस लिक के हाले से
19:52अपने राग की साहर लाजमी कमेंट करें
19:55साथ में हमारे येटोड का चेनल इखलास टेवी को
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19:58तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
20:00विवर्जी ड्रामस लिक के कहानी में आप देखेंगे
20:03माहम और आर्मीन दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रखते है
20:09लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
20:12माहम एक जपाकश समझदार वे साहस लिलकी है
20:16जो अपनी मा की साथ लाहूर के कुराने महले में रहती है
20:20वो मुसूरी की शुकीन है और इसके हुआवे के वो एक दिम्शूर प्रेंटर बने
20:25लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी ताले मुकमन कर सके
20:29गर के हालात खराब है
20:31और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
20:33दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
20:38जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
20:42वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्गेली कौलता है
20:45और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नज़राते है
20:49जो एक मुकमी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
20:53वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
20:55कि हर जगह इसकी पनकाल की तलाश में लग जाता है
20:58वलागे किसमत दोनوں को एक दूसे से मिला देती है
21:02जब आर्इन माहम को इसकी पन के अशल किमत बताता है
21:05माहम पहले तो हिरान होती है
21:07लेकिन जिल ही उसे आर्इन के नियत में χिलोज नज़राता है
21:11वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
21:14वो इसे दोरां खामुची से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
21:18लिगे कहानी यहाँ खतम नहीं होती
21:21माहम को पता चलता है
21:22कि आरीनिगी के वालिद ने कई साल पेले
21:25इसके अपालिद को करूबार में दोका दिया था
21:27जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
21:29अब माहम कश्म कश्म में उत्तला है
21:31क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
21:33या एक ऐसा मस्तक्विल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
21:38अबारीन को सच्चाई का इलम होता है
21:40वो भी तूट जाता है
21:41वो अपने बाप के के माप भी मांगता है
21:43और माहम से कहता है
21:45मैं तुमसे तुमारी माज़े के किमत पर नहीं
21:47तुमारे हाल गे बन्याद पर महबत करता हूँ
21:49आखरे सीन में माहम के सामने
21:51दो तस्विरी होते है
21:52एक बदले की और एक महबत की
21:54क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी
21:57या हमेशे गले रंग चोल देगी
21:58इस ड्रामसेल के हाले से
22:00अपने राग की साहर लाजमी केमेंट करें
22:02साथ में हमारे एक्टू का चेनल इखलास टेवे को
22:05सबस्क्राइब का ना मत भूली है
22:06तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
22:35कि वो अपनी तालिम मुकमल कर सके
22:36गर के हालात खराब है
22:38और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
22:41दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
22:46जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
22:50वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्गेली कौलता है
22:53और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
22:57जो एक मुकमी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
23:00वो इन तस्वीरे से इतना मतासर होता है
23:03कि हर जगह इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
23:06बलागिर किसमत दोनों को एक दूसे से मिला देती है
23:09जब आर्इन माहम को इसके पन के असल किमत बताता है
23:13माहम पहले तो हिरान होती है
23:15लेकिन जलह इसे आर्इन के नियत में खلوस नजराता है
23:19वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
23:22वो इसे दोरां खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
23:26लिगे कहानी यहाँ खतम नहीं होती
23:28माहम को पता चलता है
23:30कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले
23:33इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
23:35जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
23:37अब माहम एक कश्मकश में मतला है
23:39क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
23:41या एक ऐसा मुस्तक्बिल चुने
23:44जिसमें सिर्फ महबत हो
23:45ने वारीन को सच्चाई का इलम होता है
23:47वो भी तूट जाता है
23:49वो अपने वाप के के क्यमापी मांगता है
23:51और माहम से कहता है
23:53मैं तुमसे तुमरी माज़國 के किमत पर नहीं
23:55तुम्हारे हाल मेत पर बुन्यात पर महबत करता हूँ
23:57आखरे सीन में माहम के सामने
23:59दो तस्वीर होते है
24:00एक बदले की और एक महबत की
