"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा
यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨ ओम शांति!
Related Searches:- murli 23 april 2025 murali 23 april 2025 today murli murli today hindi murli today today murli in hindi brahmakumaris murli today brahmakumaris murli shiv baba murli todays murli peace of mind live tv shiv baba ki murli baba ki murli bk today murli in hindi madhuban murli today madhuban murli live murli om shanti meditation shiv baba aaj ki murli aaj ki murli shiv baba ki aaj ki murali shiv baba ki shiv baba ki murli aaj ki aaj ki murli aaj ki murli in hindi brahma kumaris brahma kumaris mount abu peace of mind tv channel om shanti murli song peace of mind channel madhuban ki murli peace of mind live tv channel shiv baba ki murali mount abu brahma kumaris peace of mind tv live today aaj ki murli madhuban om shanti mount abu brahmakumaris song bk murli shiv baba ki aaj ki murali brahmakumaris meditation aaj ki murli aaj ki murli murli aaj ki aaj ki murli om shanti brahmakumaris songs om shanti murli aaj ki om shanti shiv baba ki murli murali aaj ki murali madhuban ke baba murli wale madhuban murali aaj ki murli bk brahmakumaris murali om shanti murli om shanti music om shanti murali b k murli today in hindi aaj ki murli live baba ki murli aaj ki aaj ki murli ka saar brahma kumaris aaj ki murli aaj ki murli brahma kumaris hindi murli baba murli om shanti baba bk murli today brahma kumaris meditation brahmakumari aaj ki murli shiv baba avyakt murli madhuban murli bk aaj ki murli bk murli today in hindi murli in male voice murali in male voice murali aadmi ki awaz me murli aadmi ki awaz me aadmi ki awaz me murali aadmi ki awaz me murli aaj ki murli in male voice aaj ki murali in male voice todays murli in male voice todays murali in male voice daily murli in male voice daily murali in male voice
आज की मुरली ओम शांति मुरली ओम शांति की मुरली आज का मुरली ओम शांति मुरली आज की ओम शांति आज की मुरली ओम शांति आज की मुरली मधुबन
00:00ओरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओरली अमरित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:24ओम शान्ती
00:26आईए सुनते हैं
00:2823 अप्रैल 2025 दिन बुध्वार की साकार मुरली
00:32शिव बाबा कहते हैं मीठे बच्चे
00:36अब नाटक पूरा होता है वापिस घर जाना है
00:41कल्यूग अंत के बाद फिर सत्यूग रिपीट होगा
00:45यह राज सभी को समझाओ
00:47प्रश्न
00:49आत्मा पाठ बजाते-बजाते ठक गई है
00:53ठकावट का मुख्य कारण क्या है?
00:56उत्तर
00:56बहुत भक्ति की
00:58अनेक मंदिर बनाए
01:00पैसा खर्च किया
01:02धक्के खाते-खाते सतो प्रधान आत्मा
01:04तमो प्रधान बन गई
01:06तमो प्रधान होने के कारण ही दुखी हुई
01:19बच्चों को समझाते हैं, उनका नाम क्या है? शिव. यहां जो बैठे हैं तो बच्चों को अच्छी रीति याद रहना चाहिए. इस ड्रामा में जो सबका पार्ट है, वह अब पूरा होता है. नाटक जब पूरा होने पर होता है, तो सभी एक्टर्स समझते हैं कि हमारा पार
01:49शिव. अब नाटक पूरा होता है, अब फिर ने सिर्चक्र शुरू होना है. नई दुनिया में सत्यूग था. अभी पुरानी दुनिया में यह कल्यूग का अंत है. यह बातें तुम ही जानते हो, जिनको बाप मिला है. नए जो आते हैं, तो उनको भी यह समझाना है. अब �
02:19समझ लेते हैं कि प्रले होती है. अभी तुम जानते हो, पुरानी दुनिया का विनाश कैसे होता है. भारत तो अविनाशी खंड है, बाप भी यहां ही आते हैं. बाकी और सब खंड खलास हो जाएंगे. यह खयालात और कोई की बुद्धी में आ नहीं सकते. बाप तुम ब�
02:49आगे जब हम कहते थे तो शरीर को समझते थे. अब बाप कहते हैं अपने को आत्मा समझो और बाप को याद करो. अब हमको वापिस घर जाना है, वह है स्वीट होम. उस निराकारी दुनिया में हम आत्माएं रहती हैं. यह ग्यान कोई भी मनुष्य मात्र में नहीं है. अभ
03:19कैसे यह धर्म नंबर वार आते हैं. यह बातें कोई शास्त्रों में नहीं है. यह बाप नई बातें समझाते हैं. यह और कोई समझा न सके. बाप भी एक ही बार आकर समझाते हैं. ग्यान सागर बाप आते ही एक बार हैं. जबकि नई दुनिया की स्थापना पुरानी दुन
03:49पाड बजाते बजाते हम थक गये है
03:53पैसा भी खर्च किया
03:55भक्ति करते करते हम सतो प्रधान से तमो प्रधान बन गये है
03:59दुनिया ही पुरानी हो गई है
04:01नाटक पुराना कहेंगे?
