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  • 5/15/2025
Song : Kartik Janam
Album : Kartik Janam
Singer : Mangal Yadav
Lyricist : Mangal Yadav
Producer : Sandeep Nishad
Digital : Amarnath Prajapati
Digital Partner : 7Sargam Digital
Trade Inquiry : 7007149143 , 9696961705

Category

🎵
Music
Transcript
00:00पुरानों में वर्णित कथा को मथातो
00:25पुरानों में वर्णित कथा को मथातो
00:35योकीनन मिली बात यदभुत यलोकिक
00:42कियाओ गीत की पक्ति में बद्ध कभिने
00:46सभाव में सुनाता हुँगा करके मौंखिक
00:55विखरी बसंती छटा गुल चमन में
01:00सिंदूरी रंग में रंगाया गगन था
01:05मकुदरत के आगोस में सभू
01:09धरा तो धरा देव मंडल मगन था
01:14किरितु राज का आगमन होगा लहल
01:18पंत का आगमन होगा लहल
01:21मधुमास लग लहल
01:23चारो तरप एकदम बगिया बवराउठल लहल
01:26किरितु राज का आगमन होगा लहल
01:29पंत का आगमन होगा लहल
01:31मधुमास लग लहल
01:33किरितु राज का आगमन होगा लहल
01:37पंत का आगमन होगा लहल
01:39मधुमास लग लहल
01:41चारो तरप एकदम बगिया बवराउठल लहल
01:44जैसे सरसो जे फूल जाले
01:47गाओ गाओ यही जडवा तनी जात जात धोल मजीरा ठनके लगाला
01:53लेका गाओ गाओ गाओ गाओ की फागुन में बाबा धेवर लागे
01:58काई काई मतलब बा की बसंत ऐसन मौसम बा
02:02की मौसम लगत लगत जिसे बुढहोन में भी रहानी आ जाले
02:06आदी आदी रात के बतोहन से बुढहोन पानी माँगे शुरू के देना वह टाइम में
02:13हाँ हाँ मौसम बनला हाँ हाँ हाँ
02:18कहत मौसम बनला हाँ हाँ हाँ जिया रजा
02:24अरे मौसम आप लोग को बन जा तब बन मजा हो
02:28हाँ हाकीकत यह बा की वसंत के आगमन जब हो जाला
02:33शारो तरब बगिया बौरा उठेले आम में बौर अमराई महक उठेले
02:38सिंदूरी रंग में एकड़म बना जाला
02:41लगाला की काम देव एकड़म भरपूर सवारी हो गईल बा
02:45ठीक वही मौसम था
02:47और इसने मौसम में भयल का एकठे तर दिया लगते
02:51और तर जब बोल बा
02:54आई मुसल्मान नमाज पढ़लो
02:58आई मुसल्मान नमाज पढ़लो अभी मेरा सर कटा नहीं है
03:26आई मुसल्मान नमाज पढ़लो अभी मेरा सर कटा नहीं है
03:32हुसेन जैसी दिया सहादत वैसी कोई दिया नहीं है
03:51यह तो कवाली का लाइन थल थरजवाली
03:54मगर गाना के बोल पर ज़रा गौर करें हैं कहना है
03:57बागों में आई बहारे
04:03कामनी जद हम सुना रहे थे
04:19पुष्पत रुकिन सुक कली पे
04:25भिंग कुल गुन गुना रहे थे
04:31पुष्पत रुकिन सुक कली पे
