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  • 4/18/2025
"मीठे बच्चे- यह मुरली तुम्हें अज्ञानता के अंधकार से निकाल ज्ञान के प्रकाश में ले जाने के लिए है। इसे सुनो, समझो और अपने जीवन में धारण करो!" – शिव बाबा

यह सिर्फ शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि परमात्मा के श्रीमुख से निकला अमृत है, जो आत्मा को शक्तिशाली बनाता है। मुरली वह मार्गदर्शक है जो हमें पुराने संस्कारों से मुक्त कर नई सतयुगी दुनिया का अधिकारी बनाती है। यह हमें सच्ची शांति, अटल सुख और निर्विकारी जीवन की ओर ले जाती है।

✨ मुरली सुनें, मनन करें और इसे अपने जीवन में धारण करें! ✨
ओम शांति!

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आज की मुरली मधुबन

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Transcript
00:00मुरली अम्रित की धारा है धारा जो देती दुखों से किनारा
00:11ओम शान्ती
00:26आईए सुनते हैं 19 अप्रैल 2025 दिन शनिवार की साकार मुरली
00:34शिव बाबा कहते हैं
00:37मीठे बच्चे बेहद बाप के साथ वफादार रहो तो पूरी मैट मिलेगी माया पर जीत होती जाएगी
00:44प्रश्न
00:46बाप के पास मुख्य अथॉरिटी कौन सी है उसकी निशानी क्या है
00:51उत्तर
00:53बाप के पास मुख्य है ग्यान की अथॉरिटी
00:57ग्यान सागर है इसलिए तुम बच्चों को पढ़ाई पढाते है
01:01आप समान नौलेजफुल बनाते है
01:03तुम्हारे पास पढ़ाई की aim object है
01:06पढ़ाई से ही तुम उँच पद पाते हो
01:10कीत
01:11बदल जाए दुनिया
01:13न बदलेंगे हम
01:14ओम शांती
01:16भक्त भगवान की महिमा करते है
01:19अब तुम तो भक्त नहीं हो
01:21तुम तो उस भगवान के बच्चे बन गए हो
01:24वह भी वफादार बच्चे चाहिए
01:26हर बात में वफादार रहना है
01:29स्त्री की सिवाए पती के
01:31अथ्वा
01:32पती की सिवाए स्त्री के
01:34और तरफ दृष्टी जाए
01:36तो उनको भी बेवफा कहेंगे
01:38अब यहाँ भी है बेहत का बाप
01:40उनके साथ बेवफादार
01:42और वफादार दोनों रहते हैं
01:45वफादार बन कर फिर बेवफादार
01:47बन जाते हैं बाप तो है
01:48highest authority
01:49Almighty है ना
01:51तो उनके बच्चे भी ऐसे होने चाहिए
01:54बाप में ताकत है
01:55बच्चों को रावन पर जीत पाने की युक्ति
01:58बतलाते हैं इसलिए उनको
02:00कहा भी जाता है सर्वशक्तिमान
02:02तुम भी शक्ति से ना हो ना
02:04तुम अपने को भी Almighty कहेंगे
02:06बाप में जो might है
02:08वो हम को देते हैं
02:10बतलाते हैं कि तुम माया रावन पर जीत
02:12कैसे पा सकते हो तो तुमको भी शक्तिवान
02:14बनना है बाप है
02:16ग्यान की authority, knowledgeful है ना
02:18जैसे वो लोग authority है
02:20शास्त्रों की, भक्तिमार की
02:22ऐसे अब तुम Almighty authority
02:24knowledgeful बनते हो तुमको भी
02:26knowledge मिलती है ये पाठशाला है
02:28इसमें जो knowledge तुम पढ़ते हो
02:30इससे उँच पद पा सकते हो
02:32ये एक ही पाठशाला है
02:34तुमको तो यहाँ पढ़ना है
02:36और कोई प्रार्थना आदी नहीं करनी है
02:38तुम्हें पढ़ाई से वर्सा मिलता है
02:40aim object है
02:42तुम बच्चे जानते हो बाप knowledgeful है
02:44उनकी पढ़ाई बिलकुल different है
02:47ज्यान का सागर बाप है तो वही जाने
02:50वही हमको स्रिष्टी के
02:52आदी मध्य अंत का knowledge देते है
02:54दूसरा कोई दे न सके
02:56बाप सम्मुखा कर ग्यान दे फिर चले जाते है
03:00इस पढ़ाई की प्रालब्ध क्या मिलती है
03:03वह भी तुम जानते हो
03:04बाकी जो भी सत्संग आदी है
03:07वह गुरु को साई है
03:09वह सब हैं भक्ति मार्क के
03:10अब तुम को ग्यान मिल रहा है
03:13यह भी जानते हैं
