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  • 2 days ago
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00:00तेरी कसम खाके कहता हो तेरी आँखो मैं आशू नहीं आने दूँगा
00:02आखे फोड़ दे उसकी और कोई तरीका नहीं आखो के आशू रोकने का
00:08आख है तो आशू भी रहेगा आशेक की अलाद
00:11जबरदस्ती आशू के पीछे पड़े हैं
00:17वह अभी एक आई थी तुझे रोने नहीं दूँगा
00:21जानवर करके
00:22यो ही रोने मैं दूँगा
00:27जबरदस्ती है मैं रोंगा
00:31रोक के देखा हर बात में हमारी
00:35चुतनतृता का हनन है तुझे रोने नहीं दूँगा क्यो बाई
00:40कि ये एक कल्चरल चीज है कि उदासी में और आसुओं में कोई समस्या है कोई समस्या यह है कि आप इसको बड़ी बात मान लेते हो बहुत गंभीरता से ले लेते हो इन सब चीजों को इतना महत्तो नहीं देते हैं भूल का कण कण कभी अपने आपको अपने अस्तित्त का पू
01:10अब हम को गं माने क्या तुम नहीं रोगे तो कौन रोएगा क्यों इतना गंभीरता से लेतना है खुद को जंदगी किसकी सगी है यह दंड लोक है हम यह दंड पाने आते हैं लेकिन यह आनंद लोक भी हो सकता है अगर दंड में ही आनंद लेने लग जाओ पर जो चल रहा ह

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