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  • 6/5/2025
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00:00कि अमन्हेरे काम करोगी तुमना वाली को कहना कि वो मझे कॉल्स नहीं करें
00:12आम फेसिंग लॉट फ्रॉब्लम्स थीस देस्टेस मैंने ही जाते के मेरी जिंदेगी में एक नहीं प्रॉब्लम आए
00:17अजिए अजिए उसे कहने जब वो युनिवर्सटी आये तो मुझे अवाइट करें ठीक है थांक यू मुझे क्लास के लिए ले ले ले हो और है जाओ रहीं वाई
00:25क्यालिथ देगी तो में बुझे बढ़िए कैरोगी मेरे मैसेज जबाब नी दोगी कॉल दो कि जो खोल्स नी करोगे उसके बदोक्तों क्या लगता है
00:34मैं भूजाँ को साइट इसे नहीं हो और होड़ी काउंट बिल फॉर अलगा दा
00:37मैं चाहती हो कि तुम मेरे घर आओ मेरा रिष्टा लेकर आओ
00:40अगर में कहना चाहती ही हो ना तुम्हें नहीं कह सकती तुम्हें पता है कि
00:44माया
00:44वाली
00:46आजब को था है कि अपको नहीं है दिल भर कर ना तिसके माबाब इसे मारें ले भी
00:50ये वली कानाम माया का फुक्की ज़से व़वाय ए रफोन में यह तुमने किया है
00:56पोच्छ को हुँआ यह से कोच्छ
01:00क्या हुआ
01:02जब आप दो मुझे है तुमने किया है
01:05I didn't mean to.
01:06What do you mean you didn't mean to?
01:09What do you mean then?
01:11और अपना हख समझ कर अज़के ट्रॉमा को दिसरिगाद भी करने.
01:14अब लगाना कि यह दुलहन का जोड़ा है, जीती रहो.
01:31मुझे खुशी है माया बेटा कि तुम बाप की इज़त को फौक्यत दे रही हो.
01:35आगे भी मुझे ऐसी ही माया चाहिए.
01:38तभी एक पुर्सकून जिंदगी बुजार सकोगी.
01:41मा, कहा है भाई तु यार?
01:42यही हो, कहा हूँ भाई.
01:44बहार चलने, मैंने गाड़ी लिया अप्बू से.
01:46मैं नहीं जा रहा यार, तुम लोग जाओ, दिल नहीं है.
01:48तुम लोग जाओ, दिल नहीं है.
01:49यार, चलना यार, आनी और अमल को भी ले लेंगे.
01:51तो यह पता है, आनी नहीं आएगी उसके लावा.
01:52समझा कर, अम नहीं करेंगे तुझे अपने फन में ड्रैक साइट पर खड़ो जाईए.
01:55चलने नहीं है, प्लीज.
01:57यार, यार, आनी नहीं है.
02:07बात्व कर, रएभा यार.
02:16संदे सरिय keto, का कर अमल को भी नहीं है.
02:23इाल कidet बने तुझे, बात्वा करेंगे.
02:28यार, आनी एुझे उसरी दोने नहीं है
02:33कर दो कर दो
03:03मैं जाता हूँ के तुम अपनी शादी पर सबसे फ़सु रदे लेगा
03:30इसलिए शेयर के सबसे अच्छे मेगा पार्टिस अपार्ड मेडिया तो
03:37सलाम अलेक्व मापा से पशेरोा इस वक्त तुम कहा हूँ?