03:15कि उनमें भी कोई यहां के होंगे तो निकल आएंगे
03:17तुम बच्चों को सर्विस की
03:19भिन भिन युक्तियां निकालनी है
03:22अपना अनुभा सुना कर
03:24अनेकों का भाग्य बनाना है
03:25तुम सर्विसेबल बच्चों की
03:28अवस्था बड़ी निर्भे अडोल
03:30और योग युक्त चाहिए
03:31योग में रहे कर सर्विस करो
03:33तो सफलता मिल सकती है
03:35बच्चे तुम्हें अपने को
03:38पूरा संभालना है
03:39कभी आवेश आदी ना आये
03:41योग युक्त पक्का चाहिए
03:43बाप ने समझाया है
03:45वास्तव में तुम सब वानप्रस्थी हो
03:47वानी से परे अवस्था वाले
03:50वानप्रस्थी अर्थात
03:51वानी से परे घर को
03:53और बाप को याद करने वाले
03:55इसके सिवाए और कोई तमन्ना नहीं
03:58हमको अच्छे कपड़े चाहिए
03:59ये सब हैं छीची तमन्नाए
04:02देह अभिमान वाले सर्विस कर नहीं सकेंगे
04:05देही अभिमानी बनना पड़े
04:07भगवान के बच्चों को तो मैट चाहिए
04:10वह है योग की
04:12बाबा तो सभी बच्चों को जान सकते हैं न
04:15बाबा जट बता देंगे
04:17यह यह खामिया निकालो
04:19बाबा ने समझाया है
04:20शिव के मंदिर में जाओ
04:22वहाँ बहुत तुमको मिलेंगे
04:24बहुत हैं जो काशी में जाकर वास करते हैं
04:28समझते हैं काशी नात हमारा कल्यान करेगा
04:32वहाँ तुमको बहुत ग्राहक मिलेंगे
04:34परन्तु इसमें बड़ा शुरुर बुद्धी, होश्यार बुद्धी चाहिए
04:38गंगस्नान करने वालों को भी जाकर समझा सकते है
04:42मंदिरों में भी जाकर समझाओ
04:44गुप्त वेश में जा सकते हो
04:47हनुमान का मिसाल
04:48हो तो वास्तव में तुम ना
04:51जुत्यों में बैठने की बात नहीं है
04:53इसमें बड़ा समझू सयाना चाहिए
04:56बाबा ने समझाया है अभी कोई भी कर्मतीत नहीं बना है
05:00कुछ न कुछ खामिया जरूर है
05:02तुम बच्चों को नशा चाहिए
05:04कि यह एक ही हट्टी है
05:06जहां सब को आना है
05:08एक दिन यह सन्यासी आदी सब आएंगे
05:11एक ही हट्टी है तो जाएंगे कहां
05:14जो बहुत भटका हुआ होगा
05:15उनको ही रास्ता मिलेगा
05:17और समझेंगे यह एक ही हट्टी है
05:20सबका सद्गति दाता एक बाप है ना
05:23ऐसा जब नशा चड़े तब बात है
05:25बाप को यही ओना है ना
05:28मैं आया हूँ पतितों को पावन बनाए
05:31शान्तिधाम सुकधाम का वर्सा देने
05:33तुम्हारा भी यही धंदा है
05:35सबका कल्यान करना है
05:38यह है पुरानी दुनिया
05:39इनकी आयू कितनी है
05:41थोड़े टाइम में समझ जाएंगे
05:43यह पुरानी दुनिया खत्म होनी है
05:46सभी आत्माओं को यह बुद्धि में आएगा
05:49नई दुनिया की स्थापना हो
05:51तब तो पुरानी दुनिया का विनाश हो
05:53आगे चल
05:55फिर कहेंगे बरोबर भगवानिहा है
05:57रचेटा बाप को ही भूल गय है
06:00तरिमूर्ति में शिव का चित्र उड़ा दिया है
06:03तो कोई काम का नहीं रहा
06:05रचेटा तो वहा है ना
06:07शिव का चित्र आने से क्लियर हो जाता है
06:10ब्रह्मा द्वारा स्थापना
06:12प्रजा पिता ब्रह्मा होगा
06:15तो जरूर बी के भी होने चाहिए
06:17ब्राम्मन कुल सबसे उंचा होता है
06:20ब्रह्मा की आौलाद है
06:22ब्राम्मनों को रच्ट कैसे है यह भी कोई नहीं जानते
06:26बाप ही आकर तुमको शूद्र से ब्राम्मन बनाते है
06:29यह बड़ी पेचिली बाते है
06:31बाप जब सम्मुक आकर समझाए तब समझे
06:35जो देवताएं थे वह शूद्र बने है
06:38अब उन्हों को कैसे ढूंड़े उसके लिए युक्तिया निकालनी है
06:42जो समझ जाएं यह बीके का तो भारी कार्य है
06:46कितने पर्चे आदी बाटते है
06:48बाबा ने एरोप्लेन से पर्चे गिराने लिए भी समझाया है
06:52कम से कम अखबार जितना एक कागज हो
06:55उसमें मुख्य पॉइंस सीड़ी आदी भी आ सकती है
06:58मुख्य है अंग्रीजी और हिंदी भाशा
