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  • 4 days ago
#dastak​​ #aliraza​​ #SohaiAli​​ #MominaIqbal​​ #FerozKadri​​ #shabbirjan​​

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00:00कॉल कॉल बैडा मेरे सुफ ने तु लेडा मेरे दिल दिया गला सुन जा
00:06तुम्हें बता चुखा हूँ के डाइड हमारी साइड पर हैं तुम्हारी मदद करना चाते हैं
00:12I'm sorry Moiz but I just cannot believe के वो उसके सब ताम तर चुके हैं
00:19लेकुन उसे परस्नली नहीं जानते ऐसा कैसी हो सपने
00:21किरन देखो गरती हमारी भी तो है न जब डाइड ने हमें गेस्स दिखाए थी तो हमें बहुर से देखनी चाहिए थी
00:30मेरी और किरन की डिवोस काफी कॉम्लिकेड़ थी
00:33किरन मेरे साथ रहना नहीं चाहती थी
00:35फालतू की चिक चिक करती थी कुछ समझती नहीं थी मुझे
00:38जहर लखती हो तो मुझे तंग आ गया था उसे और मजबूरन मुझे चोड़ना पड़ा
00:42प्रेहत प्यार करने वाला शोहर शादी के पाँ साल पाँ छोड़ के चला गया
00:47जोओन वाला शोड़ा थोग दूड़ कर तो मुझे तो जानती होल झाझ तो जोग तो मुझे तो जाम करती होगा है जाता है यह पर्स्यों को अच्ण है
01:05अच्छा, आपको मारते है आपका जो किरन के बारे में अंताज़ा था वो किसी हाथ तक ठेक ही था
01:23सच सच बता किसका फोन है आपके पास
01:26आप प्लीज किछी को बटाईए गामत कि मैं शानी से बात पिरता हूँ
01:31अब तुम भी ताने दोगे मुझे
01:34ऐसा करो छोड़ दो
01:43छोड़ दो मुझे और कर लो शादी
01:48वलाद भी हो जाएगी
01:51आपको अंदाजा है कि उस दिन वहाँ आकर उसने मेरे बच्चे से उल्टी सीधी बातें की है
01:57उसे रिष्टों में उल्जा रहा है वो
02:00उसके छोटे से जहन में पता नहीं क्या कुछ भर रहा है
02:03आपको ये बात समझ क्यों नहीं आती
02:04मेरा नहीं
02:12तो उस छोटे से बच्चे का ही अहसास कर लेते हैं
02:15आप ये मुझे समझ ही नहीं आरा है और साहब को कैसे कॉंटाट करूं
02:18अव्च खूए नहीं बच्चे के लिए तक लाइक का प्रेट मिलगे नहीं
02:38और यह देखो यह बाबा और शानी के इतनी सारी पिक्चर्स रिमोर्ट कंट्रोल कार आको पसंदे रा रिमोर्ट कंट्रोल कार्स तेखा मुझे पहली पता था
03:08यह पुजल्स, क्रेयॉन्स, यह एक और जीप यह आपका बैट, यह स्टफ टॉइस, पैंड़ा पसंदे आपको, मुझे पता था, यह देखो, सुपर मैं, स्पाइडर मैं, बैट मैं के पोस्टर्स, रहा, शानी ती सारी चीजे एएएएएएएएएएएएएएएएएएए
03:38यह एएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएएए
04:09बहुत खब रहा तो रही है
04:12एक काम करो, तो हमारी गाड़ी लो और चली जाओ
04:15मैं और ताबिश यहां देख लेंगे
04:38हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
04:52जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
04:55वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
04:57ने किसी से मिलती है
04:59ने ही किसी के वो अपनी जिन्दगी में आने देती है
05:02महले बाले उसे पागल समझते है
05:05कभी कभार उसे उसकी कड़की से पियानो के मदम दन सिनाई देती है
05:10और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए कुछ भूलती है
05:14मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
05:17दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
05:21जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
05:24उसके मंगनी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचकी थी
05:29लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
05:33एक लायव कैंसर्ट के दवरान एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
05:39एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
05:43जब उसे ये खबर मिली वो प्यानों पर हाथ रखने से डरने लगी
05:49और बोलना चोल दिया
05:51हसना जीना सब बोलगी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
05:56मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है जब सुहराब है
06:0012 साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
06:06सुराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
06:10वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
06:17पूल पुराना प्यानो का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
06:25एक दिन वो दरोजा कूलती है एक महीने बाद उससरा आपको प्यानों पर बिटाती है और बरस बाद खुद भी बैटती है
06:33उसके हाथ लरसते हैं आंगे नम है मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक ओवास देती है और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
06:44वीवर्ज ये कहानी उस खामोशी की है जो सदमे से पिदा होती है
06:50और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
06:54हर इनसान जो नदर से टूट होता है
06:56उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सचा जजबा कापी होता है
07:00इस ड्रामसल के हवाले से अपने राई की जार लाजमी कमेंट करें
07:04साथ में हमारा येटिव का चीनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
07:07थैंक्स पर वाचिंग अल्हाप्रेस
07:09हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
07:13जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
07:16वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
07:19ने किसी से मिलती है
07:20नहीं किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
07:23महले वाले उसे पागल समझते है
07:26कभी कबार उसे उसकी कड़की से
07:29पियानो के मदम दन सिनाई देती है
07:32और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए कुछ भूलती है खुछ से
07:36मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
07:39दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