03:52मैं एक जरूरी काम से कहीं आया वाँ
04:22काम से कहीं आया वाँ
04:52हुआ एक जरूरी काम से कहीं
05:11हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है जो कराची के पुराने अलाके में तरहा रहती है
05:35वो ना सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है ने किसी से मिलती है नही किसी के उपनी जिन्दगी में आने देती है
05:42महले वाले उसे पागल समझते हैं कभी कबार उसकी कड़की से पियानो के मदम दन सिनाई देती है
05:50और खबी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए कुछ भूलती है खुछ से
05:54मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
05:57दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
06:01जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
06:04उसके मंगी भी एक नुजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचकी थी
06:09लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलग जपकते ही उचल गई
06:13एक लायव कैंसर्ट के दवराण एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
06:19एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी जब उसे ये खबर मिली वो प्यानों पर हाथ रखने से डरने लगी
06:28और बोलना चोल दिया
06:30हसना जीना सब बोल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
06:36मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है जब सुहराब एक 12 साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुई से टक्रा जाता है
06:46सुहराब बहुत बातूनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
06:50वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
06:56पूल पुराना आफियानो का कैफ चुकलेट या बच्पन की कहानिया रबता रबता एमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
07:05एक दिन वो दर्वाजा कूलती है एक महीने बाद उसराप को प्यानों पर बिटाती है और बरस बाद खुद भी बैटती है
07:13उसके हाथ लरसते हैं आंके नम हैं मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
07:20और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
07:24वी वर्जी कहानी उस खामोशी की है जो सदमे से पिदा होती है
07:30और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
07:34हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
07:36उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
07:40इस रामसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
07:44साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
07:47तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
07:49हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है
07:53जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
07:56वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
07:59ने किसी से मिलती है
08:00ने ही किसी के अपनी जिन्दगी में आने देती है
08:03महले वाले उसे पागल समझते है
08:06कभी कभार इसे उसकी कड़की से
08:08पियानो के मदम दन सिनाई देती है
08:12और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
08:15कुछ भूलती है खुछ से
08:16मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
08:18दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
08:23जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
08:25उसके मंगी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
08:29अलियान से हुचिकी थी
08:30लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
08:34एक लायव कैंसर्ट के दवरान
08:36एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
08:41एमन इस वक्त स्टेज पर पाम कर रही थी
08:44जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
08:50और बोलना चोड़ दिया
08:52हसना जीना सब बुलगी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
08:57मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब है
09:0112 साल यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
09:07सुहराब बहुत बातुनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
09:11वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
09:18पूल पुराना प्यानो का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
09:23रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
09:26एक दिन वो दरोजा कूलती है
09:28एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
09:32और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
09:34उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
09:37मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
09:42और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
09:45विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
09:48जो सदमे से पिदा होती है
09:51और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
09:55हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
09:58उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
10:02इस रामसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमें करें
10:05साथ में हमारा ग्याटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