04:04नहीं
04:05नाटक तो कभी पुराना होता नहीं
04:08नाटक तो नित्य नया है
04:09ये चलता ही रहता है
04:11बाकी दुनिया पुरानी होती है
04:13हम एक्टर्स तमो प्रधन दुखी हो जाते है
04:16ठक जाते है
04:17सत्यूग में थोड़े ही ठकेंगे
04:19कोई बात में ठकने वा तंग होने की बात नहीं
04:22यहाँ तो अनेक प्रकार की तंगी देखनी पड़ती है
04:25तुम जानते हो यह पुरानी दुनिया खत्म होनी है
04:28संबंधी आदी कुछ भी याद नहीं आना चाहिए
04:31एक बाप को ही याद करना चाहिए
04:34जिससे विकर्म विनाश होते हैं
04:36विकर्म विनाश होने का और कोई उपाई नहीं है
04:39गीता में भी मनमना भव अक्षर है
04:42परन्तु अर्थ कोई समझ न सके
04:45बाप कहते है
04:47मुझे याद करो और वर्षे को याद करो
04:50तुम विश्व के वारिस अर्थात मालिक थे
04:53अभी तुम विश्व के वारिस बन रहे हो
04:56तो कितनी खुश होनी चाहिए
04:58अभी तुम कौडी से हीरे मिसल बन रहे हो
05:01यह तुम आये ही हो बाप से वर्सा लेने
05:05तुम जानते हो जब कलाई कम होती हैं
05:08तब फूलों का बगीचा मुर्जा जाता है
05:10अभी तुम बनते हो गार्डन आंफ फ्लावर
05:13सत्युब गार्डन है तो कैसा सुन्दर है
05:16फिर धीरे धीरे कला कम होती जाती है
05:19दो कला कम हुई, गार्डन मुर्जा गया, अभी तो काटो का जंगल हो गया है
05:25अभी तुम जानते हो दुनिया को कुछ भी पता नहीं है
05:28यह नौलिज तुमको मिल रही है, यह है नई दुनिया के लिए नई नौलिज
05:33नई दुनिया स्थापन होती है
05:36करने वाला है बाप
05:38स्रिष्टी का रचिता बाप है
05:40याद भी बाप को ही करते हैं
05:43कि आकर हेवन रचो
05:44सुखधाम रचो
05:46तो जरूर दुखधाम का विनाश होगा ना
05:48बाबा रोज रोज समझाते रहते हैं
05:51उसको धारण कर फिर समझाना है
05:53पहले पहले तो मुख्य बात समझानी है
05:56हमारा बाप कौन है
05:58जिससे वर्सा पाना है
06:00भक्ती मार्ग में भी
06:01गौड फादर को याद करते हैं
06:04कि हमारे दुख हरो सुक दो
06:05तो तुम बच्चों की बुद्धी में भी
06:08स्मृती रहनी चाहिए
06:09स्कूल में स्टूडेंट्स की बुद्धी में
06:11नौलेज रहती है
06:12न कि घरबार
06:14स्टूडेंट लाइफ में धंदे धोरी की बात रहती नहीं
06:18स्टड़ी ही याद रहती है
06:19यहां तो फिर कर्म करते
06:21ग्रहस्त व्यावहार में रहते
06:23बाप कहते हैं यह स्टड़ी करो
06:25ऐसे नहीं कहते
06:27कि सन्यासियों के मुआफिक घरबार छोड़ो
06:29यह है ही राजयोग
06:31यह प्रवृत्ति मार्ग है
06:33सन्यासियों को भी तुम कह सकते हो
06:36कि तुम्हारा है हटयोग
06:37तुम घरबार छोड़ते हो
06:39यहां वह बात नहीं है
06:41यह दुनिया ही कैसी गंदी है
06:44क्या लगा पड़ा है
06:45गरीब आदी कैसे रहे पड़े है
06:48देखने से ही नफरत आती है
06:50बाहर से जो विजिटर आदी आते हैं
06:53उन्हों को तो अच्छे-अच्छे स्थान दिखाते हैं
06:56गरीब आदी कैसे गंद में रहे पड़े है
06:58वो थोड़े ही दिखाते हैं
07:00ये तो है ही नर्क परंतु
07:02उनमें भी फर्क तो बहुत है ना
07:04साहुकार लोग कहां रहते हैं
07:07गरीब कहां रहते हैं
07:09कर्मों का हिसाब है ना
07:11सत्युग में ऐसी गंदगी हो नहीं सकती
07:14वहाँ भी फर्क तो रहता है ना
07:16कोई सोने के महल बनाएंगे
07:18कोई चांदी के
07:20कोई इटों के
07:21यहाँ तो कितने खंड है
07:23एक यूरोप खंड ही कितना बड़ा है
07:25वहाँ तो सिर्फ हम ही होंगे
07:27यह भी बुद्धी में रहे
07:29तो हरशित मुख अवस्था हो
07:31स्टूडेंट की बुद्धी में
07:33स्टडी ही याद रहती है
07:34बाप और वर्सा
07:36ये तो समझाया है बाकी थोड़ा समय है
07:39वह तो कह देते
07:40लाखों हजारों वर्ष
07:42यहाँ तो बात ही पांच हजार वर्ष की है
07:44तुम बच्चे समझ सकते हो
07:47अभी हमारे राजधनी की स्थापना हो रही है
07:49बाकी सारी दुनिया खत्म होनी है
07:52ये पढ़ाई है ना
07:54बुद्धी में ये याद रहे
07:55हम स्टूडेंट है
07:56हमको भगवान पढ़ाते है
07:58तो भी कितनी खुशी रहे
08:00ये क्यों भूल जाता है
08:02माया बड़ी प्रबल है
08:04वह भुला देती है
08:05स्कूल में सब स्टूडेंट्स पढ़ रहे है
08:08सभी जानते हैं कि हमको भगवान पढ़ाते है
08:11वहाँ तो अनेक प्रकार की विद्या पढ़ाई जाती है
08:14अनेक टीचर्स होते है
08:16यहाँ तो एक ही टीचर है
08:18एक ही स्टूडी है
08:19बाकी नायब टीचर्स तो जरूर चाहिए
08:22स्कूल है एक
08:24बाकी सब ब्रांचेस है
08:26पढ़ाने वाला एक बाप है
08:28बाप आकर सभी को सुख देते है
08:31तुम जानते हो
08:32आधा कल्प हम सुखी रहेंगे
08:35तो यह भी खुशी रहनी चाहिए
08:37शिव बाबा हमको पढ़ाते है
08:38शिव बाबा रचना रचते ही है
08:41स्वर्ग की
08:41हम स्वर्ग का मालिक बनने लिए पढ़ते है
08:44कितनी खुशी अंदर में रहनी चाहिए
08:47वह स्टूडेंट भी
08:48हते-पिते सब कुछ घर का कामादी करते है
08:51हाँ
08:52कोई हॉस्टल में रहते है
08:54कि जास्ती पढ़ाई में ध्यान रहेगा
08:56सर्विस करने के लिए
08:58बच्चियां बाहर में रहती है
08:59कैसे-कैसे मनुश्य आते है
09:02यहां तो तुम कितने सेफ बैठे हो
09:04कोई अंदर घुस न सकी
09:06यहां कोई का संग नहीं
09:08पतित से बात करने की दरकार नहीं
09:11तुमको कोई का मुह देखने की भी दरकार नहीं है
09:14फिर भी बाहर रहने वाले तीखे चले जाते है
09:17कैसा वंडर है
09:19बाहर रहने वाले कितनों को पढ़ा कर
09:22आप समान बना कर और ले आते है
09:24बाबा समाचार पूछते है
09:26कैसे पेशेंट को ले आए हो
09:29कोई बहुत खराब पेशेंट है
09:31तो उनको साथ रोज भठी में रखा जाता है
09:33यहाँ कोई भी शूद्र को नहीं ले आना है
09:36यह मधुवन है
09:37जैसे कि तुम ब्राम्मनों का एक गाउं
09:40यहाँ बाप तुम बच्चों को बैट समझाते है
09:43विश्व का मालिक बनाते है
09:45कोई शूद्र को ले आएंगे तो वहाँ वाइब्रेशन खराब करेगा
09:49तुम बच्चों की चलन भी बहुत रॉयल चाहिए
09:52आगे चल तुमको बहुत साक्षातकार होते रहेंगे
09:56वहाँ क्या क्या होगा
09:58जानवर भी कैसे अच्छे अच्छे होंगे
10:01सब अच्छी चीजें होंगी
10:03सत्युक की कोई चीज यहाँ होना सके
10:06वहाँ फिर यहाँ की चीज होना सके
10:08तुमारी बुद्धि में हैं हम स्वर्ग के लिए इम्तहान पास कर रहे है
10:12जितना पढ़ेंगे और फिर पिरहाएंगे
10:15टीचर बन औरों को रास्ता बताते हैं
10:19सब टीचर्स है
10:20सब को टीच करना है
10:22पहले पहले तो बाप की पहचान दे बतलाना है
10:25कि बाप से यह वर्सा मिलता है
10:27गीता बाप ने सुनाई है
10:29यह प्रजा पिता ब्रह्मा है
10:42पारलोकिक और फिर अलोकिक, नई बात है ना, भक्ति मार्ग में कभी ब्रह्मा को याद नहीं करते, ब्रह्मा बाबा किसको कहने आता नहीं, शिव बाबा को याद करते हैं कि दुख से छुडाओ, वह है पारलोकिक बाप ये फिर है अलोकिक, इनको तुम सुक्ष्मु वतन मे
11:12इस अलोखिक बाप को समझने में ही मूझते हैं।
11:15शिव बाबा के लिए तो कहेंगे निराकार है।
11:19तुम कहेंगे वह बिंदी है।
11:21वह करके अखन जोतिवा ब्रम कह देते हैं।
11:25अनेक मत है।
11:27तुम्हारी तो एक ही मत है।
11:29एक द्वारा बाप ने मत देना शुरू की फिर वृद्धि कितनी होती है।
11:34तो तुम बच्चों की बुद्धि में यह रहना चाहिए हमको शिव बाबा पढ़ा रहे हैं।
11:40पतित से पावन बना रहे है।
11:42रावन राज्य में जरूर पतित तमो प्रधन बनना ही है।
11:46नाम ही है पतित दुनिया।
11:48सब दुखी भी हैं तब तो बाप को याद करते हैं कि बाबा हमारे दुख दूर कर हमको सुख दो।
11:55सब बच्चों का बाप एक ही है।
11:58वो तो सब को सुख देंगे ना।
12:00नई दुनिया में तो सुख ही सुख है।
12:03बाकी सब शान्तीधम में रहते हैं.
12:06ये बुद्धिय में रहना चाहिए, अभी हम जाएंगे शान्तीधम.
12:10जितना नजदीक आते जाएंगे तो आज की दुनिया क्या है?
12:13कल की दुनिया क्या होगी? सब देखते रहेंगे.
12:16स्वर्ग की बादशाही नजदीक देखते रहेंगे
12:20तो बच्चों को मुखे बाद समझाते हैं
12:23बुद्धी में यह याद रहे कि हम स्कूल में बैठे हैं
12:27शिव बाबा इस रत पर सवार हो आये हैं हमको पढ़ाने
12:31यह भागीरत है
12:32बाब आएंगे भी जरूर एक बार
12:35भागीरत का नाम क्या है यह भी किसको पता नहीं है
12:38यह तुम बच्चे जब बाब के सम्मुक बैठते हो
12:42तो बुद्धी में याद रहे कि बाबा आया हुआ है
12:46हमको स्रिष्टी चक्र का राज बता रहे हैं
12:50अभी नाटक पूरा होता है
12:51अब हमको जाना है
12:52यह बुद्धी में रखना कितना सहज है
12:55परन्तु यह भी याद कर नहीं सकते
12:57अभी चक्र पूरा होता है
13:00अब हमको जाना है
13:02फिर नई दुनिया में आकर पाट बजाना है
13:05फिर हमारे बाद फलाने फलाने आएंगे
13:08तुम जानते हो ये चक्र सारा कैसे फिरता है
13:12दुनिया वृद्धी को कैसे पाती है
13:15नई से पुरानी फिर पुरानी से नई होती है
13:18विनाश के लिए तैयारियां भी देख रहे हो
13:21नैचुरल कैलमिटीज भी होनी है
13:23इतने बॉम्स बना कर रखे हैं तो काम में तो आने हैं न
13:27बॉम्स से ही इतना काम होगा जो फिर मनुष्यों के लड़ाई की दरकार नहीं रहेगी
13:32लचकर को फिर छोड़ते जाएंगे
13:34बॉम्स फेकते जाएंगे
13:36फिर इतने सब मनुष्य नौकरी से छूट जाएंगे तो भूखे मरेंगे ना
13:41यह सब होने का है
13:43फिर सिपाही आदी क्या करेंगे
13:45अर्थ को एक होती रहेगी
13:47बॉम्स किरते रहेंगे
13:49एक दो को मारते रहेंगे
13:51खूने नहेक हेल तो होना है ना
13:53तो यहां जब आकर बैठते हो
13:56तो इन बातों में रमन करना चाहिए
13:58शान्ती धाम
14:00सुकदाम को याद करते रहो
14:01दिल से पूछो हमको क्या याद पड़ता है
14:04अगर बाप की याद नहीं है
14:06तो जरूर बुद्धी कहां भटकती है
14:08विकर्म भी विनाश नहीं होंगे
14:11पद भी कम हो जाएगा
14:12अच्छा
14:14बाप की याद नहीं ठहरती
14:16तो चकर का सिमरन करो
14:17तो भी खुशी चड़े
14:19परंतु श्रीमत पर नहीं चलते
14:21सर्विस नहीं करते
14:23तो बाप दादा की दिल पर भी नहीं चड़ सकते
14:25सर्विस नहीं करते
14:27तो बहुतो को तंग करते रहते है
14:29कोई तो बहुतो को आप समान बनाए
14:32और बाप के पास ले आते है
14:34तो बाबा देखकर खुश होते हैं
14:37अच्छा
14:38मीठे मीठे सिकिल दे बच्चों
14:41प्रती मात पिता बाप दादा का याद प्यार
14:43और गुड मॉर्निंग
14:45रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते
14:47हम रूहानी बच्चों की रूहानी मात पिता बाप दादा को याद प्यार
14:52गुड मॉर्निंग और नमस्ते
14:54दारणा के लिए मुख्यसार
14:57एत
14:58सदा हर्शित रहने के लिए
15:00बुद्धी में पढ़ाई और पढ़ाने वाले बाप की याद रहे।
15:04खाते पीते सब काम करते पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना है।
15:09दो, बाप दादा की दिल पर चड़ने के लिए
15:12श्रीमत पर बहुतों को आप समान बनाने की सर्विस करनी है।
15:17किसी को भी तंग नहीं करना है।
15:20वरदान अशरीरी पन के इंजेक्शन द्वारा मन को कंट्रोल करने वाले एकाग्रचित्त भव।
15:28जैसे आजकल अगर कोई कंट्रोल में नहीं आता है, बहुत तंग करता है, उचलता है या पागल हो जाता है,
15:36तो उनको ऐसा इंजेक्शन लगा देते हैं जो वह शान्त हो जाए।
15:40ऐसे अगर संकल्प शक्ती आपके कंट्रोल में नहीं आती, तो अशरीरी पन का इंजेक्शन लगा दो, फिर संकल्प शक्ती व्यर्थ नहीं उचलेगी, सहज एकाग्रचित हो जाएंगी, लेकिन यदि बुद्धी की लगाम बाप को देकर फिर ले लेते हो, तो मन व्यर्�
16:10कंबाइन्ड रूप की स्मिर्थी से सदा विजयी बनो, जैसे शरीर और आत्मा दोनों कंबाइन्ड होकर कर्म कर रही है, ऐसे कर्म और योग दोनों कंबाइन्ड हो, कर्म करते याद न भूले, और याद में रहते कर्म न भूले, क्योंकि आपका टाइटल ही है कर्म योगी
16:40पावरफुल ये दोनों स्टेज कमबाइंड हो तब स्थापना का कार्य तीवरगती से होगा
16:45ओम शान्ती
17:10अजया दोनों स्टेज कमबाइंड हो तीवरफुल ये जान्ती