- 6/23/2025
#Birha \ गरीबो के आंसू | Gariboo Ke Aanshu| Omprakash Singh Yadav | Bhojpuri Birha |
Song : Gariboo Ke Aanshu
Album : Gariboo Ke Aanshu
Singer : Omprakash Singh Yadav
Lyricist : Omprakash Singh Yadav
Producer : Sandeep Nishad
Digital : Amarnath Prajapati
Digital Partner : 7Sargam Digital
Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705
Song : Gariboo Ke Aanshu
Album : Gariboo Ke Aanshu
Singer : Omprakash Singh Yadav
Lyricist : Omprakash Singh Yadav
Producer : Sandeep Nishad
Digital : Amarnath Prajapati
Digital Partner : 7Sargam Digital
Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705
Category
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MusicTranscript
00:00अग
00:03कर दो खळीक
00:10या बसावाइए
00:11समार्या
00:13समारिया राराम्रे
00:16हुष्ट
00:18हुष्ट
00:22राव
00:24वहाव
00:28इस गाने का सिर्सक है इस गाने का सिर्सक है गरीबों के आशू चार लाइन भूमिका पर गोर करेंगे कहना क्या है कभी का
00:43कोई तहरीर को कोई तहरीर को चाल सकता नहीं
01:05तो कदी है खुदा ने जो तकदीर में अब लाख को शिशी लाख को शिशी करें फिर भी मिटता नहीं
01:28जो खुदा ने लिखी उसके तनवीर में वसुन्धर धरनी अवनी थराती है यचरा
01:44शुदा कर हिमानात हिम कर बचाते अबयन शुमालिया दित अरे भानू दिवाकरी विधी विधाता विरची प्रजापति लजाते
02:05बाबु कोई कपोल बात नहीं कोई काल्पनी कहानी नहीं है
02:16जे भैया आप लोग आतनी भाई विरा सुने वहिचला हूंवन अगर केव भाई अख़वार पत्रीका का प्रेमी हुएं
02:24एक नूतन कहानिया पत्री का निकलती है
02:28नूतन कहानिया में एक कहानी प्रकासी थुई थी
02:33मजबूर होकर के कहानी को गाना के रुप में देना पड़ा
02:37तई हाँ एक लाइन तर्ज का लाइन बाँ
02:40अब एक तर्ज का लाइन बाँ
02:44हवर बढ़ के दाँ
02:47कि अरे हमर मोटकी न हो
02:56अब हमर मोटकी में हरिया खिसी आई लबे
03:03देवरे पे लुभाई लबे
03:05मोटकी में हरिया खिसी आई लबे
03:10देवरे पे लुभाई लबे
03:13जगावे गावे के आपन गावे वजावे के अलग अलग तरीका ओखेला कोनो नई गीत ना ओखेलिन कोनो धुन्या ना ओखेला हर एक धुन पुरान ओखेला
03:36ओकराय में दूझ मात्रा बढ़ा के अवाज में तनिशय लचक देदा उए अक� 38 नई गीत हो जाई दू मात्रा गठा के अवाज में करीगरी कहड़ा हुए ँरस एक धुन पुर पहिले एक धिगजल हमन के गाल तरह लिए ऑस समय लोग नया नया ओग गजल के कहके गावतफ
04:06महाशर में रब के सामने आएगी भाति माँ
04:18महाशर में रब के सामने आएगी भाति माँ
04:26महाशर में रब के सामने आएगी भाति माँ
04:32महाशर में रब के सामने आएगी भाति माँ
04:50आएगी भातना महसर में रब के सामने
05:20आएगी भातना महसर में रब के सामने
05:26आएगी भातिमा अनवरी को यपना सरी
05:33आएगी भातिमा आएगी भातिमा
05:45इस सब कवाली के टुकड़ा बाप एकरे पहिलवा एक थे यहुर कवाली के टुकड़ा लोगावत रहलन
06:08लोग कहें कि नयावा लाग गावे का लगलत तोर तरीका हो खेला कोनोगी थमरे समस्य ने ना हो खेलिन का लोग गावत रहलन लियाव रिजनाल दी दा
06:18और ये दस रुबेगा पृष्कार आप बड़े भाई शाहब समा कैसेट रेकोर्डिंग सेंटर सिधारी चोक आजमगर से और दस रुबेगा पृष्कार
06:28ये आप बड़े भाई शाहब पिंटू कैसेट रेकोर्डिंग सेंटर चक्रपान पृष्कार आजमगर से
06:37ये लोग आवत रहलन की बसीय की और दुनिया है इसी संसार के नीचे