07:43जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
07:45उसके मंगी भी एक नुजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचिकी थी
07:50लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
07:54एक लायव कैंसर्ट के दवरान एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एक्सिडन में मारे गए
08:01एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी जब उसे ये खबर मिली वो प्यानों पर हाथ तर रखने से डरने लगी
08:10और बोलना चोड़ दिया
08:12हसना जीना सब बुल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
08:17मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है जब सुहराब एक ट्विल साला यतीम ललका
08:23इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
08:27सुहराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
08:31वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
08:38पूल पुराना आफियानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया रबता रबता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
08:47एक दिन वो दर्वाजा कूलती है एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है और बरस बाद खुद भी बैटती है
08:55उसके हाथ लरसते हैं आंके नम हैं मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
09:02और वही लम्हा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
09:06विवर्जी कहानी उस खामोशी की है जो स्दमे से पिदा होती है
09:11और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
09:15हर इनसान जो नदर से टूट होता है
09:18उसे जोडने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
09:22इस रामसल के हवाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
09:25साथ में हमारा एटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
09:29तैंक्स पर वाचिंग, अला हाफ़ेज
09:30हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
09:35जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
09:38वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
09:40ने किसी से मिलती है
09:42ने ही किसी को अपने जिन्दगी में आने देती है
09:45महले वाले उसे पागल समझते है
09:48कभी कभार उसे उसकी कड़की से
09:50पियानो के मदम दन सिनाई देती है
09:53और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
09:56कुछ भूलती है खुछ से
09:58मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
10:00दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
10:04जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
10:07उसके मंगी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
10:10अलियान से हुच्च की थी
10:12लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
10:16एक लायव कैंसर्ट के दवरान
10:18एमन के वाला बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
10:22एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
10:26जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
10:32और बोलना चोल दिया
10:34हसना जीना सब बुल गी और बस एक अमरे तक महदूद होगी
10:39मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
10:41जब सुहराब एक ट्विल साला यतीम ललका
10:45इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
10:49सुहराब बहुत बातूनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
10:53वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
11:00पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
11:04रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
11:08एक दिन वो दरोजा कूलती है
11:10एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
11:14और बड़स बाद खुद भी बेटती है
11:16उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
11:19मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
11:23और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
11:27विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
11:30जो स्दमेस से पिदा होती है
11:33और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
11:37हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
11:39उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
11:43जो आवास जल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करे
11:47साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल सब्सक्राइब कर मत बूलिए
11:50तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
11:52हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आवरत है
11:56जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
11:59वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
12:02ने किसी से मिलती है
12:03नहीं किसी को अपने जिन्दगी में आने देती है
12:06महले वाले उसे पागल समझते है
12:09कभी कभार उसे उसकी कड़की से
12:12पियानो के मदम दन सिनाई देती है
12:15और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
12:18कुछ भूलती है खुछ से
12:19मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
12:22दस साल पहले वो एक बासलाहियत
12:24पियानो आर्टेस्ट थी
12:26जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
12:28उसके मंगी भी एक नौजवान
12:30शरीप और फंकार लड़के
12:32अलियान से हुचिकी थी
12:33लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
12:36जपकते ही उचल गई
12:37एक लायव कैंसर्ट के दवराण
12:39एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
12:42एक कार एक्सिडन में मारे गए
