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  • 6/8/2025
#Behkaway #YashmaGill #YasirNawaz

Behkaway Episode 55 - [Eng Sub] - Yashma Gill - Yasir Nawaz - Hiba Ali Khan - 8th June 2025 - Har Pal Entertainment

#Behkaway #YashmaGill #YasirNawaz #HibaAliKhan

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Transcript
00:00क्या मतलब तुम्ही बताओ, सिद्रा मैं ऐसा कि, उसके लिए हाम ही बढ़े, और जब मैंको आका ने रिट से, इतना बड़ा तुम्हें मिल लिए, सिद्रा की सुगतना है,
00:27तुम्हारे साथ? जब चान दो, विजया का खुबसूरत है, किन नफजों से मैं तुम्हारी थारीख था हूँ, और मैं जब जब जब दुम्हारे साथ देखता हूँ, आग लग जाती हैं ना, चेक मकाती रखती हो, अम यू किद्र रखोंगे, और हम यहां से बहुत दूर च
00:57जब मैं तुम्हारे साथ रखना-जान, देखर सकता हूँ, अमुझे तुम्हाई बाते पर कोया रकिना अग्किन पहुत है, बहुत हो कर एक मिनटे के लिए बीस्गरमनीन, मुझे बता अभ जाना, मैं तुम्हारे साथ बता ना प्लाष लाईे- टीन, मैं ग्यार्या कोई �
01:27हाथ ते छोड़ते हैं
01:28और ये सब कुछ हमारा होगा
01:32तुम्हारी बड़ी बहन और उसके शोहर से खत्रा है मुझे
01:39नहीं सादे से लोग हैं, उनकी फिकर मत करो
01:41अरे नहीं नहीं नहीं
01:45उर तो जुबैर भाई के मल्कियत है
01:47इस तो
01:49हाँ लेकिन मैं कुछ और ही सोच रहा हूँ
01:53हमने तो सुना के तुम्हारे सुस्राल वालों के साथ कोई हाथसा हुआ है
02:00तुम्हारा तुम्हारा शोहर मरते मरते बचा था
02:03तुम्हारा शुबैर जिन्दे है?
02:07हाँ
02:07क्या?
02:11हाँ
02:11मुझे आपकी इंगेज्मेंट से कोई प्रॉब्लम नहीं है
02:19मुझे प्रॉब्लम नीलम आपी से है
02:21कुछ हुआ है
02:23उन्होंने तो घर आना जाना ही पन
02:25जब से ये रसम ये सब कुछ हुआ है
02:27पन कर दिया है
02:28आपकों की ये जो हरकात हो सकनात है
02:32मैं उर्ती जना सब समझ रहा हूँ
02:34और मुझे ये पर काटी चीडिया के पर खिल लेता हूँ
02:39सभल के
02:40इसमें तेरा ही फाह भी आते है
02:42इसलिए ज़रा प्वाइदा है
02:44स्टोर के मालेट
02:46आजकल असलिम साब जबेर साब बीमार है
02:49कि अनाम बता सकते हैं?
02:51हैं, दुकान पर नहीं आते हैं
02:52सारा इंजाम समाल राइट
02:54इसकर से निकाली जा चुकी थी
02:59सीनद तो मेर होते बीमार शक्स
03:02एक सहारे
03:03कहीं महिलों से प्वारे की तो यकीन हम ज़रूद हो
03:08सारा स्टेशन तक पहुंच जाती है
03:10और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे
03:12अपने चचा के घर पहुंच जाती है
03:14चचा जब उसके पूछता है
03:16कि तमारे सुसराल वालों के साथ
03:19बहुत बड़ा हासा हुआ है
03:20तो मैं नहीं मालूम
03:21और तमवारा शोहर तो मरते मरतेशन बचा है
03:24तो हिराण ही हो जाती है
03:26सितारा यह बात सुनकर
03:27और कहती है कि जबड़ा जिंदा है
03:30उसकी चच्ची बड़ी हिरानगी से उसे देखती है
03:32कि इस से अपने शोहर का नहीं मालूम
03:34क्योंके जुबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहा पर है और लूट कर ले गई है इन सब को और इसके चच्चा उसे बताते हैं अब तो नहीं सुदने वाली अब वो सोचे गी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा नहीं है उसने तो जीनत को मेरे होते हुए नि
04:04है कि पहले तो जुबेर था अब वो बमाल होने की वज़ा से घरी रहता है और अब इसकी धेखबाद असलम कर रहा है और यह सुनकर सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में दोबारा जाए और जुबेर की जिन
04:34ने उसका बहुत साथ दिया था और सितारा लेकिन अपनी जगा फिर दुबारा बनाने की कोशिश करेगी लेकिन ना तो सिधरा बनाने के लिए उसे इस घर में आने देगी और ना ही असलम क्योंकि असलम जानता है कि अगर सितारा वापस आ गई तो उसका रासफाश हो जाए�
05:04लेता हूं तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है वजीर आता है जुबेर के घर और आकर जुबेर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही असलम की वो तेजी से माण डिलवा रहा है स्टॉर पर पहले तो वो स्टॉर पर ध्यान नहीं देता था लेकिन आ�
05:34कि उसके पास पैसे खतम हो गए हैं अब वो ये मकान की डिमांड करे कि वो उसके नाम कर दे अब सिद्रा यही काम करेगी और सिद्रा से वो कहता है कि सब कुछ हमारे नाम पर होगा सिद्रा बहुत ज़दा खुश हो जाती है लेकिन उस बेवकुत को नहीं मालूं कि वो इस
06:04हो जाएगा कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है और शाहिदी असलम जबैर से जबैर का कुछ भी नहीं बगाड सकता और सितारा अगर वापस आगी तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता चारा स्टेशन तक पहुंच जाती है और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे अपने
06:34तो हिरान ही हो जाती है सितारा ये बात सुनकर और कहती है कि जबैर जिन्दा है उसकी चच्ची बड़े हिरानगी से उसे देखती है कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूं क्योंकि जबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहां पर है और लूट कर ले गई है इन स
07:04अब वो दूबारा सहारा बनेगी, उसे माफी मांग लेगी। अब वो स्टोर पर जाती है और वाहिए किसी से पूचती है। इस स्टोर के मालक का नाम क्या है। तो वो बताता है कि पहले तो जूबार था, अब वो भमाल होने की वज़ा से घरी रहता है और अब इसकी धेकब
07:34ही जिन्दगी पसंद थी और लेकिन अब जबैर सितारा को कभी
07:39नहीं अपनाएगा क्यों कि आब वो जीनत और अपनी बच्चीों
07:42को याद करता है क्योंकि जीनत ने उसका बहुत सा दिया था
07:45और सितारा लेकिन अपनी जगा फिर दुबारा बनाने की कोशिश
07:49کرے گی لیکن نہ تو صدرہ بنانے
07:51کے لیے اسے اس گھر میں آنے
07:53دے گی اور نہ ہی اسلم
07:54کیونکہ اسلم جانتا ہے کہ اگر ستارہ
07:57واپس آگئی تو
07:58اس کا راز فاش ہو جائے گا
08:01کہ وہ ان لوگوں کے ساتھ کیا کر رہا ہے
08:03اسلم تو کبھی بھی ستارہ
08:05کو اس گھر میں نہیں آنے دے گا
08:06ادھر وزیر اور اسلم کی لڑائی ہوتی ہے
08:08اور وزیر کہتا ہے کہ مجھے سب نظر
08:11آ رہا ہے تو اسلم کہتا ہے کہ
08:12میں اڑتی چڑیا کے پر گل لیتا ہوں
08:14तुम क्या चीछ हो और और वजीर को बहुत बाते सुनाता है
08:18वजीर आता है जुबेर के घर और आकर जुबेर से कहता है
08:23कि मुझे समझ नहीं आ रही
08:25अस्लम की वो तेजी से मान दिल्वा रहा है
08:30उ हुर पहले तो वो स्टोर पर ध्यान नहीं देताся
08:32लेकिन अब तो वो और बिजदा समान डिलवा रहा है मुझे इस बात की समझ नहीं आई असलम की चलाकिया ये है कि वो अब इसमें समान डिलवा कर सिद्रा से ये कहेगा कि उसके पास पैसे खतम हो गए हैं अब वो ये मकान की डिमांड करे कि वो उसके नाम कर दें अब सिद्
09:02चादी भी नहीं करेगा सब अपने नाम करके खुद अकेला ही खाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला क्योंकि जुबैर अब सुदर चुका है और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है उसे टाइम से ही मालुम हो जाएगा कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है और �
09:32अपने चचा के घर पहुंच जाती है चचा जब उसके से पूछता है कि तमाई सुसराल वालों के साथ बहुत बड़ा हासा हुआ है तुमें नहीं मालुम और तुमारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है तो हिरान ही हो जाती है सितारा ये बात सुनकर और कहती है कि जुबैर �
10:02और इसके चचा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुनने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा नहीं है उसने तो जीनत को मेरे होते हुए निकाल दिया था अब वो दुबारा सहारा बनेगी उससे माफी मांग लेगी अब वो स्टोर पर जाती है �
10:32ये सुनकर सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में दुबारा जाए और जुबारा की जिन्दगी में वापस जाए क्योंकि उसे वही जिन्दगी पसंद थी और लेकिन अब जुबारा सितारा को कब भी नहीं