04:34भिंग कुल गुन गुना रहे थे
04:40बागों में आई बहारे
04:45कामनी जद हम सुना रहे थे
04:50बागों में आई बहारे
04:55कामनी जद हम सुना रहे थे
04:57पुष्पत रुकिन सुक कली पे
04:59भिंग कुल गुन गुना रहे थे
05:01बगीया बहुराजा ले
05:03हम राई महकुठे ले ले
05:05ओ समय कली पे फूल पर
05:07भिंग कुल गुन गुना रहे थे
05:11ये पाँच रुपया पुरुषकार
05:13देखें एकाड़े के सिश्य हैं
05:15स्रिराम जियान यादो मास्टर
05:17आपके तरब से मिला फरिया से भिया के धन्यबाद बाद
05:19आप सबके एक स्वर्षे प्रणाम बाद
05:21लेकिन ठीक है ही बसंत के मौसम में भयल का
05:25शेल जा संग शिव कैलास परन मगन रहे
05:36लशे भभूती अंग में कामारी नगन रहे
05:41लशे मैंने सुष्वभीत हो ना
05:43कामारी शंकर के कहल्यला काम का जो दुस्मन हो अरी हो
05:47इले कामारी
05:49लशे भभूती अंग पे कामारी नगन रहे
05:53लगा सर काम का धोखे में बिरी पात हुआ
05:57शेल जा के हुदे में देख करे आगात हुआ
06:02भाईया भाईया तैं बात सुनत च नहीं है तब मजा मिली
06:07ए बसंत के मौसम में भोले नात
06:10एक दिन मस्ती में भावन का गोला च्छान के बैठल हुआ पनी
06:13आश्रम के बगल में एका एक काम देव का सवारी भहिल
06:18और भोले नात का विरी शकली थोई लगल
06:21बैठला बैठल तब का खाड़ा
06:25इनहों को महा अचली बात ये बुजना है
06:28अब हम जान गेली की धेर समझावा की ज़रूरत ना हो
06:31हम कलिये की विरी शकली थोई लगल तई कहतों की पानी बहाई लगल
06:36हम समझ गेली की आप लोग बहुत समझदार हुआ
06:39अब उकरे आगे कुछ कहाई के ना बाते हैं
06:42अब तनी फेर से मौसम पकड़ा विदाए के
07:13भईया वाली बतिया माल लागी पानी बहाई लगल
07:18आना यास जे विरी शकली थोई लगल
07:20माता पारवती देख के बड़ा उदास भैनी
07:23बहुत उन्हें कष्ट भहल
07:25यह कामारी कहलाते हैं स्वामिनात
07:28यह क्या हो गया
07:29माता पारवती तुरथ उस विरिय को एक पात्र में समहाल कर रख दीती है
07:34देखिये जुड़ता है इस विरिय से किस का नाता
07:38अब हमें देखना है
07:40शिवपुरान क्या बताता है विरिय किधर जाता है
07:43विरिय का किस से नाता जुड़ता है
07:46बोले नात देखना मस्ती में एकदम
07:48एकदम कुटिया पर मोज में लीन बाने
07:51अब छान कर मस्ती में भोला भंग कुछ भुन भुना रहे
08:12हमार सुन के कहा लो
08:13चान कर मस्ती में भोला भंग कुछ भुन भुना रहे थे
08:19पुष पतारु किनुसुग कलि पर भिन्ग कुल गुन भुना रहे थे
08:38माता जी, विरीय से उठा की एक पातर में रक..
