Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5/20/2025
#Birha | प्रतिशोध उर्फ ​​गुजरात कांड | Bechan Ram Rajbhar | Pratishodh Urf Gujrat Kand | Bhojpuri Birha


Song : Pratishodh Urf Gujrat Kand
Album : Pratishodh Urf Gujrat Kand
Singer : Bechan Ram Rajbhar
Lyricist : Chandrika Kavi
Producer : Sandeep Nishad
Digital : Amarnath Prajapati
Digital Partner : 7Sargam Digital
Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705

Category

🎵
Music
Transcript
00:00चल में जब कमलनी पियासी रही इसु कदर घर जला आग पुझना सकी तीस अप्रेल था सन सतासी सही
00:15अरे जो गुन गुनाए सूखी कली पर जो गुन गुनाए सूखी कली पर ऐसा कोई भ्रमर नहीं है
00:34अरे जो गुन गुनाए सूखी कली पर ऐसा कोई भ्रमर नहीं है
00:50अरे जो गुन गुनाए सूखी कली पर ऐसा कोई भ्रमर नहीं है
01:02अरे जो जो गुन गुन गुनाए सूखी कली पर ऐसा कोई भ्रमर नहीं है
01:17अरे जलता जिगर जमाना दोलत की आग में
01:36हर्य फैशन यला पता है अपने ही राग में
01:51अरे फैशन का घुन गुन गुन को पूल कर रहा
01:55अब इनसान ही इनसान का यू मोल कर रहा
01:59कहानी के सुरवात हो
02:01कहानी के सुरवात हो
02:03अरे गुजलात के सिरी राम सिंग बलू आके निवासी
02:16बेटी की शादी की तयारी किये हुलासी
02:19अरे हल्दी में रंगी रीणा महदी से सज रही
02:23द्वारे बरात याई शानवाई बज रही
02:26पीकर शराब बराती देने लगे गाली
02:30बिबाद में दोनों तरफ से निकली दुनाली
02:33अरे समधी कृपाल सिंग कहे तब बान के फेटा
02:37कंगाल के घर में नहीं ब्याहूंगा मैं बेटा
02:44अरे कंगाल के घर में नहीं ब्याहूंगा मैं बेटा
02:48दुलहार रंजीत सिंग चला कंगन को तोड़के
02:52जाने लगे बराती दुलान को छोड़ में
02:56अगुवा के ही सारे पसम घराती नो जावा
02:59मारे सबी बराती यो को घेर के पढ़ा
03:02बात के समझ लाँ
03:11गुजराट बरुआ गाउं का सिराम सिंग
03:14अपने भी टिया रीना के सारी तो है कही लग
03:17लेकिन अगुवाई के कही ले रहल की दुलाह का मामा
03:21दुलाह का मामा अगुवाई कही ले रहल
03:25ना अब रहल नरेसिंग
03:28रीना कस्रिंगार घर में होद्बा
03:33दुआरे बराताई दुआर फूजा जब लग गल
03:37तो कुछ दहेज की बात के ले करके
03:44गराती और बनाती में जगरा हो गई
03:47बंदू कर निकल उओल हो गई लिकाली गलों सुरू हो गई
03:51एक दी नहीसन नुबत आ गई
03:54कि दुलाक अंगन तोड़कर मरवाम फेकर बनात लेकर वापस जाए लगई
03:59कि कुमार हजाब लेकिन ये दुल्रेंग ससाधी न करब
04:04जब हो अपस जाए लगई, दुलाक का मामा अगुआ ललकार न घर दे लियनके
04:09कि घेर लाई सारे भाग के कहां जी हम
04:12इजद्वियार के सारे सब कहां जी हम घेर लाई लिनके
04:16काम को नौजवान लाती भाला गनास लेकर घेर लिलन
04:19और बीच बीच के मर लन
04:21लाग के बाप के अद्धुलाके तरासस कि मरा hai मरलकिन प्रूल सब घर बढ़े है लगी मुदुला दूमाद कि घर दर भागी लगें है लेकिन लड़की घर के अंदर रुवत क्यों है जबें लड़की के बनाब भया जब लड़की के बनाब दरोगे
04:41यहां करके निकल गई लवट गई उलर्खी के दिल पर का भीटा है उलर्खी घर में रोवस्त निवर्के दिया
04:46तर्जमा कि अरे यांगाने में उले फूल गे नावाए ना दो बाजे ले बधया दुगरे पे