11:02इस घर में आने देगी और ना ही असलम क्योंकि असलम जानता है कि अगर सितारा वापस आ गई तो उसका रासफाश हो जाएगा कि वो उन लोगों के साथ क्या कर रहा है असलम तो कभी भी सितारा को इस घर में नहीं आने देगा इदर वजीर और असलम की लड़ाई होती है और
11:32कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही असलम की वो तेजी से माल डिलवा रहा है स्टोर पर पहले तो वो स्टोर पर ध्यान नहीं देता है लेकिन अब तो वो और भी जादा समान डिलवा रहा है मुझे इस बात की समझ नहीं आई असलम की चलाकिया यह है कि वो अब इसमें समान �
12:02यही काम करेगी और सिद्रा से
12:04वो कहता है कि सब कुछ
12:06हमारे नाम पर होगा सिद्रा बहुत ज़्यादा
12:08खुश हो जाती है लेकिन उस बेवकुप
12:10को नहीं मालूम कि वो इससे शादी
12:12भी नहीं करेगा सब अपने नाम करके
12:14खुद अकेला ही खाएगा लेकिन
12:16ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला क्योंकि
12:18जबेर अब सुदर चुका है और
12:20उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है
12:22उसे टाइम से ही मालूम हो जाएगा
12:24कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है
12:26और शाहिद ये असलम
12:28जबेर से
12:30जबेर का कुछ भी नहीं बगाड सकता
12:32और सितारा अगर वापस आगी
12:34तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता
12:37जबेरा स्टेशन तक पहुंच जाती है
12:39और स्टेशन से बैटकर गाड़ी पे
12:41अपने चच्चा के घर पहुंच जाती है
12:43चचा जब उसे पूछता है कि तुम्हाई सुस्राल वालों के साथ बहुत बड़ा हासा हुआ है तुम्हें नहीं मालूम और तुम्हारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है
12:54तो हिरान ही हो जाती है सितारा ये बात सुनकर और कहती है कै जुबैर जिन्दा है उसकी चच्ची बड़े हिरान्गी से उसे देखती है
13:01कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूं क्योंके जुबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहां पर है और लूट कर ले गई है इन सब को और इसके चच्चा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुधने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा �
13:31मालक का नाम क्या है तो वो बताता है कि पहले तो जुबैर था अब वो बमाल होने की वज़ा से घरी रहता है और अब इसकी धेखबाद असलम कर रहा है और ये सुनकर सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में
14:01याद करता है क्युंकि जीनत ने उसका बहुत साध दिया था और सितारा
14:06लेकिन अपनी जगा फिर दोबारा बनाने की कोशिश करेंगी लेकि ना
14:10तो सिध्राबनाने के लिए उसे इस घर में आने देगी और ना ही
14:13اسلم क्योंकि اسلم जानता है कि अगर सितारा वापस आ गई तो उसका रासफाश हो जाएगा कि वो उन लोगों के साथ क्या कर रहा है
14:22اسلم तो कभी भी सितारा को उस घर में नहीं आने देगा इदर वजीर और असलम की लड़ाई होती है
14:28और वजीर कहता है कि मुझे सब नजर आ रहा है तो वसलम कहता है कि मैं उड़ती चड़िया के पर गिल लेता हूँ
14:34तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है वजीर आता है जबैर के घर और आकर जबैर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही
14:44असलम की वो तेजी से मार डिलवा रहा है स्टोर पर पहले तो वो स्टोर पर ध्यान नहीं देता था लेकिन अब तो वो और जादा समार डिलवा रहा है
14:55मुझे इस बात की समझ नहीं आई
14:57असलम की चलाकिया ये है कि वो अब इसमान डिलवा कर
15:02सिद्रा से ये कहेगा कि उसके पास पैसे खतम हो गए है
15:05अब वो ये मकान की डिमांड करे कि वो उसके नाम कर दे
15:11अब सिद्रा यही काम करेगी और सिद्रा से वो कहता है
15:15कि सब कुछ हमारे नाम पर होगा सिद्रा बहुत जदा खुश हो जाती है
15:19लेकिन उस बेवकुट को नहीं मालूम कि वो इससे शादी भी नहीं करेगा
