#dastak #aliraza #SohaiAli #MominaIqbal #FerozKadri #shabbirjan
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00:00कुल कॉल बैजा बेरे सुफ ने तुल एजा मेरे दिल दियां गल्रा सुन जा
00:06साथ मिल कर काम करेंगे तो तालोकाथ के साथ साथ बिजस को भी फाइदा हो उगा
00:12जलता हूँ
00:15अब शर्मिंदगी एंग बीमत तरह होती है अंदर यंदर से ऐसे का जाती है कि आपको बता भी नी चाथ कि वहां ना सकी वह माने ही इतना कहां में ने चाहाँ
00:29इसाथ मुझा आने भी जाने में देर हो बिलकुल सही बखता है
00:33सेफ के बार पर फोना रहा है
00:35जाने की स्कूल तक पहुंच गया हूँ
00:39परी कब जान चुटेगे इस आदम से नहीं
00:43मैं पहले शाने की पज़ा से इतनी परिशाद है
00:47जाने की में जैसे क्या हूँ जाने को वो ठीक तो है ना
00:51महीं इसके अपका
00:53जाने
01:03सानी पता नहीं कहाँ सलाग है
01:05चेक करो शानी कहाँ
01:07जाओं की तो कल स्पेलिंग टेस्स की ताहरी कौन करेगा फस्ट कौन आएगा
01:15मा मुझे इसकूल के ताहरी कौन करवाएगा
01:19बाबा तो रहे टो भी उसकरते रहते
01:22जानो बाबा कितने भी बिजी हों वो आपके लिए टाइम निकाल लेंगे
01:25यू नो ही लव्स यू राइट
01:27शानी यहां कमफटबल नहीं है सोबिया
01:31और अगर वो खुश नहीं होगा मैं कैसे खुश रहूंगी
01:34उपर से मौईस के अपड़ कोई कसर नहीं छोड़े वो
01:39एक अजीब सूखा सा सर्थ सा रवाई है उनका शानी के साथ पता नहीं क्यू
01:43और शानी इतना चोटा बच्चा नहीं है सोबिया कि उसे ये सब समझना आ रहा हूँ
01:47वो फील करता है नोटिस करता है
01:49अजीब सुचा है
01:53इसाही से तुमने कहिए किरम क्या हम अलब पुश नहीं है
01:59इतना हसान है तुम्हारे लिए
02:06मेरे यकीन करो मेरे माजी की सब तलक्यादे मेरे सामने आगी मोईज में धर्बी में
02:12किरम वो माजी था तुम्हारा और मैं हालो
02:36अलब सुचा है
03:06झाल झाल
03:36कर दो कर दो कर दो कर दो कि एक काम करो तुम हमारी गाड़ी लो और चली जाओ मैं और ताबिश यहां देख लेंगे
04:06मैं हालू
04:09कर दो कर दो
04:39कर दो कर दो कर दो कर दो
05:09हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है जो दिन रात मेहनत किरके अपने ख्वाब पूरे करने के जेदु जेहद में लगा हुआ है इसका ख्वाब है कि अपनी माँ को एक पर सकुएंज जिन्देगी दे सके दूसी त
05:39है जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है मेहक का एकसिरिंट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के तिदा हो दी है मेहक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी हैदर की साथगी और खलूस से मतासिर हो ज
06:09दोनों के तालग का पता चलता है
06:11और वो सख्त मुखालिपत करते है
06:12हिदर अपने खुद्दारी के खातिर महग से दूर होकर चला जाता है
06:17जबके महग पहली बार अपने जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
06:22महग अपने वाली देन से कहते है
06:27महभबत इज़स्त मांगती है
06:29खेराथ नहीं और में इज़स्त के साथ हिदर काहाथ तामना चाहती हु
06:33आगर किसमें डोन अपने महभबत और इज़स्त को थाब्ध करने के लिए अछवब और जिज़ सास्व
06:47पिसलिम करते है
06:48خوابوں کے دہلے سے ہمیں یہ سکھاتی ہے
06:51کہ محبت میں خودداری
06:52اور عزت سب سے اہم ہے
06:53اور سچی محبت
06:55محنت کبھی رائے گا نہیں جاتی
06:58हیلو वीवर्ज
07:00इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
07:02हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
07:04जो दिन रात महनत किरके
07:05अपने خواب पूरे करने के जेदु जेहिद में लगा हुआ है
07:08इसका خواب है कि अपनी माँ को एक पर सुकूइन जिन्दगी दे सके
07:11दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है
07:15जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
07:18मगर दिल के अंदर एक हजीब सी तनहाए चुपी हुए है
07:21हालात की सितम जरीपी दुनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
07:25जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
07:27महिक का एक्सिर्ट हो जाता है
07:29और हेदर उसे बचाता है
07:31इसी हाथ से के बाद इनके तर्माने अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
07:35महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
07:38हेदर की साध़ गय और खलोद से मुतासिर हो जाती है
07:41लिसी तरह हेदर के दिल महिक के लिए मुबब तो जाकती है
07:44मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
07:49कहानी में एक जबरदस मौड आता है
07:53जब महिक के वालिद को इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
07:57और वो सख्त मुखालिपत करते है
07:58हिदर अपने खुदणरी के खातिर महिक से दूर होकर चला जाता है
08:03जब के महिक पहली बार अपने जिन्देगी में किसी चीज़ के लिए लढ़ने का पैसला करती है
08:08महिक अपने वालिदेन से कहते है
08:12मohबत एजब मांगती है
08:15खेरात नहीं और मैं इज़त के साथ
08:17हेदर काहाथ तामना चाएती हूँ
08:19आखर किसमे दोनों अपने मुहबद