10:09तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
10:10हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान अवरत है
10:15जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
10:18वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
10:20ने किसी से मिलती है
10:22ने ही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
10:25महले वाले उसे पागल समझते है
10:28कभी कभार उसे उसकी कड़की से
10:30पियानो के मदम दन सिनाई देती है
10:33और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
10:36कुछ भूलती है खुछ से
10:37मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
10:40दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
10:42पियानो आर्टेस्ट थी
10:44जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
10:47उसके मंगी भी एक नौजवान
10:49शरीप और फंकार लड़के
10:50अलियान से हुचिकी थी
10:52लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
10:54जपकते ही उचल गई
10:56एक लायव कैंसर्ट के दवराण
10:58एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
11:00एक कार एक्सिडन में मारे गए
11:02एमन इस वक्त स्टेज पर
11:04पाम कर रही थी
11:06जब उसे ये खबर मिली
11:07वो प्यानो पर हाथ रखने से
11:10डरने लगी
11:11और बोलना चोड़ दिया
11:13हसना जीना सब बुल गी
11:16और बस एक अमरे तक महदूद हो गी
11:19मगर इस कहानी कासर मूल तबाता है
11:21जब सुहराब
11:2212 साला यतीम ललका
11:25इसके महले में किताबों की दुकान
11:27पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
11:29सुहराब बहुत बातुनी
11:31समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
11:33वो एमन के खामोशी को
11:35चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे पर
11:37कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
11:39पूल पुराना प्यानों का
11:42कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
11:44रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
11:48एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
11:50एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बिटाती है
11:54और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
11:56उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
11:58मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
12:03और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
12:07विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
12:10जो स्दमे से पिदा होती है
12:13और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
12:17हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
12:19उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
12:23इस रामसल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमें करें
12:27साथ में हमारा ग्याटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत बूलिए
12:30थैंक्स पर वाचिंग, अलाहाफ़ेज
12:32हलो वीवर्ज, एमन एक 18 साला नुजवान आउरत है
12:36जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
12:39वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
12:42ने किसी से मिलती है
12:43नहीं किसी के वो अपने जिन्दगी में आने देती है
12:46महले वाले उसे पागल समझते है
12:49कभी कवार उसे उसकी कड़की से
12:51पियानो के मदम दन सिनाई देती है
12:55और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
12:58कुछ भूलती है खुछ से
12:59मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
13:01दस साल पहले वो एकवा सलाहियत
13:04पियानो आर्टेस्ट थी
13:06जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
13:08उसके मंगी भी एक नौजवान
13:10शरीप और फंकार लड़के
13:12अलियान से हुचिकी थी
13:13लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक
13:16जपकते ही उचल गई
13:17एक लायव कैंसर्ट के दवराण
13:19एमन के वाद़ा बाई और मंगेतर अलियान
13:22एक कार एकसिडन में मारे गए
13:24एमन उस वक्त स्टेच पर
13:26पाम करी थी
13:27जब उसे ये ख़बर मिली
13:29वो प्यानो पर हाथ रखने से
13:31डरने लगी
13:33और बोलना चोल दिया
13:35हसना जीना सब बुल गी
13:38और बस एक अमरे तक महदूद होगी
13:40मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
13:43जब सुहराब
13:44एक ट्विल साला यतीम ललका
13:46इसके महले में किताबों की दुकान पर
13:48काम करते हुए से टक्रा जाता है
13:50सुहराब बहुत बातुनी
13:52समझदार और जिन्दे दिल बच्चा है
13:54वो एमन के खामोशी को
13:56चिरंस समझ के रोज इसके दरोजे
13:58पर कुई न कोई चूटी सी चीज
14:00चोड़ता है पूल पुराना
14:02प्यानों का कैप चुकलेट
14:04या बच्पन की कहानिया
14:06रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
14:07कुछ तूटने लगता है
14:09एक दिन वो दरोजा कूलती है
14:11एक महीन बाद उसराब को प्यानों
14:13पर बटाती है
14:15और बड़स बाद खुद भी बेटती है
14:17उसके हाथ लरसते हैं
14:19आंके नम हैं
14:20मगर वो पहली बार देमी दन में
14:23सनाटिक आवास देती है
14:25और वही लमहा उसके दुबारा
14:27जिन्दगी के शुरुआत होता है
