- 4 days ago
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NewsTranscript
00:00कॉल कॉल बेडा मेरे सुफ ने तु लेडा मेरे दिल दियां कलना सुन जा
00:06तानी, जिस्ट रमेंबर दबाबा लब्स वर्क, मैं बहुत ज़द आप से मिल ले आओगा
00:15अब मैं तुमारी बीवी के चक्कर में उसे तालुक तो नहीं खराब कर सकता ना
00:29अगर सैफ शानी को कोट की बजाएं घर पे में यह तो साधा बेतर होगा
00:33उन दोनों को साथ देखकर मुझे हैसा नगा जैसे मेरी तो अब कोई जरूरत ही नहीं है शानी को
00:38जिसकी एक कोशिश आज मैं सुबा करके देख चुकी हूँ फिरोज भाई वो कुछ भी सुनने को तयार नहीं है
00:53बस यह मामला एक दफ़ा तया हो जाए
00:58मेरा खियाल है आप कैनडा चली जाएए मैं खुद इस स्ट्रेस्ट सिचुएशन से निकर ना जा रहा हूँ
01:05मैं यह मान नहीं सकती कि तुम यह सब कुछ यहां से जाने के लिए कर तुमारा कुछ और प्लान है ना
01:10शानी उसके बख़र हम यहां से जले साहिए जानी खुद आपके बास आएगा बस उंगिया ट्रेड़ी करने पड़ेंगे अमें क्योंकि यह सीधी जरा कोई काम होता नहीं
01:20मुझे अंदाजा है बटा, लेकिन किरन यह तो हकीकत है बटा, हम इससे जुदाब तो नहीं सकते
01:28लेकिन एक बात की मुझे खुशी है शानी तो तुमारे पास रहेका
01:33मामु काहँ? पता नहीं, क्या रहता है मैं किसी दोस्से मिलने जा रहा हूं
01:39लेकिन इतनी जानकारी, इतनी मालूमात, इसकी ज़रूरती क्यों है?
01:45हाँ, ये एक अच्छा सवाल है और इस सवाल की खोज के लिए एक और मुलाकात्तरकार है, कब मिल सकते हैं?
01:55ठीक है, लेकिन इस बार वेन्यो मैं डिसाइड करूगे.
02:00दामे.
02:00क्यासी फिबर?
02:12मैं चाहता हूँ कि शानी को कैनड़ा ले जाओ.
02:19उसको गवाद कर मैं चाहरा हूँ.
02:30अब है कर माँ पोजल मैं चाहरा है बाहिं करूश काहरा हूँ है.
02:49बदमानो कहले समय भाल्पane बज़ा हु eli पड़ान सेफना हुआ है
02:56पहला कि अपने कर्ना में भाला हुआ है
03:02हुआ हुआ है
03:03हुआ हुआ है
03:05हुआ है
03:07खाय हुआ है
03:12ुआ है
03:14बपने है
03:16बात का प्रहाट हो रही है
03:23एक काम करो
03:26तो हमारी गाड़ी लो और चली जाओ
03:28मैं और ताबिस यहां देख लेंगे
03:46हलो बीवर्ज ड्रामसी लिका गाज में आप देखेंगे
03:58यह कहानी एक चोटी से गाओ की है
04:00जहां जिन्देगी के सादा और रवायती
04:02लोग रवायती काम करते है
04:05मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ़ता लिल्की है
04:08जो शेर में तालिम हासिली करने के बाद अपनी गाओ वापस आती है
04:12जारा के खुबस बहुत बड़े होते है
04:13वो अपनी गाओ में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
04:17ताके वो भी आगे बल सके
04:19लेकिन गाओ के रस्म और रिवाज और रिवायात के इस रास्ते में रुकावट बन जाती है
04:24और दूसरे तर अहसन गाओ का एक बहादूर और इमानदार नुजवान है
04:28जो जारा के मदद करना चाहता है
04:30लेकिन इसके वालिद हाजी साब जरा जारा के सोच के सख्त खिलाब थे
04:34हाजी साब गाओ के बड़े जमीदार है
04:36और गाओ में इनके बाद को हर बहर आखिर समझा जाता है
04:40जारा को अपने जोड़ जहित में क्या मुश्किलात क्या सामना करना पलता है
04:44गाओ के औरते और भुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते है
04:48और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते है
04:52मगर जारा का आज़म मजबूत है
04:53विवर्स कहानी का मौल तबाता है
04:55जब जारा कुमालूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
04:59इसके ख़पके हमायत करते है
05:01दोने मिलकर गाओ के लोगों को खाइल करने के कोशश करते है
05:04गाओ के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
05:07और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुरबानियों के देकर खायल हो जाते है
05:11वीवर्स अख्तिताम में आप देखेंगे के जारा औरासा के महनत रंग लाती है
05:15और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
05:18वो सिर्फ ललक्यो बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
05:21खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
05:27कहानी की इखिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
05:30ड्रामसिल के वाले से अपने राखिजा लाजमी क्यमन करें
05:33साथ में हमारा यूटिव का चेनल सबस्क्राइब का नमात बूली है
05:36तेंक्स पर वाचिंग अपने गाव वापस आती है
05:54जारा के खवाब बहुत बड़े होते है
05:56वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
06:00ताके वो भी आगे बल सके लेकिन गाव के रस्म और रिवाज और रिवायात के इस रास्ते में रुकावट बन जाती है
06:07और दूसरे दर अहसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
06:10जो जारा के मदद करना चाहता है
06:12लेकिन इसके वालिद हाजी साब जरा जारा के सोच के सख्त खिलाब थे
