"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा
यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।
✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨ ओम शांति!
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आज की मुरली ओम शांति मुरली ओम शांति की मुरली आज का मुरली ओम शांति मुरली आज की ओम शांति आज की मुरली ओम शांति आज की मुरली मधुबन
00:00अम्रित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती
00:26आये सुनते हैं 20 अपरैल 2025 दिन रविवार की अव्यक्त मुरली
00:32रिवाइस टेट 18 जन्वरी 2005
00:37मुरली का सार
00:40सेकेंड में देहभान से मुक्त हो जीवन-मुक्त स्थिति का अनुभव करो
00:44और मास्टर मुक्ती जीवन-मुक्ती दाता बनो
00:47अब सुनते हैं मुरली को विस्तार से
00:50आज बाप दादा चारों और के लक्की और लवली बच्चों को देख रहे हैं
00:57हर एक बच्चा स्नेह में समाया हुआ है
00:59यह परमात्म स्नेह अलौकिक स्नेह है
01:02इस स्नेह नहीं बच्चों को बाप का बनाया है
01:05Snehye ne hi Sahj Vijayi bana ya hai
01:08Aaj Amrit Velae se
01:10Cáron or kye har bachye ne
01:12Apne Snehye ki maala
01:14Baap ko pahna ii
01:15Kyoki har bachya jahnata hai
01:17Kye yeh parmatma Snehye
01:19Kya se kya bana deta hai
01:21Snehye ki anubhutti
01:23Anek parmatma khazanye ke malik
01:25Bana nye wali hai
01:26Ar sarrw parmatma khazanye ki golden chabi
01:29Baap ne sarrw bachye ko dhi hai
01:32Jantte ho na
01:33What golden chabi is my father.
01:40My father liked my father.
01:43ुब्रम्मा बाप ज्यादा स्मृति में
02:13।
02:43बच्चों के विशेश साकार स्वरूप में विल पावर्स, विल करने का दिन है।
03:13बच्चों के विल पावर्स, विल पावर्स, विल करने का दिन है।
03:43और जीवन मुक्ति का मज़ा अनुभो करते हैं।
03:46भविश्य में जीवन मुक्ति तो प्राप्त होनी है, लेकिन अब संगम युक पर जीवन मुक्ति का अलौकिक आनंद और ही अलौकिक है।
03:55जैसे ब्रह्मा बाप को देखा, कर्म करते कर्म के बंधन से न्यारे, जीवन में होते कमल पुष्प समान न्यारे और प्यारे, इतने बड़े परिवार की जिम्मेवारी, जीवन की जिम्मेवारी, योगी बनाने की जिम्मेवारी, फरिष्टा सो देवता बनाने की जिम्मे
04:25So, you can also be able to enjoy the children's lives of the children's lives of the children's lives of the children's lives of the children.
04:555.
04:566.
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05:009.
05:019.
05:049.
05:05Now think that the way you will have to do it, time will be.
05:09Can you do it?
05:10Now think that the way you have to do it, do it.
05:15No, you can do it.
05:17If you have a control over your mind,
05:20where you want to control it,
05:24your mind will be.
05:26But you will be your mind,
05:29your mind will be your mind.
05:31Your mind will not be your mind.
05:33So when the mind, the mind, the mind, the mind is control, it's the number one.
05:42Science is the rocket, the rocket is the same people.
05:47The rocket is the same people.
05:47But the brain is the same people.
05:50But the mind is the three people you can reach.
05:53Second is the sukshma, the nirakari and the soul are the same people.
05:58If you can order the mind,
06:02मधुबन में पहुँचना है
06:04तो सेकेंड में पहुँच सकते हो
06:06तन से नहीं, मन से
06:08ओर्डर करो
06:09सूक्षम वतन जाना है
06:11निराकारी वतन में जाना है
06:13तो तीनों लोकों में जब चाहे
06:16मन को पहुँचा सकते हो
06:17है प्रैक्टिस
06:18अभी इस अभ्यास की आवशक्ता ज्यादा है
06:21बाप दादा ने देखा है
06:23अभ्यास तो करते हो
06:24लेकिन जब चाहे
06:26जितना समय चाहे
06:27एकाग्र हो जाए
06:28अचल हो जाए
06:30हलचल में नहीं आए
06:31इसके उपर और अटेंशन
06:33जो गायन है
06:35मन जीत जगत जीत
06:36अभी कभी कभी
06:38मन धोखा भी दे देता है
06:40तो बाप दादा
06:41आज के समर्थ दिवस पर
06:43यही समर्थी विशेश अटेंशन में दे रहे है
06:46हे स्वराज्य अधिकारी बच्चे
06:48अभी इस विशेश अभ्यास को
06:51चलते फिरते चेक करो
06:52क्योंकि समय प्रमान
06:54अभी अचानक के खेल बहुत देखेंगे
06:57इसके लिए एकागरता की शक्ति आवश्यक
07:00एकागरता की शक्ति से
07:03द्र्ड़ता की शक्ति भी सहज आ जाती है
07:06और द्र्ड़ता सफलता स्वतह प्राप्त कराती है
07:09तो विशेश समर्थ दिवस पर
07:12इस समर्थी का अब्यास विशेश आटेंशन में रखो
07:15इसलिए भक्ति मार्ग में भी कहते हैं
07:18मन के हारे हार
07:19मन के जीते जीत
07:21तो जब मेरा मन कहते हो
07:23तो मेरे के मालिक बंद शक्तियों की लगाम से
07:26विजे प्राप्त करो
07:27इस नए वर्ष में
07:29इस होमवर्क पर विशेश अटेंशन, इसी को ही कहा जाता है योगी तो हो लेकिन अभी प्रयोगी बनो.