12:44एमन इस वक्त स्टेज पर
12:46पाम कर रही थी
12:47जब उसे ये खबर मिली
12:49वो प्यानो पर हाथ रखने से
12:52डरने लगी
12:53और बोलना चोल दिया
12:55हसना जीना सब बुल गी
12:58और बस एक कमरे तक महदूद होगी
13:00मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
13:03जब सुहराब
13:0412 साला यतीम ललका
13:06इसके महले में किताबों की दुकान
13:08पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
13:10सुहराब बहुत बातुनी
13:13समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
13:14वो एमन के खामोशी को
13:16चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे पर
13:19कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
13:21पूल पुराना फियानो का
13:23कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
13:26रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
13:28कुछ तूटने लगता है
13:30एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
13:31एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर
13:34बटाती है और बड़ सोबाद
13:36खुद भी बेटती है
13:38उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
13:40मगर वो पहली बार
13:42देमी दन में सनाटिक आवास देती है
13:45और वही लमहा उसके दुबारा
13:47जिन्दगी के शुरुआत होता है
13:49विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
13:52जो स्दमे से पिदा होती है
13:54और उस आवास की जो महबत
13:57से वापस आती है
13:58हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
14:01उससे जोनने के लिए
14:03सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
14:05इस रामसल के हावाले से
14:07अपने राए की जार लाजमी कमें करें
14:08साथ में हमारा येटिव का चीनल
14:10सब्सक्राइब करना मत बूलिए
14:12तेंस पर वाचिंग
14:13अला हाप्रेस
14:31कभी कभार इसे उसकी कड़की से
14:33पियानो के मदम
14:34दन सिनाई देती है
14:36और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
14:39कुछ भूलती है खुछ से
14:41मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
14:43दस साल पहले वो एक बासलाहियत
14:45पियानो आर्टेस्ट थी
14:47जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
14:50उसकी मंगी भी एक नौजवान
14:52शरीप और फंकार लड़के
14:53अलियान से हुचिकी थी
14:55लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
14:57जपकते ही उचल गई
14:59एक लायव कैंसर्ट के दवरान
15:01एमन के वाद़ा भाई और मंगेतर
15:03अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
15:05एमन इस वक्त स्टेच पर
15:07पाम कर रही थी
15:09जब उसे ये खबर मिली
15:10वो प्यानो पर हाथ तर रखने से
15:13डरने लगी
15:15और बोलना चोड़ दिया
15:17हसना जीना सब बोल गी
15:19और बस एक कमरे तक महदूद हो गी
15:22मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
15:24जब सुहराब
15:2512 साल यतीम ललका
15:28इसके महले में किताबों की दुकान
15:30पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
15:32सुहराब बहुत बातुनी
15:34समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
15:36वो एमन के खामोशी को चेरन समझके
15:39रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
15:43पूल पुराना आफ यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
15:47रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
15:51एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
15:53एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
15:57और बड़ सुबाद खुद भी बैटती है
15:59उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
16:02मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
16:06और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
16:10विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
16:13जो स्दमे से पिदा होती है
16:16और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
16:20हर इनसान जो नदर से टूट होता है
16:22उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
16:26इस जो मसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमें करें
16:30साथ में हमारा येटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
16:33तेंक्स पर वाचिंग अला हाप्रेज
16:35हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
16:39जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
16:42वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
16:45ने किसी से मिलती है
16:46नहीं किसी के वो अपनी जिन्दगी में आने देती है
16:49महले वाले उसे पागल समझते है
16:52कभी कभार उसे उसकी कड़की से
16:55पियानो के मदम दन सिनाई देती है
16:58और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
17:01कुछ भूलती है खुछ से
17:02मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
17:05दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
17:09जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
17:11उसकी मंगी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
17:15अलियान से हुचिकी थी
17:16लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
17:20एक लायव कैंसर्ट के दवरान
17:22एमन के वाद़ा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
17:27एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
17:30जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
17:36और बोलना चोल दिया
17:38हसना जीना सब बुलगी और बस एक अमरे तक महदूद होगी
17:43मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
17:46जब सुहराब एक ट्विल साला यतीम ललका
17:49इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
17:53सुहराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्ददील बच्चा है
17:57वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
18:04पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
18:09रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
18:13एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
18:14एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
18:18और बड़ सो बाद खुद भी बेटती है
18:21उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
18:23मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
18:28और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
18:32विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
18:35जो सदमे से पिदा होती है
18:37और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
18:41हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
18:44उससे जोडने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
18:48जो आवासल के हवाले से अपने राएगी सार लाजमी कमें करें
18:51साथ में हमारा गैटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
18:55तेंक्स पर वाचिंग, अलाहाफ़ेज
18:56हलो वीवर्ज, एमन एक 18 साला नुजवान अवरत है
19:01जो कराची के पुराने अलाके में तरहा रहती है
19:04वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
19:06ने किसी से मिलती है
19:08नही किसी के अपने जिन्दगी में आने देती है
19:11महले वाले उसे पागल समझते है
19:14कभी कबार उसे उसकी कड़की से
19:16पियानो के मदम दन सिनाई देती है
19:19और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
19:22कुछ भूलती है खुछ से
19:24मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
19:26दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
19:28पियानो आर्टेस्ट थी
19:30जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
19:33उसके मंगी भी एक नौजवान
19:35शरीप और फंकार लड़के
19:36अलियान से हुची की थी
19:38लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
19:40जपकते ही उजल गई
19:42एक लायव कैंसर्ट के दवराण
19:44एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
19:46एक कार एकसिडन में मारे गए
19:48एमन उस वक्त स्टेज पर
19:50पाम कर रही थी
19:52जब उसे ये खबर मिली
19:53वो प्यानो पर हाथ तर रखने से
19:56डरने लगी
19:58और बोलना चोल दिया
20:00हसना जीना सब बुल गी
20:02और बस एक कमरे तक महदूद होगी
20:05मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
20:07जब सुहराब
20:08एक ट्विल साला यतीम ललका
20:11इसके महले में किताबों की दुकान
20:13पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
20:15सुहराब बहुत बातुनी
20:17समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
20:19वो एमन के खामोशी को
20:21चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे
20:23पर कुई न कोई चूटी सी चीज
20:25चोड़ता है पूल पुराना
20:27प्यानों का कैप चुकलेट
20:29या बच्पन की कहानिया
20:30रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
20:32कुछ तूटने लगता है
20:34एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
20:36एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर
20:38बटाती है और बड़सो बाद
20:41खुद भी बेटती है
20:42उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
20:45मगर वो पहली बार
20:46देमी दन में सनाटिक
20:48आवास देती है
20:49और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के
20:52शुरुआत होता है
20:53विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
20:56जो स्दमे से पिदा होती है
20:59और उस आवास की
21:00जो महबत से वापस आती है
21:03हर इनसान जो नदर से
21:04तूट होता है
21:05उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा का भी होता है
21:09जो जो मसल के हवाले से
21:11अपने राए की जार लाजमी कमें करें
21:13साथ में हमारा गैटिव का चीनल
21:15सब्सक्राइब करना मत बूलिए
21:16थैंस पर वाचिंग
21:17अला हाफिस
21:18हलो वीवर्ज
21:20एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
21:22जो कराजी के पुराणे अलाके में तरहा रहती है
21:25वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
21:28ने किसी से मिलती है
21:29नहीं किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
21:32महले बाले उसे पागल समझते है
21:35कभी कबार इसे उसकी कड़की से
21:38पियानो के मदम दन सिनाई देती है
21:41और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
21:44कुछ भूलती है खुछ से
21:45मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
21:48दस साल पहले वो एक बासलाहियत
21:50पियानो आर्टेस्ट थी
21:52जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
21:54उसके मंगी भी एक नोजवान
21:56शरीप और फंकार लड़के
21:58अलियान से हुचकी थी
21:59लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
22:02जपकते ही उचल गई
22:03एक लायव कैंसर्ट के दवरान
22:05एमन के बादा बाई और मंगेतर
22:07अलियान एक कार एक्सिडन में मारे गए
22:10एमन इस वक्त स्टेच पर
22:12पाम कर रही थी
22:13जब उसे ये खबर मिली
22:15वो प्यानो पर हाथ रखने से
22:18डरने लगी
22:19और बोलना चोल दिया
22:21हसना जीना सब बोल गी
22:24और बस एक कमरे तक महदूद होगी
22:26मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
22:29जब सुहराब
22:30एक 12 साल यतीम ललका
22:32इसके महले में किताबों की दुकान