06:17हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
06:19और गाव में इनके बाद को हर बहर आखिर समझा जाता है
06:23जारा को अपने जोड़ जहित में क्या मुश्किलात क्या सामना करना पलता है
06:26गाओ के औरते और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते हैं
06:31और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते हैं
06:34मगर जारा का आज़म मजबूत है
06:36विवर्स कहानी का मौल तबाता है
06:38जब जारा कुमालूम होता है कि हाजी साब के बेटे आहसन भी
06:41इसके खुआप के हमायत करते हैं
06:43दूने मिलकर गाओ के लोगों को कायल करने के कोशश करते हैं
06:46गाओ के बच्चे और नوجوان जारा के साथ कड़े हो जाते है
06:49और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुरबानियों को देकर कायल हो जाते है
06:54वीवर्स अख्तिताम में आप देखेंगे के जारा औरासा के महनत रंग लाती है
06:57और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
07:00वो सिर्फ ललक्यो बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
07:04खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
07:09कहानी की अख्तिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
07:13ड्रामसिल के वाले से अपने राखिजा लाजमी क्यमन करें
07:15साथ में हमारा यूटिव का चेनल सबस्क्राइब का नमात बूली है
07:18तेंक्स पर वाचिंग अपने गाव वापस आती है
07:36जारा के खवाब बहुत बड़े होते है
07:38वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
07:42ताके वो भी आगे बड़ सके लेकिन गाव के रस्म और रिवाज और रिवायात के इस रास्ते में रुकावट बन जाते है
07:49और दूसरे दर अहसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
07:53जो जारा के मदद करना चाहता है
07:55लिकिन उसके लालिद � हाजई साब जारा के सोच के सक्ऺ खिलाव थै
07:59हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
08:01और गायमिन के बद को हर बहर पाकिर समज़ा जाता है
08:05जारा को अपने जोद्जोजचे में कए मुश्किलात क्या समना करना पलता है
08:09गाओ के औरते और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते हैं
08:13और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते हैं
08:17मगर जारा का आजम मजबूत है
08:18विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
08:20जब जारा कुमालूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
08:23इसके ख्वाब के हिमायत करते हैं
08:26दुनें मिलकर गाओ के लोगों को खायल करने के कोशश करते हैं
08:29गाओ के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते हैं
08:32और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को देकर खायल हो जाते हैं
08:36एक्तिताम में आप देखेंगे के जारा औरासा के महनत रंग लाती है और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है वो सिर्फ ललक्यों बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
08:46खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते हैं
08:52कहानी की एक्तिताम कुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
08:55ड्रामसिल के वाले से अपने राखिजा लाजमी क्यम्मन करें
08:57साथ में हमारा यूटिव का चेनल सबस्क्राइब का नमात बूली है
09:01तेंक्स पर वाचिंग अपने गाव वापस आती है
09:19जारा के खवाब बहुत बड़े होते हैं
09:21वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
09:24ताके वो भी आगे बर सके लेकिन गाव के रस्म और रिवाज और रिवायात के इस रास्ते में रुकावट बन जाती है
09:32और दूसरे दर अहसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
09:35जो जारा के मदद करना चाहता है
09:37लेकिन सके वालदहाजी हाजी ताव स्वाजी खाव के सचके सखत खिलाब थैं
09:41हाजी ताव네 के बड़े जमिदार है
09:43और गावमिन जाओं ने के बाद को हर पहर आकिर समझा जाता है
09:47जारा को अपने जोद्ज़ि�हत में क्या मशलात क्या सामना करना पलता है
09:51गाओ के औरते और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते हैं
09:56और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते हैं
09:59मगर जारा का आज़म मजबूत है
10:01विवर्स कहानी का मौल तबाता है
10:03जब जारा कुमालूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
10:06इसके खुआ आपके हिमायत करते हैं
10:08दुनें मिलकर गाओ के लोगों को खायल करने के कोशश करते हैं
10:11गाओ के बच्चे और नौजवान जारा के साथ कड़े हो जाते हैं
10:15और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानी के देकर कायल हो जाते हैं
10:19अख्तिताम में आप देखेंगे के जारा औरासा के महनत रंग लाती है और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है वो सिर्फ ललक्यो बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है खाजी साहब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बैटी की तरह कबूल कर लेते हैं
