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  • 7/24/2025
जयपुर: राजस्थान में तीज और लहरिये की धूम सावन में देखने को मिलती है. यह मौका होता है, जब प्रकृति बरसात से धरती का श्रृंगार करती और सावन, उत्सव मेलों की शुरुआत होती है. सावन में महिलाओं के लिए लहरिया का परिधान बहुत अहम हो जाता है. इस मौके पर राजधानी जयपुर में गुरुवार को तीज महोत्सव "रंग रंगीलो लहरियो आई–सावन री तीज" कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस पारंपरिक उत्सव में 700 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया. इस मौके पर कार्यक्रम की संयोजिका शिल्पी अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम में तीज पूजन, झांकी, घूमर डांस, मेंहदी, रैंप वॉक और 'तीज क्वीन' प्रतियोगिता आयोजित की गई. उन्होंने बताया कि तीज और लहरिये का कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है, लेकिन इस बार यह कार्यक्रम विशेष है, क्योंकि इस कार्यक्रम में भाग ले रही महिलाओं ने एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. राजस्थान में तीज पर्व ऋतु उत्सव के रूप में मनाया जाता है. सावन में हरियाली और मेघ घटाओं को देखकर लोग यह पर्व मिलजुलकर मनाते हैं. इस पर्व को कजली तीज और हरियाली के कारण हरियाली तीज के नाम से पुकारते हैं. इस तीज-त्योहार पर राजस्थान में झूले लगते हैं और नदियों के तटों पर मेलों का आयोजन होता है. इस कार्यक्रम में सिविल लाइन्स विधायक गोपाल शर्मा भी मौजूद रहे.

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