24:02क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी या हमेशे के ले रंग छोल देगी
24:06इस ड्रामसिल के होले से अपने राग की सहार लाजमी केमेंट करें
24:10साथ में हमारा येटोड का चेनल इखलास टेवी को सबस्क्राइब का ना मत भूली है
24:14तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
24:44कर सके गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
24:49दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
24:54जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
24:58वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली कौलता है
25:01और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खा के नज़राते है
25:05जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
25:08वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
25:11कि हर जग़ा इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
25:14बलागर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
25:17जब आर्डियली माहम को इसके पन के अजल किमत बताता है
25:21माहम पहले तो हीरान होती है
25:23लेकिन जलही उसे आर्डियली के नियत में खलोज नज़राता है
25:26वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
25:29वो इसे दोरां खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
25:34लिगने कहानी यहाँ खतम नहीं होती
25:36माहम को पता चलता है
25:38कि आरीनी के वालिद ने कई साल पहले
25:40इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
25:42जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
25:45अब माहम एक कश्मकश में उत्तला है
25:47क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
25:49या एक ऐसा मुस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
25:53ने वालिद ने को सच्चाई का इलम होता है
25:55वो भी तोट जाता है
25:57वो अपने बाप के के माप भी मांगता है
25:59और माहम से कहता है
26:00मैं तुमसे तुम्हारी माज़ी के किमत पर नहीं
26:03तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हूँ
26:05आखरे सीन में माहम के सामने
26:07दो तस्विरी होते हैं
26:08एक बदले की और एक महबत की
26:10क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी या हमेशे के ले रंग छोल देगी
26:14इस ड्रामसिल के हौले से अपने राग की सहार लाजमी केमेंट करें
26:18साथ में हमारा एक्टू का चैनल इखलास टेवी को सबस्क्राइब का ना मत भूली है
26:22तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
26:52कर सके गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
26:57दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नौजवान है
27:01जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
27:06वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्स में आर्ट्स में लिक आलता है
27:08और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नज़राते है
27:13जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
27:16वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
27:19कि हर जगह इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
27:22बलाएखर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती है
27:25हर आर्इन माहम को इसकी पन के असलके मत बताता है
27:29माहम पहले तो हिरान होती है
27:30लेकिन जलही उसे आर्इन के नियत में खلوث नज़राता है
27:34वो दोने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
27:37वो इसी दोरा खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
27:42लिगने कहानी यहाँ खतम नहीं होती
27:44माहम को पता चलता है
27:46कि आरीनी के वालिद ने कई साल पहले
27:48इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
27:50जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
27:53अब माहम एक कश्मकश्म में उत्तला है
27:55क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
27:57या एक ऐसा मस्तक्बल चुने जिसमें सिरफ महबत हो
28:01वालिद ने को सच्चाई का इलम होता है
28:03वो भी तोट जाता है
28:05वो अपने बाप के के माप भी माप भी मांगता है
28:07और माहम से कहता है
28:08मैं तुमसे तुम्हारी माज़ी के किमत पर
28:10नहीं तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हो
28:13आ Kendall Szen में माहम के सामने
28:15दूत तस्वीर होते हैं
28:16एक 부드�ले की और एक महबत की
28:18क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी या हमेशे के ले रंग छोड़ देगी
28:22इस ड्रामसिल के हौले से अपने राग की सहार लाजमी केमेंट करें
28:26साथ में हमारा एक्टूप का चैनल इखलास टेवी को सबस्क्राइब का ना मत भूली है
28:29थैंक्स पार वाचिंग अल्हाफिस
28:59कर सके गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
29:05दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