06:58मगर गाना के भावस्थर पर गौर करियन भगवान को उलाहना देते हुए कभी जी कहने लगे क्या
07:05कि तुम्ही करेता तुम्ही भारता तुम्ही हरता हो सिंती के
07:14आज जगति का खेल सब तेरा हरक तेरी है ग्रीश्थर यहां ऐसे गाना को शुरुआत्वां कहानी कहवां से लिहल गई बता उने की कोई कपोल बात नहीं है
07:42नूतन कहानियां पेगाम देती है का नूतन कहानियां में मिले ले भीया
07:47कि कानपुर सहारियां में हरे वारा एक मुहाला रहा ले
08:03अब लच्छिमी के दिना परी वारा मोरे बातुजी
08:12आवो ही रे मुहाला रहा में प्रिष्णा मुहानई नजिमी अर्भो
08:21भाया कोठा कोठी धाना बेशू मारा मोरे बातुजी
08:30आप लोगें जे भाया अगर कानपुर सहर में गई रही हैं
08:37कानपुर सहर में गई रही हैं
08:39वर्रा नाम के मुहाला से चीर पर चीत होंगे
08:43वर्रा मुहाला के अंतरगत
08:45एक लच्मी नाम का बड़ी गरीब इंसान जिन्दगी को बिताता था
08:50जिंदगी विधावत रहलन ओही मुखलवे में एक क्रिष्ण मोहन नाम के इंजिनियर साहिव रहत रहलन अपार संपत भरलवा धन्दल्मत का कोनो कमी नावा एक दिने थे घटना घट गई आ घटना घटल का
09:09कि बतिया ही बतिया में अरे बात बाड़ी गईली हो अब लच्छिमी बोसे भई ले तो का रारा मोरे बापू जी
09:29लच्छिमी के महरारू जेकर नाम मिठलेश वतावल गई लच्छिमी के महरारू से आइंजिनियर साहिव के महरारू से कुछ जंज़ट पैदा हो गई अजब जंज़ट पैदा भाई भाई भाई आज बात वनलबा साम हुआ है जंज़ट तो खत्म हो गई दोनों अपने अ
09:59मजदूरी करके मजदूर इंसान आया है
10:01देखे हमार महरा आप हुभन के महरा रू एठ्रे गरीब इंशान के महरा-रू करी
10:08अज लक्षिमी कान्त के महरा-रू एक वात नावात जोने वी यह बात
10:14सोच नावट जोन us कि हमार दीन बर कर ठागल खेदायर कि
10:20अगर इजगड़ा वाली बात बता दे उनके दिल पर बड़ी ठेस लगी यह सोच के ना बतावत वे मगरबा अरे इंजिनियर साथ धन का घमंड नबाविया दौलत का घमंड है इंजिनियर का महरार वे वो बात कहले वे कहले का वे
10:38तब तर्ज दियर गई और ये पांच वेगा प्रुषकार तस इना गवले रालिन का गवले रालिन हुए गीतिया गवले रालिन की पतना से बैदा बोलाईगा
11:02हो नजरा गई निगोई लिया अरे छोटा की नन दिया तो मोरत सवाती लिया हो मोरत सवाती नन दो के गवना कराईदा
11:19हो नजरा गई निगोई लिया हो नजरा गई निगोई लिया
11:26मगर देखें बाबुजी आज इंजिनियर साइब लगाना इंजिनियर कमेरा रुए वो बाथ कहले वे का कहले वे
11:47लख्षनी बो के ही जत लूटवाईला
11:54हो सैया मान जा कहना
11:57अरे छोटा मुहा बड़ा बाती करेले बतिया
12:15मुहा में करिखा लगाईगा
12:20अब मुहा में करिखा लगाईगा
12:24तो सैया मान जा कहना
12:27लख्षनी कमेरा रूँ
12:41आज इंजिनियर साहिव कमेरा रूँ
12:44उनसे एक्ठे बात कहले बे
12:45कलज की सुना
12:47तु अमर मरद हुआ न
12:49इंजिनियर साहिव कलन के करो में कोनो
12:51पुछे वाली बात बे
12:53कलज की तसुन ले काम खोल के
12:55जे करा टाइम से कवर भोजन
12:58नसीब ना होत्वा
12:59टाइम से कपड़ा पहिने का ना मिलत्वा
13:02आज वो हमरा से बात लगावत रहल
13:04तजब तक हमरी अखिया के सुधवा
13:07लच्छमी के महरारू के तु इज़त ना लुटबा
13:11तब तक न तोरे सनवा
13:12उठब न तोरे सनवा
13:14बैठब न तोरे सनवा
13:15सुन दाब
13:17कोनो काम ना होई
13:19जब एतनी बात
13:21इंजिनियर साहिब सुन लना
13:22आखी रोग पड़ा लिखा इंसान था
13:25इंजिनियर साहब डाट करके
13:27कहने लगे किरे पगली
13:29एक गरीम कियावरू को
13:31तुम निलाम करना चाहती हो