08:41संजोग एक बात कुछ देर के बाद वहाँ पहुँझता कौन है
08:47वेशे में भी खरी आउर के
09:11संजोग एक बात कौन है वेशे में भी खरी आउर के बाद वहाँ पहुँझता कौन है
09:21वेशे में भी खरी आउर के बाद वहाँ पहुँझता कौन है
09:31अगनी देव वही दम गिर जा कराईदी हली उने विरिय पनावा
09:45ज्वाला के रूप अगनी देव निज़ स्वरूप धैले
09:52विरिय के प्रभाव से जल न फूंके तनावा
10:00विखारी का वेश बनाकर अगनी देव भोले नाथ के आश्रम पे पहुँझते हैं
10:06और पहुँझ करके आवाज लगाने लगे माँ
10:10बड़े जोर से भूँक प्यास लगे कुछ खिला पिला दे माँ
10:14विखारी के वेश में आवाज लगावले
10:16माता जी भैली ने भैली न वो विरिय जो रखले रहनी पात्र में
10:20उठाके उनने ले जाके दे देनी विखारी के
10:23और विखारी भी होके कौनो पे पदार्त समझ के मुँ लगे न वो पी गईना
10:29जब मुँ लगा लेना पी गईना तब भैल का
10:33अगनी दे वो ज्वाला के स्वरूप खुदे रहना है
10:36लेकिन जब विरिय उनके पेट के अंदर गईल तो लगल दाला फुंके
10:39आस ज्वाला फुंके लगल की लगना वो जिन लोटे पोटे
10:43कने री मा क्या खिला दिया तुने लग रहा है प्रान निकल जाएगा
10:48मेरा पेट फट जाएगा
10:50जल्दी कोई उपा बता मा
10:52वो जिन लगना लोटे पोटे तो परवती ओ लगनी घफ़रा है
10:55ये देखती तो ये जिन मर जाल चाहत बा
10:58ये जिन तर जिन ही बात पर बदल गईल
11:00तो ये सादी पती जिन से बढ़ जा
11:03अरे
11:04कि गँवा के पिछवारे चान जब निकले
11:15चुप के से नदिया के पार यही हा
11:20गँवा के पिछवारे चान जब निकले
11:24चुप के से नदिया के पार यही हा
11:29गँवा के पिछवारे चान जब निकले
11:34चुप के से नदिया के पार यही हा
11:39नदिया में जब की अरे नदिया में जब की
11:44नदिया में पानी भरल रही राणी
11:51कहते देने की नदिया के पार चेलिया बाईन
11:54सुचने की असना वो नदिया पानी से भरल हो
11:56तो के उपाए बताओ तुम दुझेन भाईया
11:59कि नदिया में पानी भरल रही राणी
12:03अरे नदिया पहोके सवार चेलिया
12:08नदिया में पानी भरल हो याँ
12:12नदिया पहोके सवार चेलिया याँ
12:16नदिया पानी भरल हो याँ
12:19नदिया पहोके सवार चेलिया याँ
12:24हैरान भैले, हुतासन जलन से
12:29हुतासन मनें अगनी
12:31हैरान भैले, हुतासन जलन से
12:35अब गिरजा कहें गंगा तीर चली जाता
12:39है रान भईले हुता जलन से जग है गंगा तीर चली जाता
12:57है रान भैले हुता जलन से अब गिर जा कहें गंगा तीर चली जाता
13:08अगनी देव जब अपने असली रूप में प्रगट हो गई ना
13:11तब माता पारवती से असली रूप में प्रग़ट हो की भी लगना है कहे रे माँ
13:16ये क्योंसा चीज तुने मुझे पिला दिया
13:19पूरी मेरी शरीर जल रही है ऐसा लग रहा है प्राण निकल जाहेगा
13:23रे बाप रे बाप ज्वाला के स्वरूप ये खुद ही है
13:26लेकिन उससे भी तेजमान उससे भी जलन सीले पदार्थ है
13:30तो उनके उपाय बतावत हैं
13:33हैरान भैले हुतासन जलन से
13:38गिर जग कहें गंगा तीर चली जाता
13:42गंगा किनारे अरे गंगा किनारे
13:48गंगा किनारे पकड रूप असली
13:52ज्वाला में अपनेबे पीड जलि जाता
14:12कहनी की असली रूप गंगा के किनारे जाके
14:16पकड़ कि जब जेले लगबा तो होई का
14:19आच से तोहरे जे आनंद पाई तोहरे चोड़ो के गर्भखाई
14:27भोरे में कट जाई भोरे में कट जाई
14:32भोरे में कट जाई सारी अफतिया
14:40हो खाल ये तमी अधिर चली जाँ
14:43भोरे में कट जाई सारी अफतिया
14:57इतना अधिर भले का ज़रूरत ना बा
15:00इत तुहार सारा कश्ट दूर हो जाई
15:02एक काम करा
15:04गंगा नदी के किनारे जाँ के भोर में
15:07अपने असली रूप में प्रगट हो के जले लगा
15:10और तोरे आंच से जेके आननद मिली जे तोहे भोर में जाये के तापी
15:15ये तुहार सारा भवाल उकरे पछल जाई
15:18कहेक मतलबी जे तुहार गर्भ हो करी रह जाई
15:22ये तेज निकल के उकरे गर्भ में समा जाई
15:25चल देना एगनी देवोई जैसे आ गईने तो भयल का तरज बदल गई