29:09जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
29:14वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली कौलता है
29:16और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
29:20जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
29:24वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
29:27कि हर जगह इसी पनकार की तलाच में लग जाता है
29:30बलागर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती ही
29:33जब आरीन माहम को इसकी पन के अजल के मत बताता है
29:36माहम पहले तो हिरान होती है
29:38लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खلوज नजर आता है
29:42वो दोने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
29:45वो इसी दवरां खामुची से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
29:50लिगने कहानी यहाँ खतम नहीं होती
29:52माहम को पता चलता है
29:54कि आरीनिकी के वालिद ने कई साल पहले
29:56इसके अपालिद को करुबार में दोका दिया था
29:58जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
30:00अब माहमे कश्मकश में मतला है
30:03किया वो अपने माज़ी का बदला ले
30:05या एक ऐसा मस्तक्बल चुने जिसमें सिरफ महबत हो
30:09ने वालिद ने को सचाई का इलम होता है
30:11वो भी तूट जाता है
30:12वो अपने बाप के के माप भी मांगता है
30:15और माहम से कहता है
30:16मैं तुमसे तुम्हारी माज़ी के किमत पर नहीं
30:18तुम्हारे हाल के बन्याद पर महबत करता हूँ
30:21आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्वीरी होते हैं
30:24एक बदले की और एक महबत की
30:25क्या वो अपने दूरी तस्वीर मुकमल करेगी
30:28या हमेशे गले रंग छोड़ देगी
30:30इस ड्रामसिल के हौले से
30:31अपने राग की साहर लाजमी कमेंट करें
30:34साथ में हमारे एक ड्रामसिल की कहानी में आप देखेंगे
30:42माहम और अर्मीन दो ऐसी इनसान जो मुक्तलिब दुनिया उसे तालुक रखते हैं
30:48लेकिन तकदीर उन्हें एक ही प्रेम में ले आती है
30:51माहम एक जपाकश समझदार रहसास ललकी है
30:55जो अपनी मा की साथ लाहूर के कुराने महले में रहती है
30:59वो मुसूरी की शुकीन है और इसके हुआबे के वो एक नमशूर प्रेंटर बने
31:04लेकिन हालात ऐसे नहीं कि वो अपनी तालिम मुकमन कर सके
31:08गर के हालात खराब है
31:10और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
31:12दुसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
31:17जो बिरूनी मिल्स से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
31:21वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्यली कौलता है
31:24और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नजराते है
31:28जो एक मुकमी नमाईश में बगेर नाम के रखे गए है
31:32वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
31:34कि हर जग़ इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
31:37बलाखर किसमत दोनों को एक दुसरे से मिला देती ही
31:41जब आरीन माहम को इसके पन के अजल किमत बताता है
31:44माहम पहले तो हیरान होती है
31:46लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खلوश नजराता है
31:50वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
31:53वो इसी दोरां खामुची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
31:57लिगने कहानी यहाँ खतम नहीं होती
32:00माहम को पता चलता है
32:01कि आरीनिके वालिद ने कई साल पहले
32:04इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
32:06जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
32:08अब माहम एक कश्मकश में मुत्तला है
32:10क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
32:12या एक ऐसा मुस्तक्बल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
32:17वालिद ने को सच्चाई का इलम होता है
32:19वो भी तोट जाता है
32:20वो अपने वाप के के माप भी मांगता है
32:22और माहम से कहता है
32:24मैं तुमसे तुम्हारी माज़ी के किमत पर नहीं
32:26तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हूँ
32:28आखरे सीन में माहम के सामने
32:30दो तस्वीरी होते हैं
32:32एक बदले की और एक महबत की
32:33क्या वो अपने दूरी तस्वीर मुकमल करेगी
32:36या हमेशे के ले रंग छोल देगी
32:37इस ड्रामसेल के हौले से
32:39अपने राग की साहर लाजमी केमेंट करें
32:41साथ में हमारा येटोग का चैनल इखलास टेवी को
32:44सबस्राइब करना मत भूली है
32:45तेंस पार वाचिंग, लाहाफ़ेश
33:15कर सके, गर के हालाद
33:17खराब है और माहम टीवीशन
33:19पढ़ा कर गर चलाती है
33:20दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद
33:23सोच कर रखने वाला नवजवान है
33:25जो बिरूनी मिल्क से
33:26पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
33:29वो पाकिस्तान में एक नई आर्डियली को लता है