08:21और हिजध को साबित करने के लिए
08:23अलग अलग जिसी जहे हिद्द करते हैं
08:24हेदर अपनी खौप को कमल करते है
08:26एक कामया बिजनस्मेन बनता है
08:28और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
08:31महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लीम करते हैं
08:34खुआबों के तहलें से हमें यह सिकाती है
08:36कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
08:39और सची महबत महनत कभी राएगा नहीं जाती है
08:44हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
08:48हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
08:50जो दिन रात महनत किरके अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
08:54इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएं जिन्दगी दे सके
08:57दुसी तरफ महिक एक रीज गराने के लाडली बेटी है
09:01जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
09:03मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
09:07हलात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
09:11जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
09:13महिक का एकसिलिन्ट हुजाता है
09:15और हैदर उसे बचाता है
09:16इसी हादसे के बादे इनके दिम्मा रेकिं अन्दे के रिष्टे के अब्तिदा हो दी है
09:21महिक जो हमेशा पेसे और शुर्ट के नशे में रही थी
09:24हैदर के साथगए और खलूस से متاثिर हो जाती है
09:27देसी तरह हिदर की दिल में महेक के लिए मॉबथ तो जागती है
09:30मगर वो अपनी हिसीत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
09:36कहानी में एक जबर्धर्स मौड़ाता है जब महेक के वालिद के इनके दोनों के तालों के आपता चलता है
09:42और वो सखत मुखालिपत करते हैं
09:44हिदर अपने खुदारी के खातिर महग से दूर होकर चला जाता है
09:48जबके महग पहली बार अपनी जिंदेगी में किसी चीज़ के लिए या लडने का पेसला करती है
09:54महग अपने वालि दिन से कहते है
09:59महबत इज़द मांगती है
10:00खेरात नहीं और मैं इजद के साथ हेदर का हाथ तामना चाहते हूँ
10:05आखर किस में दोनों अपने महबद और इजद को थाबित करने के लिए अलग अलग जिद्ध करते हैं
10:10हेदर अपनी खौब को कमल करते हैं एक कमया बिजनसमें बनता है
10:14और पिर इजद से महबद का हाथ मांगता है
10:17महबद के बाले दिन भी आखर कर अपनी गलती तसलीम करते हैं
10:20खौब के देलें से हमें यह सिकाती है कि महबद में खुद्धारी और इजद सबसे एहम है
10:25और सची महबद महनत कभी राएगा नहीं जाती
10:29हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
10:33हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
10:36जो दिन रात महनत करके अपने खौब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
10:40इसका खौब है कि अपनी माँ को एक पर सकुएंज जिन्देगी दे सके
10:43दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बेटी है
10:47जिसकी जिन्देगी एश औराम से बरी है
10:49मगर दिल के अंदर एक जीब सी तनहाय चुपी हुए है
10:52हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
10:57जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
10:59महिक का एकसिरिंट हो जाता है
11:01और हैदर उसे बचाता है
11:02इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
11:07महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
11:10हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
11:13दिसी तरह वहिदर के दिल में महिख के लिए मौबट तो जाकती है
11:16मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने की कोशिश करता है
11:21कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
11:25जब महिख के वालिद को इनके दोनों के तालग का पता चलता है
11:28और वो सफ्क्त मुखालिपत करते है
11:30हिदर अपनी खुदारी के खातिर महिख से दूर होकर चला जाता है
11:34जब के महिख पहली बार अपनी जिंदेगे में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
11:40महिख अपने वालिदें से कहते है
11:44मुहबत इज़त मांगती है
11:46खेरात नहीं
11:47और मैं इज़त के साथ हेदर का हाथ तामना चाहती हूँ
11:50आगर किसमें दोनों अपने मुहबत और इज़त को
11:53साबित करने के लिए अलग अलग जे तुझे हिड़त करते है
11:56हेदर अपनी खौब को कमल करते है
11:58एक कमया बिजनसमें बनता है
12:00और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
12:02महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी घल्ती तसलीम करते है
12:06खौब के देलें से हमें यह सिकाती है
12:08कि महबत में खुदारी और इज़त सबसे एहम है
12:11और सची महबत महिनत के भी राएगा नहीं जाती
12:15हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
12:19हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
12:22जो दिन रात महिनत किरके अपने खौब पूरे करने के जेदु जेहद में लगा हुआ है
12:26इसका हौब है कि अपनी माँ को एक पर सुकूइन जिन्दगी दे सके
12:29दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है
12:33जिसकी जिन्दगी एश और आराम से बरी है
12:35मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
12:38अलात की सितम जरीपी दुनों को एक ऐसी मुकाम पर ले आती है
12:42जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
12:45महिक का एकसिडन्ट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
12:48इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
12:52महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
12:55हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
12:58दिसी तरह हैदर के दिल मेहिक के लिए मुबबत तो जाकती है
13:02मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जذبात को दुबाने के कोशिश करता है
13:07कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
13:11जब महिक के वालिद को इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
13:14और वो सखत मुखालिपत करते है
13:16हिदर अपने खुदारी के खातिर महिक से दूर होकर चला जाता है
13:20जबके महिक पहली बार अपने जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
13:26महिक अपने वालिदेन से कहते है
13:30महबब एजजद मांगती है
13:32खेरात नहीं और मैं इजजद के साद हिदर का हाथ तामना चाहते हो
13:36अगर किसमें दोनों अपने मुखबत और षजद को साबित करने के लिए अलग अलग जित करते हैं
13:42हिदर अपनी खुध कुछ को ममल करते हैं
13:44इक वम्या sociया बिजनसमें बनता है
13:46और इजद से मेह का हाथ मांगता है
13:48महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तसलिम करते हैं
13:52खुआबों के देलें से हमें यह सिकाती है कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
13:57और सची महबत महनत कभी राएगा नहीं जाती हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
14:05हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है जो दिन रात महनत करके अपने खुआब पूरे करने के जिदुजहद में लगा हुआ है
14:12इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्दगी दे सके
14:15दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
14:21मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाए चुपी हुए है
14:24हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
14:31महिक का एकसीलिंट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
14:34इसी हाथ से के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा हो दी है
14:38महिक जो हमेशा पेसे और शुर्ट के नशे में रही थी
14:41हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
14:44दिसी तरह हिदर के दिल में महे के लिए मुवबत तो जागती है
14:48मगर वो अपने हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने की कोशिश करता है
14:53कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
14:56जब महे के वालिद को इनके दोनों के तालग का पता चलता है
15:00और वो सख्त मुखालिपत करते हैं
15:02हिदर अपने खुद्दारी के खातिर महक से दूर होकर चला जाता है
15:06जबके महक पहली बार अपनी जिंदेगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
15:11महक अपने वाली देन से कहते है
15:16महबत इज़त मांगती है
15:18खेराथ नहीं और मैं एज़त के साथ हिदर का हाथ तामना चाहते हो
15:22आखर किस में दोनों अपने महबत और इज़त को थाबित करने के लिए अलग अलग ज्यदोगे जिह चिरते हैं
15:28हिदर अपनी खुखाब को कम्मल करते है
15:30एक अमया बिजनसमें बनता है
15:32और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
15:34महिक के बाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तसलीम करते हैं
15:38खुआबों के देलें से हमें ये सिकाती है
15:40कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
15:43और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती
15:47हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
15:51हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
15:53जो दिन रात महिनत किरके अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
15:57इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएन जिन्दगी दे सके
16:00दुसी तरफ महिक एक रईस गराने के लाडली बैटी है
16:04जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
16:07मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
16:10हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
16:14जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
16:16महिक का एकसिरिंट हो जाता है
16:18और हैदर उसे बचाता है
16:20इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा होती है
16:24महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
16:27हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
16:30दिसी थरह हिदर के दिल मेहक के लिए मौबबत तो जाकती है
16:33मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जज़बात के दुबाने के कोशिश करता है
16:39कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
16:42जब मेहक के वालिद को इनके दोनों के तालों का पता चलता है
16:46और वो सख्त मुखालिपत करते है
16:47हिदर अपने खुद्दारी के का खादिर मैक से दूर होकर चला जाता है
16:52जबकर मैक पहली बार अपने जिंदेगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
16:57मैक अपने वाली देनसे के ते है
17:02महपत इज़त मंगती है
17:04खेरात नहीं और में इज़ध के साथ हेदर का हाथ तामना चाहते हूँ
17:08आखर किस में दोनों अपने महबद और इज़ध को थाबित करने के लिए
17:12अलग अलग जिदू जहेद करते हैं
17:13हेदर अपनी खौब को कम्मल करते है
17:15एक अमया बिजनस्मेन बनता है
17:17और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
17:20महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लीम करते हैं
17:23खुआबों के तहलें से हमें यह सिकाती है
17:26कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
17:28और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती है
17:33हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
17:37हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
17:39जो दिन रात महिनत किर के अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
17:43इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्दगी दे सके
17:46दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बेटी है
17:50जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
17:53मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
17:56हालात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
18:00जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
18:02महिक का एकसीलिंट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
18:06इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
18:10महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
18:13हैदर की साथगे और खलूस से मतासिर हो जाती है
18:16दिसी तरह हिदर के दिल मेहिक के लिए मौबब तो जागती है
18:19मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
18:24कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
18:28जब मेहिक के वालिद के इनके दोनों के तालग का पता चलता है
18:32और वो सख्त मुखालिपत करते है
18:33हिदर अपने खुदारी के खातिर मेहिक से दूर होकर चला जाता है
18:38जब कि मेहिक पहली बार अपने जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
18:43मेहिक अपने वालिदین से कहते है
18:47महबत इज़त मांगती है
18:50खेरात नहीं और मैं इज़त के साथ हिदर का हाथ तामना चाहती हू
18:54आखर किस में दोनों अपने महबत और इज़त को साबित करने के लिए अलग अलग जिज़त करते है
18:59हिदर अपनी खुआप को कमल करते है
19:01एक कमया बिजनसमेन बनता है
19:03और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
19:06महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लीम करते हैं
19:09खौबों के देलें से हमें यह सिकाती है
19:11कि महभबत में खुद्धारी और इज़त सबसे एहम है
19:14और सची महभबत महनत कभी राएगा नहीं जाती है
19:19हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
19:23हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
19:25जो दिन रात महनत किर के अपने खौब पूरे करने के जिदुजहद में लगा हुआ है
19:29इसका खौब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्दगी दे सके
19:32दुसी तरफ महिक एक रईस गराने के लाडली बेटी है
19:36जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
19:38मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
19:42हलात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
19:46जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
19:48महिक का एकसीलिंट हो जाता है
19:50और हैदर उसे बचाता है
19:51इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के बतिदा होती है
19:56महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
19:59हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
20:02दिसी तरह वहिदर के दिल मेहे के लिए मौबत तो जागती है
20:05मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
20:10कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
20:14जब महेक के वालिद को इनके दोनों के तालुख का पता चलता है
20:17और वो सख्क मुखालिपत करते है एदर अपने खुदारी के खातिर महेक से दूर होकर चला जाता है
20:23जब कि महेक पहली बार अपने जिएगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
20:29महेक अपने वालिदें से कहते है महबत अज़त मांगती है खिरात नहीं
20:36और मैं इज़त के साथ हैदर का हाथ तामना चाहते हूँ
20:40आगर किसमें दोनों अपने महबद और इज़त को साबित करने के लिए अलग अलग जिदू जिए हिद करते है
20:45हैदर अपनी खौब को कमल करते है
20:47एक हमया बिजनसमेन बनता है
20:49और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
20:52महिक के बाले दिन भी आखिरकार अपनी गलती तस्लीम करते हैं
20:55खुआबों के देहलें से हमें यह सिकाती है
20:57कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
21:00और सची महबत महिनत के भी राएगा नहीं जाती
21:04हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
21:08हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
21:11जो दिन रात महिनत के अपने खुआप पूरे करने के जेदु जेहद में लगा हुआ है
21:15इसका हुआ है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्देगी दे सके
21:18दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है
21:22जिसकी जिन्देगी एश और आराम से बरी है
21:24मगर दिल के अंदर एक जीब सी तनहाय चुपी हुए है
21:27हलात की सित्म जरीपी दुनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
21:32जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
21:34महिक का एकसिड्ट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
21:37इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
21:42महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
21:45हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
21:48दिसी तरह हैदर के दिल मेहिक के लिए मौबत तो जाकती है
21:51मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जذبात को दुबाने के कोशिश करता है
21:56कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
22:00जब महिक के वालिद को इनके दोनों के तालग का पता चलता है
22:03और वो सख्त मुखालिपत करते है
22:05हिदर अपने खुदारी के खातिर महिक से दूर होकर चला जाता है
22:09जबके महिक पहली बार अपने जिंदेगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पेसला करती है
22:17महिक अपने वालिदें से कहते है
22:19महबत इज़द मांगती है
22:21खेरात नहीं और मैं इज़द के साथ हिदर का हाथ तामना चाहते हूँ
22:25आःत किसमें दोनों अपने महबद और एच्ज़त को साबित करने के लिए अलग अलग जी तुझे रिजत करते हैं
22:31हड़ा एच्छार अपने ओड विजसमेंट करते हैं एक करमागा बिजनसमें बता है
22:35और एज़त से महिक का हाथ मांगता है
22:37महिक के बाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तसलीम करते हैं
22:41खुआबों के तहलें से हमें यह सिकाती है कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
22:46और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
22:54हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है जो दिन रात मेहनत किरके अपने खुआब पूरे करने के जिदुजहिद में लगा हुआ है
23:01इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएन जिन्दगी दे सके
23:04दुसी तरफ मेहक एक रईस गराने के लाडली बेटी है जिसकी जिन्दगी एश और आराम से बरी है
23:10मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
23:13हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
23:20मेहक का एकसिर्ट हो जाता है और हेदर उसे बचाता है
23:23इसी हाथ से के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा होती है
23:27मेहक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे मे रही थी
23:30हेदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
23:33दिसी तरह हिदर के दिल मेहक के लिए मौबत तो जाकती है
23:37मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
23:42कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
23:46जब महक के वालिद को इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
23:49और वो सखत मुखालिपत करते है
23:51हिदर अपने खुदारी के खातिर महक से दूर होकर चला जाता है
23:55जब के महक पहली बार अपनी जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
24:01महक अपने वालिदेन से कहते है
24:05महबत इज़त मांगती है
24:07खेरात नहीं और मैं एज़त के साथ हिदर का हाथ तामना चाहती हो
24:11आखिर किसमें दोनों अपने महबत और इज़त को थाबित करने के लिए अलग अलग जिदुजी जि़त करते है
24:17हिदर अपनी खुआप को कमल करते है
24:19एक कमया बिजनसमेन बनता है
24:21और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
24:23महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लिम करते हैं
24:27खुआबों के देलें से हमें ये सिकाती है
24:29कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
24:32और सची महबत महिनत के भी राएगा नहीं जाती
24:36हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
24:40हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
24:43जो दिन रात महिनत करके अपने खुआप पूरे करने के जेदु जेहद में लगा हुआ है
24:47इसका हुआ है कि अपनी माँ को एक पर सकुएंज जिन्दगी दे सके
24:50दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है
24:54जिसकी जिन्दगी एश और आराम से बरी है
24:56मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
24:59हलाद की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
25:03जहां इनके रास्ते टकरा जाते है
25:06महिक का एकसिर्ट हो जाता है और हेदर उसे बचाता है
25:09इसी हादसे के बाद इनके तर्मियारे के अंदे के रिश्टे के तिदा होती है
25:13महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
25:16हिदर के साथगे और खलोश से मतासिर हो जाती है
25:19त्हे तरव हिदर के दिल में महिक के लिए मौबथ तो जाकती है
25:23मगर वो अपनी हिस्थित और पासले को देकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
25:28कहानी में एक जबर्दस मौड आता है जब महिक के वालिद के दोनों के तालग का पता चलता है
25:35और वो सखत मुखालिपत करते है
25:37हिदर अपने खुददारी के खातिर महिक से दूर होकर चला जाता है
25:41महिक पहली बार अपने जएगी में किसी चीज़ लिए लडने का पैसला करती है
25:46महिक अपने वालिदीं से कहती है
25:51मौबत इजजद मांगती है
25:53खेरागत नहीं और महिक इजजद के साथ हिदर का हाथ तामना चाहते हो
25:57आखर किसमें दोनों अपने महबत और ऑफ और अफ़ को थाबित करने के लिए लग अलग जिडिय जगरते हैं
26:03हिदर अपनी ख्वहाब को कमील उकमल करते है, एक मिजनसमें बनता है
26:07और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
26:09महिक के बाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तसलीम करते हैं
26:13खुआबों के देलें से हमें ये सिकाती है
26:15कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
26:18और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती
26:22हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
26:26हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
26:28जो दिन रात महिनत किरके अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
26:32इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएन जिन्दगी दे सके
26:36दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बैटी है
26:39जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
26:42मगर दिल के अंदर एक हजीब सी तनहाय चुपी हुए है
26:45हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
26:49जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
26:51महिक का एकसिर्ट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
26:55इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा होती है
26:59महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
27:02हैदर की साथगे और खलूस से मतासिर हो जाती है
27:05दिसी थरह हिदर के दिल मेहक के लिए मौबत तो जाती है
27:08मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
27:14कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
27:17जब मेहक के वालिद के इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
27:21और वो सख्त मुखालिपत करते है
27:22हिदर अपने खुद्दारी के खातिर मेहक से दूर होकर चला जाता है
27:27जब के मेहक पहली बार अपने जिंदेगी में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
27:32मेहक अपने वालिदین से कहते है
27:37महबत इज़त मांगती है
27:39खेराइब नहीं और मैं इज़त के साथ हिदर के हाथ तामना चाहती हो
27:43आखर किस में दोनों अपने महबत और इज़त को साबित करने के लिए बेलग अलग जिदोजी जहेद करते है
27:48हिदर अपनी खौब को अकमल करते है
27:50एक कमया बिजनसमें बनता है
27:52और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
27:55महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लीम करते हैं
27:59खुआबों के तहलें से हमें यह सिकाती है
28:01कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
28:03और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती है
28:08हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
28:12हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
28:14जो दिन रात महिनत किरके अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
28:18इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्दगी दे सके
28:21दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बेटी है
28:25जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
28:28मगर दिल के अंदर एक हजीब सी तनहाय चुपी हुए है
28:31हालात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
28:35जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
28:37महिक का एकसीलिंट हो जाता है
28:39और हेदर उसे बचाता है
28:41इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा होती है
28:45महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
28:48हेदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
28:51दिसी तरह हिदर के दिल मेहक के लिए मौबत तो जाकती है
28:54मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
28:59कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
29:03जब महक के वालिद को इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
29:07और वो सख्त मुखालिपत करते है
29:08हिदर अपने खुदारी के खातिर महक से दूर होकर चला जाता है
29:13जब के महक पहली बार अपने जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
29:18महक अपने वालिदें से कहते है
29:22महबत इज़त मांगती है
29:25खिरात नहीं और मैं ईज़त के साथ हिदर का हाथ तामना चाहते हू
29:29अग्रकीस में दोनों अपने मुखबत और एज़त को साबित करने के लिए ये ऑलग लग जो जिज़ी चीज़त करते है
29:34हिदर अपनी खुङबत को क Beta करते है
29:36एक कमया बिजनसमेन बनता है
29:38और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
29:41महिक के बाले दिन भी आखिर कर अपनी गल्ते तसलीम करते हैं
29:44खुआबों के देलें से हमें यह सिखाती है
29:46कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
29:49और सची महबत महनत कभी राइगा नहीं जाती है
29:54हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
29:58हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नौजवान है
30:00जो दिन रात महनत किर के अपने खुआप पूरे करने के जेदुजहेद में लगा हुआ है
30:04इसका खुआप है कि अपनी माँ को एक पर सकुएंज जिन्दगी दे सके
30:07दुसी तरफ महिक एक रईस गराने के लाडली बेटी है
30:11जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
30:13मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाय चुपी हुए है
30:17हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
30:21जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
30:23महिक का एक्सिरिंट हो जाता है
30:25और हैदर उसे बचाता है
30:26इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
30:31महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
30:34हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
30:37दिसी तरह वहिदर के दिल में महिख के लिए मौबत तो जाकती है
30:40मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
30:45कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
30:49जब महिख के वालिद को इनके दोनों के तालग का पता चलता है
30:52और वो सख्त मुखालिपत करते है
30:54हिदर अपने खुद आरी के खातर महिख से दूर होकर चला जाता है
30:58जबके महिख पहली बार अपनी जिएगी में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
31:04मेहिख अपने वालिदीं से कहते है
31:08महपत इजजद माँगती है
31:10खेरात नहीं और मैं इजज़त के साथ हैदर का हाथ तामना चाहते हो
31:15आगर कीसमें दोनों अपने मुहबद और हैज़त को थाबिद करने के लिए अलग अलग जेदो जाहते हैं
31:20हैदर अपनी खौआप को कमल करते हैं
31:22एक अम्या बिजनेसमें बनता है
31:24और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
31:27महिक के बाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तसलीम करते हैं
31:30खुआबों के देले हैं से हमें यह सिकाती है
31:32कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
31:35और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती
31:39हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
31:43हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
31:46जो दिन रात महिनत किरके अपने खुआप पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
31:50इसका खुआप है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्देगी दे सके
31:53दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बेटी है
31:57जिसकी जिन्देगी एश औराम से बरी है
31:59मगर दिल के अंदर एक जीब सी तनहाय चुपी हुए है
32:02हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
32:07जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
32:09महिक का एकसीडन्ट हो जाता है
32:11और हैदर उसे बचाता है
32:12इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
32:17महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
32:20हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
32:23दिसी थरह वहिदर के दिल मेहे के लिए मौबत तो जागती है
32:26मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
32:31कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
32:35जब महे के वालिद को इनके दोनों के तालुग का पता चलता है
32:38और वो सख्त मुखालिपत करते है
32:40हिदर अपने खुदारी के खातिर महक से दूर होकर चला जाता है
32:44जबके महक पहली बार अपने जिन्देगे में और किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
32:50महक अपने वालिदीन से कहते है
32:54महक इज़त मांगती है
32:56खेरात नहीं और मैं इजब के साथ हैदर का हाथ तामना चाहते हो
33:00आगर किसमें दोनों अपने महबबत और हिजब को साबित करने के लिए
33:04अलग-अलग जितु जिहेरर करते हैं
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33:08एक कमया बिजनेस में बनता है
33:10और पिर इज़त से महिक का हाथ मांगता है
33:13महिक के वाले दिन भी आखिर कर अपनी गलती तस्लिम करते हैं
33:16खुआबों के तहलें से हमें ये सिकाती है
33:18कि महबत में खुद्दारी और इज़त सबसे एहम है
33:21और सची महबत महिनत कभी राएगा नहीं जाती
33:25हेलो वीवर्ज इस ड्रामसिल में आप देखेंगे
33:29हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
33:32जो दिन रात महिनत किरके अपने खुआप पूरे करने के जेदुजहद में लगा हुआ है
33:36इसका खुआप है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्देगी दे सके
33:39दुसी तरफ महिक एक रईज गराने के लाडली बेटी है
33:43जिसकी जिन्देगी एश औराम से बरी है
33:45मगर दिल के अंदर एक अजीब सी तनहाए चुपी हुए है
33:48हलात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
33:52जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
33:55महिक का एक्सिरिंट हो जाता है
33:57और हेदर उसे बचाता है
33:58इसी हाथ से के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिश्टे के पिदा होती है
34:02महिक जो हमेशा पेसे और शुरत के नशे में रही थी
34:05हेदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
34:09दिसी तरह हिदर के दिल मेहक के लिए मौबत तो जाकती है
34:12मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देख कर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
34:17कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
34:21जब महक के वालिद को इनके दोनों के तालुक का पता चलता है
34:24और वो सखत मुखालिपत करते है
34:26हिदर अपने खुदारी के खातिर महक से दूर होकर चला जाता है
34:30जब के महक पहली बार अपनी जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
34:36महक अपने वालिदेन से कहते है
34:40महबत इज़त मांगती है
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34:46आखर कीस में तोनों अपने महबत और इज़त को साबित करने के लिए
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35:02खुआबों के देलें से हमें ये सिकाती है
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35:07और सची महबत महनत कभी राएगा नहीं जाती
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35:15हेदर एक गरीब मगर बाहिमत नوجवान है
35:18जो दिन रात महनत करके अपने खुआब पूरे करने के जेदुजहेद में लगा हुआ है
35:22इसका खुआब है कि अपनी माँ को एक पर सुकुएंज जिन्दगी दे सके
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35:29जिसकी जिन्दगी एश औराम से बरी है
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35:34हलात की सितम जरीपी दोनों को एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
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35:48महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
35:51हैदर की साथगे और खलोस से मतासिर हो जाती है
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35:58मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने के कोशिश करता है
36:03कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
36:06जब मेहक के वालिद को इनके दोनों के तालग का पता चलता है
36:10और वो सख्त मुखालिपत करते है
36:12हिदर अपने खुदारी के खातिर मेहक से दूर होकर चला जाता है
36:16जब के मेहक पहली बार अपनी जिन्दगी में किसी चीज़ के लिए लडने का पैसला करती है
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37:17मगर दिल के अंदर एक हजीब सी तनहाय चुपी हुए है
37:20हालात की सितम जरीपी दोनों के एक ऐसे मुकाम पर ले आती है
37:24जहां इनके रास्ते टक्रा जाते है
37:26महिक का एकसिर्ट हो जाता है और हैदर उसे बचाता है
37:30इसी हादसे के बाद इनके तर्मारे के अंदे के रिष्टे के पिदा होती है
37:34महिक जो हमेशा पेसे और शूरत के नशे में रही थी
37:37हैदर की साथगे और खलूस से मतासिर हो जाती है
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37:43मगर वो अपनी हिसियत और पासले को देखकर अपनी जजबात को दुबाने की कोशच करता है
37:49कहानी में एक जबर्दस मौड आता है
37:52जब मेहे के वालिद को इनके दोनों के तारुक का पता चलता है
37:56और वो सख्ट मुखालिपत करते हैं
37:58हिदर अपने खुदारी के खातर महग से दूर होकर चला जाता है
38:02जबके महग पहली बार अपने जिंदेगे में किसी चीज़ के लिए लड़ने का पैसला करती है
38:10महग अपने वाली देन से कहते है
38:12महबत इज़त मांगती है
38:14खेरात नहीं और मैं इज़ित के साथ हेदर के हाथ तामना चाहती हूँ
38:18आखिर किसमें दोनों अपने मुख़ाइब दोनों अपने मुख़ाइब तामना चाहती हूँ