13:32कदाप ये काम नहीं हो सकता है
13:35ओ दिन तो इंजिनियर साहिब
13:37चले गई लना
13:38नहारू हटी गई
13:39आज इंजिनियर साहिब कर दुसरी रोज के घटना � सुने
13:43नो करी पर से
13:45ड्यूटि पर से इंजिनियर साह व्लोट करके आए हैं
13:47के कुलेग का पानी दे सके
13:50इंजिनियर का महरारू ताना देवे लगल
13:53अ ताना देखे कहलस का
13:54जवन कभी कभी आप लोगन हमरी अवाज में
14:01आका स्वानी पतना रेडियो इस्टेशन से छव बच के तीस मेंट पच्छे उपाल में सुना थोबा लोगन
14:05गाईना का गौले बाणी ये भेया
14:07उए गितिया गौले बाणी
14:16कि पाकी गई लेखे तावा
14:19जरे लबालूरे तावा खना किरे बोवे ना
14:25अरे खना किरे बोवे
14:27वोईया खेपे खेपे चूरिया खना किरे बोवे ना
14:32खेपे दूरिया खना किरे बोवे ना
14:36आशी गई लेखे तावा खना किरे बोवे ना
14:49आज इंजिनियर का महरारू ताना देखवे ताना देखे कहले कावे
15:03कि ताना मारे गोईया वो पे निला बचूडिया सुनावे लगली अरे सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया
15:15सुनावे लगली अरे सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया सुनावे लगली तैपने मारा दाके जादिया सुनावे लगली �
15:45अखिर इंजिनियर साहीं मर्दे नगालन, आज इकल्जुप का जमाना वह यह भाईया, मर्दो कुलकई किसिन के वह खेलन, आज का जमाना में माईदू बहुत पारिएंगे, इंजिनियर साहीं का दिमाग बदली गई, मेरालू के हाथ पकड़न हाँ, आए वो बात कहलन, कहलन
16:15कि अरे तोहरे कारण भैले रावर भधानावा भैली लडाई कुरू छेत्र मैदानावा
16:37तब उकिदेव सगरी का माई हो तब कहना न मानी
16:46कहलन कि सुलो तु अमार महरारू हो न तब महरारू वैसन जात हो खेलिन
17:03कि सीता के चलते रावर का नास हो भैल
17:06अरे जो पदी के चलते माभारत का लडाई हो गई तब तु अमरे महरारू न वारू तु अरे जेतनी धन
17:17नोट के गड़ी के चीता लगा के याग लगा दे शारा दोलत जल जाई लेकिन पहर कहल जरूर करण चलो चलो तुम्हारे आखों के सामने आज लक्ष्मी की दुलहंकी मैं इजजत को लूटूंगा देखे बावू कहानी मोर ले रही हैं दस रुबे गासिरबाद के प्रति
17:47हाथों में रिबालबर को उठाते हैं एक आपने कोड़ा उठाए नूतन कहानिया में प्रमार मिला साथ पने भतिजे को लिए अपनी दुलहन को लिए आज चले आए लक्ष्मी के दरवादे पर जबकि वेचारा सीधा साधा किशान मजदूर लक्ष्मी कांत कहीं मजदूर
18:17लक्ष्मी के ओ गरीब परिवार में भगवान दूइठे बेतवन के जनम देले रहलन। लक्ष्मी का महरा उभर में दूनों लाइकन के वैचा के खाना खियावत रहलिन। तब तक तो इंजिनियर जा करके लक्ष्मी के दरवादा को खटखटाने लगे। जिस समें दरवा
18:47भूजलन। गोण भाई लोगन के दुआरी परबरात लगजे यो करा में दूइठे लउंडा जी हम। अब कैसन कैसन बताइं विया। समझ लेगो मोट लउंडा रही। सेर सेर बरको कर चुतर रही। खसे के फुफती ही जा तो खसले रही ही जा। एकदम फ्वरी महरारू
19:17इए गितिया गाई।
19:47लूतन कहानिया में प्रमाव मिला कि अपने साथ में भतिजे को लिए अपना महरारू के लिह लन हा आईलन हा लक्ष्मी के दरवाजा पर जबकी तीसरी रोर दूबजे दीन के घतना बा भगवानों कवो कवो बड़ा अनर्ज के देलन ए बाबू लक्ष्मी के महरारू दू
20:17दूनों लड़कन के घर में भी ठाक के खाना खियावत रहनिं। जाके इंजनियर साथ दर्वाजा को खटखताने लगे।
20:47को बुला लिये होती, मैं दोड़ी दोड़ी चली आती, आप एतना कस्त कहें कैनल, मगर भा रे ओ इंजिनियर गदार, सीने में कोई दया नाम की चीज नहीं है, ओ करता है क्या बाबु?
