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जानती हूँ ये सिर्फ आकर्षण है, पर रुकती क्यों नहीं? || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2022)
आचार्य प्रशान्त
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5 days ago
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00:00
नमस्ति सर्व मैं दिली से हूँ 25 years old बैक अप दुमाइंड ये चलता रहता है उस परसन की प्रती थोड़ा सा अट्रेक्शन होई जाता है
00:10
महिला है आपके जीवन में पुरुष तो आएंगे प्रशन ये है कौन सा पुरुष आएगा किस लिए आएगा
00:27
आप लड़कियों से बात करिएगा वो कहेंगी कि बस वगेरा में जिनको दादा जी बोल करके बगल में बैठ जाओ या हाथ थमादों की खड़े हो जाएगा
00:40
उनकी नजरे भी वैसी ही होती है भीतर अभी जवानी बद-बद-बद कर रही होगी
00:46
जानवर होते हैं साल में उनका कुछ समय आता है उस समय मेटिंग कर लेते हैं उसके लावा वरना वो मस्त रहते हैं
00:54
मनुष्य ही है जो मैडली सेक्शूल हो गया है आपको जो चीज चाहिए चूकि वो आपको नहीं मिल रही है
01:02
इसलिए आप एक दूसरी दिशा में एकदम अंधे हो कर गे पागल की तरह दोड़े ही जाते हो पूरी जिंदगी दोड़े जाते हैं
01:10
अच्छा काम अच्छा हो जाना वासना को भी एक सही दिशा दे देता है
01:22
नमस्ते सर्व मैं दिली से हूं 25 यर्ज ओल्ट जिस एज में हूं उसमें ऑपोज़िट सेक्स के प्रती थोड़ा सा अट्रेक्शन होई जाता है
01:33
यह बता चलता है कि यह इस दिर्रेक्षन में नहीं जाना है
01:43
je try करते हो अपने अंड से जो भी कर सकते हूं की
01:50
communication को खतम कर देती हूं
01:53
distance maintain कर लेती हूं
01:55
लेकिन back of the mind यह चलता रहता है
01:57
उस person की कि विशह में thoughts चलते रहते हैं
02:00
इस वज़े से कोई भी काम करने में स्टक हो जाती हूं completely
02:03
तो इसको deal कैसे करें मुझे समझ नहीं आता
02:06
कोई भी काम मत करो ना बढ़ियां काम करो
02:09
अच्छा काम करो
02:13
अच्छे काम से दो फाइदे होते हैं
02:18
पहली बात
02:19
मन में
02:22
वासना का बवंडर नहीं उठता बहुत
02:30
आदमी भी फिर अच्छा ही चुनोगे
02:32
अच्छा काम
02:38
अच्छा हो जाना
02:41
वासना को भी एक सही दिशा दे देता है
02:44
चनलाइज कर देता है
02:47
आप महिला है
02:51
आपके जीवन में पुरुष तो आएंगे
02:53
पुरुषों के जीवन महिलाएं तो आएंगी
02:56
प्रश्ण ये है कि कौन सा पुरुश आएगा किस लिए आएगा
03:06
ऐसा तो कुछ बंधन है नहीं अध्यात्मे की विपरीत लिंगी से संपर्क वर्जित है
03:18
ऐसा तो कुछ भी नहीं है
03:20
और विपरीत लिंगी से नहीं बात करनी तो फिर आधी स्रिष्टी को छोड़ना पड़ेगा
03:26
कहां जाओगी चुन-चुन के खोजने के पुरुश दिखे ही नहीं
03:32
वो तो सारो चारो तरफ है
03:33
तो पुरुशों से हर दिशा में हर क्षेत्र में संबंध बनने ही है
03:41
जीवन बहतर करो, मन बहतर करो, काम बहतर करो, बहतर लोगों से संबंध बनाओ
03:50
दिखो
03:57
हमारी सेक्शुल ड्राइव
04:02
प्राकृतिक भी नहीं होती
04:08
ठीक से समझना, वो एक अर्थ में
