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Jagannath Puri Rath Yatra: पुरी की पवित्र धरती पर हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि चमत्कारों (Jagannath Temple Mystery) और रहस्यों से भरी दिव्य यात्रा है। इस वीडियो में जानिए जगन्नाथ मंदिर के 5 अद्भुत रहस्य, जैसे क्यों नहीं पड़ती गुंबद की छाया? हर साल रथ क्यों बनाए जाते हैं नए? मंदिर का ध्वज हवा के विपरीत क्यों लहराता है? और कैसे महाप्रसाद कभी न कम पड़ता है न बर्बाद होता है! वीडियो को अंत तक ज़रूर देखें और भारत की इस चमत्कारी परंपरा को करीब से महसूस करें।

Every year, the sacred land of Puri witnesses the Jagannath Rath Yatra not just a festival, but a divine journey full of miracles and mysteries. In this video, discover 5 amazing secrets of the Jagannath Temple and feel the spiritual magic of this incredible Indian tradition.

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~HT.318~ED.106~PR.250~

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Transcript
00:00जगन्नाथ रथ्यात्रा के पांच रहस्य नौध दिन की यात्रा और बहुत कुछ प्रभू का जमतकार आँखी खोल देगा
00:14हर साल जब उडिशा के पूरी नगर में रथ्यात्रा की शुर्वात होती है तो ऐसा लगता है मानूपूरा प्रहमांड एक अलोकिक उज़ा से सारा बोर हो जाता है
00:27ये सिर्फ एक त्योहार नहीं बलकि इश्वर के प्रती समर्पर्ण, परंपरा और दिव्यता का जीवन तुद्सव है लाखों श्रत धालू जब चैजगनात का उदगोश करते हैं तो आसमान भी जैसे उस भक्ती में शामिल हो जाता है
00:44परंपु इस उद्सव की चमक धमक और भक्ती के पीछे कई रहस्यमई और चमतकार एक तथ्या छिपे हैं जो इसे केवल धार्मिक आयोजन नहीं बलकि एक अद्भत आध्यात में क्यात्रा बना देती हैं
00:58आये रथ्यात्रा से जुड़ी पांच ऐसी रूचक बाते जानते हैं जो आपको भावुक कर देगी और इस पर्व की दिव्यता को और कहराई से महसूस कराएगी
01:11हर साल रथूं का नया जन्म
01:15सोचिए हर साल तीनों देवताओं भगवान जगनात बलभत्र और सुभत्रा के नए रथ नए सिरे से बनाये जाते हैं
01:26नंदी खोश तलधवच और दरपर दलन नाम के ये रथ पवित्र लकडियों से तैयार किये जाते हैं
01:35जैसे फसी और धोरा के पेड़ एक हजार से भी ज्यादा बढ़ए दिन रात लगा कर इन रथूं को गड़ते हैं
01:43इस निर्मान में पहले के किसी भी रथ का कोई भी हिस्सा नहीं लिया जाता
01:49ये एक ऐसी परंपरा है जिसमें हर वर्ष नई शुरुआत होती है
01:54जैसे प्रकृती स्वैम इन रथूं को जीवन देती है
01:57श्रधा और समर्बन से गूथा एक पुनर चन्म
02:02जगनात मंदर का मुख्य गुमबद एक रहस्य है
02:11दिन के किसी भी पहर में किसी भी दिशा से देखने पर ये गुमबद कभी भी अपनी चाया जमीन पर नहीं डालता
02:20या शर्य आधूनिक विज्ञान के लिए भी चुनाती है
02:24क्या ये एक दिव्य संकेत है
02:26शायद एश्वर का वो संदेश उनका प्रकाश इतना अघंड है कि वो कभी किसी पर छाया नहीं बनता केवल दिशा दिखाता है
02:36जब देवता रथ पर होते हैं बुजारी भी रहते हैं दूर
02:42रथियात्र का एक बहुत ही भावनात्मक नियम है जसका बहुत पहतर ठंग से पालन किया जाता है
02:51जब भगवान अपने रथों पर विराजते हैं तो उनके सेवक यानि की मंदिर के पुजारी उनसे दूर रहते हैं
02:59उस समय भगवान सभी के लिए समान हो जाते हैं
03:02कोई विशेश अधिकार नहीं ये वो पल है जब ईश्वर स्वैम अपने भक्तों के बीच होते हैं बिना किसी मध्यस्ता के ये श्रधा और सम्ता का संदेश है जो हमें भीतर तक छू जाता है
03:17जंडा और चक्र विज्ञान से परेचमतकार
03:22मंदिर के उपर लहराता हुआ ध्वज हमेशा हवा की दिशा के विप्रीत उड़ता है और मंदिर के शीर्ष पर इस्थित चक्र जिसे नील चक्र कहते हैं
03:34चाहे आप मंदिर के किसी भी कूनी में हूँ वो आपको दिखेगा साम में ही दिखेगा
03:40ये दृष्य भ्रहम नहीं बलकि एक दिव्या अनुभव है मानु भगवान का दृष्टि कून हमेशा आपके उपर बना रहता है हर कून से
03:51पुरी मंदिर की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई माना जाता है
04:01यहां हर दिन मिट्टी के चूलों पर चपन प्रकार का महा प्रसाद तयार किया जाता है
04:08लाखों भगताते हैं पर एक अधुद बात ये है कि प्रसाद ना कभी कम पढ़ता है ना कभी परबाद हुआ
04:16ये केवल प्रबंधन नहीं ये श्रध्धा और इश्वर ये गणना का एक ऐसा चमतकार है एक ऐसी रसोई जहां इश्वर स्वेम भंडारी है
04:27इन पांच रहसे मई तथ्यों में रध्यात्रा की वो आत्मा छिपी है जो भगतों के आंसों में, जैखोश में और हर खिचती हुई रसी में महसूस होती है
04:40ये करिबल त्योहार नहीं, ये इश्वर से मिलने की वो सजीव कहानी है जो हर साल नए रंगों में लिखी जाती है, तैयार होती है

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