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00:00जहां तक जल्वाई उपरिवर्तनमा ने क्लाइमेट चेंज की बात है तो हम इर्रिवर्सिबल निगेटिव फीडबैक लूप्स में प्रवेश कर चुके हैं
00:13अब बच नहीं सकते
00:19अब हम मास एक्स्टिंग्शन की रप्टीली ढलान पर उतर चुके हैं
00:28अब रुके रहना या वापस उपर चढ़ जाना या बच पाना संभव नहीं है अब तो आप नीचे को ही फिसलते जाएंगे
00:37और नीचे फिसलने की दर भी साल दर साल बढ़ती जाएगी
00:44मैं इस विशह में दस साल से बोल रहा हूँ अभी कोई दस एक साल पुराना वीडियो था तो उसमें मैं
00:56चिला चिला के सबको आगहा कर रहा था कि प्रत्वी का उसत तापमान लगभग 0.7-0.8 डिगरी बढ़ चुका है जल्दी ही एक डिगरी हो जाएगा जागो जागो जागो जानते हो आज कितना बढ़ चुका है
01:09और मैं तब कह रहा था कि 0.78 बढ़ चुका है क्या कर रहे उठो और मेरे चलाते चलाते देखते देखते जितना बढ़ा हुआ था उसे दूना बढ़ गया
01:23मैं यही बहुत बड़ी बात समझ रहा था कि कहीं एक डिगरी न बढ़ जाया उस अत्ता अपमान एक डिगरी से बहुत आगे बढ़ गया वो हमारे देखते देखते और यह धाई तीन डिगरी पर भी रुकने वाला नहीं है
01:35पहले मुझे लगता था कि रिसेर्च रिपोर्ट्स पढ़के या अंतरराश्ट्रिये कन्वेंशन्स देख करके कि हम कितनी भी बुरी इसमें पर्फॉर्मेंस दिखा दें कितने भी अक्षम तरीके से व्यवहार कर लें
01:56लेकिन हम जो कारबन डाय उक्साइड वगेरा का उत्सरजन रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं उससे भई ये दो धाई डिगरी पर तो रुखी जाएगा
02:04और अब मुझे लगभग निश्चेत हो रहा है कि ये तीन डिगरी पर भी नहीं रुखने वाला
02:11ये चार-पांच शायद छेडगरी तक जाएगा छेडगरी का तो मतलब ये एक एक जीव नहीं बचेगा कम से कम इनसान तो नहीं बचेगा
02:22हम महा प्रले में पूरे तरह से प्रविष्ट हो चुके हैं
02:30पहले भी पांच बार जब प्रजातियों का समूल विस्त्रित नाश हुआ तो पांच में से तीन बार जो कारण था वो कारबंडा ये उक्साइड ही था
02:47और जब हम कहते हैं समूल नाश तो उसका मतलब ये नहीं होता कि कुछ करोड़ों लोग मर जाएंगे
02:56उसका मतलब होता है कि प्रथवी पर 90 प्रतिशत जो प्रजातियों पूरी साफ हो जाएंगी
03:02और मनुष्य तो बहुत जल्दी साफ होगा क्योंकि मनुष्य प्राकृतिक रूप से बहुत असुरक्षित प्रजातियों
03:08मनुष्य का बच्चा जितना कमजोर पैदा होता है उतना और कोई नहीं
03:13अगर जो हमने धाचागत व्यवस्थाएं बना रखी है वो व्यवस्थाएं ढह गई तो मनुष्य का बच्चा जी ही नहीं सकता
03:22और शरीर से मनुष्य जितना कमजोर है बहुत कम प्राणी है जो शरीर से उतने कमजोर है
03:30हमने अपनी प्राक्रतिक शम्ताएं बहुत हद तक खो दिये अब हम अपने कृत्रिम आविश्कारों पर
03:47स्वयम द्वारा निर्मित बैसाखियों पर निर्भर हैं जीने के लिए आपकी खाल उदाहरण के लिए न धूप बरदाश्ट कर सकती है न जाड़ा आपको कपड़े नहीं मिलेंगे आप बहुत जल्दी मर जाएंगे जानवरों की खालें अभी भी ऐसी हैं कि उन्हें कपड
04:17गाय का बच्चा पैदा होता है उसको कितने दिन लगते हैं अपने पाओं पे चल पड़ने में लगभग ततकाल कई बार जिस दिन पैदा होता है उसी दिन वो चलने लग जाता है खड़ा हो जाता है और मनुष्य के बच्चे को चलने में कितना समय लगता है
04:40मनुष्य का बच्चा सबसे कमजोर बच्चों में से होता है
04:4710 साल 12 साल 15 साल उसको संगरक्षन की जरूरत पढ़ती है तब वो जी पाता है
04:57उसको आप जंगल में छोड़ दीजिए आप 1000 बच्चे पैदा हूं उनको जंगल में छोड़ दीजिए
05:02एक हजार में एक नहीं बचेगा
05:03आप भले उनको उनकी माओं के साथ छोड़ दीजिए
05:07भले ही वो बच्चे अब मा का दूध न पीते हो
05:12साल भर से उपर हो गए हो फिर छोड़ दीजिए
05:15तो भी नहीं बचेंगे हम इतने कमजोर है
05:18और ये जो climate change होगा ये
05:22कि हमारी सभ्यता को हर तरीके से छिन भिन कर देगा
05:28पूरी अर्थवस्था ढह जानी है
05:30पूरे के पूरे शहर डूब जाने है
05:34जिन सामानों के बिना जिन उत्पादों के बिना
05:38चीजों के बिना आप जी नहीं सकते
05:40उन चीजों की supply lines बाधित हो जानी है
05:45आपके पास कोई भी सामान ऐसी थोड़ी आ जाता है
05:48वो 10-20 nodes से हो करके गुजरता है
05:53उसमें से एक नोड भी बाधित हो गई तो सामान आप तक नहीं पहुँच सकता
05:56और हम ऐसे आशरित हो गई हैं कि उन सामानों के बिना
06:00हम जीवन की कलपना भी नहीं कर सकते अब
06:15अभी रूस-युक्रेन वार हो गया उन तक गैस नहीं पहुच पा रही है
06:24जाड़े में हालत खराब अब आ रहा है जाड़ा आ चुका है वहाँ तो
06:29क्योंकि इतनी गैस जलानी होती इतनी गैस जलानी होती है सिर्फ जीने के लिए
06:36तापमान जाता है शूने से दस नीचे बीस नीचे तो वो फिर ऑईल जलाकर और गैस जलाकर किसी तरह जीते हैं
06:46और यही ऑईल गैस पहुचना बंद हो जाएगा तो जीओगे कैसे सब मर जाओगे एक एक दिन में करोडों मरेंगे
06:53और जैसे हम है राक्षास हम नर्भक्षी और हो जाएगे