14:28विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
14:31जो सदमे से पिदा होती है
14:34और उस आवास की जो महबत
14:37से वापस आती है
14:38हर इनसान जो नदर से टूट होता है
14:41उसे जोडने के लिए
14:42सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
14:45जो रौमसल के हवाले से
14:47अपने रौाई की जार लाजमी कमें करें
14:48साथ में हमारा एटिव का चेनल
14:50सब्सक्राइब करना मत बुलिए
14:52थैंक्स पर वाचिंग
14:52अलाँ आपस
14:53हलो वीवर्ज
14:55एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
14:58जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
15:01वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
15:03ने किसी से मिलती है
15:05नहीं किसी के अपने जिन्दगी में आने देती है
15:08महले वाले उसे पागल समझते है
15:11कभी कभार उसे उसकी कड़की से
15:13पियानो के मदम दन सिनाई देती है
15:16और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
15:19कुछ भूलती है खुछ से
15:20मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
15:23दस साल पहले वो एक बासलाहियत
15:25पियानो आर्टेस्ट थी
15:27जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवाड जीते थे
15:30उसके मंगरी भी एक नौजवान
15:32शरीप और फंकार लड़के
15:33अलियान से हुचिकी थी
15:35लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
15:37जपकते ही उचल गई
15:39एक लायव कैंसर्ट के दवरान
15:41एमन के वाड़ा बाई और मंगेतर
15:43अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
15:45एमन इस वक्त स्टेच पर
15:47पाम कर रही थी
15:49जब उसे ये खबर मिली
15:50वो प्यानो पर हाथ रखने से
15:53डरने लगी
15:54और बोलना चोल दिया
15:56हसना जीना सब बोल गी
15:59और बस एक कमरे तक महदूद होगी
16:02मगर इस कहानी कासर मोल तबाता है
16:04जब सुहराब एक
16:0612 साल यतीम लड़का
16:08इसके महले में किताबों की दुकान
16:10पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
16:12सुहराब बहुत बातुनी
16:14समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
16:16वो एमन के खामोशी को
16:18चिरन समझ के रोज इसके दरोजे पर
16:20कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
16:22पूल पुराना आफ यानों का
16:25कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
16:27रब्ता रब्ता एमन के अंदे कुछ
16:29तूटने लगता है
16:31एक दिन वो दरोजा कूलती है
16:33एक महीने बाद उस और आपको प्यानों पर
16:35बटाती है
16:37और बड़ सो बाद खुद भी बैटती है
16:39उसके हाथ लरसते हैं
16:41आंके नम हैं
16:42मगर वो पहली बार देमी दन में
16:44सनाटिक आवास देती है
16:46और वही लमहा उसके दुबारा
16:48जिन्दगी के शुरुआत होता है
16:50विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
16:53जो सदमे से पिदा होती है
16:56और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
17:00हर इनसान जो नदर से टूट होता है
17:02उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा का भी होता है
17:06जो रौमसल के हवाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करें
17:10साथ में हमारा गैटिव का चीनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
17:13थैंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफ़ेश
17:15हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
17:19जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
17:22वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
17:25ने किसी से मिलती है
17:26नहीं किसी के अपने जिन्दगी में आने देती है
17:29महले वाले उसे पागल समझते है
17:32कभी कभार उसे उसकी कड़की से
17:34पियानो के मदम दन सिनाई देती है
17:38और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
17:41कुछ भूलती है खुछ से
17:42मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
17:44दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
17:49जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
17:51उसके मंगनी भी एक नुजवान शरीप और फंकार लड़के
17:55अलियान से हुचकी थी
17:56लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
18:00एक लायव कैंसर्ट के दवरान
18:02एमन के वाद़ा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
18:07एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
18:10जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
18:16और बोलना चोल दिया
18:18हसना जीना सब बुल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
18:23मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
18:2712 साल यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टकरा जाता है
18:33सुराब बहुत बातुनी समझदारा और जिन्ददील बच्चा है
18:37वो एमन के खामोशी को चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
18:44पूल पुराना प्यानो का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
18:49रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
18:52एक दिन वो दरोजा कूलती है
18:54एक महीने बाद उस और आपको प्यानों पर बटाती है
18:58और बड़ सो बाद खुद भी बेटती है
19:00उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
