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  • 6/9/2025
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Transcript
00:00यह बार हुआ था, वहाँ बैटी हुई थी, एक बुढ़िया बिलकुल, जाने उसके सब बच्चे उच्छे उसको छोडशाल के चले गए होगा, ऐसी जो ठटरी नहीं हो जाती हैं बुढ़िया, तत्तर साल वाली ऐसी, तीस किलो की, पे उसने तौलिया सा बिशार रखा है ग
00:30इसकोलो नहीं का बिकवाएंगे, तो नहीं नाचना शुरू कर दिया, तो जब देखा एक नाच रहा है, तो हम चारोई लोग नाचने लगे, एकने हाथ में दो आलू उठा ली है, एकने लो लो लो आस रहें आपस, एकदम फूहड बियो कूफी का काम, आलू, प्याज, ट
01:00अटपटा लगे हैं सकुचाएं, जिसको कहते हैं, एंबरेस्मेंट, आहिटी के स्टीडियों, ये क्या करें, पंद्रहवे मिनट तक आते हैं था हमें मज़ई आने लग गया था, उसने ले जा करके पचास सर उपय बुडिया को देवी दिये, हम तो भी दो चार मिनट और �
01:30होता है, हम भले ही आज ये कह देते हों कि बेवकूफी करी थी, लेकिन बात उसी घटना की करते हैं

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