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  • 6/5/2025
Nirjala Ekadashi Puja Vidhi 2025: निर्जला एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। स्नानादि करने के बाद पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। विधि-विधान से पूजन करें और फल-फूल और भोग आदि अर्पित करें।Nirjala Ekadashi Puja Vidhi 2025:Nirjala Ekadahi Vrat Me Puja Kaise Kare,Kitne Ghante Ka Hota Hai Upvas ?

On the day of Nirjala Ekadashi, wake up early in the morning, meditate on Lord Vishnu and take a vow to fast. After taking a bath, clean the place of worship and sprinkle Gangajal. Spread a red cloth on a stool and install the idol of Lord Vishnu and Maa Lakshmi. Perform the worship as per the rituals and offer fruits, flowers and bhog etc.

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~PR.111~ED.118~HT.96~

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Transcript
00:00हिंदू पंचांग खेनुसार नर्जुला एकादशी का वरत इस साल दो दन रखा जाएगा यानि कि 6 जून और 7 जून को
00:116 जून के दिन ग्रिहस्त लोगों को वरत और पूजा करनी चाहिए तो वही 7 जून को वैशनो संपरदाय के लोग वरत पूजा कर सकते हैं
00:19ध्यान रही एकादशी तिथी की शुरुआत 5 जून की ही मध्यरात्री से 2 बचकर 15 मिनट से शुरू होगी और तिथी का समापन 7 जून को सुबच 4 बचकर 47 मिनट तक होगा
00:31वही पारण का समय 7 जून को दो पहर 1 बचकर 44 मिनट से लेकर श्राम 4 बचकर 31 मिनट तक रहेगा
00:38ध्यान रहे नर्जला एकादशी के वरत में पानी भी नहीं पीना चाहिए अन्य जल या किसी भी तरह का फलहार ग्रहन करने की इस दौरान मना ही होती है
00:496 जून सूर्यदे के परशाद से आपके वरत की शुर्वात होगी जो की अगले दिन दो पहर एक बज़े के बाद ही समाप्त होगी
00:57ऐसे में नर्जला एकादशी का वरत 24 घंटे से भी जादा देर तक का चलने वाला है
01:03अब आपको बताते हैं कि नर्जला एकादशी का पूजन कैसे करें
01:07नर्जला एकादशी के दिन सुबह स्नानादी से निवरत होकर पीले वस्तर पहने
01:12फिर सूर्यदेव को अर्ग दे भगवान विश्नों की पूजा करें
01:16वरत का संकल्प लेने के परशाद भगवान विश्नों की पूजा करें
01:19भगवान विश्नों को पीले फूल, पंज्यामरत और तुलसी दल अर्पित करें
01:23साथी भगवान विश्नों के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें
01:28ध्यान रहें वरत का संकल्प लेने के परशाथ आप पारण समय तक जल की एक बूंध भी ग्रहन ना करें इसमें अन और फलहार का भी त्याग करना होता है
01:38अगले दिन द्वादशी तितिकोस नानादी से निवरत होकर दान दक्षणा और श्रीहरी की पूजा करने के बाद ही आप अन जल ग्रहन कर सकते हैं
01:48लेकिन अगर आपको स्वास्त संबंदी किसी भी तरह की परिशानी है तो निर्जला एकादशी का वरत ना करें बल्कि आप पूजा और दान धर्म आदी के कारिक कर सकते हैं
01:58ध्यान रही निर्जला एकादशी पर बिना जल ग्रहन के भगवान वश्नु की उपासना का विधान इस वरत को करने से साल की सभी एकादशियों का फल मिलता है
02:07कहा जाता है कि भीम ने एक मात्र इसी उपुवास को रखत और मूर्चित हो गए थे
02:12इसी वज़से से भीम सेनी एकादशी भी कहते हैं
02:16फिल हाल इस वीडियो में इतना है
02:18वीडियो को लाइक और शेयर करें
02:19साथी चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले

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