15:22सब अपने नाम करके खुद अकेला ही खाएगा
15:26लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला
15:27क्योंकि जबेर अब सुद्र चुका है
15:30और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है
15:32उसे टाइम से ही मालूम हो जाएगा
15:34कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है
15:36और शाहिद इसलम
15:38जबेर का कुछ भी नहीं बगार सकता
15:42और सितारा अगर वापस आगी
15:44तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता
15:47जबेरा स्टेशन तक पहुंच जाती है
15:49और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे
15:51अपने चचा के घर पहुंच जाती है
15:53चचा जब उसे पूछता है
15:55कि तमाई सुसराल वालों के साथ
15:58बहुत बड़ा हासा हुआ है
15:59तो मैं नहीं मालूम
16:00और तमारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है
16:03तो हिरान ही हो जाती है
16:05सितारा ये बात सुनकर
16:07और कहती है कि जबेर जिन्दा है
16:09उसकी चच्ची बड़े हिरानगी से उसे देखती है
16:11कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूं क्योंके जुबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहां पर है और लूट कर ले गई है इन सब को और इसके चच्चा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुधने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा �
16:41मालग का नाम किया है तो वो बताता है कि पहले तो जुबैर था अब वो वो बमाल होने की वज़ा से घरी रहता है और अब इस की धेख बास असलम कर रहा है
16:50और ये सुनकर सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में दुबारा जाए और जुबारा जाए और जुबारा की जिन्दगी में वापस जाए क्योंकि उसे वोही जिन्दगी पसंद थी और लेकिन अब जुबारा
17:20बनाने के लिए उसे इस घर में आने देगी और ना ही असलम Tibetan when
17:25आाना है कर अगर सितारा वापस आ गई तो तो उसका रासफास हो जाहेगा
17:30कि उन आधerson कि शितारा को घर में नहीं आने के अधर वजिर और असलम की लड़ाई होती है
17:38और वजीर कहता है कि मुझे सब नजर आ रहा है तो असलम कहता है कि मैं उड़ती चड़िया के पर गिल लेता हूँ तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है वजीर आता है जुबैर के घर और आकर जुबैर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही असलम की वो �
18:08अलाकिया ये है कि वो अब इसमान डिल्वा कर सिद्रा से ये कहेगा कि उसके पास पैसे खतम हो गए हैं अब वो ये मकान की डिमांड करे कि वो उसके नाम कर दें अब सिद्रा यही काम करेगी और सिद्रा से वो कहता है कि सब कुछ हमारे नाम पर होगा सिद्रा बहुत ज़्य
18:38अब सुदर चुका है और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है उसे टाइम से ही मालुम हो जाएगा कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है
18:46और शायद यसलम जुबैर का कुछ भी नहीं बगाड सकता और सितारा अगर वापस आगी तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता
18:57चारा स्टेशन तक पहुंच जाती है और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे अपने चचा के घर पहुंच जाती है
19:03चचा जब उसे पूछता है कि तमाई सुसराल वालों के साथ बहुत बड़ा हासा हुआ है तुम्हें नहीं मालूम और तुम्हारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है
19:13तो हिराण ही हो जाती है सितरा ये बात सुनकर और कहती है जबएर जिन्दा है उसकी चची बड़े हिरानगी से उसे देखती है
19:21कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूं क्योंके जुबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहां पर है और लूट कर ले गई है इन सब को और इसके चच्चा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुधने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा �
19:51मालिक का नाम क्या है तो वो बताता है कि पहले तो जुबैर था, अब वो बहुमाल होने की वज़ा से घरे रहता है और अब इसकी धेकबाझ असलम कर रहा है और ये सुधन कर सितारा खामौश हो जाती है और वहां से चली आती है, घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैं कर 추가 कर
20:21یاد کرتا ہے کیونکہ زینت
20:23نے اس کا بہت ساتھ دیا تھا
20:25اور ستارہ لیکن اپنی جگہ
20:27پھر دوبارہ بنانے کی کوشش کرے گی
20:29لیکن نہ تو صدرہ بنانے کے لیے
20:31اس گھر میں آنے دے گی اور نہ
20:33ہی اسلم کیونکہ اسلم جانتا ہے
20:35کہ اگر ستارہ واپس آ گئی
20:37تو اس کا راز
20:39واش ہو جائے گا کہ وہ ان لوگوں کے ساتھ
20:41کیا کر رہا ہے اسلم تو کبھی بھی
20:43ستارہ کو اس گھر میں نہیں آنے
20:45دے گا ادھر وزیر اور اسلم کی
20:47लड़ाई होती है और वजीर कहता है कि मुझे सब नजर आ रहा है तो असलम कहता है कि मैं उड़ती चड़िया के पर गिल लेता हूँ तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है वजीर आता है जुबैर के घर और आकर जुबैर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ
21:17اسلم کی چلاکیاں
21:19ये है कि वो अब इसमार डिल्वा कर
21:22सिद्रा से ये कहेगा
21:23कि उसके पास पैसे खतम हो गए है
21:25अब वो ये मकान
21:26की डिमार्ड करे
21:29कि वो उसके नाम कर दें
21:31अब सिद्रा येही काम करेगी
21:32और सिद्रा से वो कहता है
21:34कि सब कुछ हमारे नाम पर होगा
21:36सिद्रा बहुत ज़्यादा खुश हो जाती है
21:38लेकिन उस बेवकुप को नहीं मालूम
21:40कि वो इससे शादी भी नहीं करेगा
21:42सब अपने नाम करके खुद अकेला ही खाएगा
21:45लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला
21:47क्योंकि जबेर अब सुदर चुका है
21:49और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है
21:51उसे टाइम से ही मालूम हो जाएगा
21:54कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है
21:56और शाहिद इसलम जबेर का कुछ भी नहीं बगाड़ सकता
22:01और सितारा अगर वापस आगी
22:03तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता
22:06स्टेशन तक पहुंच जाती है
22:08और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे अपने चचा के घर पहुंच जाती है
22:13चचा जब उसे पूछता है
22:15कि तुमारे सुसराल वालों के साथ बहुत बड़ा हासा हुआ है
22:19तुमें नहीं मालूम और तुमारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है
22:23तो हिरान ही हो जाती है सितारा ये बात सुनकर
22:26और कहती है कि जबैर जिन्दा है
22:28उसकी चच्ची बड़े हिरानगी से उसे देखती है
22:31कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूम
22:33क्योंके जुबैर वाले भी इनसे आकर नहीं पुछा कि सितारा कहां पर है और लूट कर ले गई है इन सब को और इसके चचा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुधने वाली अब वो सोचे गी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा नहीं है उसने तो जीनत को मेरे होते हु�
23:03है कि पहले तो जुबैर था अब वो बिम्मार होने की वज़ा से घरी रहता है और अब इसकी धेखबाद
23:09असलम कर रहा है और ये सुनकर सितारा खमोश हो जाती है और वहां से
23:15चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में
23:19दوبारा जाय और जुबार की जिन्दगी में वापस जाय क्यूंके उसे वही जिन्दगी पसंद थी और लेकिन आपस जुबारा को पूरा को पही नहीं अपनाएगा क्यूंकि अब वो जीनद और अपनी Rather बच्चियों को याद करता है क्यूंके जीन ने उसका बहुत साह धिया
23:49वो उन लोगों के साथ क्या कर रहा है, असलम तो कभी भी सिधारा को से घर में नहीं आने देगा, अधर वजीर और संपर होती है।
24:19वो स्टोर पर ध्यान नहीं देता था लेकिन अब तो वो और भी जादा समान डिलवा रहा है मुझे इस बात की समझ नहीं आई असलम की चलाकिया ये है कि वो अब इसमें समान डिलवा कर सिद्रा से ये कहेगा कि उसके पास पैसे खतम हो गए हैं अब वो ये मकान की डिमांड