19:03मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
19:08और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
19:11विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
19:14जो सदमे से पिदा होती है
19:17और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
19:21हर इनसान जो नदर से टूट होता है
19:24उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
19:28इस रामसल के हावाले से अपने राय की जार लाजमी कमेंड करे
19:31साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करना मत भूलिए
19:35तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ेस
19:36हलो वीवर्ज एमन एक 18 साला नौजवान आउरत है
19:41जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
19:44वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
19:46ने किसी से मिलती है
19:48ने ही किसी के वो अपने जिन्दगी में आने देती है
19:51महले वाले उसे पागल समझते है
19:54कभी कबार उसे उसकी कड़की से
19:56पियानो के मदम दन सिनाई देती है
19:59और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
20:02कुछ भूलती है खुछ से
20:03मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
20:06दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
20:08पियानो आर्टेस्ट थी
20:10जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
20:13उसके मंगी भी एक नुजवान
20:15शरीप और फंकार लड़के
20:16अलियान से हुचकी थी
20:18लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
20:20जपकते ही उजल गई
20:22एक लायव केंसर्ट के दवराण
20:24एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
20:26एक कार एकसिडन में मारे गए
20:28एमन इस वक्त स्टेज पर
20:30पाम करी थी
20:32जब उसे ये खबर मिली
20:33वो प्यानो पर हाथ रखने से
20:36डरने लगी
20:37और बोलना चोड़ दिया
20:39हसना जीना सब बुल गी
20:42और बस एक कमरे तक महदूद होगी
20:45मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
20:47जब सुहराब
20:4812 साला यतीम ललका
20:51इसके महले में किताबों की दुकान
20:53पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
20:55सुहराब बहुत बातुनी
20:57समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
20:59वो एमन के खामोशी को
21:01चेरंस समझ के रोज इसके दरोजे
21:03पर कुई न कोई चूटी सी चीज
21:05चोड़ता है पूल पुराना
21:07प्यानों का कैप चुकलेट
21:09या बच्पन की कहानिया
21:10रबता रबता एमन के अंदे कुछ
21:12तूटने लगता है
21:14एक दिन वो दरोजा कूलती है
21:16एक महीने बाद उसरा आपको
21:17प्यानों से पर बिटाती है
21:20और बरस बाद खुद भी बेटती है
21:22उसके हाथ लरसते हैं
21:24आंके नम हैं
21:25मगर वो पहली बार देमी दन में
21:27सनाटिक आवास देती है
21:29और वही लमहा उसके दुबारा
21:31जिन्दगी के शुरुआत होता है
21:33विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
21:36जो स्दमे से पिदा होती है
21:39और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
21:43हर इनसान जो नदर से टूट होता है
21:45उसे जोनने के लिए
21:47सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
21:49इस जोरुमाशल के हावाले से
21:51अपने राई की जार लाजमी कमेंट करें
21:53साथ में हमारे येटिव का चीनल
21:55सब्सक्राइब करना मत भूलिए
21:56थैंस पर वाचिंग
21:57अलाहाफ प्रेस
22:17किसे पियानो के मदम
22:19दन सिनाई देती है
22:21और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
22:24कुछ भूलती है खुछ से
22:25मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
22:27दस साल पहले वो एक बासलाहियत
22:30पियानो आर्टेस्ट थी
22:32जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवाड जीते थे
22:34उसके मंगरी भी एक नौजवान
22:36शरीप और फंकार लड़के
22:38अलियान से हुच्च की थी
22:39लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
22:42जपकते ही उचल गई
22:43एक लायो कैंसर्ट के दवरान
22:45एमन के वालदा भाई और मंगेतर
22:47अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
22:50एमन इस वक्त स्टेच पर
22:52पाम कर रही थी
22:53जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर
22:56हाथ रखने से
22:57डरने लगी
22:59और बोलना चोल दिया
23:01हसना जीना सब बोल गी
23:04और बस एक कमरे तक महदूद होगी
23:06मगर इस कहानी का असर मौल तबाता है
23:09जब सुहराब
23:10एक ट्विल साला यतीम ललका
23:12इसके महले में किताबों की दुकान
23:14पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
23:16सुहराब बहुत बातुनी
23:18समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
23:20वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके
23:23रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
23:27पूल पुराना अफियानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
23:32रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
23:35एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
23:37एक महीन बाद उसरा आपको प्यानों पर बिटाती है
23:41और बड़स बाद खुद भी बेटती है
23:43उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