04:17
एक स्पिरिचुल कॉम्पेंसेशन होती है
04:22
अगर सिर्फ प्राकृतिक होती तो उतनी ही होती
04:27
जितनी जानवरों में पाई जाती है
04:29
और जानवर कभी भी हाइपर सेक्शुल नहीं होते
04:33
जानवर होते हैं साल में उनका कुछ समय आता है
04:44
उस समय मेटिंग कर लेते हैं
04:45
उसके लावा वरना वो मस्त रहते हैं
04:47
उड़ रहे हैं, गा रहे हैं, खा रहे हैं, सो रहे हैं
04:50
उनका यही काम रहता है
04:51
मनुष्य ही है
04:55
जो
04:57
madly sexual हो गया है
04:59
कामीनर
05:08
कामुक सदा
05:09
6 रितु 12 मास
05:19
6 रितु 12 मास
05:21
तो कोई जानवर कामुक नहीं रहता
05:23
मनुष्य ही है
05:25
जो हर समय है
05:27
हर जगह
05:29
बस इसी फेर में रहता है
05:31
क्या वज़े है
05:32
एक और चीज है
05:37
जो मनुष्य मातर की विशिष्टता है
05:39
वो क्या
05:40
मनुष्य ही है जिसको मुक्ति की
05:43
प्यास होती है
05:44
है न
05:46
और मनुष्य ही है जो हर समय कामुक रहता है
05:53
अब इन दोनों बातों को जोडिएगा
05:54
चुकि आपकी मुक्ति का उपक्रम
06:05
कारेक्रम ठीक से नहीं चल रहा
06:10
तो इसलिए आप मुआवजे के तौर पे भरपाई
06:14
कॉंपेंसेशन के तौर पे
06:16
सेक्शुली हाइपर एक्टिव हो जाते हो
06:19
जानवर उसको मुक्ति चाहिए ही नहीं
06:26
तो उसका जो सेक्शुल कारेक्रम है
06:31
वो प्रक्रतिक के अंतरगत नियम बद्ध रहता है
06:35
जो नियम है प्रक्रतिका उतने नियम में उसका कारेकरम चलता है
06:38
चिडिया को पता है कितने साल कितने महीने में अंडे देने उसका वैसा ही रहेगा
06:45
उससे आप बदल नहीं सकते बहुत ना कम करा सकते ना बहुत ज्यादा करा सकते अपने नुसार हो चलती है
06:52
मनुष्य तो
06:57
और ऐसी मनुष्य की
07:02
अनन्त लिपसा है
07:06
कि पचास का सत्तर का हो गया है
07:10
उसके बाद वो जाके
07:11
मेडिकल ट्रीटमेंट लेता है
07:12
कि मुझे भी और भोगना है
07:14
तमाम तरह की दवाईयां और
07:19
उपचार आते हैं कि अभी तुम और लगे रहो
07:22
खत्मी नहीं होता
07:26
क्योंकि अहंकार खत्म नहीं होता
07:30
अहं वृत्ति खत्म नहीं होती
07:33
बात समझ में आ रही है
07:38
आपको जो चीज चाहिए
07:41
च्योंकि वो आपको नहीं मिल रही है
07:43
जो चीज सचमुच चाहिए
07:44
इसलिए आप एक दूसरी दिशा में
07:48
एकदम अंधे हो करके
07:49
पागल की तरह दोड़े ही जाते हो
07:51
पूरी जिन्दगी दोड़े जाते हो
07:53
मज़ें पचास सत्तर क्या
08:00
असी नभे साल वाले
08:02
आप लड़कियों से बात करिए
08:06
का वो कहेंगे कि
08:08
बस वगेरा में
08:10
जिनको दादा जी
08:14
बोल करके
08:15
बगल में बैठ जाओ
08:18
या हाथ थमादों की खड़े हो जाएं
08:20
उनकी नजरे भी वैसी होती है
08:23
नभे साल का होगा
08:28
लेकिन
08:32
भीतर अभी जवानी
08:35
बद बद बद कर रही होगी
08:38
क्यों?
08:43
क्योंकि उम्र मिली थी
08:45
मुक्ति के लिए
08:47
उम्र मिली थी
08:49
चेतना को एक उचा मुकाम देने के लिए
08:52
वो करा भी नहीं
08:54
और बेइमानी इतनी है
08:57
कि वो अभी भी नहीं करना है
09:02
उसकी जगह पर
09:06
उसके विकल्प के तौर पर
09:09
क्या करना है?
