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00:00वाल
00:01कि अजया दो
00:02प्सक्षित
00:04समीजा
00:06सुप्षित
00:08प्सक्षित
00:10सरी जांत
00:12सरी जांत
00:14शीर
00:15समीजा
00:16सरी
00:18मैं जा
00:20जासते हो दूम
00:22तुर
00:24साल
00:26सुप्षित
00:28बेटकुसर्ने के साथ साथ आपकी नफरत आपकी हकारा है दी जारी है बाबा मुझे सुर्फ एक मॉका दे दे यह जब मर गाया है, इनकी माय सिंदा होती है क्या?
00:40आईसाब कि तरहा मिलो के मादिक तो नहीं है लेकिन समीन हमारी विस्वोना ही उगलती है आपजी जानते हो ना हम कुछ नहीं कर सकते है सिले शेर बने फेरे हो तो जा के बुला
00:49मुझे लुक आफ्टर करना है सब कुछ
00:51पीसले में को
00:53आपके बुलादा उखो जिसको ताया जी ने शेर भनाया था क्यूेग पागल खानी की देवानोंते घृणरा बदाः डार कि पर अपना सर पीटे रहें एक्टर मिला ताफम काल टाफ्टर बंका आपका आपका जरू ताब
01:23आज पता चला है, कि कोकरोट शेर से भी जाता खतर्नाक होता है
01:43शेर!
01:44शेर!
01:45शेर बना दो!
01:46शेर चोट उसे!
01:47शोट उसे!
01:48शेर!
01:49शेर मेरी बास दो!
01:50शेर मर जाए नाथ दो!
01:51अपी!
01:52शेर मेरी बास दो!
02:03बहर बार निकाली है, शाबाश!
02:16बार बार तुम्हें देखने को तुमसे मिलने को करता है
02:20ये बेचानी बेता भी मेरी समझ से बाहर है!
02:23अब तुम्हारे बारे में सोचता हूँ तुम दिल की डड़का नित्यस हो जाती है!
02:28मुझे साफ साफ सुना ही देती है!
02:30तुम्हें तु इस बात की भी खबर नहीं कि मैं तुम्हारे लिए कितना बेकरार!
02:37मारे लिए कितना बेकरार!
02:52मैं सब तु दिल की यही अस्रत है दूआ!
02:56कि तुम्हें से मिलके तुम्हें अपना बनाना है!
03:01तुम्हें तुम्हें इनी फीलिंग्स कभी पता नहीं होगा!
03:06अगर वो कहते हैं ना
03:09कि अगर नियत तच्ची हो तो मकसद हासिल होई जाता है!
03:13मैं तुम्हें तुम्हें तजार करूंगा!
03:43क्या? पैर खोलूंग?
03:53वाश्रूम?
03:58अच्छा!
04:03अच्छा!
04:13पैरट हाई है?
04:17अच्छा!
04:22अच्छा!
04:27अच्छा!
04:37अच्छा!
04:41अच्छा!
04:46अच्छा!
04:51अच्छा!
05:06अच्छा!
05:09तदो नहीं क्यों ममा मेरे पैर सुन हो गाया है?