05:00आरे विल खी विल खी लोवे घर में कुमरिया शेनूरा पडला ना ही मगिया
05:23आरे सजाना परहिला लेके शादी कपी अरिया
05:33सजाना परहिला लेके सादी कपी अरिया
05:38से नुरा परहिला नहीं मधिया दे
05:41आरे सजाना परहिला लेके सादी कपी अरिया
05:57लड़की रोजबा घर में
06:00कि जानी के दरद दिल दुखावा कबतिया
06:04आदुवरे से आके जे करिला वचल बरतिया
06:08कहियो पादा ना परहिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके सादी करिला लेके
06:38कि कहिए बदन बेधित ताना वाली पिरिया लड़की यही बात सोच करकर रोवा है कि हमार बरात दरवाजे से लोड़ गई अरोस परोस पे घगरा होई लोग हमके उगट दी हैं तो लड़की ते घर में रोद भा वहर चला दुदा के जोगवाई के लिए लगा नरेश सिंग
07:08कि अरे गोरिया हो बिजूरिया का मागिरी गोरिया हो लेकिन भाव है कि अरे अगु आखे अरे अगु आखे इजतिया कैसे रशीक
07:32अरे राजपू देख बतिया कईसे रही, अगुआ कई जतिया कईसे
07:48अगुआ कई जतिया कईसे रही, अगुआ कई जतिया कईसे
08:18अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगुआ कईसे रही, अगु�
08:48कोमल कली में काट चुभाते हैं सभी लोग अब काट में ही काट चुभाने चले हम
09:00इज्जत के लिए जान कोई चीज नहीं है पानी पर लोहु पानी बनाने चले हम
09:07अरे जिस घर को जला करके होली खेले बेवफा उस खंड हर को फिर से सजाने चले हम
09:14दे चेतना की जोत जो सिमिठे सो गए, दे चेतना की जोत समाद के रिवाज में सिमिठे जो सो गए, दे चेतना की जोत जगाने चले है हम, अगुआ राम नवे सिंगुची वास्तो चलन का,
09:29कि अरे में हनावा कईसे मारी दुनिया
09:34कि अब में हनावा कईसे मारी दुनिया
09:38अरे देवाई दयाताना में गोदिया कही लानावा
09:41में हनावा कईसे मारी दुनिया
09:43अरे करमकी करी में खरी बेदना है समस्ता न कोई जवानी के आगे
10:01अरे खबर ही नहीं जिन्दगी कम मिठेगी क्या पैसे की कीमत है पानी के आगे
10:07अरे गहन ज्यान गरिमा की गहराई में अगर शान से आज जीना जो चाहो तो घर से है नहुता में राजे से आया मेरे बेटे के संग रीना को ब्याहो
10:18अगुआ राम्ने सिंकहलन लड़की के बाप से कि साथी तौहारी बेश्ती भई हमारी बेश्ती भई
10:26तो हमार बेटवार राजेस नेउता में आयल हो
10:30हमार तौहरी के समाज में अगर रखे के हो
10:33तो यही तैयारी पर अपने बिटिया के साधी
10:36हमेरे बेटवास बिना तहेज के करदा
10:37एक पैसा भी न ले तब तो मर्द
10:41देखा अगर हर इंसान ऐसे हो जाए
10:43तहेज अपने आपने चल जाएए
10:45भायल का कि अब घराती भिर चाल पर शुरू हो गई
10:49एकदम बहार आगिल मरवा में
10:51घराती दौदर के तैयारी करदा शुरू करदा भी आसाधी के
10:55तेलिये की पर अधिया तो कोई रहल ना
10:57सोजले घरात वाले के जतना कुछ खाये पकाव के बाप और नहीं खाये के बाँ
11:01मिठाई रस गुल्ला का चवरी पकोड़ी सब कुछ लिया खाले ले काम हो ख़ए
11:05जल्दी बाजी में साधी भाई
11:07सबेरे सबेरे दिना के बिदाई हो लगल तेक्षे तर यहां मिला तर जो है वाँ
11:13कि अरे कहावा कखाय रचुनवा
11:23अरे कहावा कपान कहावा कती कूली
11:30अरे कहावा कटी कूली दरवा मरे रे जान कहावा कटी
11:37अरे शमा कैसेटरी कार्डिंग सेंटर सिधारी से आये
