Ek zalim badshah jo apni awam per be ja tax lagata tha, ayashi karta tha aur log us se tang aa gaye the. Lekin jab wo mar gaya, uska beta Badshah bana — jo bht hi naik aur insaf pasand nikla. Usne sirf ameeron par tax lagaya, ghareebon ka khayal rakha aur log uske liye duaen karne lage. Yeh kahani hai zulm se insaaf tak ke safar ki. Dekhiye ek chhoti si lekin gehri sabaq amoz kahani.
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00:36तो अवाम ने टेक्स के खिलाफ एहतिजाद शुरू कर दिया
00:40बादशा ने उसका हल ये निकाला
00:43कि एक बड़े मुल्क से सूट पर कर्ज ले लिया
00:46जो आमदनी से भी ज्यादा था
00:48मुल्क कर्ज उसूट की दलदल में धस्ता चला गया
00:51और कुछ हरसे बाद बादशा का इंतकाल हो गया
00:55बादशा के इंतकाल के बाद उसका बेटा बादशा बना
00:59जो नेक, सालिह और इमानदार था
01:02वो अपनी रियाया को कुछ हाल देखना चाहता था
01:05उसने गरीबों पर टेक्स कम कर दिये
01:08और अमीर लोगों पर टेक्स लगाए
01:09ताके मुल्क का कर्जा उतर सके
01:12लेकिन ताजिरों ने टेक्स देने के बज़ए
01:15चीजें महंगी कर दी
01:16और तरह तरह के जतन करने लगे
01:19कि किसी तरह बादशा की हकूमत
01:21ठीक तरह से ना चले
01:22जब बादशा को खबर हुई
01:24कि ताजिर अवाम से चीजों की ज़्यादा कीमत
01:27वसूल कर रहे हैं
01:28और महंगाई में इजाफा हो रहा है
01:30तो बादशा के जहन में एक तरकीब आई
01:33उसने अपने वजीर को कुमहार के रूप में
01:36बादार में भीजा
01:37और कहा कि जाओ बादार से एक मटका खरीद कर लाओ
01:42और पूरी मार्किट से कीमत की जाच करना
01:45ताके पता चले कौन कौन ताजिर अवाम को लूट रहा है
01:49वजीर एक दुकान पर गया
01:51मटके की कीमत मालूम की
01:53दुकानदार ने चार रुपे बताई
01:55दुसरे दुकान से मालूम किया
01:57उसने पांच रुपे बताई
01:58ڈرز سب دکانداروں نے مہنگائی کے لیے بادشاہ کو ہی ذمہ دار ٹھہر آیا
02:03اور خود کو لاچار ظاہر کیا
02:06ساری باتیں وزیر نے بادشاہ کو بتا دی
02:08اگلے دن بادشاہ نے وزیر سے کہا
02:11کہ آج مٹکہ لے کر جاؤ اور بیچنا شروع کر دو
02:14وزیر نے ایسا ہی کیا
02:16بازار کے سب دکانداروں نے اس مٹکے کی قیمت صرف اور صرف پچاس پیسے لگائی
02:21وزیر نے کہا کل تو آپ یہی مٹکہ پانچ روپے کا دے رہے تھے
02:25और आज 50 पैसे में खरीदने का कह रहे हैं वजीर ने सारे वाकियात बादशा को बता दिये बादशा ने उन तमाम ताजरों को सक्त सजा दी जो अवाम का फून चूस रहे थे चंद ताजरों को सजा दे दी तो बाकी सब ताजर कुद ही राहे रास पर आ गये और इस तरह ता