33:32और इसी दौरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे
33:34खाके नजराते हैं
33:36जो एक मुकामी नमाईश में बगेर नाम के रखे गए है
33:39वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
33:42कि हर जगह इसकी पनकार की तलाश में लग जाता है
33:45बलाखिर किसमत दोनों को एक दूसरे से मिला देती ही
33:48जब आरीन माहम को इसकी पन के असल के मत बताता है
33:52माहम पहले तो हिरान होती है
33:54लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खلोज नजर आता है
33:57वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
34:01वो इसे दोरां खामोची से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
34:05लिए कहानी यहाँ खतम नहीं होती
34:07माहम को पता चलता है
34:09कि आरीन के वालिद ने कई साल पहले इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
34:14जिसके वज़े से इनके गर बरबाद हुआ
34:16अब माहमे कश्मकश में मतला है
34:18क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
34:20या एक ऐसा मुस्तक्विल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
34:24निवारीन को सच्चाई का इलम होता है
34:26वो भी तूट जाता है
34:28वो अपने बाप के के मापी मापी मांगता है
34:30और माहम से कहता है
34:32मैं तुमसे तुम्हारी माज़ी के किमत पर नहीं
34:34तुम्हारे हाल ये बन्याद पर महबत करता हूँ
34:36आखरे सीन में माहम के सामने
34:38दो तस्विरी होते हैं
34:39एक बदले की और एक महबत की
34:41क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी या हमेशे के ले रंग छोल देगी
34:45इस ड्रामसिल के हौले से अपने राग की सहार लाजमी कमेंट करें
34:49साथ में हमारा एटुक का चैनल इखलास टेवी को सबस्राइब का ना मत भूली है
34:53तेंस पार वाचिंग अल्हाफिस
35:23कर सके गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
35:28दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नوجवान है
35:33जो बिरूनी मिल्क से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
35:37वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्स में डिगरी कौलता है
35:40और इसी दौरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नज़राते है
35:44जो एक मुकामी नमाईश में बगेर नाम के रखे गए है
35:47वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
35:50कि हर जगा इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
35:53बलागर किस्मत दुनों को एक दूसरे से मिला देती है
35:56जब आर्ट्स माहम को इसके पन के असल केमत बताता है
36:00माहम पहले तो हिरान होती है
36:02लेकिन जल ही उसे आर्ट्स के नियत में खلوج नज़राता है
36:05वो दूने एक साथ आठ पर काम करने लगते है
36:08वो इसे दोरां खामोची से एक खुबस्वत महबत जनम लेती है
36:13लिगने कहानी यहाँ खतम नहीं होती
36:15माहम को पता चलता है
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36:19इसके वालिद को करूबार में दोका दिया था
36:21जिसके बज़े से इनके गर बरबाद हुआ
36:24अब माहम एक कश्मकश में मतला है
36:26क्या वो अपने माज़ी का बदला ले
36:28या एक ऐसा मुस्तक्विल चुने जिसमें सिर्फ महबत हो
36:32ने वालिद ने को सच्चाई का इलम होता है
36:34वो भी तोट जाता है
36:36वो अपने बाफ के के कि मांप ही मांगता है
36:38और माहम से कहता है
36:40मैं तुमसे तुमारी माज़ी के किमत पर नहीं
36:42तुमारे हाल ये ब Nutella पर महबत करता हूँ
36:44आखरे सीन में माहम के सामने दो तस्वीरी होते है
36:47एक बदले की
36:48और एक महबत की
36:49क्या वो अपने दूरी तस्विर मुकमल करेगी या हमेशे के ले रंग छोल देगी
36:53इस ड्रामसिल के हौले से अपने राग की ज़ार लाजमी कमेंट करें
36:57साथ में हमारे एक टूप का चैनल इखलास टेवी को सबस्क्राइब का ना मत भूली है
37:01तेंक्स पार वाचिंग अल्हाफिस
37:31कर सके गर के हालात खराब है और माहम टीवीशन पढ़ा कर गर चलाती है
37:36दूसी तरफ आरीन एक अमीर और जदीद सोच कर रखने वाला नवजवान है
37:40जो बिरूनी मिल्स से पाइन आर्ट्स में डिगरी लेकर वापस आया है
37:45वो पाकिस्तान में एक नई आर्ट्स में लेक वालता है
37:47और इसी दवरान इसे माहम के बनाए कुछ तस्वीरे खाके नज़राते है
37:52जो एक मुकामी नमाईश में बगएर नाम के रखे गए है
37:55वो इन तस्वीरों से इतना मतासर होता है
37:58कि हर जगह इसके पनकार की तलाश में लग जाता है
38:01बलाखिर किस्मत दुनों को एक दूसे से मिला देती है
38:04जब आरीन माहम को इसके पन के असल केमत बताता है
38:08माहम पहले तो हिरान होती है
38:09लेकिन जलही उसे आरीन के नियत में खुलोज नज़राता है
38:13वो दूने एक साथ आर्ट पर काम करने लगते है
38:16वो इसे दौराँ खामोची से एक खुबसुत महबत जनम लेती है
38:21लिगे कहानी यहाँ खतम नहीं होती
38:23माहम को पता चलता है
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