20:59कहीं लो मैं का?
21:29कहीं लो मैं का?
21:59ओ गदार, इंजिनियर के सीने में कोई दया नाम की चीज नहीं है, बाबु जी पत्रीका में प्रमालब मिला, कि गरीन के दुलहन की कलाई को पकर करके, घसीता हुआ घर के अंदर लेकर जाता है, उस यवला के तन पर से सारी को उतार दिया, बेला उज को उतार दिया,
22:29पी नहीं रहने दिया, नंगी बदन करके, आज कोड़ा का वर्षा शुरू ही कर दिया, मारते मारते, उस यवला के तन लहु दुहान हो गए, उस समय हाथ जोर करके, नंगी बदन में खरी हो करके, आज एठे गरीब का महरारू कहने वे, का कहने वे भईया?
22:59अब मान का दिला खाऊ ठी, अब हमरो बचाई लेता, जोगा वला ही जाती आ, अब हमया भगी नी आके,
23:24अब बोलिया से मारी बेता, अनी कली पराना भईया, होईना शास पी, हाथ जोर करके, ऑके
23:43भईया तु मेरी जद लेना चाहते हो ना, मेरी जद लेना चाहते हो ला, लेलो मेरी जद को भईया,
23:53मगर इज़त लेने से पहले एक काम कर दो
23:56हाथों में जो रिबालवर लिये हो
23:59उठा लो रिबालवर
24:01चला दा गोली
24:03ताकि इस बुन्या से मैं चली जाओं
24:05और मेरे मर जाने के बाद
24:07इस मस्वर सरीर से जो कुछ करना चाहते हैं भईया कर लेना
24:11लेकिन जीते जी आबरू को मत उतारो
24:14पाक दामन को ना पाक मत बनाओ
24:17देखें बाबू रोती रह गई बिलक्ती रह गई
24:20ओ गदार मार करके
24:23नंगी बदन में
24:26कोडा से लहू लुहां तो नंगी बदन को कर ही दिया था
24:29इज़त लुट ही लिया
24:32आज एक अवला के साथ इज़त लुट करके
24:37उस यवला के साथ एक बड़ी ही दरदनाग घटना घटा दिया
24:41ओ इंजिनियर किया क्या
24:43किया खिया
24:45और इकाला वाले
24:49अब मारी चाहा के ठूशी दिया ले
24:58हाया बड़ा के ठूशी दिया ले
25:04साथ इज़त को लुट करके
25:11उस दुलहन के गरीर की दुलहन के आँख कान
25:17इतना तक प्रमान मिला भिया
25:19कि उसके गुपतां में लोग मर्चे ठूश दी
25:22गोर करेंगे भगवान हर एक इंसान को हम को
25:26आपको सभी लोगों को मा भवन बेटी दिये होंगे
25:30एक बेटी वाला भाई एक भवन वाला भाई इस बात को सोच सकता है
25:36ओ लक्षिनी की दुलहन कोई अथारबरस की नोजोती नहीं थी
25:40कोई कुआरी बाल का नहीं थी
25:42बलकि दो बच्चों की मा बन चुकी थी
25:45और उस समय भी गर्विरी थी
25:47गर्व के वस्था में थी
25:49छो महीना का नन्ना मुना सीसु बालत
25:52उस गर्विरी के दुलहन के
25:55पेट के अंदर जन्म ले रहा था
25:57एक गर्विरी स्थी के गुपतां में
26:00लोग मर्चे छुस दिये बाबू
26:01जिस समय सरीर में जलन सुरू हुआ
26:04दरब बरदास ना होत्वा
26:06किसी तरह से नंगी बदन में खड़ी होती है
26:09दोनों हाथ को फैला करके
26:12इंजिनियर के सामने
26:13आखों में आशू लेकर के एक बात करती है
26:16कि हमारी विपातीया ने
26:24काईला दूरा गवतीया हो
26:31काईला दूरा गवतीया हो
26:38हमरी भी पातिया ना कहिना दुना गातिया हो