23:46मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
23:51और वही लम्हा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
23:54विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
23:57जो स्दमे से पिदा होती है
24:00और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
24:04हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
24:07उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्छा जजबा कापी होता है
24:11इस रामसल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
24:14साथ में हमारा एटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
24:18थेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफिस
24:19हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
24:24जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
24:27वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
24:29ने किसी से मिलती है
24:31ने ही किसी को अपने जिन्दगी में आने देती है
24:34महले वाले उसे पागल समझते है
24:37कभी कभार उसे उसकी कड़की से
24:39पियानो के मदम दन सिनाई देती है
24:42और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
24:45कुछ भूलती है खुछ से
24:46मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
24:49दस साल पहले वो एक बासलाहियत
24:51पियानो आर्टेस्ट थी
24:53जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
24:56उसके मंगी भी एक नुजवान
24:58शरीप और फंकार लड़के
24:59अलियान से हुचकी थी
25:01लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
25:03जपकते ही उचल गई
25:05एक लायव कैंसर्ट के दवराण
25:07एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
25:09एक कार एकसिडन में मारे गए
25:11एमन इस वक्त स्टेच पर
25:13पाम कर रही थी
25:15जब उसे ये खबर मिली
25:16वो प्यानो पर हाथ रखने से
25:19डरने लगी
25:20और बोलना चोल दिया
25:22हसना जीना सब बुल गी
25:25और बस एक कमरे तक महदूद होगी
25:28मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
25:30जब सुहराब
25:31एक ट्विल साला
25:33यतीम ललका इसके महले में
25:35किताबों की दुकान पर काम करते हुए
25:37से टक्रा जाता है
25:38सुहराब बहुत बातुनी
25:40समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
25:42वो एमन के खामोशी को चेरंस
25:44समझ के रोज इसके दर्वाजे पर
25:46कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
25:48पूल पुराना आफियानों का
25:51कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
25:53रप्ता रप्ता आएमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
25:57एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
25:59एक महीने बाद उसरा आपको प्यानों पर बिटाती है
26:03और बरस बाद खुद भी बेटती है
26:05उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
26:07मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
26:12और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
26:16विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
26:19जो सदमे से पिदा होती है
26:22और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
26:26हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
26:28उसे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
26:32इस रामसल के हवाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करें
26:36साथ में हमारा एडिव का चेनल सब्सक्राइब कर मत बुलिए
26:39तेंक्स पर वाचिंग, अलाहाफ़ेज
26:41हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नौजवान आउरत है
26:45जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
26:48वो नो सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
26:51ने किसी से मिलती है
26:52नही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
26:55महले वाले उसे पागल समझते है
26:58कभी कभार उसे उसकी कड़की से
27:00पियानो के मदम दन सिनाई देती है
27:04और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
27:07कुछ भूलती है खुछ से
27:08मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
27:10दस साल पहले वो एकबा सलाहियत
27:13पियानो आर्टेस्ट थी
27:15जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
27:17उसके मंगी भी एक नुजवान
27:19शरीप और फंकार लड़के
27:21अलियान से हुचकी थी
27:22लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
27:25जपकते ही उचल गई
27:26एक लायो कैंसर्ट के दवराण
27:28एमन के वालदा भाई और मंगेतर अलियान
27:31एक कार एकसिडन में मारे गए
27:33एमन इस वक्त स्टेज पर
27:35पाम कर रही थी
27:36जब उसे ये खबर मिली
27:38वो प्यानो पर हाथ रखने से
27:40डरने लगी
27:42और बोलना चोल दिया
27:44हसना जीना सब बुल गी
27:47और बस एक कमरे तक महदूद होगी
27:49मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
27:52जब सुहराब
27:53एक ट्विल साला यतीम ललका
27:55इसके महले में किताबों की दुकान पर
27:57काम करते हुए से टक्रा जाता है
27:59सुहराब बहुत बातुनी
28:01समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
28:03वो एमन के खामोशी को
28:05चेरंस समझ के रोज इसके दर्वाजे
28:07पर कुई न कोई चूटी सी चीज
28:09चोड़ता है पूल पुराना
28:11आफियानों का कैफ चुकलेट
28:13या बच्पन की कहानिया
28:15रप्ता रप्ता आएमन के अंदे
28:16कुछ तूटने लगता है
28:18एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
28:20एक महीने बाद उसरा आपको
28:22प्यानों पर बटाती है
28:24और बरस बाद खुद भी बेटती है
28:26उसके हाथ लरसते हैं
28:28आंके नम हैं
28:29मगर वो पहली बार
28:30देमी दन में सनाटिक आवास देती है
28:34और वही लमहा उसके दुबारा
28:36जिन्दगी के शुरुआत होता है
28:37विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
28:40जो स्दमे से पिदा होती है
28:43और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
28:47हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
28:50उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा का भी होता है
28:54इस रामसल के हावाले से अपने राएगी सार लाजमी कमेंट करे
28:57साथ में हमारा एटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
29:01तैंक्स पर वाचिंग
29:01हलो वीवर्ज, एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है
29:07जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
29:10वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
29:12ने किसी से मिलती है
29:14ने ही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
29:17महले वाले उसे पागल समझते है
29:20कभी कभार उसे उसकी कड़की से
29:22पियानो के मदम दन सिनाई देती है
29:25और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
29:28कुछ भूलती है खुछ से
29:29मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
29:32दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
29:36जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
29:39उसकी मंगरी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के
29:42अलियान से हुचिकी थी
29:44लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
29:48एक लायव कैंसर्ट के दवरान
29:50एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
29:54एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
29:58जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
30:03और बोलना चोल दिया
30:05हसना जीना सब बुल गी और बस एक कमरे तक महदूद होगी
30:11मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
30:14एक ट्विल साल यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
30:21सुहराब बहुत बातुनी समझदारा और जिन्द दिल बच्चा है
30:25वो एमन के खामोशी को चेरंस समझके रोज इसके दरवाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
30:31पूल पुराना प्यानों का कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
30:36रप्ता रप्ता आयमन के अंदे कुछ तूटने लगता है
30:40एक दिन वो दरवाजा कूलती है
30:42एक महीने बाद उसराब को प्यानों पर बटाती है
30:46और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
30:48उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
30:50मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
30:55और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
30:59विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
31:02जो सदमे से पिदा होती है
31:05और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
31:09हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
31:11उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
31:15इस रामसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमेंट करे
31:19साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल सब्सक्राइब कर नमत बूलिए
31:22तेंक्स पर वाचिंग अला हाफ़ेज
31:24हलो वीवर्ज एमन एक 28 साला नुजवान आउरत है
31:28जो कराजी के कुरान अलाके में तरहा रहती है
31:31वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
31:34ने किसी से मिलती है
31:35ने ही किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
31:38महले वाले उसे पागल समझते है
31:41कभी कभार उसे उसकी कड़की से
31:43पियानो के मदम दन सिनाई देती है
31:47और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
31:50कुछ भूलती है खुछ से
31:51मगर एमन कोई आम ललकी नहीं ती
31:53दस साल पहले वो एक बासलाहियत
31:56पियानो आर्टेस्ट थी
31:58जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
32:00उसके मंगी भी एक नौजवान
32:02शरीप और फंकार लड़के
32:04अलियान से हुचकी थी
32:05लेकिन एक दिन इसकी जिन्देगी पलक
32:08जपकते ही उचल गई
32:09एक लायव कैंसर्ट के दवराण
32:11एमन के वाला बाई और मंगेतर अलियान
32:14एक कार एक्सिडन में मारे गए
32:16एमन उस वक्त स्टेच पर
32:18पाम कर रही थी
32:19जब उसे ये खबर मिली
32:21वो प्यानो पर हाथ रखने से
32:23डरने लगी
32:25और बोलना चोल दिया
32:27हसना जीना सब बुल गी
32:30और बस एक कमरे तक महदूद होगी
32:32मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
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32:36एक ट्विल साला यतीम ललका
32:38इसके महले में किताबों की दुकान पर
32:40काम करते हुए से टक्रा जाता है
32:42सुहराब बहुत बातुनी
32:44समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
32:46वो एमन के खामोशी को
32:48चेरंस समझके रोज इसके दर्वाजे
32:50पर कुई न कोई चूटी सी चीज
32:52चोड़ता है पूल पुराना
32:54अफियानों का कैफ चुकलेट
32:56या बच्पन की कहानिया
32:58रप्ता रप्ता आयमन के अंदे
32:59कुछ तूटने लगता है
33:01एक दिन वो दर्वाजा कूलती है
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33:06बटाती है और बड़स बाद
33:08खुद भी बेटती है
33:09उसके हाथ लरसते हैं
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33:12मगर वो पहली बार
33:13देमी दन में सनाटिक आवास देती है
33:17और वही लमहा उसके दुबारा
33:19जिन्दगी के शुरुआत होता है
33:20वी वर्जी कहानी
33:22उस खामोशी की है
33:23जो स्दमेस से पिदा होती है
33:26और उस आवास की
33:28जो महबत से वापस आती है
33:30हर इनसान जो अंदर से टूट होता है
33:33उससे जोनने के लिए
33:34सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
33:37जो आवास जिन्दगी के हावाले से
33:39अपने राएगी सार लाजमी कमें करें
33:40साथ में हमारा ग्याटिव का चीनल
33:42सब्सक्राइब कर मत बूलिए
33:44तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हाफ़ेज
33:45हलो वीवर्ज
33:47एमन एक 28 साला नुजवान आवरत है
33:50जो कराजी के कुरान अलाके में
33:52तरहा रहती है
33:53वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
33:55ने किसी से मिलती है
33:57नहीं किसी के अपने जिन्दगी में आने देती है
34:00महले वाले उसे पागल समझते है
34:03कभी कबार उसे उसकी कड़की से
34:05पियानो के मदम दन सिनाई देती है
34:08और कभी रात को वो चत पर असमान को देखते हुए
34:11कुछ भूलती है खुछ से
34:12मगर एमन कोई आम ललकी नहीं थी
34:15दस साल पहले वो एक बासलाहियत
34:17पियानो आर्टेस्ट थी
34:19जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
34:22उसके मंगनी भी एक नौजवान
34:24शरीप और फंकार लड़के
34:25अलियान से हुचिकी थी
34:27लेकिन एक दिनस के जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
34:31एक लायव कैंसर्ट के दवरान
34:33एमन के वालदा बाई और मंगेतर अलियान
34:35एक कार एकसिडन में मारे गए
34:37एमन उस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
34:41जब उसे ये खबर मिली
34:42वो प्यानों पर हाथ रखने से डरने लगी
34:46और बोलना चोल दिया
34:48हसना जीना सब बोलगी
34:51और बस एक कमरे तक महदूद होगी
34:54मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है
34:56जब सुहराब है
34:5712 साला यतीम ललका इसके महले में
35:01किताबों की दुकान पर काम करते हुए
35:03इसे टक्रा जाता है
35:04सुराब बहुत बातुनी समझदार
35:07और जिन्द दिल बच्चा है
35:08वो एमन के खामोशी को चेरंस
35:10समझ के रोज इसके दरोजे पर
35:12कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
35:14पूल पुराना प्यानो का
35:17कैप चुकलेट या बच्पन की कहानिया
35:19रप्ता रप्ता आयमन के अंदर
35:21कुछ तूटने लगता है
35:23एक दिन वो दरोजा कूलती है
35:25एक महीने बाद उसराब को प्यानों
35:27पर बटाती है
35:28और बड़ सोबाद खुद भी बेटती है
35:31उसके हाथ लरसते हैं आंके नम है
35:33मगर वो पहली बार देमी दन में सनाटिक आवास देती है
35:38और वही लमहा उसके दुबारा जिन्दगी के शुरुआत होता है
35:42विवर्जी कहानी उस खामोशी की है
35:45जो स्दमेस से पिदा होती है
35:48और उस आवास की जो महबत से वापस आती है
35:52हर इनसान जो नदर से टूट होता है
35:54उससे जोनने के लिए सिर्फ एक सच्चा जजबा कापी होता है
35:58इस रामसल के हावाले से अपने राएगी जार लाजमी कमें करें
36:02साथ में हमारा एटिव का चेनल सब्सक्राइब करने मत बूलिए
36:05तेंक्स पर वाचिंग अल्ला हापस
36:07हलो वीवर्ज
36:08एमन एक 28 साला नुजवान आवरत है
36:11जो कराजी के पुराने अलाके में तरहा रहती है
36:14वो ने सोशल मीडिया इस्तिमाल करती है
36:17न किसी से मिलती है
36:18नहीं किसी को अपनी जिन्दगी में आने देती है
36:22महले वाले उसे पागल समझते है
36:24कभी कबार उसे उसकी कड़की से
36:26पियानू के मदम दन सिनाई देती है
36:30और कभी रात को वो चतपर अस्मान को देखते हुए
36:33कुछ बूलते हैं खुछ से
36:34मगर एमन कोई आम लिलकी नहीं थी
36:36दस साल पहले वो एक बासलाहियत पियानो आर्टेस्ट थी
36:41जिसने पाकिस्तान के के बड़े अवार्ड जीते थे
36:43उसके मंगी भी एक नौजवान शरीप और फंकार लड़के अलियान से हुचिकी थी
36:48लेकिन एक दिन इसके जिन्देगी पलक जपकते ही उचल गई
36:52एक लायव कैंसर्ट के दवरान एमन के बादा बाई और मंगेतर अलियान एक कार एकसिडन में मारे गए
36:59एमन इस वक्त स्टेच पर पाम कर रही थी
37:02जब उसे ये खबर मिली वो प्यानो पर हाथ रखने से डरने लगी
37:08और बोलना चोड़ दिया
37:10हसना जीना सब बोलगी और बस एक अमरे तक महदूद होगी
37:15मगर इस कहानी कासर मौल तबाता है जब सुहराब
37:1912 साला यतीम ललका इसके महले में किताबों की दुकान पर काम करते हुए से टक्रा जाता है
37:25सुराब बहुत बातुनी समझदार और जिन्द दिल बच्चा है
37:29वो एमन के खामोशी को चिरन समझके रोज इसके दर्वाजे पर कुई न कोई चूटी सी चीज चोड़ता है
37:36पूल पुराना आफियानों का

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