10:49जहाँ जिन्देगी के सादा और रवायती लोग रवायती काम करते हैं मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालीम अपता ललकी है जो शेहर में तालीम हासिल करने के बाद अपने गाव वापस आती है जारा के खौब बहुत बड़े होते हैं वो अपने गाव में ललक
11:19चाहता है लेकिन के इसके वालेदе हाजी हाजी साथा के सच усп सक्या घार रहे
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12:11खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
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12:30ये कहानी एक चोटी से गाव की है
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12:42अपने गाव वापस आती है
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12:45वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
12:49ताके वो भी आगे बल सके
12:51लेकिन गाव के रसम और रिवाज और रिवायात के
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12:56और दूसरे दर आसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
13:00जो जारा के मदद करना चाहता है
13:02लेकिन इसके वालिद हाजी साब जारा के सोच के सख्त खिलाब थे
13:06हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
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13:24मगर जारा का आखम मजबूत है
13:25विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
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13:29कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
13:31इसके ख्वाब के हिमायत करते है
13:33दुने मिलकर गाव के लोगों को खायल करने के कोशश करते है
13:36गाव के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
13:39और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को देकर काहल हो जाते है
13:43विवर्ज इख्तिताम में आप देखेंगे
13:45के जारा और आसन के महनत रंग लाती है
13:47और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
13:50वो सिर्फ ललक्यों बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
13:53खाजी साब अपने रवी पर शमिन्दा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
13:59कहानी की खिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
14:02ड्रामसिरल के होले से अपने रवाए की ताला लाजमी क्मेंट करें
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14:12ये कहानी एक चोटी से गाव की है
14:14जहाँ जिन्देगी के साथा और रवायती
14:16लोग रवायती काम करते है
14:19मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ़ता ललकी है
14:22जो शेहर में तालिम हासली करने के बाद
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14:33लेकिन गाव के रस्म और रिवाज और रिवायात के
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14:39और दूसरे तर अहसन गाव का एक बहादर
14:41और इमानदार नौजवान है
14:42जो जहारा के मदद करना चाहता है
14:44लेकिन इसके वालिद हाजी साब जरा
14:46जहारा के सोच के सख्त खिलाब थे
14:49हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
14:51और गाव में इनके बाद को हर बहर आखिर समझा जाता है
14:55जहारा को अपने जुद जहित में कई मुश्किलात का सामना करना पलता है
14:58गाव के और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते है
15:03और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते है
15:06मगर जारा का आखम मजबूत है
15:08विवर्स कहानी का मौल तबाता है
15:10जब जारा को मलूम होता है
15:11कि हाजी साब के बेटे आहसन भी इसके ख्वाब के हमायत करते है
15:15दुने मिलकर गाव के लोगों को खायल करने के कोशश करते है
15:18गाव के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
15:22और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को दे कर कायल हो जाते है
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15:29और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
15:32वो सिर्फ ललक्यों बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
15:36खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
15:41कहानी की खिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
15:45ड्रामसील के होले से अपने राखिजा लाजमी क्मेंट करें
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15:56जहाँ जिन्देगी के साथा और रवायती
15:59लोग रवायती काम करते है
16:02मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ़ता ललकी है
16:05जो शेहर में तालिम हासली करने के बाद
16:07अपने गाव वापस आती है