07:37बाकी आज के दिन की सनेह की रूहरिहान, सनेह के उल्हने और समान बनने के उमंग उत्साह, तीनों प्रकार की रूहरिहान बाप दादा के पास पहुंची है.
07:49चारों और के बच्चों की सनेह भरी यादें, सनेह भरा प्यार बाप दादा के पास पहुंचा.
07:55पत्र भी पहुंचे तो रूहरीहान भी पहुंची
07:59संदेश भी पहुंचे
08:00बाप दादा ने बच्चों का स्नेह स्वीकर किया
08:03दिल से रिटन में याद प्यार भी दिया
08:06दिल की दुआएं भी दी
08:08एक-एका नाम तो नहीं ले सकते हैं न?
08:11बहुत हैं
08:12लेकिन कोने कोने गाउं गाउं शहर शहर
08:16सब तरफ के बच्चों का, बांदेलियों का, विलाप करने वालों का सब का याद प्यार पहुंचा
08:22अब बाप दादा यही कहते
08:24स्नेह के रिटन में अब अपने आपको टर्न करो, परिवर्तन करो
08:30अब स्टेज पर अपना संपन्न स्वरूप प्रत्यक्ष करो
08:34आपकी संपन्नता से दुख और अशान्ती की समाप्ती होनी है
08:39अभी अपने भाई बहनों को ज्यादा दुख देखने नहीं दो
08:42इस दुख अशान्ती से मुक्ति दिलाओ
08:45बहुत भैभीत है
08:47क्या करें, क्या होगा
08:50इस अंधकार में भटक रहे है
08:52अब आत्माओ को रोशनी का रास्ता दिखाओ
08:55उमंग आता है
08:57रहम आता है
08:59अभी बेहद को देखो
09:01बेहद में द्रिष्टी डालो
09:03अच्छा
09:04होमवर्क तो याद रहेगा न
09:07भूल नहीं जाना
09:08प्राइस देंगे
09:10जो एक मास में मन को बिल्कुल
09:12कंट्रोलिंग पावर से पूरा मास
09:14जहां चाहे
09:15जब चाहे वहां एकागर कर सके
09:18इस चार्ट की रिजल्ट में
09:20इनाम देंगे
09:21ठीक है
09:22कौन इनाम लेंगे
09:25पांडव
09:26पांडव पहले
09:28मुबारक हो पांडवों को और शक्तिया
09:30A1
09:32पांडव नंबर वन तो शक्तिया A1
09:35शक्तिया A1 नहीं होंगी तो पांडव A1
09:39अभी थोड़ी रफ्तार तीवर करो
09:41आराम वाली नहीं
09:44तीवर गती से ही आत्माओं का दुख दर्द समाप्त होगा
09:47रहम की छत्र चाया आत्माओं के उपर डालो
09:51अच्छा
09:52डबल विदेशी भाई बहनों से
09:55डबल विदेशी
09:57बाप दादा कहते हैं
10:00डबल विदेशी अर्थात डबल पुरुशार्थ में आगे बढ़ने वाले
10:05जैसे डबल विदेशी टाइटल है ना
10:07निशानी है ना आपकी
10:09ऐसे ही डबल विदेशी नंबर वन लेने में भी
10:12डबल रफ्तार से आगे बढ़ने वाले
10:14अच्छा है
10:16हर ग्रुप में बाप दादा डबल विदेशों को देख करके खुश होते है
10:21अब ही डबल विदेशी क्या प्लैन बना रहे हो
10:32बाप दादा को खुशी हुई
10:35अफ्रीका वाले तीवर पुरुषार्थ कर रहे है
10:38तो आप सभी भी आस पास जो आपके भाई बहन रहेगए है
10:42उन्होंको संदेश देने का उमंग उत्साह रखो
10:45उल्हना नहीं रह जाए
10:47व्रद्धी हो रही है और होती भी रहेगी
10:50लेकिन अभी उल्हना पूरा करना है
10:52यह विशेष्टा तो
10:54डबल विदेश्यों की सुनाते ही है
10:57कि भोले बाप को राजी करने का जो साधन है
11:00सच्ची दिल पर साहिब राजी
11:02वह डबल विदेशियों की विशेष्टा है
11:05बाप को राजी करना बहुत होश्यारी से आता है
11:08सच्ची दिल बाप को क्यों प्रिये लगती है
11:11क्योंकि बाप को कहते ही हैं सत्य
11:14God is truth कहते है न
11:17तो बाप दादा को साफ दिल
11:20सच्ची दिल वाले बहुत प्रिये है
11:22Aisowa na?