26:52कहे बदे नू तेला, कहे बदे नू तेलाई, जतिया ये बाबु जी हो
27:02कहे बदे नू तेलाई, जतिया ये बाबु जी हो
27:09कहे बदे नू तेलाई, जतिया ये बाबु जी हो
27:29कहे बदे नू तेलाई, जतिया ये बाबु जी हो
27:35कहे बदे नू तेलाई, जतिया ये बाबु जी बाबु जी उस गरीब के दुरहन के फर्यात को चुनने वाला कोई नहीं मिला
27:45किसी तरह से खड़ी होती है, आंगन में आती है, जहाँ पर इंजिनियर के दुरन खड़ी होकर के हस रही थी
27:54का गल्ती के इन रहनी, एतने रहन के दुरह से भगड़ा बहं दर, हम गरीब के महरारू के चार ठेपर मार दीतू, हम बरदास कहिके रहाँ जेती।
28:12लेकिन हमारी जब के उटवाली है लुना एक बार पुनव और गरीब की दुलन भगवान को याद करती है
28:19और भगवान को उलाना देते हुए कहती है क्या
28:22करदा कमरे मारी हम ठाटेली छातिया की मुरई जातिया
28:42जालिये वीधना
29:06मुराई जातिया जाली रे, वीधना मुरसा सतिया, मुरसा सतिया भैली रे, वीधना सतिया भैली रे, वीधना सतिया भैली रे, वीधना सतिया भैली रे, वीधना रोती रह गई, बिलोती रह गई,
29:35लेकिन बाबुजी कोई ऐसा कृष्ण भाई नहीं मिला
29:38जो कि द्रोपदी रुपी बहन की इज़त को बचा ले
29:41आज नूतन कहानिया में प्रमावन मिला
29:45उसी आंगन के अंदर
29:47ओ गरीन की दुलहन चट पता चट पता करके
29:53इस दुनिया को छोड़ करके चल बसी
29:56मर गई उसकी नंगी लास उसी तरह आनन में पड़ी है
30:01लईका तर लईका नहोखेलन भीया
30:04चाहे हमार लईका होके हैं
30:07चाहे आप लोगन के लईका होके हैं
30:09दुनो छोट छोट लईका घर में बैचला हुआन
30:12माई के अपने देनी दसा के देखत हुआन
30:15लेकि लड़का का कर सकत्वान
30:18दुनो लड़का कोने में दुबक करके डर की मारे बैठ गए
30:21आज जो इंजिनियर गद्दार
30:23उसकी नंगी लास को उठाता है
30:26ले जाकर के कानपुर के चोराहे पर रख दिया
30:29और ऐलान कर दिया
30:31कियरा कानपुर के लोगों कान खोल करके सुन्दो
30:35मेरे खिलाब
30:37कोई आवाज को बुलंद करना चाहेगा
30:41उसे गोली से उड़ा दिया जाएगा
30:44मेरे खिलाब
30:46कोई बाजू को उठाना चाहेगा
30:48दोनों बाजू कलम कर दिये जाएंगे
30:50देखें भाईया
30:52कायला की भाई जैसन ही तन भाई जैसन
30:55आज छोट लड़का
30:58बढ़का भाईया से रो के कलम के भाईया
31:00उए न माई रालिन हो
31:02जवन की नून रोटी खा के जिन्दगी के वितावत रालिन
31:06मगर हमन दुनों भाईयन के भरल गिलास के दूद पियावत रालिन
31:10आज माई छोड़के चलन गे जिन्दगी भाईया
31:13अरे माई के पास हम रोट चल जाएं
31:16तब माई और रहने लेके दूसरे के दूरे चल जाए
31:19कि ने काट दे
31:21ये थे वो लईका रहल
31:23आज माई छोड़ के चलने गे लिन भईया
31:26के करेप पर छोड़ के गे लिना
31:28बड़ भईया बाबु देखे
31:30छोट भाई को गोधी में उठाता है
31:33लाकर के कांपुर के चोराये पर रख दिया
31:36जिस समय छोटा सा लड़का
31:38अपनी माँ की नंगी लास को देखा है