05:12परशान मत हूँ आज डॉक्टर रंगून वाला आएंगे न तो उनको बताएंगा
05:18हम
05:19वो एक दवार एट कर देंगे
05:23एक वक्त में पंदरा पंदरा टैबलेट्स खानी पर रही है
05:29बस ममा मत ठक गया हूँ आप
05:33इस रावा सीरियल की इस किस्तियागाद में आप देखेंगे
05:36आप देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुश्किराती मगरांदर से दुभी लिलकी
05:40है जो कराजी के एक मशहूर यूनिवस्टी में लिटरेचर की दालवा है
05:44वो बच्पन से एक ही खवाब देखती आई है एक एसा हमसपर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंकों में चुपे दर्द को पड़ सके हारीस एक संजीदा
05:54हारीस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इंसान चंद साल फेले एक हासे में अपने माँ के बाप को कुछ कहाए जो इसी उनिवस्टी में वेजिटिंग प्रोपेस्टर भलकर आता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकिसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता
06:24बेसाख तगी मुस्किराहिट और सवालाथ हारीस के दिल के बंद अर्वाजु को कौलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर महबत के इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मोड़ पर पहुंचती है जब लिना एक और एक खतनाक बीमारी
06:54जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगा जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती दोह सालवाद यूनिस्ट्री में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुसम वह एक पेंटिंग होती है बारि�
07:24जाता है और कहता है अब की बार सिर्फ नजब नहीं पोजित जिन्देगी लिकोंगा तुमें लेकर इजरामसिल के हवाले से आप इपन राए की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे यूट्यूब का चैनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए थैंक्स पर वाचिंग अला
07:54और इसकी आँखों में चुपे दर्द को पड़ सके हारिस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इनसान चंद साल पेले एक हासे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इसी यूट्री में वेजिटिंग प्रोपेस्टर भर कराता है वो नजबों में डूबा रहता है औ
08:24तो यूट्री में और रहता है अगर बाप के बाप दोसे चल होती है लेगन वक्त के साथ साथ इसकी बिसाखतागी मुस्किराहिट और सौवालात हरिस के दिलिके बंद अरवाज को को लने लगता है रप्तार रपता दोनों एक दूसे के साहे बन जाते है अगर मुभत का इ
08:54जरूरत होती है अगर मैं वापस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकिन अलीना कहीं नहीं मिलती दोह साल वाहर यूनिस्टी में एक नहीं नुमाईश होती है �
09:24सेहतमन मगर खामोश इस बारहर इस खुद चलकर जाता है और कहता है अब की बार सिर्फ नजम नहीं पोज़ जिन्देगी लिकोंगा तुमें लेकर इस रामसल के हवाले से आप इस अपने राय की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राब
09:54आई है एक एसा हमसा पर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंकों में चुपे दर्द को पड़ सके हारी से एक संजीदा हारी से एक संजीदा कम गू मगर दिल से नरम इंसान चंद साल पेले गासे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इस ही उन्वर्टी में वेजि�
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11:02हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगा जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती
11:09दोह सालवार उनिस्टी में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादो का मुसम वाएक पेंटिंग होती है बारश में बेकते एक लड़की और नेचल लिक्या होता है वो जो आंकों से बोलती थी अर इस पेचान लेता है ये अलीना है पेचान ना कर नुमाई�
11:39कमेंट करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब का नमद बुलिए थैंक्स पर वाचिंग अलाहाफिज इस राम सीरियल की इसकी आगाद में देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुश्किराती मगरांदर सेदू ही लिड़की है जो कराजी के एक मशह
12:09में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इसी उनस्टी में विजिटिंग प्रोपेसर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकिसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और हारिस के पहले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है निवली ने इसके न�
12:39के बंद दर्वाज़ को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर मुहबत का इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मौर पर पहुंचती है जब लेना एक और एक खतरनाक बिमारी लाहिक हो जाती है और वो हारिस को बता है बगए इस उन्