07:01तो बच्चों को सारा दिन खयालात रखनी चाहिए
07:04सर्विस को कैसे बढ़ाएं
07:05ये भी जानते हैं ड्रामा अनुसर पुरुशार्थ होता रहता है
07:09समझा जाता है ये सर्विस अच्छी करते हैं
07:12इनका पद भी उंच होगा
07:14हर एक एक्टर का अपना पार्ट है
07:16ये भी लाइन ज़रूर लिखनी है
07:18बाब भी इस ड्रामा में
07:20निराकारी दुनिया से आकर
07:22साकारी शरीर का आधार ले पार्ट बजाते हैं
07:25अभी तुम्हारी बुद्धी में है
07:27कौन-कौन कितना पार्ट बजाते है
07:29तो ये लाइन भी मुख्य है
07:31सिद्ध कर बतलाना है
07:33ये स्रिष्टी चक्र को जानने से
07:35मनुष्य स्वदर्शन चक्रधारी बन
07:38चक्रवर्ती राजा विश्व का मालिक बन सकते है
07:41तुम्हारे पास तो सारी नौलेज है ना
07:44बाब के पास नौलेज है ही गीता की
07:47जिससे मनुष्य नर से नारायन बनते है
07:49फुल नौलेज बुद्धी में आ गई तो फिर फुल बादशाही चाहिए
07:54तो बच्चों को ऐसे ऐसे ख्याल कर बाप की सर्विस में लग जाना चाहिए
07:59जैपुर में भी यह रुआनी म्यूजियम स्थाई रहेगा
08:03लिखा हुआ है
08:05इनको समझने से मनुष्य विश्व का मालिक बन सकते है
08:09जो दिखेंगे एक दुको सुनाते रहेंगे
08:12बच्चों को सदा सर्विस पर रहना है
08:15मम्मा भी सर्विस पर है
08:16उनको मुकरर किया था
08:19यह कोई शास्त्रों में है नहीं की सरस्वती कौन है
08:22प्रजा पिता ब्रह्मा की सिर्फ एक बेटी होगी क्या
08:25अनेक बेटियाओं अनेक नाम वाली होंगी न
08:28वह फिर भी अडॉप्ट थी
08:30जैसे तुम हो
08:31एक हेट चला जाता है
08:33तो फिर दूसरा स्थापन किया जाता है
08:35प्राइम मिनिस्टर भी दूसरा स्थापन कर लेते है
08:38एबल समझा जाता है
08:40तब उनको पसंद करते है
08:42फिर टाइम पूरा हो जाता है
08:44तो फिर दूसरे को चुनना पड़ता है
08:46बाप बच्चों को पहला मैनर्स यही सिखलाते हैं
08:50कि तुम किसका रिगार्ड कैसे रखो
08:52अनपड़े जो होते हैं
08:54उनको रिगार्ड रखना भी नहीं आता है
08:56जो जास्ती तीखे हैं
08:59तो उनका सबको रिगार्ड रखना ही है
09:01बड़ों का रिगार्ड रखे से
09:03वह भी सीख जाएंगे
09:04अनपढ़े तो बुद्धु होते है
09:07बाप ने भी अनपढ़ों को आकर उठाया है
09:09आजकल फीमेल को आगे रखते है
09:12तुम बच्चे जानते हो
09:13हम आत्माओं की सगाई परमात्मा के साथ हुई है
09:16तुम बड़े खूश होते हो
09:18हम तो विश्नुपुरी के मालिक जाकर बनेंगे
09:20कन्या का बिगर देखे भी बुद्धियोग लग जाता है न
09:24ये भी आत्मा जानती है
09:26ये आत्मा और परमात्मा की सगाई वंडर्फुल है
09:29एक बाप को ही याद करना पड़े
09:32वो तो कहेंगे गुरू को याद करो
09:34फलाना मंत्र याद करो
09:36ये तो बाप ही सब कुछ है
09:38इन द्वारा आकर सगाई कराते है
09:41कहते हैं मैं तुम्हारा बाप भी हूँ
09:44मेरे से वर्सा मिलता है
09:46कन्या की सगाई होती है तो फिर भूलती नहीं है
09:49तुम फिर भूल क्यों जाते हो
09:51कर्मातीत अवस्था को पाने में टाइम लगता है
09:54कर्मातीत अवस्था को पाकर वापिस तो कोई जा न सके
09:58जब साजन पहले चले फिर बरात जाए
10:01शंकर की बात नहीं शिव की बरात है
10:04एक है साजन बाकी सब हैं सजनिया
10:07तो यह है शिव बाबा की बरात
10:10नाम रख दिया है बच्चे का
10:12द्रिश्टांत ते समझाया जाता है
10:14बाप आकर गुलगुल बनाए
10:16सब को ले जाते है
10:18बच्चे जो काम चिता पर
10:20बैट पतित बन गए है
10:21उनको ग्यान चिता पर बिठाए
10:23गुलगुल बनाकर सभी को ले जाते है
10:26यह तो पुरानी दुनिया है न, कल्प कल्प बाप आते हैं, हम छीची को आकर गुल-गुल बनाए ले जाते हैं, रावन छीची बनाते हैं और शीव बाबा गुल-गुल बनाते हैं, तो बाबा बहुत युक्तियां समझाते रहते हैं, अच्छा?