31:40तड़ उठाए जिन्दगी की परवा को नहीं किया
31:44दौर के गईलन हा
31:45माई के लास बोधी में उठा लिया लग
31:48चुमत होँन चात होँन
31:50छोट लईका रोके कहले बागी माई
31:52तू चल गए लूना तर ये अथ्छे बात शुना
31:54रोके का कहले बागी
31:56ये बात रोके कहले बागी
32:06कि माई माई सुना कर उत हूँ साना सार
32:15माई सुना कर उत हूँ साना सार
32:21माई सुना कर नंदे बात शुना कर उत हूँ के सार
32:43क्या बने दुलार के, बूलार कुने दुलारा हुआ।
33:13वर सासव थी शजह रहां कि माई तुवरा मी के कईझी हलूहार
33:23माई तुवरा मी के कईझी हलूहार
33:28दुलर वायब के कारी हो
33:32इस बात को कोई अवास नहीं कर रहा था
33:53अरे गरीबों में इतना हिम्मत कहां से
33:56जो की धनवानों का साम ना कर सके
33:59एक मुसल्मान का लड़का था
34:02जिस लड़का का नाम बाबू पत्रिका में साहिद बतलाया गया
34:06साहिद ज्याया है
34:07और जब इस बात को देखा है तो किया क्या तेरी कमा
34:11अब बर के दा
34:12महंत ख़ए गें दूआ संपारे फिते दुख।
34:42अरे तया बला की ऐसी देखा दसा, तया बला की ऐसी देखा दसा, साहिद ने तब लल का रहा है, तो खला गला बागी उस दम तीनों को मार भगाया है,
35:05आज साहिद नाम कलर का, गरीबों के पास राई फल बंदु कत्ता कार्तुष कहां से आए, लाठी ही सही, लाठी को उठा लिया, जाकर के इंजिनियर के उपर लाठी का वार किया है, जेओं लाठी का वार भईलबा, आज इंजिनियर अपनी जट को बचा करके एक तरफ हड़
35:35उपर कभी जी बड़ी नूची बात लिखलन, का लिखले रहलन, अउड़ बढ़ के दढ़, का कहे कबा, का कहे कबा, कि ये ही धारती परयाईली, कालियो भवन आय भईया, कि ये ही धारती परयाईली, कालियो भवन आय भईया, कि ये ही धारती परयाईली, कालियो भवन आय
36:05अरे नारियों को कम मत समझो नारी वैसी जात है
36:34कि समयाने पर सती सावित्री बनती है
36:38समयाने पर काली दुर्गा का रूप लेती है
36:42और वही नारी समयाने पर कल्युग में राई फन ले करके फुलन और पुतली भी बनती है
36:48नारियों को कम मत समझो
36:50देखें बाबो हम कोनो दल का नेता ना बनी
36:54कौनों पाटी का नेता ना ही
36:56लेकिन आज गवया होने के ना पे
36:59आप लोगों से एक हकीकत बात मैं बतलाओंगा
37:01ओसमें कामपुर के सामसर सबसे
37:04रेंडू भातिया रालिन
37:06रेंडू भातिया के पता चलल बाग कैली है का बढ़ के दा
37:09उपर वालिन
37:11कैली ना का
37:14कि वैसे रेंडू गूमी गूमी का रतिया लाणावा
37:18अरे नारी सा मुआ पुरा गई ले है ले है
37:29कानपुर के सांसर सदसरे रेंडू भातिया पुरी नारियन के एक जूट बना लियन
37:39मुलायम शिन्यादो लखनव के अंदर वैठे थे
37:48भाई अतनी जीवे से
37:49काली की कोनो पाती के नेता ना है
37:51न जनता दल के बानी
37:53न कम्मिनिस्ट पाती के बानी
37:56न बोजन समाझ हाथी चाप के बानी
37:58न भाजपा के बानी
37:59आज गवया होने के नाते में एक वात वतला रहा हूँ