13:09हस्पिताल हर जगा जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती है दोह साल बाहर यूनिस्टी में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुस्वाइक पेंटिंग होती है बारिश में बेक लड़की और नेचल लिक्का होता है वो जो आंकों से बोलती थी हर
13:39तुम्हें लेकर इजरामसल के हुआले से आप अपने राए की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए थैंक्स पार वाचिंग अलाहाफिस इजरामसल की इस किसके आगाद में आप देखेंगे अलीना एक खुश मिज
14:09एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इंसान चंद साल फेलेगासे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इसी यूनिस्टी में वेजिटिंग प्रोपेस्टर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकिसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और ह
14:39मुस्किराहित और सवालाथ हारिस के दिल के बंद रवाजु को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर महबत के इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मोड़ पर पहुंचती है जब अलीना एको एक खतरनाग बिमारी लाहिक हो जाती है
15:09हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकिन अलीना कहीं नहीं मिलती दोह साल वाज विनिस्ट्री में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादो का मुसम रहा एक पेंटिंग होती है बारिश में बेगती एक ल�
15:39अब की बार सिर्फ नजब नहीं पोजिए लिकोंगा तुम्हें लेकर इस रामसल के हवाले से आप इपने राए की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे योट्यूब का चैनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए थैंक्स पर वाचिंग अलाहाफिस इज्रामस सीरियल की इ
16:09उनकों में चुपे दर्द को पड़ सके हारिस एक संजीदा हारिस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इनसान चंद साल फेले एक हाथसे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इसी उनस्टी में वेजिटिंग प्रोपेसर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता ह
16:39चल होती है लेकिन वक्त के साथ साथ इसकी बिसाख तगी मुस्किराहिट और सवालाथ हारिस के दिल के बंद दर्वाजु को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर महबत के इजहार कभी नहीं होता कहानी इस मोड पर पहुंचती है
17:09में वावस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकिन अलीना कहीं नहीं मिलती दोह साल वाज यूनिस्ट्री में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान ह
17:39कितमन मगर खामोश इस बारहर इस खुद चलकर जाता है और कहता है अब की बार सिर्फ नजम नहीं पोजिए जिन्दगी लिकोंगा तुमें लेकर इस रामसल के हवाले से आप अपने राए की जार लाजबी करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब करना मत ब
18:09हमसा पर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंकों में चुपे दर्द को पड़ सके हारिस एक संजीदा हारिस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इंसान चंद साल फेले गासे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इस ही यूनस्टी में वेजिटिंग प्रोपेस
18:39प्रोपेसे कमी नहीं किये पहले तो हारिस को अलियना के बातों से चल होती है लेकिन वक्त के साथ-साथ इसकी बिसाखत तगी मुस्किराहित और सवालाथ हारिस के दिल के बंद रवाजु को को लने लगता है रपता रपता दोनों एक दुस्छी के साहे बन जाते हैं अगर
19:09मुद को लबजों की नहीं दुआए की जरूरत होती है अगर मैं वापस ना सकी तो मुझे अपने किसी नजब में जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकिन अलियना कहीं नहीं मिलती दोह साल बाद य�
19:39कि राट वही निगाए अलेना वापस आ जाती है सियतमन मगर खामोश इस बाहर हार इस खुद चल कर जाता है और कहता है अब की बाहर सिर्फ नजब नहीं पोई जिन्दगी लिकोंगा तुमें लेकर इजरामसिल के हवाले से आप भी अपने राए की जाहर लाजबी करें सा
20:09वो बच्पन से एक ही खवाब देखती आई है एक एसा हमसपर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंगों में चुपे दर्द को पड़ सके हार इस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इनसान चंज साल फेले एक हादसे में अपने माँ के बाप को कुछ कहा है जो इस
20:39कम फ़ूम पर सवाल करते हैं वो सवाल जो शायद हारिस ने भी खुद से कभी नहीं कि है पहले तो हारिस को अले ने के बातों से चल होती है लिगन वगत के साथ साथ इसकी बेसाखत तकी मुश्किराहिट और सवालाद हारिस के डिल के बंद और वाज्य को कोलने लगता है �
21:09चोड़ दीती है बसे एक खत चोड़कर जिसमें वो लिखती है मौत को लबजों की नहीं दौाई की जरूरत होती है अगर मैं वावस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पताल हर जगा जा
21:39अलीना है पर चाहना कर नुमाईश के कौने में वही मुझे निगाए अलेना वापस आ जाती है सियतमन्द मगर खामोश इस बारहार इस खुद चल कर जाता है अब की बार सिर्फ नजम नहीं पोजिए लिकोंगा तुमें लेकर इस रामसल के हवाले से आप इस अपने राए
22:09उकराजी के एक मशहूर यूनिवस्टी में लिटरेचर की दालवा है वो बच्पन से एक ही खवाब देखती आई है एक एसा हमसपर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंगों में चुपे दर्द को पड़ सके हारे से एक संजीदा हारे से एक संजीदा कम गू मगर दिल
22:39पेले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है लिबली ने इसके नजमे को मपूम पर सवाल कर दे वो सवाल जो शायद हारे भी खुद से कभी नहीं के है पहले तो हारे सको अले ने के बात उसे चल होती है लिगन वक के साथ साथ इसकी बेसाखत तगी मुस्किराहित और स�
23:09की हो जाती है और वो हारिस को बता है बगयर युनिवस्टिक चोड़ देती है उसे खत चोड़ कर जिसमें वो लिखते हैं मौत को लबजों की नहीं दौाई की जरूरत होती है अगर में वावस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना हर इस भीचेने से ह
23:39जो आंकों से बोलती थी हर इस पेचान लेता है ये अलीना है पेचान ना कर नुमाईश के कोने में वही मुस्किराट वही निगाए अलीना वापस आ जाती है सेहतमन मगर खामोश इस बाहर हार इस खुद चलकर जाता है और कहता है अब की बाहर सिर्फ नजम नहीं पोजि�
24:09खुश मिजाज हस्ती मुस्किराटी मगर अंदर से दुभी लिड़की है जो कराजी के एक मशहूर यूनिवस्टी में लिटरेचर की दालवा है वो बच्पन से एक ही खुद देखती आई है एक एसा हमसपर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंकों में चुपे दर्द
24:39की कि जजबात बाणना पसंद नहीं करता अलीन और हारिस की पेले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है निवली ने इसके नजबे को में पहूम पर सवाल करते है वो सवाल जो शायतは खुद हारिस ने भी खुद से कभी नहीं कि पहले तो हारिस को अले के बातों से चल ह
25:09मोड पर पहुंचती है जब अलेना एको एक खतनाग बीमारी लाहिक हो जाती है और वो हारिस को बता है बगए युनिवस्टी चोड़ दीती है बसे खत चोड़ कर जिसमें वो लिखती है मौत को लबजों की नहीं दौाई की जरूरत होती है अगर मैं वावस ना सकी तो मुझ
25:39होती है बारिश में बेगते एक लड़के और नेचर लिक्का होता है वो जो आंकों से बोलती थी हरी इस पेचान लेता है यह अलीना है पेचान नकर नुमाईश के कौने में वही मुस्किराट वही निगाए अलेना वापस आ जाती है सेहतमन मगर खामोश इस बारहार इस ख
26:09इस रामा सीरियल की इस किसका गाद में अब देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुस्किराटी मगर अंदर से दोही लिलकी है जो कराजी के एक मशहूर यूनिवस्टी में लिटरेचर की दालवा है वो बच्पन से एक ही खौब देखती आई है एक एसा हमसपर जो
26:39पेसले बन कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इस किसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और हारिस के पहले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है निवली ने इसके नजमों को मपूम पर सवाल कर दे वो सवाल जो शायद खुद हारिस ने भी खु�
27:09अगर मुहबत के इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मोड पर पहुंचती है जब अलीना एको एक खतरनाग बिमारी लाहिक हो जाती है और वो हारिस को बता है बगए युनिवस्टी चोड़ दीती है उसे एक खत चोड़ कर जिसमें वो लिखती है मौत को लपजों की नहीं �
27:39नमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुस्वा एक पेंटिंग होती है बारिश में बेगते एक लड़के और नेचल लिक्टा होता है वो जो आंकों से बोलती थी अर इस पेचान लेता है ये अलीना है पेचान नकर नमाईश के कोने में वहीं मुस्किराट वहीं �
28:09का चैनल सबस्क्राइब का नमत बुलिए है तेंक्स पर वाचिंग अलाहाफिज इस ड्रामस सीरियल की इस किस्के आगाद में आप देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुस्किराथी मगरांदर से दोही लिड़की है जो कराजी के एक मशहूर यूनिवस्टी में �
28:39कुछ यूनिवस्टी में विजिटिंग प्रोपेसर भलकर आता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकिसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और हारिस के पहले मुलाकात एक लेक्चर के दवरान होती है निवड़ी ने इसके नजमों को मभूम पर सवाल कर �
29:09को लें लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दूसी के साहे बन जाते हैं मगर मुहबत के इजहार कभी नहीं होता कहानी इस मोड़ पर पहुंचती है जब लेना एक को एक खतरनाक बीमारी लाहिक हो जाती है और वो हारिस को बता है बगयर इस चोड़ दीती है बसे खत चो�
29:39लेना कहीं नहीं मिलती दोह साल वाहिए उनिस्टी में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इनवान है यादों का मुसम वह एक पेंटिंग होती है बारिश में बेगते एक लड़के और नेचल लिक्का होता है वो जो आंकों से बोलती थी अर इस पेचान लेता है ये अलीन
30:09से आप अपने राए की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे येटूब का चैनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए थैंक्स पर वाचिंग अलाहाफ़ज इस रामस सीरियल की इसकी आगाद में अब देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुश्किरादी मगरांदर
30:39नरम इंसान चंद साल फेले गासे में अपने मा के बाप को कुछ कहाए जो इस ही उनस्टी में वेजिटिंग प्रोपेसर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इसकिसी के जजबात बारना पसंद नहीं करता अलीना और हारिस के पहले मुलाकात एक लेक्चर के द
31:09जराहित और सवालात हारिस के दिल के बंद दर्वाजु को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर मुहबत का इजहार कभी नहीं होता कहानी इस मोड़ पर पहुंचती है जब अलीना एको एक खतरनाज बिमारी लाहिक हो जाती है और
31:39रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती दोह सालवाद में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुसंगा एक पेंटिंग होती है बारिश में बेगते एक लड़की और नेचे लिका होता है वो ज
32:09सब्सक्राइब करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब का नमद बूलिए है थैंक्स पर वाचिंग अलाहाफिस इजरामस सीरियल की इस किस्के आगाद में आप देखेंगे अलीना एक खुश मिजाज हस्ती मुश्किराती मगरांदर सेदोही लिड़की है ज
32:39कि हारिस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इनसान चंज साल फेले एक हादसे में अपने माँ के बाप को कुछ चुका है जो इसी यूनिस्टी में वेजिटिंग प्रोपेसर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता है और इस किसी के जजबात बारना पसंद नहीं क
33:09साथ साथ इसकी बिसाख तगी मुस्किराहिट और सवालाथ हारिस के दिल के बंद दर्वाजु को कोलने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दुस्य के साहे बन जाते हैं अगर महबत के इज़ार कभी नहीं होता कहानी इस मोड़ पर पहुंचती है जब लेना एक और एक �
33:39किसी नजब में जिन्दा रट लेना हर इस बिचेने से हर रोज इसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगा जाता है लेकर अलीना कहीं नहीं मिलती दोह साल बाहर यूनिस्ट्री में एक नहीं नुमाईश होती है जिसके इन्वान है यादों का मुसम वह एक पेंटिं�
34:09इस खुद चलकर जाता है और कहता है अब की बार सिर्फ नजब नहीं पोई जिन्दगी लिकोंगा तुमें लेकर इस रामसल के हवाले से आप अपने राय की जाहर लाजबी कमेंट करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राब करना मत बूलिए है तेंक्स पर वाच
34:39को समझे और इसकी आंगों में चुपे दर्द को पड़ सके हारिस एक संजीदा कम गूम अगर दिल से नरम इंसान चंद साल फेले हादसे में अपने मा के बाप को कुछ कहा है जो इस ही उनस्टी में वेजिटिंग प्रोपेस्टर भर कराता है वो नजमों में डूबा रहता
35:09पहले तो हारिस को अलिएने के बातों से चल होती है लेकिन वक्ते साथ साथ इसकी बिसाख तकी मसकिराहिट और सवालाथ हारिस के दिल के बंद रवाजु को को लने लगता है रप्ता रप्ता दोनों एक दूस्टी के साहे बन जाते हैं वगर मोहबत के इज़ार कभी नही �
35:39दुआए की जरूरत होती है अगर मैं वावस ना सकी तो मुझे अपनी किसी नजम में जिन्दा रख लेना हर इस बिचेने से हर रोज उसे तलाश करता है वो शेहर हस्पिताल हर जगह जाता है लेकिन अलीना कहीं नहीं मिलती दोह साल वाहर यूनिस्ट्री में एक नहीं नुम
36:09बज़ आ जाती है से अत्मन मगर खामोश इस बाहर हार इस खुद चलकर जाता है और कहता है अब की बाहर सिर्फ नहीं पोजिए लिकोंगा तुमें लेकर इस रामसल के हवाले से आप एपन राए की जाहर लाजबी करें साथ में हमरे यूटूब का चैनल सबस्क्राइब का
36:39ख्वाब देखती आई है एक एसा हमसा पर जो इसके खामोशी को समझे और इसकी आंगों में चुपे दर्द को पड़ सके हार इस एक संजीदा हार इस एक संजीदा कम गू मगर दिल से नरम इनसान चंज साल फेले एक हादसे में अपने माग के बाप को कुछ कहा है जो इस ह
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