Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 6/14/2025
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita?cmId=m00031

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00031

Category

📚
Learning
Transcript
00:00ज्यादातर जो मेरा काम है वो समाज के उन तबकों के लिए है जो बहुत डरे हुए हैं और शोशित हैं
00:06मैं चाहता है तो में कर सकता था कि मैं उसी सक्षन से उसी तबके से उनहीं लोगों से असुसियेट हो जाओंगा और रिच मैंस गुरू बन जाओंगा इतना असान होता
00:14मैंने जानबूज करके उन लोगों को छोड़ करके आपका साथ थामा है
00:17क्योंकि उनके साथ तो कोई भी हो सकते
00:18मुझे आपके साथ होना क्योंकि आपको मेरी जरूर है
00:21और आपके साथ होने की जो मुझे कीमत अदा करनी हो मैं कर रहा हूँ
00:24आई दे से मेरा कारेक्षेत्र या तो मुंबई होना चाहिए था या वैंगलोर होना चाहिए था
00:28यंग, educated, audience है वहाँ पर, ठीक है, and capable of appreciating and paying
00:33और मैं काम कहां कर रहा हूं हिंदी हाट लेंड में
00:35सिर्फ ये मत देखा करो कि किसी आदमे ने क्या करा, ये भी देखा करो कि यो क्या कर सकता था पर उसने छोड़ दिया, त्याग दिया
00:41क्योंकि उनको मेरी जितनी जरूरत है, उसके दस गुना ज्यादा जरूरत आपको है मेरी
00:46मुझे आपके साथ रहना है
00:47भारत की मिक्टी को मेरा खून चाहिए
00:49तो बहुत गंदी हो देगी
00:51इसे साफ तरने के लिए मेरा खून देगा
00:53तो लोटके तो मुझे यही आना पड़ेगा
00:54फून तो मेरा यही गंदा

Recommended