16:08जारा के खुबस बहुत बड़े होते है
16:10वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
16:14ताके वो भी आगे बर सके
16:16लेकिन गाव के रस्म और रिवाज और रिवायात के
16:19इस रास्ते में रुकावट बन जाते है
16:21और दूसरे दर आसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
16:25जो जारा के मदद करना चाहता है
16:27लेकिन इसके वालिद हाजी साब जारा के सोच के सख्त खिलाब थे
16:31हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
16:33और गाव में इनके बाद को हर बहर आखिर समझा जाता है
16:37जारा को अपने जुद जहित में कई मुश्किलात का सामना करना पलता है
16:41गाव के और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते है
16:45और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते है
16:49मगर जारा का आखम मजबूत है
16:50विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
16:52जब जारा को मलूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी इसके खवाब के हिमायत करते है
16:57दुनें मिलकर गाव के लोगों को खायल करने के कोशश करते है
17:01गाव के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
17:04और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को दे कर कायल हो जाते है
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17:12और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
17:15वो सिर्फ ललक्यों बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
17:18खाजी साब अपने रवी पर शमिन्दा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
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17:47जो शेहर में तालिम हासली करने के बाद
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17:53वो अपने गाव में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
17:56ताके वो भी आगे बर सके
17:58लेकिन गाव के रसम और रवाज और रिवायात के
18:01इस रास्ते में रुकावट बन जाते है
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18:31मगर जारा का आजम मजबूत है
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18:36कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
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18:54और गाओं में एक बड़ा स्कूल कोलता है
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19:44इस रास्ते में रुकावट बन जाते है
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19:54जहारा के सोच के सख्ट खिलाब थे
19:56हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है
19:58और गाव में इनके बाद को हर बहर आखिर समझा जाता है
20:02जहारा को अपने जुद जहित में कई मुश्किलात का सामना करना पलता है
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21:26इस रास्ते में रुकावट बन जाते है
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23:35और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते है
23:38मगर जारा का आखम मजबूत है
23:40विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
23:42जब जारा को मालूम होता है
23:43कि हाजी साब के बेटे अहसन भी इसके खुआप के हिमायत करते है
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23:50गाव के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
23:54और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को देकर कायल हो जाते है
23:58विवर्ज इखतिताम में आप देखेंगे के जारा और असन के महनत रंग लाती है
24:01और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
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24:08खाजी साब अपने रवी पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
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32:07और मर्द इसके खलाब कड़े हो जाते हैं
32:10मगर जारा का आज़म मजबूत है
32:12विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
32:14जब जारा कुम अलूम होता है कि हाजी साब के बेटे आहसन भी
32:17इसके खुआप के हिमायत करते हैं
32:19दुनें मिलकर गाओ के लोगों को खायल करने के कोशश करते हैं
32:23गाओ के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते हैं
32:26और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बानियों को देकर खायल हो जाते हैं
32:30एक्तिताम में आप देखेंगे कि जारा औरासा के महनत रंग लाती है और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है वो सिर्फ ललक्यो बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है खाजी साहब अपने रवीप पर शमिंदा होकर जारा को अपनी बैटी की तरह कबूल कर लेते है
