Etawah Kathawachak News: इटावा के मुकुट मणि (Mukut Mani)...एक यादव कथावाचक...जिनको लेकर फिलहाल यूपी (UP News) ही नहीं पूरे देश में एक नई बहस छिड़ गई है...कथावाचक मुकुट मणि यादव के (Kathawachak Mukut Mani) साथ क्या क्या हुआ...उसके बाद कैसे उनको राजनीतिक समर्थन भी मिला...इसपर तो काफी कुछ लिखा और दिखाया जा रहा है...लेकिन क्या आपको पता है कि कथावाचक मुकुट मणि यादव (Kathawachak Mukut Mani Yadav) के जीवन की कहानी बेहद चमत्कारी रही है...ये हम नहीं कह रहे हैं...ये आजतक की उस रिपोर्ट के हवाले हम कह रहे हैं जब उनके पिता का इंटरव्यू लिया गया...कथावाचक मुकुट मणि यादव के पिता रामप्रकाश यादव (Ram Prakash Yadav) ने उनके बारे में जो कुछ भी बताया है...उसके बारे में जानकर आप चकित हो उठेंगे...सबसे पहले ये बता दें कि कथावाचक मुकुट मणि यादव का घर इटावा के सिविल लाइन (Etawah Civil Line Police Station) थाना इलाके के अंदर आने वाले जवाहरपुरा गांव (Jawaharpura Village) में है...उनके आठ भाई हैं जिनमें वो सबसे बड़े हैं. तो चलिए जानते हैं कथावाचक मुकुट मणि यादव की कहानी जिसको उनके पिता रामप्रकाश यादव क्या कहा.
00:12इटावा के मुकुट मड़ी एक यादो कथावाचक जिनको लेकर फिलहाल यूपी ही नहीं
00:28पुरे देश में एक नई बहस छिड़ चुकी है
00:30कथावाचक मुकुट मड़ी यादो के साथ क्या-क्या हुआ
00:33इसके बाद कैसे उनको राजनितिक समर्थन भी मिला
00:36इस पर तो काफी कुछ लिखा और दिखाया जा रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि कथावाचक मुकुट मड़ी यादो के जीवन की कहानी बेहत चमतकारी रही है
00:45यह हम नहीं कह रहे हैं यह आज तक कि उस रिपोर्ट के हवाले से हम कह रहे हैं जब उनके पिता का इंटर्वियू लिया गया
00:52कथावाचक मुकुट मड़ी यादो के पितार रामपरकाश यादो ने उनके बारे में जो कुछ भी बताया है उसके बारे में जानकर आप चकित जरूर हो उठेंगे
01:00सबसे पहले ये बता दें कि कथावा चक मुकुट मरी यादो का घर इटावा के सिविल लाइन थाना इलाके के अंदर आने वाले जवाहर पुरा गाउं में है
01:08उनके आठ भाई हैं जिनमें वो सबसे बड़े हैं
01:12तो चलिए जानते हैं कथावाचक मुकुट मड़ी यादो की कहानी जिसको उनके पिता रामप्रकाश यादो ने कहा है।
01:35कथा करने की कला सीखने के बाद से वो गाउं गाउं जाकर कथा वाचन करते हैं।
01:40मुकुट मडी के छोटे भाई रंजीत यातों के मताबिक उनके भाया पिछले 15 सालों से कथा सुना रहे हैं।
01:47लेकिन उनके साथ जो कुछ भी हुआ है पहले कभी नहीं हुआ।
01:50रंजीत ने बताया कि उन्होंने इस घटना को मोबाईल पर देखा तो परेशान हो गए और उनके गाउं के लोगों में आक्रोश भर उठा।
01:57मुकुट मडी के साथ धोलक बजाने वाले के बारे में भी बताया गया कि श्याम जी कोठरिया पिछले एक साल से उनके साथ हैं।
02:04वो जन्म से ही दोनों आखों से दिव्यांग हैं।
02:07मुकुट मडी धोलक बजाने के एवच में उनको महताना देते थे जिससे उनका घर चलता था।
02:12वहीं कथावाचक मुकुट मडी के साथ काम करने वाले उनके सहायक संत यादों ने बताया कि उन्होंने बायोलोजी से बियस्सी की हैं।
02:20जिसके आधार पर उनको टीचर की नौकरी भी मिली थी। कुरोना के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और कथावाचक मुकुट मडी यादों के साथ सहायक आचारे बन गए।
02:29चकित कर देने वाली बात ये है कि जब पिछले पंदरा सालों से कथा सुना रहे मुकुट मडी के साथ पहली बार ऐसा हुआ है तो इसके पीछे क्या वज़े रही होगी क्योंकि कुछ भी यूही अचानक तो नहीं होता है।
02:40साथी चोका देने वाली बात ये भी है कि जब ब्रामपड़ों ने उनके साथ ऐसा किया और मामला तूड पकलता दिखाई देने लगा तो अचानक से ही उन पर छेड़ खानी के भी आरोप मड़ दिये गए।
02:50साथी फरजी याधार कार्ड और दोखेबाजी का केस भी दर्ज हो गया।
02:54ये सारी बातें क्या कुछ और इशारे कर रहे हैं इसका जवाग तो सामने आही जाएगा।
03:00लेकिन एक बात तो साफ है कि कथावाचक मुकुटमणी यादो के साथ जो कुछ भी हुआ है उसने एक नई बहस छेड़ दी है।
03:07साथी ब्राम्हनवाद और यादववाद की टकर भी दिखाई देने लगी है।
03:11क्या एक यादो या फिर गैर ब्राम्हन कथावाचक नहीं बन सकता है आपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।