Etawah Kathawachak Video: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने इटावा की हालिया घटना पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से कथा कहने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को है। साथ ही उन्होंने समाजवादी नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर धोखाधड़ी करने वालों को सम्मानित करने का आरोप लगाया। कांवड़ यात्रा को लेकर शंकराचार्य (Shankaracharya) ने कहा कि कच्चा अनाज किसी भी जाति या धर्म से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा शंकराचार्य ने अखिलेश यादव को क्या नसीहत दी वीडियो में जानें विस्तार से.
00:00लेकिन उनका शाल उलाकर के सम्मान करना ये हम समझते हैं कि कुछ इतन नहीं है ये ज़्यादा है क्योंकि उन्होंने भी दोश किया है गलती उनकी भी है उनको अपनी जाती नहीं चुपाना चाहिए था जब सारजनीक रूप से कोई खता होती है तो उसमें ब्राह्मन वक्ता
00:30लेकिन उस घटना के हो जाने के बाद जिस तरह से उसका राजनीति को व्योग किया जा रहा है हम समझते हैं वो और भी गलत है इसलिए दो लोग पहले दोशी थे अब ये तीसरे जो हैं वो भी दोशी है ऐसा हमारा मानना है ठीक है किस बात का सम्मान वो लोग अपनी जाती
01:00पीट हुई ठीक नहीं है लेकिन सम्मान अलग बस्तू होती है तो इसलिए मार पीट नहीं करना चाहिए था जिन लोगों ने मार पीट की बिल्कुल गलत किया उन्होंने इसलिए जिन को मारा गया उनके प्रतिक इसी की भी सानुबूती हो सकती है अगर अखिले स्यादों को
01:30किसी भी जाती में, सनातन धर्म की जितनी भी जातियां है, किसी भी जाती में जन्म लेना गवरों की बात है, क्यों? क्योंकि सीधे भगवान के द्वारा चार वर्न जो बनाए गए है, वो सीधे भगवान की रचना है, उन्हीं के अंगों से उनकी कल्पना की गई है, इसलिए
02:00सबके लिए हैं हर व्यक्ति अपने अपने घर में बगवान को बुलाता है सबके घर में बगवान आते हैं देखिए जिसके घर में सोने का सिंगासन है न वो भी बगवान को बुलाता है बगवान उसके घर में पी आते हैं और जिसके घर में जगह ही नहीं है दिवार में आला
02:30हमारे यहां कुछ मर्यादाइं भी बनाई गई हैं तो उन मर्यादाओं में यह है कि जब सार्वनिक रूप से कोई खथा होती है तो उसमें ब्रामन वक्ता ब्यासासन पर बैठता है ताकि हर वर्ण के लोग उससे सुन सकें कोई इतराज ना कर लिए यही बात है ना कि आप प
03:00लग गए तो यह जो है इससे पता चलता है कि वो जो व्यक्ति हैं वो जिस जाती के हैं उस जाती में अपने को गवरो महसूस नहीं कर रहा है इसलिए वो अपने आरोपित जाती एक दूसरी जाती बना करके आये हुए है तो उनको यह सन ही करना चाहिए जिस जाती में जन्म