10:43मीठे मीठे सिकिलदे बच्चों, प्रति मात पिता बाप दादा का याद प्यार और गुड मॉर्निंग, रुखानी बाप की रुखानी बच्चों को नमस्ते, हम रुखानी बच्चों की रुखानी मात पिता बाप दादा को याद प्यार, गुड मॉर्निंग और नमस्ते, ध
11:13निर्भय और अडोल अवस्था बनानी है। तो जो पढ़ाई में तीखे होश्यार हैं, उनका रिगार्ड रखना है। जो भटक रहे हैं, उनको रास्ता बताने की युक्ति रचनी है। सबका कल्यान करना है।
11:29वर्दान अपने महत्वव कर्तव्य को जानने वाले सदा जागती जोद भव। आप बच्चे जक्की जोती हो। आपके परिवर्तन से विश्व का परिवर्तन होना है। इसलिए बीती सो बीती कर अपने महत्वव कर्तव्य को जानकर सदा जागती जोद बनो। आप सेकेंड म
11:59जैसे आपकी रचना कचुआ, सेकेंड में सब अंग समेट लेता है। ऐसे आप मास्टर रचता समेटने की शक्ती के आधार से सेकेंड में सर्वसंकल्पों को समा कर एक संकल्प में स्थित हो जाओ।
12:14स्लोगन
12:15लवलीन स्थिती का अनुभव करने के लिए स्मृती विस्मृती की युद्ध समाप्त करो
12:21मातेश्वरी जी के मधुर महावाक्य है
12:24आधा कल्प ग्यान, ब्रह्मा का दिन और आधा कल्प भक्ति ब्रह्मा की रात
12:30आधा कल्प है ब्रह्मा का दिन, आधा कल्प है ब्रह्मा की राथ, अब रात पूरी हो सवेरा आना है, अब परमात्मा आकर अंध्यारा की अंत कर सोजरे की आदि करता है, ग्यान से है रोश्नी, भक्ती से है अंध्यारा,
12:47गीत में भी कहते हैं, इस पाप की दुनिया से दूर कहीं ले चल, चित चैन जहां पावे, यह है बेचैन दुनिया, जहां चैन नहीं है, मुक्ति में नहें चैन, नहें बेचैन, सत्युक त्रेता है चैन की दुनिया, जिस सुखधाम को सभी याद करते है
13:07तो अब तुम चैन की दुनिया में चल रहे हो, वहाँ कोई अपवित्र आत्मा जा नहीं सकती, वह अंत में धर्मराज के डंडे खाए कर्म बंधन से मुक्त हो शुद्ध संसकार ले जाते हैं, क्योंकि वहाँ न अशुद्ध संसकार होते न पाप होता है।
13:25जब आत्मा अपने असली बाप को भूल जाती है, तो यह भूल भूलया का अनादी खेल हार जीत का बना हुआ है। इसलिए अपनने इस सर्वशक्तिवान परमात्मा द्वारा शक्तिले विकारों के उपर विजय पहन 21 जन्मों के लिए राज्य भाग्य ले रहे है।
13:42अच्छा, ओम शांती, अव्यक्ति शारे, कंबाइंड रूप की स्मृति से सदा विजय बनू।
14:12हाजिर है, इसलिए हजूर के आगे सदा मैं रूप भी हाजिर हूँ। सदा इसी कंबाइंड रूप में रहो। ओम शांती।
14:42हाज।
14:44झाल
14:46झाल
14:48झाल

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