22:34पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
22:36सुहराब बहुत बातुनी
22:39समझदार और जिनदील बच्चा है
22:40वो एमन के खामोशी को चेरन समझके
22:43रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
22:47पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
22:52रबता रबता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
22:56एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
22:57एक महीने बाद उसरा आपको प्यानों पर बटाती है
23:01और बड़ सो बाद खुद भी बैटती है
23:04उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
23:06मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
23:11और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
23:15वी वर्जी कहानी उस खामोशी की है
23:18जो सदमे से पिदा होती है
23:20और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
23:24हर इनसान जो नदर से टूट होता है
23:27उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
23:31जो रॉमसल के हवाले से अपने राए की जार लाजमी कमेंट करें
23:34साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिये
23:38थैंस पर वाचिंग अला हाफ़ेज
23:39हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान आवरत है
23:44जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
23:47वो न सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
23:49न किसी से मिलती है
23:51नहीं किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
23:54महले बाले उसे पागल समझते है
23:57कभी कभार इसे उसकी कड़की से
23:59पियानो के मदम दन सिनाई देती है
24:02और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
24:05कुछ भूलती है खुछ से
24:07मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
24:09दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
24:13जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
24:16उसके मंगनी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
24:19अलियान से हुचकी थी
24:21लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
24:25एक लायव कैंसर्ट के दवरान
24:27एमन के वालदा भाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
24:31एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
24:35जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
24:41और बोलना चोड़ दिया
24:43हसना जीना सब बोलगी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
24:48मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
24:5112 साल यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
24:58सुराब बहुत बातुनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
25:02वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
25:09पूल पुराना प्यानो का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
25:13रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
25:17एक दिन वो दरोजा कूलती है
25:19एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
25:23और बड़स बाद खुद भी बेटती है
25:25उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
25:28मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
25:32और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
25:36विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
25:39जो सदमे से पिदा होती है
25:42और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
25:46हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
25:48उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
25:52इस ड्रामसल के हावाले से अपने राई की जार लाजमी कमेंड करे
25:56साथ में हमारा येटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
25:59तेंक्स पर वाचिंग अल्हाप्रेस
26:01हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
26:05जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
26:08वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
26:11ने किसी से मिलती है
26:12ने ही किसी के वो अपने जिन्दगी में आने देती है
26:15महले वाले उसे पागल समझते है
26:18कभी कभार उसे उसकी कड़की से
26:21पियानो के मदम दन सिनाई देती है
26:24और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
26:27कुछ भूलती है खुछ से
26:28मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
26:31दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
26:33पियानो आर्टेस्ट थी
26:35जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
26:37उसके मंगी भी एक नौजवान
26:39शरीप और फंकार लड़के
26:41अलियान से हुचकी थी
26:42लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
26:45जपकते ही उचल गई
26:46एक लायव कैंसर्ट के दवराण
26:48एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
26:51एक कार एक्सिडन में मारे गए
26:53एमन इस वक्त स्टेच पर
26:55पाम कर रही थी
26:56जब उसे ये खबर मिली
26:58वो प्यानो पर हाथ रखने से
27:01डरने लगी
27:02और बोलना चोल दिया
27:04हसना जीना सब बुलगी
27:07और बस एक कमरे तक महदूद होगी
27:09मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
27:12जब सुहराब
27:13एक ट्विल साल
27:15यतीम ललका इसके महले में
27:16किताबों की दुकान पर काम करते हुए
27:18से टक्रा जाता है
27:19सुहराब बहुत बातुनी
27:22समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
27:23वो एमन के खामोशी को
27:25चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर
27:28कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
27:30पूल पुराना अफियानों का
27:32कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
27:35रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ
27:52सनाटिक आवास देती है
27:54और वही लम्हा उसके दुबारा
27:56जिन्दगी के शुरुआत होता है
27:58विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
28:01जो स्दमे से पिदा होती है
28:03और उस आवास की जो महबत
28:06से वापस आती है
28:07हर इनसान जो निदर से टूट होता है
28:10उसे जोनने के लिए
28:12सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
28:14इस ड्रामसल के हुआले से
28:16अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
28:17साथ में हमारा एटिव का चीनल
28:19सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
28:21थैंक्स पर वाचिंग
28:22अला हाफ़ेज
28:40कभी कभार उसे उसकी कड़की से
28:42पियानो के मदम
28:43दन सिनाई देती है
28:45और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
28:48कुछ भूलती है खुछ से
28:50मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
28:52दस साल पहले वो एक बासलाहियत
28:54पियानो आर्टेस्ट थी
28:56जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
28:59उसके मंगी भी एक नौजवान
29:01शरीप और फंकार लड़के
29:02अलियान से हुचकी थी
29:04लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
29:06जपकते ही उचल गई
29:08एक लायो कैंसर्ट के दवरान
29:10एमन के वालदा भाई और मंगेतर
29:12अलियान एक कार एक्सिडन में मारे गए
29:14एमन इस वक्त स्टेच पर
29:16पाम कर रही थी
29:18जब उसे ये खबर मिली
29:19वो प्यानो पर हाथ रखने से
29:22डरने लगी
29:24और बोलना चोल दिया
29:26हसना जीना सब बोल गी
29:28और बस एक कमरे तक महदूद होगी
29:31मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
29:33जब सुहराब
29:34एक ट्विल साला यतीम ललका
29:37इसके महले में किताबों की दुकान
29:39पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
29:41सुहराब बहुत बातुनी
29:43समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
29:45वो एमन के खामोशी को चेरंस
29:47समझ के रोज इसके दर्वाजे पर
29:49कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
29:52पूल पुराना अफियानों का
29:54कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
29:56रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
30:00एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
30:02एक महीन बाद उसरा आपको प्यानों पर बिटाती है
30:06और बर्स बाद खुद भी बेटती है
30:08उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
30:11मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
30:15और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
30:19विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
30:22जो स्दमे से पिदा होती है
30:25और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
30:29हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
30:31उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
30:35जो आवास जल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
30:39साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल सब्सक्राइब कर मत बूलिए
30:42तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
30:44हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आवरत है
30:48जो कराजी के पुरान अलाके में तरहा रहती है
30:51वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
30:54ने किसी से मिलती है
30:55ने ही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
30:58महले वाले उसे पागल समझते है
31:01कभी कभार उसे उसकी कड़की से
31:04पियानो के मदम दन सिनाई देती है
31:07और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
31:10कुछ भूलती है खुछ से
31:11मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
31:14दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
31:16पियानो आर्टेस्ट थी
31:18जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
31:20उसके मंगरी भी एक नौजवान
31:22शरीप और फंकार लड़के
31:24अलियान से हुचकी थी
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31:31एमन के बादा बाई और मंगेतर अलियान
31:34एक कार एक्सिडन में मारे गए
31:36एमन उस वक्त स्टेज पर
31:38पाम कर रही थी
31:39जब उसे ये खबर मिली
31:41वो प्यानो पर हाथ रखने से
31:44डरने लगी
31:45और बोलना चोल दिया
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31:50और बस एक कमरे तक महदूद होगी
31:52मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
31:55जब सुहराब
31:5612 साल यतीम ललका
31:58इसके महले में किताबों की दुकान
32:00पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
32:02सुहराब बहुत बातुनी
32:05समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
32:06वो एमन के खामोशी को
32:08चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर
32:11कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
32:13पूल पुराना अफियानों का
32:15कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
32:18रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
32:20कुछ तूटने लगता है
32:22एक दिन वो दरोजा कूलती है
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32:30उसके हाथ लरसते हैं
32:31आंके नम हैं
32:33मगर वो पहली बार देमी दन में
32:35सनाटिक आवास देती है
32:37और वही लमहा उसके दुबारा
32:39जिन्दगी के शुरुआत होता है
