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कैलाश मानसरोवर यात्रा साल 2025 में 30 जून से शुरू होने वाली है. कैलाश न केवल हिंदू धर्म के लोगों के लिए पवित्र धार्मिक स्थान है, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्म के लोग भी इस स्थान को पवित्र मानते हैं. कोविड और भारत-चीन संबंधों के चलते 2019 में यह यात्रा बंद कर दी गई थी. लेकिन इसे फिर से शुरू करने की सहमति अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात में बनी. स्वर्ग का द्वार कहे जाने वाले कैलाश पर्वत में कई ऐसे रहस्य भी हैं जिनसे वैज्ञानिक भी अब तक पर्दा नहीं उठा पाए हैं.

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00:00कैलाश मान सरोवर यात्रा साल 2025 में 30 जून से शुरू होने वाली है
00:11बड़ी संख्या में भग्त शिव के निवास स्थान कहे जाने वाले कैलाश की यात्रा पर इस साल जाएंगे
00:16कैलाश न किवल हिंदु धर्म के लोगों के लिए पवित्र धार्मिक स्थान है बलकि बौध, जैन और सिक धर्म के लोगों के लिए इस स्थान को पवित्र मानते हैं
00:26कोविड और भारत चीन के समबंधों के चलते 2019 में यह यात्रा बंद कर दी गई थी, लेकिन इसको फिर से शुरू करने के लिए ऑक्टूबर 2024 में प्रिधान मंत्री मोधी और चीनी राश्रपती जिन्पिंग की मुलाकात में वापस से सहमती बने
00:40स्वर्ख का त्वार कहे जाने वाले केलाश परवत में कई ऐसे रहस्य भी हैं जिनसे बैग्ज्ञानिक भी अब तक परदा नहीं उठा पाए हैं
00:48नमस्कार मेरिच्चा और आज मैं आपको कैलाश मान सरोवर के उन अनसुलजे रहस्यों के बारे में बताने जा रही हूं
01:02जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है
01:05हिंदु धर्म और मान्यताओ के अनुसार कैलाश मान सरोवर को भगवान शिव और देवी पारवती के साथ-साथ देवताओं, गणु, यक्षों, योगिओं, सिदपुर्शों और गंधरवों का घर कहा जाता है
01:17ऐसा माना जाता है कि कैलाश मानसर वर्यात्रा मोक्ष का द्वार है।
01:22शिव पुरान के मताबिक भगवान शिव कैलाश की चोटी पर ध्यान करते हैं।
01:27कैलाश पर्वत की उचाई एवरेस से कम है।
01:31फिर भी आज तक कोई भी केलाश पर्वत पर नहीं चड़ पाया है।
01:35इस पर्वत पर चड़ने की कोशिश करने वाले लोगों का कहना है
01:38कि पर्वत पर थोड़ी सी उचाई पर जाने से ही शरीर में कई तरह के बदलाव आने लग जाते हैं।
01:45अलग-लग देशों के सैकड़ों लोगों ने केलाश पर चड़ने की कोशिश की हैं लेकिन वे असफली रहे हैं।
01:50व्यज्यानिक इस बात का पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर क्यों कोई इस परवत पर नहीं चड़ पाता है लेकिन कोई सटीक जवाब उनके पास अब तक नहीं है
02:00वहीं धार्मिक मानिताओं के अनुसार यह शिव जी का स्थान है इसलिए यह अभेध्य है
02:07वहीं हिंदु धर्म के साथी अन्य धर्म के लोग भी मानते हैं कि बिना अध्यात्मिक उन्नती के इस परवत पर चड़ना संभव नहीं है
02:14केलाश पर मान सरोवर और राक्षस ताल हैं
02:18इन दोनों के लिए परिस्तितिया यानि एन्वार्मेंट और क्लाइमिट बिल्कुल एक जैसी ही है
02:23स्थान बिल्कुल आसपास ही है लेकिन इसके बाद भी इनमें कई भिन्नताएं दिखती है
02:29मान सरोवर ताल का पानी जहां मिठास के लिए जाना जाता है वहीं राक्षस ताल का पानी नमकीन होता है
02:36एक ही स्थान पर होने के बावजूद इन दोनों तालों के पानी के गुण रंग अलग-अलग है
02:42अब ऐसा क्यूं है इसका जवाब भी विज्ञान के पास अब तक नहीं है
02:47कैलाश परवत पर समय की स्पीज में परिवर्तन की बात भी कही जाती है
02:52कैलाश की आत्रा करने वाले लोगों ने अपने अनुभाओं से बताया है
02:56यहाँ पहुशते ही समय की गती तेज हो जाती है
02:59घडिया तेज चलने लगती है
03:02यहाँ लोग ब्रह्म की स्थिती में चले जाते हैं
03:05इसलिए कैलाश को टाइम वाप जोन भी कहा जाता है
03:08कैलाश परवत का आकार भी अन्य परवतों से काफी अलग है
03:13जब इसे उपर से देखा जाता है
03:15तो इस पर ओम या फिर स्वास्तिक का आकार प्रतीत होता है
03:19अब हिंदु धर्म में स्वास्तिक को शुब चिन माना जाता है
03:22और ओम को निराकार ब्रह्म माना जाता है
03:25इस तरह की आकरितिक दुनिया के किसी भी परवत पर नहीं है, ये भी लोगों और वैज्ञानिकों के curiosity को बढ़ाता है
03:33केलाश परवत की दक्षिन दिशा की ओर चिकनी और एकदम सीधे दिवार जैसी संरशना देखने को मिलती है
03:40या एक विशाल शीशे की लेयर प्रतीत होती है
03:43इस संरशना को देख कर पर ज्यानिक ब्याश्चर चकित होते हैं
03:47इसलिए अब तक उनके पास इस बात का भी जवाब नहीं है कि ये संरशना बनी कैसे है
03:52आपको कैसी लगी ये रिपोर्ट हमें जरूर बताएं
03:54और ऐसी ही जानकारियों के लिए बने रहें One India के साथ धन्यवाद

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