पूरा वीडियो: आओ, देखो अपनी बेटियों का भविष्य || आचार्य प्रशांत (2024)
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00:00और ये सदा से अभियोग लगता रहा है अध्यात्म पर
00:03अरे मेरा घर तोड़ दिया, मेरे रिष्टे तोड़ दिये, मेरा बेटा चुरा लिया
00:07क्या रिष्टा था फेर आपके और आपके बेटे के बीच में
00:09अगर एक अजनभी आकर उसको चुरा ले गया तो
00:11ये तो बताओ कैसे चुरा ले गया गाजनभी तुम्हारा बेटा
00:14कही ऐसा तो नहीं कि तुम्हारा गहरे दुख में था
00:17और राहा देख रहा था की किसी तरह से उसे मुक्ति मिले
00:20कोई उसे चुरा ले गया है
00:21या वो छटपटा के सवयम भागा है
00:23पर हम सुईकार नहीं करेंगे कि हमारे घरों का जो महौल होता है घुटन से अज्ञान से भरा हुआ होता है
00:29फिर उस घुटन से हट करके अगर कोई गीता की तरफ आ जाए तो घर वाले इलजाम लगाते हैं किया तो हमारा बेटा चुरा लिया
00:34गीता रिष्टो को इस लायक बनाती है कि आप कह सके कि रिष्टा है नहीं तो रिष्टा होता ही नहीं है लेंदेन होता है व्यापार
00:41गीता हमें इस लायक बनाती है कि हम अपने परिवार से प्रेम कर पाएं
00:45फिर कहूंगा ये सांस की और धड़कन की तरह है
00:48इस सूरज की रोशनी की तरह है
00:49चार दिन सूरज ना निकले
00:51यूरोप में होता है कई बार ये
00:53सूरज देखने को नहीं मिलता है जाड़ो में
00:55हफते भर वहाँ सूरज देखने को नहीं मिलता
00:57तो डिप्रेशन के मामले बढ़ जाते हैं
00:59ज्यान प्रकाश की तरह ही तो है
01:00हफते भर ज्यान नहीं मिला
01:02तो क्या होगा डिप्रेशन ही तो होगा और क्या होगा