11:24Saaf dill hai,
11:25Saatchi dill hai,
11:27Satyata hi Brahmagn jiwan ki Maantata hai.
11:30Is lieza double videsiyo koo bap-daada saada yad kert hai.
11:34Bhin na bhin na dèş me aiatma'o ko sandéş dne nye ke niimit ta bun ganska.
11:38Dekho, kitne dèşo kya atee hai.
11:42To in sabhi dèşo ka khaliyan to hua hai na?
11:44To Baap dada,
11:46law� प्णिमित्त आये हुए हैं लेकिन चारों और के ५प्णिमित्त बने हुए बच्चो को मुबारक दे रहे हैं वधै ५िए दे रहे � 서울 का भला हो ही जाना हे सभी रिफ्रेश हो रहे है
12:03Refresh हुए
12:05सदा अमर रहेगी
12:07या मदुबन में ही आधा छोड़ कर जाएंगे
12:09साथ रहेगी
12:11सदा रहेगी
12:12अमर भव का वर्दान है न
12:14तो जो परिवर्तन किया है
12:16वह सदा बढ़ता रहेगा
12:18अमर रहेगा
12:19अच्छा
12:21बाप दादा खुश है
12:23और आप भी खुश है
12:24और उको भी खुशी देना
12:26अच्छा
12:27ग्यान सरोवर को 10 साल हुआ है
12:30अच्छा
12:31अच्छा है
12:33ग्यान सरोवर ने एक विशेशता आरम की
12:36जब से ग्यान सरोवर शुरू हुआ है
12:38तो VIP IP के विशेश विधी पूरवक
12:41और ग्यान सरोवर में आने वाली आत्माओं की स्थूल सेवा
12:51और अलोकिक सेवा बहुत अच्छी रूची से करते है
12:54इसलिए ग्यान सरोवर वालों को बाबदादा विशेश मुबारक देते है
12:59कि सेवा की रिजल्ट सब खुश हो कर जाते है
13:02और खुशी खुशी से
13:11Okay.
13:12Okay.
13:13Okay.
13:14Okay.
13:15Okay.
13:16Okay.
13:17अभी एक सेकंड में मन को एकागर कर सकते हो.
13:20सब एक सेकंड में बिंदू रूप में स्थित हो जाओ.
13:23बाप दादा ने ड्रिल कर आई.
13:25अच्छा, ऐसा अभ्यास चलते फिरते करते रहू.
13:29चारों और के स्नेही लवलीन आत्माओं को,
13:33सदा रहम दिल बन हर आत्मा को, दुख अशान्ति से मुक्त करने वाले श्रेश्ट आत्माव को, सदा अपने मन, बुध्धी, संसकार को, कंट्रोलिंग पावर द्वारा कंट्रोल में रखने वाले महावीर आत्माव को, सदा संगम युक के जीवन मुक्त स्थिति को अनुभ�
14:03की भी भी टिकाना मिल जाए, इसका भी कल्यान हो जाए, उनके संपर्क में जो भी आएगा, उससे बाप का परिचे जरूर देंगी, जैसे कोई घर में आता है, तो पहले उसे पानी पूछ आ जाता है, ऐसे ही चला जाये तो बुरा समझते है, ऐसे जो भी संपर्क
14:30ुसे बाप के परिशे का पानी जरूर पूछो, अर्थात दाता के बच्चे दाता बनकर कुछ न कुछ दो, ताकि उसे भी ठिकाना मिल जाए।
14:41SLOGAN यथार्थ वैराग्य वृत्ति का सहज अर्थ है, जितना न्यारा उतना प्यारा।