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  • 4 days ago

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00:00ट्रश्ट है कि क्यों नहीं मिल सकते भारत को अच्छे नेता, क्यों नहीं मिल सकते भारत को अच्छे नेता, यहां नेता है लिखाय मैं समझता हूँ कि राजनेते क्षेत्र की बात की जा रही है, तो राजनेताओं की बात की जा रही हो भी, क्योंकि नेत्रत तो वरना किसी भ
00:30यहां पर ऐसा तो है नहीं कि कोई ताकत के बंपर या अपनी फौज के दम पर आकर के चड़ गैटता है और तुम्हारा मुखिया बन जाता है अप्रधान बन जाता है यहां तो गद्धी उसको ही मिलती है जिसको तुम चुनते हो
00:56तो एक बहुत प्रसिद अंग्रेजी में है कि people get the leaders they deserve
01:06लोग जिस लायक होते हैं उनको उसी तरीके के नेता मिल जाते हैं और यह बात लोगतंत्र में तो शत्प्रतिशत लागू होती है
01:20तो यह प्रशन कैसा है फिर कि क्यों नहीं मिल सकते भारत को अच्छे नेता
01:27भारतिये जैसे हैं भारतियों को वैसे नेता मिल जाते हैं
01:34नेता कोई धांदली करके तो सत्ता पर काविज होते नहीं बाकाइदा मत गरना होती है
01:42जिसको जादा मिले हैं वोट उस उगदी मिल जाती है
01:50तो आप ही तो दे रहे हैं और आप भारतिये हैं
01:54आप जिस आधार पर मत अपना दर्ज कराते हैं
02:00उसी तरीके से लोग सक्ता पर पहुंच जाते हैं
02:04वैसे ही अंगरेजी का एक और आदा रहा है
02:09कि दुनिया भर में क्या होता है कि पिपल कास्क देर वोट
02:15पिपल वोट देर कास्ट
02:20फिर आप कहते हैं कि भारत को अच्छे नेता क्यों नहीं मिल रहे
02:27जब तक लोग बहतर नहीं होंगे तब तक नेता बहतर नहीं हो सकते
02:44और यह बात अच्छे समझ लीजिए
02:49लोगतंत्र में नेता जनता की अगवाई नहीं करता
02:54और जनता के पिशवाड़े चलता है
02:59मतलब समझ रहो
03:00लोगतंत्र में ऐसा नहीं होता कि तुम कहो कि आईए नेता सहाब हमारा पत्थ पतरशन करिए
03:06हमारे आगे आगे चलिए लोगतंत्र में नेता चलता है जनता के पीछे पीछे
03:16जनता इधर को जा रही होगी नेता उधर को ही चल देगा और अगर नेता किसी और दिशा में चलना चाहेगा तो फिर जनता से अलग हो जा उसको घर । rehabilitate नहीं मिलेगी
03:26आप सवाल पूछ रहे हैं
03:29आपकी कुछ ऐसी धारणा है कि हमारा नेता है
03:31वो हमें रहा दिखाए हमारे आगे-ागे चले
03:33हमें रास्ता बताए
03:34जनतंत्र में ऐसा नहीं होता
03:36जनतंत्र में लोग आगे-ागे चलते हैं
03:40लोगों में भी कौन लोग आगे आगे चलते हैं, जो सबसे मूर होते हैं, सबसे आगे चलते हैं, क्योंकि संख्या सबसे ज़्यादा उनी की होती है, भहुमा तो नहीं का होता है, तो पहली बात तो लोग चुनते हैं नेता को, और दूसरी बात, लोगों में भी वो वर्ग ज
04:10उसमें होश कितना लगाया था, ये देखा जाता है क्या?
04:16एक वोट बुद्धु ने डालाओ, एक वोट बुद्धु ने डालाओ, दोनों की बराबर
04:20की हैसियत होती ये जनतंत्र में, तो बहतर नेता तभी मिल सकते हैं, जब लोग बहतर हो.
04:26लोग तब बहतर होंगे, जब उन्हें पहले एक बहतर अध्यात्मिक नेता मिलेगा, क्योंकि लोगों को बहतर और गिती तरीके से बनाया नहीं जा सकता.