15:30कि मोरे पिछवार वा सोनार के दुकानिया
15:35सोनार के दुकानिया
15:45अब जुलनी तीन पतियन के बड़ी निकला गे गीत आउरतियन के
15:53इत तरज कला इन भल लेकिन गाना के भाव पर ग़ौर करेंगे
15:57गंगा किनार सब तरी सिंके जना नमा
16:02जना नमा होरी सिंके जना नमा
16:11चलनी नहाए भोर हरीया में
16:15लहरा लूट जाके गंगा के लहरीया में
16:27लहरा लूट जाके गंगा के लहरीया में
16:33मधुमास महीना मधुमास के चहित महीना कहल लेला
16:38बसंत का आगमन एकदम बसंत जवानी पर रहल
16:42चहित में भोर में गुलाबी जाड़ा पड़ेले
16:45लेकिन भोरे में चार बजे इस सब तरसिन रोक अवरत निकलनी
16:49अपन निरवस्तर होके तैर तैर के खुब डूप के लगा लगा के मजा लेती नहा थी
16:56पानी से बाहर निकलनी लोग लगल थर थर थर थर थरीर कांपे
17:01इतनी तेश थंडी लगल लगल बदन कांपे लगल अध तब तक अधेरा बाय
17:06भईया अधेरा में देखते हैं की थोड़ी थूड़ा आग जलत बा
17:09सोचेन लोग तनी चल चल के किनरमा आग ताप लेल जा बड़ा थंडी लगत बा
17:13आग का मजा तथंडी एवन बानी आग के लेगे जली जाय के
17:16एवकखट कितना आग का अनन्द मिलेला
17:18जाय जाय के यी लोग आग तापे सुरू कहीनी लेकिन कह जानी
17:23छो जानी एक जानी दूरे बानी आग के लेगे नहीं पहुंच थी
17:26तर्ज फेर बदल गई ली
17:28और तर्जवक बोलू है बाद
17:30कि काहें बदे इतना इतराई ये सुगीया
17:35काहें बदे इतना इतराई ये सुगीया
17:41काहें बदे इतना इतराई ये सुगीया
18:11काहें बदे इतना इतराई ये सुगीया
18:14ये तर्ज बले गिन गाना के अंदर भावा
18:17कि अगिया पे गई लीलू भाई हो रणिया
18:21अगिया पे गई लीलू भाई हो रणिया
18:25ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:30ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:34ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:38ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:42ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:46ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:50ताप लगन याग छोगो जाई हो रणिया
18:55तपलियरंध थीना बैठी मन मारी हो
18:59आगे पीछे ताप छोवरी शीन की नारी हो
19:03आगे पीछे ताप छोवरी शीन की नारी हो
19:07आगे पीछे ताप छोवरी शीन की नारी हो
19:11अरुंधती थोड़ा दूर बेट के गनगनगन
19:15कामपद मारी सर्दी के मारे लेकिन इच्छव जानी
19:18आग के लगे जाए के खुब आगे पीछे आपन बदन सेख रह लें
19:22मजा मिलत बा लेकिन वो मजा के था चलल ना भयल का
19:26की गईन तेज़ गर्भों में समाई हो रण्या
19:31गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
19:48गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:18गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:22गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:26गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:30गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:34गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:38गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:42गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
20:46गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
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20:54गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
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21:06गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
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25:00गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
25:04गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
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26:18गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
26:22गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