09:10
sexual adventures
09:13
तो इतनी बार इतनी लोगों ने आ करके वही चीज पूछी है
09:21
कभी भावना के तौर पर कि किसी से लगाव है
09:26
कभी सीधे सीधे देह के तौर पर पूछ लिया
09:30
उत्तर हमेशा एक रहेगा
09:33
वो करो जो करने के लिए पैदा हुए हो
09:37
नहीं तो किसी न किसी तरह
09:43
के जूठे विकल्प में फसोगे
09:47
और नमबर एक विकल्प हमेशा यही होता है
09:52
सेक्स
09:53
उसके अलावा भी विकल्प होते हैं
09:57
पैसा भी एक विकल्प होता है
09:58
एडिक्शन्स कई तरह के वो भी विकल्प होते हैं
10:04
कई तरह के एडविंचर्स वो भी विकल्प होते हैं
10:07
पर दुनिया भर में जो एक सरोमान ने
10:10
नमबर एक विकल्प है
10:11
अध्यात्म का वो यही है
10:14
असल में हमारी पूरी सभिता
10:17
पूरी समाजिक विवस्था ही
10:19
अध्याक्त्म के विकल्प पर टिकी हुई है
10:23
सेक्स के नियमित आपूर्ती होती रहे इसलिए विवाह कर लो
10:30
और नियमित आपूर्ती रहेगी जब सेक्स की तो बच्चे पैदा होंगे जरूर
10:36
अब बच्चे एक बार पैदा हो गए फिर मुक्ति का कोई सवाल ही नहीं
10:40
बस ठीक, फसे रहो
10:42
समझे मैं आ रही है बात
10:51
हम जानवर नहीं है
10:57
नहीं है ना, इस बात को याद रखो
11:00
सुनने में बहुत लगेगा कि ये कैसी
11:04
old-fashioned बात कर रहे हैं
11:06
पहली दोस्ती किताबों से होनी चाहिए
11:10
कि ये लोग इन्होंने primary teacher जैसी बात कर दी
11:13
मेरे पास और कोई बात है नहीं मैं क्या बता हूँ
11:17
कोई और तरीका अगर उपियोगी होता तो मैं सुझा देता
11:21
ग्यान के अतरिक्त
11:24
मनुष्य का और कोई नहीं सहारा
11:28
और ग्यान से ये नहीं होगा कि
11:34
जिन्दगी भर कुवारी रहा जाओगी कोई लड़का नहीं मिलेगा
11:36
ग्यान से ये होता है कि जो मिलेगा वो ढंका मिलेगा
11:42
फाल्तू लोगों से बचे रहोगे जिन्दगी में ये कोई छोटी बात है
11:49
इतनी अच्छी अच्छी फिल्में है क्यों नहीं देखते हो अब तो नेट्फ्लिक्स औगरा का जमाना है
12:01
कहीं यहीं तो शुरुआत कर लो गूगल सर्च कर लो कि टॉप हंड्रेड मुवीस कौन सी हैं
12:09
जो आज तक बनी उनको देख लो और विशेशकर भारत से बाहर की पिक्चरे देखो
12:17
अपना यहां का जो कामधाम है उसमें तो पैदा ही हुए उसमें तो लथफथ ही हो
12:23
देखो कि बाकी दुनिया किस तरह से जीती है उनकी सोच कैसी है उनके ढर्रे कैसे है
12:29
उनके विचारों ने भी क्या उचाहिया ली है यह भी तो देखो खेला करो
12:37
बहुत सारा जो सक्षुल कारेकरम होता हो सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि शरीर ठका हुआ नहीं है
12:43
शरीर को ठका हो रोज एक घंटा दो घंटा
12:46
उससे जिन्दगी भर के लिए कोई स्पोर्ट्स भी सीख लोगे
12:51
फिर भले तुम उमर में बढ़ जाओगे लेकिन जो चीज सीख लिए वो अपने साथ रहेगी न
12:57
तो स्पोर्ट्स में जाओ अच्छी मूवीज देखो
13:02
उची किताबे पढ़ो धंग के लोगों की संगत करो
13:08
इसके अलावा अब मैं और क्या तरीके बताऊँ
13:11
अपने छोटे से सर्कल में सीमित मत रहो
13:15
यात्राएं किया करो
13:16
जितना संभवो दूर दूर तक जाओ देखकर आओ दूसरी संस्कृतियां कैसे होती है
13:21
दूसरे लोग कैसे बाचीत करते हैं
13:25
उनके क्या तरीके हैं उनके क्या आदर्श हैं
13:28
ये सब जानना जरूरी है
13:29
इन सब चीजों में समय लगाओगे तो ये लड़की लड़के का थोड़ा कारिक्रम कम हो जाएगा
13:34
और फिर कोई गुनाहा नहीं है कि लड़के से रिष्टा बना लिया तो
13:42
बनेगा ही
13:43
पर पहले भी क्या रहा हूँ अभी क्या रहा हूँ निन्यानवे प्रतिश्यत रिष्टे हम गलत लोगों से बनाते हैं
13:52
बना नहीं होगा जब आएगा समय
13:55
धंका मिल जाएगा बनाना रिष्टा
13:58
सर पहले भी रहे हैं और काफी bitter experiences रहे हैं इसलिए ऐसा
14:03
तो तुम्हें काये के लिए और अभी उसमें रेल चलानी है
14:06
हो गया
14:10
अब किताबों को मौका दो
14:18
ठैक्यू सर
14:24
अब प्रमाओना दो
14:26
भी प्रमाओना है
14:39
अब्रमाओन झाल
14:40
करका धिर एनाते हैं
14:43
जो भी पैक्कारों किताबों
14:48
प्राइपा इसे ट्वेफब स्थमूटें
14:49
इस ऊरिया इससे उतिक्टबगों किताबों से क्टीशभा उ हम स्टुम्हें
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