33:00लोटी से गाव की है जहाँ जिन्देगी के सादा और रवायती लोग रवायती काम करते हैं मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालीमी अफ़ता ललकी है जो शेहर में तालीम हासली करने के बाद अपने गाव वापस आती है जारा के खौब बहुत बड़े होते हैं �
33:30शेहर म्मदद करना चाहता है लेकिन इसके वालेद हाजी साब जरा जारा के सौचके सख्ट खिलाप थे हाजी साब के बड़े जमीदार है और गाव में इनके बाद को हर बहर आ
33:36बड़े जमीदार है और गामिन के बाद को हर पहर आखिर समझा जाता है जारा को अपने जुद्जिएध में कि मुश्किलात क्या सामना करना पलता है गाउ के और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते हैं और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते हैं मगर जारा का आ�
34:06जारा के साथ कड़े हो जाते हैं और एक दिन हाजी साब भी जारा के क�ुरबानियों को देकर काल हो जाते हैं यूर्ज इवर्ज इख्तिताम में आप देखेंगे के जारा और आसन मेहनत रंग लाती है और गाउ में एक बड़ा स्कूल कूलता है और सिर्फ ललक्यू बलकि �
34:36बूली है तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज हलू वीवर्ज ड्रामसी लिकागाज में आप देखेंगे यह कहानी एक चोटी से गाउ की है जहाँ जिन्देगी के सादा और रवायती लोग रवायती काम करते हैं मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ्ता लि
35:06सास्ते में रुकावट बन जाते हैं और दूसरे तर अहसन गाव का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है जो जारा के मदद करना चाहता है लेकिन इसके वालिद हाजी साब जरा जारा के सोच के सख्त खिलाब थे हाजी साब गाव के बड़े जमीदार है और गाव में
35:36बूत है जब जारा को मलूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी इसके ख्वाब के हमायत करते हैं दूने मिलकर गाव के लोगों को खायल करने के कोशश करते हैं गाव के बच्चे और नोजवान जारा के साथ कड़े हो जाते हैं और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर
36:06मिन्दा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते हैं
36:10कहानी की इखिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
36:13ड्रामसिरिल के वाले से अपने राखिजा लाजमी क्मेंट करें
36:16साथ में हमारा यूटिव का चेनल सबस्क्राइब का नमात बूली है
36:19तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
36:21हलो वीवर्बर्ज ड्रामसिरिल का गाज में आप देखेंगे
36:24ये कहानी एक चोटी से गाउ की है
36:25जहाँ जिन्देगी के साथा और रुवायती
36:28लोग रुवायती काम करते है
36:30मरकजी केदार जहारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ़ता ललकी है
36:33जो शेहर में तालिम हासिली करने के बाद अपने गाउ वापस आती है
36:37जहारा के खुआप बहुत बड़े होते है
36:39वो अपने गाउ में ललकों के स्कूल को उलना चाहते है
36:43ताके वो भी आगे बर सके
36:45लेकिन गाउ के रस्म और रिवाज और रिवायात के इस रास्ते में रुकावट बन जाती है
36:50और दूसरे दर अहसन गाउ का एक बहादूर और इमानदार नौजवान है
36:54जो जहारा के मदद करना चाहता है
36:56लेकिन इसके वालिद हाजी साब जरा जारा के सोच के सख्त खिलाब थे
37:00हाजी साब गाउ के बड़े जमीदार है
37:02और गाउम इनके बाद को हर पहर आखिर समझा जाता है
37:06जारा को अपने जुद जहित में कई मुश्किलात क्या सामना करना पलता है
37:10गाउ के औरते और बुजर्ब उसे रिवायात के खिलाब समझते है
37:14और मर्द इसके खिलाब कड़े हो जाते है
37:17मगर जारा का आज़म मजबूत है
37:19विवर्ज कहानी का मौल तबाता है
37:21जब जारा को मालूम होता है कि हाजी साब के बेटे अहसन भी
37:24इसके खिलाब के ह�HMAIET करते है
37:26दूनियूं मिलकर गाउ के लोगों को काहिल करने के कोश्श करते है
37:29गाउ के बच्चे और नوجवान जारा के साथ कड़े हो जाते है
37:33और एक दिन हाजी साब भी जारा के कुर्बाण्यों के दे कर काहिल हो जाते है
37:37वीवर्स इख्तिताम में आप देखेंगे के जारा औरासा के महनत रंग लाती है
37:41और गाव में एक बड़ा स्कूल कोलता है
37:43वो सिर्फ ललक्यो बलकि गाव के हर बच्चे को तालीम देता है
37:47खाजी साब अपने रवीप रशमिन्दा होकर जारा को अपनी बेटी की तरह कबूल कर लेते है
37:52कहानी की इख्तिताम गुर्बानी तरकिक के पिगाम के साथ होता है
37:56ड्रामसिल के वाले से अपने राखिजा लाजमी क्यमन करें
37:58साथ में हमारा यूटिव का चेनल सबस्क्राइब का नमात बूलिए
38:01तेंक्स पर वाशिंग अल्ला हाफिज
38:03हलो वीवर्ज ड्रामसिल का खाज में आप देखेंगे
38:06यह कहानी एक चोटी से गाव की है
38:08जहाँ जिन्देगी के साथा और रवायती
38:10लोग रवायती काम करते हैं
38:13मरकजी के दार जारा एक खुबसूरत और तालिमी अफ़ता लिल की है
38:16जो शेहर में तालिम हासिल करने के बाद
38:18अपनी गाव वापना
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