26:26गईन सरीर गड़ू आई हो रण्या
26:30भूर में छो जाके गंगा नदी में नहाई लगनी
26:34नहाई लगनी मिछली जावे लगल
26:38लगनी वोई पने मुख खाली
26:42भूर में छो जाके गंगा नदी में नहाई लगनी
26:46नहाई लगनी मिछली जावे लगल
26:50लगनी वोई पने मुख खाली
26:54भूर में छो जाके गंगा नदी में नहाई लगनी
26:58नहाई लगनी मिछली जावे लगल
27:02लगनी वोई पने मुख खाली
27:06लगनी उल्टी लोग लगनी करें
27:10खार खार पने में थूके लगनी
27:14तब भयल का यहाँ पहपट के अंदर भाव बात नहीं पढ़ जाओ
27:18भूर में छो जाके गंगा नदी में नहाई लगनी
27:22नहाँ पहपट के अंदर भाव बात नहीं पढ़ जाओ
27:26भूर में छो जाके लगनी
27:30नहाँ पहपट के अंदर भाव बात नहीं पढ़ जाओ
27:34भूर में छो जाके लगनी
27:38भूर में छो जाके लगनी
28:08भूर में छो जाके लगनी
28:12भूर में छो जाके लगनी
28:16भूर में छो जाके लगनी
28:20भूर में छो जाके लगनी
28:24भूर में छो जाके लगनी
28:28भूर में छो जाके लगनी
28:32भूर में छो जाके लगनी
28:36भूर में छो जाके लगनी
28:40भूर में छो जाके लगनी
28:44भूर में छो जाके लगनी
28:48भूर में छो जाके लगनी
28:52भूर में छो जाके लगनी
28:56यह लोगों लडिका के ओही हालत में
29:00सरकंडा के जूट में अजुरेले छोड़ के भाग भाग के पने यहां आहेनी
29:04भूर में छो जाके लगनी
29:08भूर में छो जाके लगनी
29:12भूर में छो जाके लगनी
29:16भूर में छो जाके लगनी
29:20भूर में छो जाके लगनी
29:24भूर में छो जाके लगनी
29:28भूर में छो जाके लगनी
29:32भूर में छो जाके लगनी
29:36भूर में छो जाके लगनी
29:40भूर में छो जाके लगनी
29:44भूर में छो जाके लगनी
29:48भूर में छो जाके लगनी
29:52भूर में छो जाके लगनी
29:56भूर में छो जाके लगनी
30:00लेहली लला नवा के गोदिया उठाया
30:06चुमत चाट लेके येली पुटिया पे अपने
30:10पलली सुगा नवा के गरवाले गाया
30:16लालका के माई गोहरावे गीरी जाके
30:20रह भोले बाब के चरन लपठाया
30:24रह भोले बाब के चरन लपठाया
30:30अखियां के तारां शिवशती के लला नवा
30:36भैल बलसाली गुण जग में गवाय
30:39भैल बलसाली गुण जग में गवाय
30:53भैल बलसाली गुण जग में गवाय
30:59भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:05भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:11भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:17भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:21भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:27भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:33भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:37भैल बलसाली गुण जग में गवाय
31:43भैल बलसाली गुण जग में गवाय
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31:55भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:01भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:05भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:11भैल बलसाली गुण जग में गवाय
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32:23भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:29भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:35भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:41भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:47भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:53भैल बलसाली गुण जग में गवाय
32:59भैल बलसाली गुण जग में गवाय
33:05जगा बता लाफ़ जगा बता लाफ़ जगा बता लाफ़ जगा जगा बता लाफ़ जगा जगा बता लाफ़ जगा जगा जगा बता लाफ़ जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा जगा
33:35अत्या, अत्या.
33:40देखे निजांमा बाप से वीवीद लग़ें डियंस।
34:05प्रस्तुत प्रस्तुत प्रस्तुत प्रस्तुत प्रस्तुत

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