24:49को नहीं मालम कि वो इससे शादी भी नहीं करेगा सब अपने नाम करके खुद अकेला ही खाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला क्यों कि जुबैर अब सुदर चुका है और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है उसे टाइम से ही मालम हो जाएगा कि असलम उसके स
25:19इन से बैट कर गाड़ी पे अपने चचा के घर पहुंच जाती है चचा जब उसके पूछता है कि तुमारे सुसराल वालों के साथ बहुत बड़ा हासा हुआ है तुमें नहीं मालूम और तुमारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है तो हिरान ही हो जाती है सितारा ये बात सु
25:49इन सब को और इसके चचा उसे बताते हैं अब सितारा तो नहीं सुदने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा नहीं है उसने तो जीनत को मेरे होते हुए निकाल दिया था अब वो दुबारा सहारा बनेगी उसे माफी माग लेगी अब वो स्टोर पर �
26:19बिधा है और यह सुने कर सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में द�बारा जाए और जबैर की जिन्दगी में वापस जाए क्योंके उसे वह consistent थी और लेकिन अब जबैर सितारा को कब भी नहीं अपनाएगा
26:49सिद्रा बनाने के लिए इसे इस घर में आने देगी
26:52और ना यह असलम, क्योंकि असलम जाता है
26:55कि अगर सितारा वापस आगई
26:56तो उसका रासवाश हो जाएगा
26:59के वो उन लोगों के सथ क्या कर रहा है
27:01असलम तो कभी भी सितारा को उस घर में नहीं आने देगा
27:05इदर वजीर और असलम की लड़ाई होती है
27:07और वजीर कहता है कि मुझे सब नजर आ रहा है
27:10तो वजीर कहता है कि मैं उड़ती चड़िया के पर गिल लेता हूँ
27:13तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है
27:17वजीर आता है जुबेर के घर और आकर जुबेर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही
27:23असलम की वो तेजी से मार डिलवा रहा है स्टोर पर पहले तो वो स्टोर पर ध्यान नहीं देता लेकिन अब तो वो और जादा समार डिलवा रहा है
27:35मुझे इस बात की समझ नहीं आई
27:36असलम की चलाकिया ये है कि वो अब इसमान डिलवा कर
27:41सिद्रा से ये कहेगा कि उसके पास पैसे खतम हो गए है
27:44अब वो ये मकान की डिमांड करे कि वो उसके नाम कर दे
27:50अब सिद्रा यही काम करेगी और सिद्रा से वो कहता है
27:54कि सब कुछ हमारे नाम पर होगा
27:56सिद्रा बहुत ज़्यादा खुश हो जाती है
27:58लेकिन उस बेवकुप को नहीं मालूं कि
28:00वो इससे शादी भी नहीं करेगा
28:02सब अपने नाम करके खुद अकेला ही खाएगा
28:05लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला
28:07क्योंके जबेर अब सुदर चुका है
28:09और उसे अपनी गलती का एसास हो चुका है
28:11उसे टाइम से ही मालूं हो जाएगा
28:13कि असलम उसके साथ क्या कर रहा है
28:15और शाहिद इसलम
28:17जबेर का कुछ भी नहीं बगाड़ सकता
28:21और सितारा अगर वापस आगी
28:23तो फिर असलम तो कुछ भी नहीं कर सकता
28:26स्टेशन तक पहुंच जाती है
28:28और स्टेशन से बैट कर गाड़ी पे
28:30अपने चचा के घर पहुंच जाती है
28:32चचा जब उसे पूछता है
28:35कि तुमारे सुसराल वालों के साथ
28:37बहुत बड़ा हासा हुआ है
28:38तुमें नहीं मालूम
28:39और तुमारा शोहर तो मरते मरते बच्चा है
28:43तो हिरान ही हो जाती है
28:44सितारा ये बात सुनकर
28:46और कहती है कि जबैर जिन्दा है
28:48उसकी चच्ची बड़े हिरानगी से उसे देखती है
28:50कि इसे अपने शोहर का नहीं मालूम
28:52क्योंके जुबैर वाले भी इन से आकर नहीं पूछा कि सितारा कहां पर है और लुट कर ले गई है इन सब को और उसके चचचा उसे बताते हैं
29:02अब सितारा तो नहीं सुधने वाली अब वो सोचेगी कि अब जुबैर के पास कोई सहारा नहीं है उसने तो जीनत को मेरे होते हुए निकाल दिया था अब वो दुबारा सहारा बनेगी उसे माफी मांग लेगी अब वो स्टोर पर जाती है और वाही किसी से पोछती है इस स्�
29:32सितारा खामोश हो जाती है और वहां से चली आती है घर आकर सोचती है कि वो कैसे प्लैन करके उस घर में दुबारा जाए और जुबारा की जिन्दगी में वापस जाए क्योंकि उसे वही जिन्दगी पसंद थी और लेकिन अब जुबारा को कब भी नहीं अपनाएगा क्यो
30:02ही اسلم क्योंकि اسلم जानता है कि अगर सितारा वापस आ गई तो उसका रास्वाश हो जाएगा के वो नोगों के साथ क्या कर रहा है
30:11اسلم तो कभी भी सितारा को इस घर में नहीं आने देगा इदर वजीर और असलम की लड़ाई होती है और वजीर कहता है
30:18कि मुझे सब नजर आ रहा है तो वसलम कहता है कि मैं उड़ती चिडिया के पर गिल लेता हूँ तुम क्या चीज हो और वजीर को बहुत बाते सुनाता है वजीर आता है जुबैर के घर और आकर जुबैर से कहता है कि मुझे समझ नहीं आ रही असलम की वो तेजी से माड दिल�
30:48है कि वो अब इसमंदल लवा कर सिधरा से ये कहेगा कि उसके पस पैसे खतम हो गए थे
30:55अब ओ कान की डिमांड करें कि उसके नाम कर दें अब सिधरा यही काम करेगी और सिधरा से वो कहता है कि सब kуч हमारे नाम पर होगा
31:06ہوگا صدرہ بہت زیادہ خوش ہو جاتی ہے لیکن اس بے وقع کو نہیں
31:09معلوم کہ وہ اس سے شادی بھی نہیں کرے گا سب اپنے نام کر کے
31:13خود اکیلہ ہی کھائے گا لیکن ایسا کچھ بھی نہیں ہونے والا
31:16کیونکہ زبیر اب صدر چکا ہے اور اسے اپنی گلتی کا حساس ہو
31:20چکا ہے اسے ٹائم سے ہی معلوم ہو جائے گا کہ اسلم اس کے ساتھ
31:24کیا کر رہا ہے اور شاید اسلم زبیر سے زبیر کا کچھ بھی نہیں
31:30بگاڑ سکتا اور ستارہ اگر واپس آگی تو پھر اسلم تو کچھ
31:35بھی نہیں کر سکتا ستارہ سٹیشن تک پہنچ جاتی ہے اور سٹیشن
31:39سے بیٹھ کر گاڑی پہ اپنے چچا کے گھر پہنچ جاتی ہے چچا جب اس سے
31:44پوچھتا ہے کہ تمہارے سسرال والوں کے ساتھ بہت بڑا حاصل ہوا ہے
31:48تمہیں نہیں معلوم اور تمہارا شہر تو مرتے مرتے بچہ ہے تو
31:53ہران ہی ہو جاتی ہے ستارہ یہ بات سن کر اور کہتی ہے کہ زبیر
31:57زندہ ہے اس کی چچی بڑی حرانگی سے اسے دیکھتی ہے کہ اسے اپنے
32:01شہر کا نہیں معلوم کیونکہ زبیر والے بھی ان سے آ کر نہیں
32:05پوچھا کہ ستارہ کہاں پر ہے اور ان لوٹ کر لے گئی ہے ان سب
32:10کو اور اس کے چچا اسے بتاتے ہیں اب ستارہ تو نہیں سدھنے والی
32:15اب وہ سوچے گی کہ اب زبیر کے پاس کوئی سہارہ نہیں ہے اس نے
32:19تو زینت کو میرے ہوتے ہوئے نکال دیا تھا اب وہ دوبارہ سہارہ
32:24بنے گی اسے ماں بھی مانگ لے گی اب وہ سٹور پر جاتی ہے اور
32:28باہر کسی سے پوچھتی ہے اس سٹور کے مالک کا نام کیا ہے تو وہ
32:32بتاتا ہے کہ پہلے تو زبیر تھا اب وہ بمال ہونے کی وجہ سے گھری
32:36رہتا ہے اور اب اس کی دیکھ باز اسلم کر رہا ہے اور یہ سن کر ستارہ
32:42خاموش ہو جاتی ہے اور وہاں سے چلی آتی ہے گھر آ کر سوچتی ہے
32:46کہ وہ کیسے پلان کر کے اس گھر میں دوبارہ جائے اور زبیر کی زندگی
32:50میں واپس جائے کیونکہ اسے وہی زندگی پسند تھی اور لیکن اب
32:55زبیر ستارہ کو کبھی نہیں اپنائے گا کیونکہ اب وہ زینت اور
32:59اپنی بچیوں کو یاد کرتا ہے کیونکہ زینت نے اس کا بہت ساتھ دیا
33:03تھا اور ستارہ لیکن اپنی جگہ پھر دوبارہ بنانے کی کوشش کرے گی
33:08لیکن نہ تو صدرہ بنانے کے لیے اسے اس گھر میں آنے دے گی اور نہ
33:12ہی اسلم کیونکہ اسلم جانتا ہے کہ اگر ستارہ واپس آ گئی تو اس کا
33:18راز فاش ہو جائے گا کہ وہ ان لوگوں کے ساتھ کیا کر رہا ہے اسلم
33:21تو کبھی بھی ستارہ کو اس گھر میں نہیں آنے دے گا ادھر وزیر اور
33:25اسلم کی لڑائی ہوتی ہے اور وزیر کہتا ہے کہ مجھے سب نظر آ رہا ہے
33:30تو اسلم کہتا ہے کہ میں اڑتی چڑیا کے پر گل لیتا ہوں تم کیا چیز ہو
33:34اور وہ وزیر کو بہت باتیں سناتا ہے وزیر آتا ہے زبیر کے گھر اور
33:39آ کر زبیر سے کہتا ہے کہ مجھے سمجھ نہیں آ رہی اسلم کی وہ تیزی سے
33:45مارڈ دلوا رہا ہے سٹور پر پہلے تو وہ سٹور پر دھیان نہیں
33:50دیتا تھا لیکن اب تو وہ اور بہت زیادہ سمانڈ دلوا رہا ہے مجھے