11:54देखा पाचर रुपिया भाईया हमके थमाये
11:58अरे नमस्कार भाईया के बाते मोर्ब्रणा
12:02मरुपिया त गई लिय बबुआ
12:05अरे पाकित के मोरे दरम्या
12:07अरुपिया त गई लिय बबुआ
12:23तस यह के सब कव लं अगल
12:23यह के तर जी
12:25मिझें की नाच में सब सूमीरयान प्रगावेलन
12:27नाच वाले यही तर्जवा के थोड़ा सब बदलने पर वह तर्जवा जाले का गावलन
12:32नाच वाले यही तर्जवा जाले यही तर्जवा जाले का गावलन
13:02हाथ हते हां सब्सक्राइब यही तर्जवा जाले वह तर्जवा जाले यही तर्जवा जाले का गावलन
13:31आरे कहवा का धान कहवा का उखरी, मुसरवा मररे घान कहवा का उखरी
13:48तू गोरिया जबाब बतावे लंद कि पंझाब का गोहुआ चमके, बिहार का धान, आयहर का उखरी, उखर का मुसरा मारे ज़ान
13:58जब इसे के यंता में से दूसरा फिट करी लगा
14:28जब इसे के आवाद निकले जिटान, जब इसे के यवरी के पन्याव का गहुमा चमके आरे बकसर का धान, आरे बकसर का धान
14:48कारे के तरीक यावा का गोहमाच्छ चपके और कियर बकसर का जतवा महान यहर कखी लावा
15:04यारे यहर ककीलावा यारे वो हर से निकल पिसान यहर ककीलावा
15:14यारे कभी दाई होगा लगल तो भाव कभी दिहलन
15:25कि पत जड़ में आई गई ली अरे फीर से बहार बिना मंगे मिलादा
15:33से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:36से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:40से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:43से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:47से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:49से नूरा वह उन्हार बिना मंगे मिलादा
15:51अरे बिर्बल सुमास जी रहा ये कसाथ हो रहा ये कसाथ हो रहा ये कसाथ हो रहा है
16:21सेनुरा वहो उदार दिना मनुदीर
16:28सेनुरा वहो उदार दिना मनुदीर
16:33ए भया, आरे सनुरा परात्य मेठी भैली परदेशिया
16:42आरे खुचिके कीरा निया में मिठली उदाथिया
16:49आरे कैली बिदाई माई भराय आकावा आरे बिना मनुदीर
16:55आरे बिना मनुदीर
16:57सेनुरा वहो उदार बिना मनुदीर
17:01सेनुरा वहो उदार बिना मनुदीर
17:04सेनुरा वहो उदार बिना मनुदीर
17:08ए भया, सुना या, लड़की चल गई ससुलाल
17:15रीना लड़की सत्वाल चल गई राजेस के साथे सुहाग रात है तजहिया बितिया अमीर कहो चाहे गरीब कर उनकर बिदाई होकर कि जब जाये लगे ले तो लड़कीन के दिल में दूई बात कर सोच हो ले एक तरफ एक बात कर दूख खोला कि आज बात मतारी सक्षी सलेहर �
17:45मग्भूरी कठी थे बात कर खुषी बहुले कि अज रीना के सुहाग रात हो रीना सुहाग वाली गुथरी में अपने पती
17:56अपने पती राजेस के इंतजार करता प्रेम लेकर कि और राजेस विचारा पलारी में सूतल हो सोचा तो कि घर कर इस्तदार खापी कि जब सूत जा सब लोग तो चोरी से धीरे से जाई
18:09अब वहर जवन दुला रंजीत अपनी बरात लेकर वापस अपने घर चला गया था वो करें दील में प्रतिशोद का भावना जगल कि हम जो बरात लेकर चले लिन तो वही लड़की से हमार मामा सुने बेटवा करा करा कर लड़की के बिजाई करा कर लेकर गई लिए और हमके �
18:39असाला थी सेलला सो करके देका ऐसी पढ़ने के लिए पस्वाद का बदा लेने के लिए पहुच गया उसी सुहाग रात के दिन अपने मामा के घरे और जो पहुचे लब आबुजी तो पलान में सोया हुआ सबसे पहले हो करें मामा के लड़का राजी इसमिलल जो उने का आ