32:41विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
32:44जो स्दमे से पिदा होती है
32:46और उस आवास की जो
32:48महबत से वापस आती है
32:50हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
32:53उसे जोनने के लिए
32:55सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
32:57इस ड्रामसल के हावाले से
32:59अपने राए की जार लाजमी के मुण करे
33:00साथ में हमारा एटिव का चीनल
33:02सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
33:04तेंक्स पर वाचिंग
33:05अला हाफ़ेज
33:23कभी कभार इसे
33:24उसकी कड़की से
33:25पियानो के मदम
33:26दन सिनाई देती है
33:28और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
33:31कुछ भूलती है खुछ से
33:33मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
33:35दस साल पहले वो एक बासलाहियत
33:37पियानो आर्टेस्ट थी
33:39जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
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33:44शरीप और फंकार लड़के
33:45अलियान से हुचिकी थी
33:47लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
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33:51एक लायव कैंसर्ट के दवरान
33:53एमन के वालदा भाई और मंगेतर
33:55अलियान एक कार एक्सिडन में मारे गए
33:57एमन इस वक्त स्टेच पर
33:59पाम कर रही थी
34:01जब उसे ये खबर मिली
34:02वो प्यानो पर हाथ रखने से
34:05डरने लगी
34:07और बोलना चोड़ दिया
34:09हसना जीना सब बोल गी
34:11और बस एक कमरे तक महदूद हो गी
34:14मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
34:16जब सुहराब
34:1712 साल यतीम ललका
34:20इसके महले में किताबों की दुकान
34:22पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
34:24सुहराब बहुत बातुनी
34:26समझदार और जिन्द दिल्बच्चा है
34:28वो एमन के खामोशी को चेरन समझके
34:31रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
34:35पूल पुराना आफ यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
34:39रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
34:43एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
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35:02विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
35:05जो सदमे से पिदा होती है
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35:25तेंक्स पर वाचिंग अला हाप्रेज
35:27हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
35:31जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
35:34वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
35:37ने किसी से मिलती है
35:38ने ही किसी के वो अपनी जिन्दगी में आने देती है
35:41महले वाले उसे पागल समझते है
35:44कभी कभार उसे उसकी कड़की से
35:47पियानो के मदम दन सिनाई देती है
35:50और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
35:53कुछ भूलती है खुछ से
35:54मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
35:57दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
36:01जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
36:03उसकी मंगी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
36:07अलियान से हुचिकी थी
36:08लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
36:12एक लायव कैंसर्ट के दवरान
36:14एमन के वालदा भाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
36:19एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
36:22जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
36:28और बोलना चोड़ दिया
36:30हसना जीना सब बुलगी और बस एक अमरे तक महदूद होगी
36:35मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
36:39एक 12 साल यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
36:45सुहराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्ददील बच्चा है
36:49वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
36:56पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
37:01रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
37:05एक दिन वो दरोजा कूलती है
37:06एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
37:10और बड़ सुबाद खुद भी बेटती है
37:13उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
37:15मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
37:20और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
37:24विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
37:27जो स्दमे से पिदा होती है
37:29और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
37:33हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
37:36उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
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37:48हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान अवरत है
37:53जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
37:56वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
37:58ने किसी से मिलती है
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38:03महले वाले उसे पागल समझते है
38:06कभी कबार उसे उसकी कड़की से
38:08पियानो के मदम दन सिनाई देती है
38:11और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
38:14कुछ भूलती है खुछ से
38:16मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
38:18दस साल पहले वो एक बासलाहियत
38:20पियानो आर्टेज्ट थी

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