04:38लोग बहतर हो इससे मेरा क्या आशा है लोग के कपड़े बहतर हो लोग के मकान बहतर हो
04:45मैं कहा रहा हूं लोग बहतर हो तब बहतर उनको नेता मिलेगा
04:50मैं किस तरह की बहतरी की बात कर रहा हूं मैं मन की बहतरी की बात कर रहा हूं
04:53आपकी चितना कस्तर उचाओ, आपकी नेड़ों कस्तर उचाओ, ये काम कौन करवाएगा, ये काम एक अध्यात्मिक नेता ही करवा सकता है, तो आप एक बहतर राजनेता चुन पाएं, इसके लिए पहले आवश्चा है कि आपको पहले एक बहतर अध्यात्मिक नेता मिले,
05:13अध्यापनिक नेता होता है जो जनता के आगे आगे चलता जनता के पीछे नहीं चलता अगर आप समाज में देश में बदलाओ चाहते हैं तो बदलाओ जनतंत्र में एक राजनेता लाई नहीं सकता भले यो प्रधानमंतरी क्यों ना हो
05:29क्योंगि ले देकर प्रधानमंत्री को भी आपके पीछे-पीछे ही चलना है।
05:33तुम दिनको अगर रात को वो रात कहेंगे।
05:38प्रधानमंत्री आपकी पीछे पीछे नहीं चले गा, तो वो गद्दी से उतार के फिक दिया जाएगा।
05:43और यहां तो हर साल चुनाव होते हैं। केंद्रे पांच साल में होता है। और यह जो धाई धर्जन राज्ये हैं।
05:55तो हर साल दो राज्य चार राज्य छे राज्यों में चुनाव होते ही रहते हैं। भारत में चुनाव तो कभी रुकते ही नहीं।
06:03आप किसी को प्रगान मंतरी बना दे, मुख्य मंतरी बना दे, राश्टपती बना दे
06:08वो जरा सा जनता की इच्छाओं के खिलाफ कोई काम करेगा
06:13तुर्ण दो महीने बाद जो भी चुनाव होगा उसमे उससवा मिल जाएगी
06:16तुर्ण मिल जाएगी
06:18भारत में किसी भी समय आप किसी आम चुनाव से बहुत दूर नहीं होते हैं
06:24आज का दिन दे लिजे आप पहेंगे अच्छा आगले चार महीने में फ़लाना चुनाव आ रहा है
06:28ये चुनाव आ रहा हो चुनाव राज्यों में चुनाव हो रहा होंगे
06:31नगर समितियों में हो रहे हैं, यह कहीं कोई चुनाव लगा रहता है, सता तुनंत मिल जाएगी नेता को जो जनता के पीछ चलने की जनता के आगे चलने की कोशिश करेगा, जनता के आगे राजनेता नहीं चल सकता, जनता के आगे बस आध्यात्मिक नेता माने गुरू चल सक
07:01भारतिय घटिया नेता ही चुनते रहेंगे और अगर आज आपको प्रश्न करता के तोर पर ये लगर आये कि भारतियों ने सब गड़बण नेता ही चुने आज तक तो उसकी वज़ा फिर सीदह ये जान लीजिए मामला साफ है कि भारतियों को अच्छे गुरू नहीं मिले है
07:31तो वो गुरू बना लिया है तो समाज विक्षिप्त हो जाएगा पागलों जैसी उसकी दशा उधर उधर के चुनाओ करेगा बेकार की बाते सोचेगा जिस दशा नहीं चलना चाहिए उधर को बढ़ेगा
07:44समझ में आरी बात तो जो लोग चाहते हों कि राजनैतिक क्रांते हो भारत में मैं उनको बता ही देता हूँ कि एक अच्छी राजनैतिक क्रांते हो पाए भारत में उसके लिए पहले एक अध्यात्मिक क्रांती करनी पड़ेगी
08:02अध्यात्मिक नेता अच्छा पहले आएगा
08:08उसके बाद अच्छा राजनेतिक नेता आएगा
08:11इस पश्ट हो रही बाद
08:21भुष्वाण चाहिए नमन
08:24पिछले सौ सालों में भारत में जैसे अध्यात्मिक आपने कहा
08:28गुरू गलतों को तो चुनाई है भारत में
08:32इतियास देखते हैं तो
08:34लेकिन जो सही भी थे तो वो भी बहुत हुए
08:38लेकिन जो सीखने वाले थे इनकी कमी भी तो है
08:42देखिए गुरू होने भर से
08:46आज के समय में काम नहीं चलेगा
08:49आज का कालधर्म ऐसा नहीं है कि आप गुरू हो जाएं
08:54उतने भर से समाज में, असंसार में क्रानति आ जाएगी
09:00गुरु अगर एक सामाजिक कारे करता नहीं है
09:06एक सोशल एक्टिविस्ट नहीं है
09:08तो अब बात नहीं वनेगी
09:09आप देश की उन जगहों को देखिए
09:16जिन्होंने सबसे भद्यनेता चुने है
09:18सारी जगहें ऐसी हैं वैसे तो
09:20पर फिर भी उनमें जो विशेशकर पिछड़ी जगहें उनको देखिए
09:24वहां तक उन गुरुओं का नाम भी पहुंच रहा है क्या
09:29जिनका भी आप ख्याल कर रहे है
09:31तो अभी वो समय आ गया है
09:36जहां गुरु को बहुत जवर्दस्त रूप से
09:41सोशल अक्टिविजम में उतरना पड़ेगा
09:43गुरु अपनी गवे बैठा रहे किसी को उसका पता ही नहीं चल रहा
09:48तो उससे कौन सी समाज में फिर प्रिवर्ता ना जाएगा बताईए
09:51गुरु को अपना प्रचारक बनना पड़ेगा
09:54यह बात आपको सुनने में जैसी भी लगे लेकिन आज
09:59अगर कोई सच्चा गुरु होगा तो वो प्रोपगेंडिस्ट होगा
10:03यह शब्द मुझे मालू मैं सुनके हमें अजीब सा लगता है
10:08प्रोपगेंडा अध्यात्म में अरे यह कैसी बात है पर अगर आप वाकई
10:13दुनिया का भला चाहते हैं एक गुरु होने के नाते तो आप आज यह नहीं कर सकते
10:20क्हें अपनी गुफा में चुब � copyright रही है और वहां समाझ में आग लगी रहेगी मैं
10:28और यांपो बाहर निकल करके जोर शोर से यह दोर बुर बढ़े हैं कि लोगों के कानों में घुशके शोर मचाना पड़ेगा
10:39क्योंकि स्विक्षा से तो कोई आपको सुनना चाहेगा नहीं तो आपको घर घर जाके जबरदस्ती अपनी बात को उनको सुनाना पड़ेगा तब जाकर कि आप उमीद कर सकते हैं कि कुछ बदलाव आएगा

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