19:09और कटा और दुनों आख में भूव करके राजेश के दूनों अख्या भी निका लिया, आजब दूनों अख्या नीच निका लिया बाबू जी, तो वो कोठरी में गल जो उने कोठरी में दूरहीन अपनी पती के इंपदी के इंतियार कर दोड़ा, दर्वाजा तोर कर जब व
19:39पुलहिन के मारी दिहले, अरे खुनवा मेरा नाले, सोहागे कसे जरिया।
19:53दिलवा कबतिया उनके दिलवे में रही गई ली,
20:00अरे बाहर घायल चंदा घर में घायल भाया जोरिया।
20:30सजा के सपना भै सजा नवा नईहर नोखे कए।
20:35अरे खातीर छुटी गई नए, भवा नवा नईहर नोखे कए।
20:41अरे नईहर सासुर छुटल डूबले, जीवन का कमाई हो।
20:47अमात पितारो वत पहुंचे, सनवा में भयर भाई हो।
20:52अरे देखला भायरो भाहिनी के सपना वान नईहर नोखे कए।
21:00तुलहीन का बाप मतारी रोवत मौके पर पहुंचे लगा।
21:05तुलहीन के एक भाई जवान जिसका नाम था भायरो सिंग।
21:08अपने भीन के मां के तरफ जो देखला है, तो सोचतक की आया है।
21:12काल अपने भीन के विदाई के लिए आगे पर भीन भी धवा हो गई।
21:16भायरो सिंग्ग के आँग ज़र-ज़र यासू चले लेगा।
21:19लेकिन जब रीना का नजर अपने भाईया भायरा सिंग पर रोवत पढ़ने हो, धिकारती है, कि अरे भाईया भायरा सिंग, अरे लानत है तेरी जवानी को, अरे धिकार है तेरी जवानी को, गिलाच पूत होकर किया तुम आसु बहार है हो, तेरे बहान का सुहाग लुट गय
21:49राणा के चेतवली, अरे चंपा बेटी चूमी के चरणिया बार बार
21:57अरे जैसे करमा किरणयो कलोता महरनिया, अरे चुरिया के बदले कैली तेगला के सिंगार
22:09कहत तो अरे जवनिया के बाते हो धिकार
22:19अरे होके राज पूत याज या सिया बहावा, अरे कलंकी बनावा मुरे रखिया का प्यार
22:28कहत कोई नाय मर होके आयल दुनिया में, अरे जस या पजसर ही जाला सनसार
22:36भाईया आज ले कुछ मंगली ना लेकिन आज अंतिम वक्त तोरे बहिर के एक चीज तोह से मंगन मांगा थे कौन चीज
22:46कि अरे सनुरा के खुनावा का बदला चुकाई हाँ अरे तोह से मंगनावा मांगी ना यंतिम बारे
22:54भाईया अमरे संदूर के खुन का बदला चुका ला यही करकर के रीना अपने प्राण को छोड़ देती है लेकिन भाईयरो सिंग अपने भहिन बहनोई के लास लेकरके जब एक चिता पजलो लगा दुनों के लास चिता जब जले लगल तो भाईयरो सिंग के दिमगवा लगल
23:24कि अरे चलला भाईयरो सिंग अरे अब गुसा ने कसम खाई के अरे चिता वाक रखिया निला रावा लगाई के चिता रावा लगाई के
23:54अरे एक दिर रंजी से गया एक बजार में भेटाई तक गोलिया चला के लिहला बदला चुकाई अरे निकाल लिया दुनों यहाँ खहकतरिया घटाई के
24:10एक दिन एक बजार में चाय के दुखान को मिल गया रंजी, है लगे, पांच गोली मरला है, पांच गोली लगल तो कत्वा चियार के पसर के नहीं भजा रंजी, कतारी से दुनों खिया निकाल कर बदला चुका लिया, जब वैसंदु चाय जने मरी हैं, बिचाय जने कांख नि
24:40तो चाय जने मार खांट, जय जने के या निकला जने का जाम जातों दहेज जाई काएं, तो ये तरह दहेज जेज चल जाई, और वो तरह रोईबा गई वनों, तो दहेज जाई होई ना केकों कई बात काक लिए, कालन कभी जी, ये लिए कि बिना क्रांती के कोनों चीट ग�
25:10कई से मारी दुनिया अरे रामा कहाई कि तोहरा उखार ले वाका

Recommended