33:54اس بات کی سمجھ نہیں آئی اسلم کی چلاکیاں یہ ہے کہ وہ اب اس میں
34:00سمانڈ دلوا کر صدرہ سے یہ کہے گا کہ اس کے پاس پیسے ختم ہو
34:04گئے ہیں اب وہ یہ مکان کی ڈیمانڈ کرے کہ وہ اس کے نام کر دیں
34:09اب صدرہ یہی کام کرے گی اور صدرہ سے وہ کہتا ہے کہ سب کچھ
34:14ہمارے نام پر ہوگا صدرہ بہت زیادہ خوش ہو جاتی ہے لیکن اس
34:18بے وقع کو نہیں معلوم کہ وہ اس سے شادی بھی نہیں کرے گا سب
34:21اپنے نام کر کے خود اکیلہ ہی کھائے گا لیکن ایسا کچھ بھی نہیں
34:26ہونے والا کیونکہ زبیر اب صدر چکا ہے اور اسے اپنی گلتی کا
34:29حساس ہو چکا ہے اسے ٹائم سے ہی معلوم ہو جائے گا کہ اسلم اس کے
34:34ساتھ کیا کر رہا ہے اور شاید اسلم زبیر سے زبیر کا کچھ بھی نہیں
34:40بگاڑ سکتا اور ستارہ اگر واپس آگی تو پھر اسلم تو کچھ بھی
34:45نہیں کر سکتا ستارہ سٹیشن تک پہنچ جاتی ہے اور سٹیشن سے بیٹھ کر
34:49گاڑی پہ اپنے چچا کے گھر پہنچ جاتی ہے چچا جب اس سے پوچھتا ہے
34:54کہ تمہارے سسرال والوں کے ساتھ بہت بڑا حاصل ہوا ہے تمہیں نہیں
34:58معلوم اور تمہارا شوہر تو مرتے مرتے بچہ ہے تو ہران ہی ہو جاتی ہے
35:04ستارہ یہ بات سن کر اور کہتی ہے کہ زبیر زندہ ہے اس کی چچی
35:08بڑی حرانگی سے اسے دیکھتی ہے کہ اسے اپنے شوہر کا نہیں معلوم
35:12کیونکہ زبیر والے بھی ان سے آ کر نہیں پوچھا کہ ستارہ کہاں پر ہے
35:16اور ان لوٹ کر لے گئی ہے ان سب کو اور اس کے چچا اسے بتاتے ہیں
35:22اب ستارہ تو نہیں سدھنے والی اب وہ سوچے گی کہ اب زبیر کے پاس
35:27کوئی سہارہ نہیں ہے اس نے تو زینت کو میرے ہوتے ہوئے نکال دیا تھا
35:32اب وہ دوبارہ سہارہ بنے گی اسے ماں بھی مانگ لے گی
35:35اب وہ سٹور پر جاتی ہے اور باہر کسی سے پوچھتی ہے
35:39اس سٹور کے مالک کا نام کیا ہے تو وہ بتاتا ہے کہ پہلے تو زبیر تھا
35:44اب وہ بمبار ہونے کی وجہ سے گھری رہتا ہے اور اب اس کی دیکھ باز
35:48اسلم کر رہا ہے اور یہ سن کر ستارہ خاموش ہو جاتی ہے اور وہاں
35:54سے چلی آتی ہے گھر آ کر سوچتی ہے کہ وہ کیسے پلان کر کے اس گھر
35:58میں دوبارہ جائے اور زبیر کی زندگی میں واپس جائے کیونکہ اسے وہ
36:02ہی زندگی پسند تھی اور لیکن اب زبیر ستارہ کو کبھی نہیں
36:07اپنائے گا کیونکہ اب وہ زینت اور اپنی بچیوں کو یاد کرتا ہے
36:11کیونکہ زینت نے اس کا بہت ساتھ دیا تھا اور ستارہ لیکن اپنی جگہ
36:16پھر دوبارہ بنانے کی کوشش کرے گی لیکن نہ تو سدرہ بنانے کے لیے
36:20اسے اس گھر میں آنے دے گی اور نہ ہی اسلم کیونکہ اسلم جانتا ہے
36:24کہ اگر ستارہ واپس آ گئی تو اس کا راز فاش ہو جائے گا
36:29کہ وہ ان لوگوں کے ساتھ کیا کر رہا ہے اسلم تو کبھی بھی ستارہ
36:33کو اس گھر میں نہیں آنے دے گا ادھر وزیر اور اسلم کی لڑائی
36:36ہوتی ہے اور وزیر کہتا ہے کہ مجھے سب نظر آ رہا ہے تو اسلم
36:40کہتا ہے کہ میں اڑتی چڑیا کے پر گل لیتا ہوں تم کیا چیز ہو
36:44اور وہ وزیر کو بہت باتیں سناتا ہے وزیر آتا ہے زبیر کے گھر
36:49اور آ کر زبیر سے کہتا ہے کہ مجھے سمجھ نہیں آ رہی اسلم
36:54کی وہ تیزی سے مارڈلوا رہا ہے سٹور پر پہلے تو وہ سٹور
36:59پر دھیان نہیں دیتا تھا لیکن اب تو وہ اور بھی زیادہ سمانڈلوا
37:03رہا ہے مجھے اس بات کی سمجھ نہیں آئی اسلم کی چلاکیاں یہ ہے
37:08کہ وہ اب اس میں سمانڈلوا کر صدرہ سے یہ کہے گا کہ اس کے پاس
37:13پیسے ختم ہو گئے ہیں اب وہ یہ مکان کی ڈیمانڈ کرے کہ وہ اس کے
37:18نام کر دیں اب صدرہ یہی کام کرے گی اور صدرہ سے وہ کہتا
37:23ہے کہ سب کچھ ہمارے نام پر ہوگا صدرہ بہت زیادہ خوش ہو جاتی
37:27ہے لیکن اس بے وقع کو نہیں معلوم کہ وہ اس سے شادی بھی نہیں
37:31کرے گا سب اپنے نام کر کے خود اکیلہ ہی کھائے گا لیکن ایسا کچھ
37:35بھی نہیں ہونے والا کیوں
37:36موسیقا

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