38:02मुलाइम सिन्यादो के नाम आप लोगन सुन्डे होई हैं
38:06मुलाइम सिन्यादो जब मुख्य मंत्री के पत पर वैचा रहलन
38:10तो अधिकारी लोग गन गन गन कापत रहलन
38:13जवन मास्टर लोग भया कि 11 बज़े स्कूल में हाजिरी लगाई कि
38:18दिन भर लाइकन से गोर दबवाऊ है
38:21उन मास्टर लोग 9 बज़े स्कूल में हाजिरी लगा दवीती राज में
38:24काएं कि मुलाइमा कमाई बाभू बड़ा बड़ियार गल्ती कहीं लेबा
38:29का गलती कहीं दिबा गया
38:30अतो करना हुआ मुलाइम सिंग रखले बा
38:33उकर तना हुआ करेर सिंग रखे का चाहत रहल
38:36ओगर यह अधिकारी लोग कहा चाहत रहलन
38:38लेकिन नहीं मुलाइम सिंग का कहना है
38:42उत्तर परदेश का करणधार बुलाइं सिन्यादों के खाफ तोर से पिछड़े बरत के लोगों से कहना है
38:49कि अराब पिछड़े बरत के लोगों कहन खोल करके सुनो
38:53तक जमाना से अधिकार मांने से नहीं मिलने वाला है
38:58यहाँ तुम लोगों के बाजुओं के अंदर ताकत है तो अपनी अधिकार के जमाना से छिंडा लो
39:05यहाँ यह कहे कबा
39:07यह कहे कबा मुलाइम सिंग से
39:14मुलाइम सिंग के कहना वाठी अपनी बाजुओं के बन से
39:18अपनी अधिकार को छिंडा लो
39:20तेरे बाजुओं के अंदर ताकत है तो
39:23रेड़ू बातिया जाके बतवलिन हाँ
39:26रेड़ू बातिया जब बतवलिन तो मुलाएं सिंग अइलन लखनव में
39:30लखनव में एस पी के के सिनहा को बुला करके
39:33मूतन कहान्या में प्रमार मिला
39:36SPKK सिनहा को बुला करके एलान कर दिये
39:40कियराई SPKK सिनहा कान खोल करके शुन लो
39:4424 घंटे के अंदर अगर ये गदार इंजिनियर गिरतार नहीं किया जाता है
39:49तो समझ लो तेरी नौकरी से तुझे छूटी दे दी जाएगी
39:53SPKK सिनहा गनगन गनगन काप़े लगन
39:5724 घंटे के अंदर मुलायम शिंग के कथना नुशा
40:02आज इंजिनियर की पूरा परिवार समेथ की रफ्तार किया गया
40:06मगर देखें आप लोगन से हम के कहे कवा का कहे कवा
40:11ऐसे कि आप लोगन देश के करंधार होन
40:14कहनाम बा का कहनाम बा
40:16के क्तार से हम क्तार होन
40:20हाँ?
40:21पत्र वेगा बरस अली हता
40:24अात्यारी
40:25हाा बाभरा
40:27तर्याठी जहीत अहरी पेपी हा
40:31सज हमे सक्रिया उत्या बाभर
40:35उत्यात면
40:37अए जह हमें सक्रिया उत्यान
40:43लोड़
40:43उत्या leuk
40:44गरना कदम बढ़ाई बाभाया मानों ता मित जाई
40:58लाखों बहनी जाई जाई है रीज़त समलत जाई
41:04दमाती बन जाई इसाई अच्यारी पोपिया
41:12पीसाई जहल में तकर्या यत्यारी पोपिया
41:16ये कहे कवा कहनाम बखा कि जये जखार गुरु जद्दू लोतन की लहरे फुलवार
41:40कथन करे कभी गंगाता करे शुबास की तयारी अरे नहरी को तव लेगी लियादी
41:48यादा हों प्रिकास के दहिने रहे भाव फुला नहर को तव लेगी लगी
41:54करेंगे जये फुला को तव लेगी
41:58ये जए के जए लेगी
42:05लेगी
42:06फट कि रहे जए
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