Muharram 2025 Ka Chand: मुहर्रम इस्लामिक यानी हिजरी कैलेंडर का पहला महीना होता है. इस महीने से ही इस्लामिक नए साल की शुरुआत होती है, इसलिए इस महीने को बेहद खास माना जाता है. मुहर्रम को इस्लाम के चार सबसे पाक महीनों में से एक माना जाता है. मुहर्रम का महीना बकरीद के 20 दिन बाद शुरू होता है. साल 2025 में मुहर्रम की तारीख को लेकर कंफ्यूजन बनी हुई है कि आखिर ये महीना कब शुरू होगा. आइए आपको बताते हैं कि मुहर्रम का चांद कब दिखेगा और इस महीने की अहमियत.
00:00इसलाम में जिस तरह रमजान की बहुत अहमियत होती है उसी तरहां दुनिया भर के मुसल्मानों के लिए महर्म का महीना भी काफी खास होता है
00:07ये महीना इसलाम धर्म के चार सबसे पाक महीनों में से एक है
00:10आईए जानते हैं कि इस साल 2025 में महरम कितनी तारीख को है
00:14महरम इसलामिक यानि हिज्जरी कैलेंडर का पहला महीना होता है
00:17इस महीने से ही इसलामिक नए साल की शुरुआत होती है
00:19इसलिए इस महीने को बेहत खास माना जाता है
00:22महरम को इसलाम के चार सबसे पाक महीनों में से एक माना जाता है
00:25महरम का महीना बकराईद के 20 दिन बात शुरू होता है
00:29साल 2025 में महरम की तारीख को लेकर कनफ्यूजन बनी हुई है
00:32कि आखिर ये महीना कब शुरू होगा
00:34आईए आपको बदाते हैं कि महरम का चांद कब दिखेगा और इस महीने की एहमियत क्या है
00:38इसलामिक कैलेंडर का पहला महीना महरम का होता है
00:41ऐसे में नई चांद के दिखने पर ही इस महीने की शुरूआत होगी
00:44ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि दोहजार पच्चिस महरम 27 जून चुकरवार की शाम से शुरू होगा
00:50आलाकि इसकी कुन्फर्म तारिक चांद के दिदार पर ही निर्भर करती है
00:53यानि पहला महरम 27 जून चुकरवार की शाम से
00:56दस महरम यानि आशूरा का दिन 6 जूलाई 2025 रविपार को
01:00इसलाम में महरम का नौवा और दसमा दिन बेहद एहमियत रखता है
01:04इन ही दिनों कर्बला की जंग हुई थी
01:06महरम महीने के दसमे दिन को यौ में आशूरा भी कहा जाता है
01:09आशूरा के दिन को पैगंबर महम्मद साब के नौवा से
01:12इमाम हुसैन की शहादत के रूप में मनाया जाता है
01:15जो कर्बला की जंग में शहीद हो गए थे
01:16आशूरा का दिन सुन्नी और शिया दोनों मुसल्मानों के लिए एहम है
01:20हलांकि उनके लिए इसका मतलब अलग-अलग है
01:22सुन्नी मुसल्मानों का मानना है कि आशूरा वो दिन है
01:25जब अल्ला ताला ने हजरत मूस अलिससलाम और उनकी कौम को
01:28फिरॉन और उसकी सेना से बचाने के लिए
01:30लाल सागल को दो हिस्सों में अलग कर दिया था
01:33वहीं शिया मुसल्मानों का मानना है कि आशूरा वो दिन है
01:35जब अमाम हुसैन जो पेगंबर मुहमत साभ के नवासे थे
01:39और उनके कई साथियों को 680-20 में करबला की जंग में शहीद कर दिया गया था
01:44आशूरा के दिन सुन्नी मुसल्मान रोजा रखते हैं और अल्ला का शुकरी आदा करते हैं
01:48जबकि शिया मुसल्मान आशूरा के दिन इमाम हुसैन की शहादत का मातम मनाते हैं
01:52महरम सिर्फ नए साल का महीना नहीं बलकि त्याग बलिदान और सच्चाई के रिए लडाई का प्रतीक बन गया है।
01:58इमाम हुसाइन और उनके परिवार की कुर्बानी को याद करते हुए इस महीने को शोग के रूप में मनाया जाता है।
02:03अई कई जगाओं पर इस दिन तार्जी निकाले जाते हैं लोग कर्बला की घटना को याद कर मातब मनाते हैं इसलिए महरम को शोग का महीना यानि घम का महीना कहा जाता है और मुसल्मान पूरी श्रद्धा के साथ इस महीने में इबादत भी करते हैं।
02:15फिलाल इस वीडियो में इतना ही उम्मेदे आपको ये जानकारी पसंद आई होगी वीडियो को लाइक करें शर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें।