00:00आरके पुरब के नंबर क्या है सेक्टम साथ 1246 यह घर है यह उपर वाला यह उपर वाला यहां पर मां तीन बेटियां नाना नानी दो मासियां एक मामा
00:29किते लोगो pets एक यह गला के सबके सबकें अपर मामाम है यह यह हो जए जए देट कीजांपा इस अपर ऌगेग इसे स्कूली है
00:44यहां से चलते हर देन Sektor 12 खारके पुरम यह घाती थी अड़ेजे खरनने स्कूल स्कीदीवार
00:56दिवार वाला और मेरी बड़ी इच्छा थी कि वहां पड़ू थी वहां पड़ू लेकिन माने कहा कि पैसे नहीं थे तो माताजी जो है ताज मांसिंग जो दिल्ली में है वहां हाउसकीपर का काम करती थी तो ताज में एक टाटा ग्रूप ने सुविधा दी थी कि जो बच्�
01:26लाओं तो फिर आपको नहीं मिलेगी तो मेरी फीज तो उन्हें लेकिन वहां जाके आपको अपको अधिमिशन कैसे मिलेगा तो मैं हर दिन जाके बार खड़ी रहती थी तो नंस परेशान हो गई थी एक दिन कहा कि भई क्या है हर दिन तुम यहां आजाती हो मैंने का किस क�
01:56जब मैं रगभग 13-14 साल की थी मेरे नाना जी का जब देहान थो गया था तब ही घर चूट गया था हमसे क्या याद आ रहा है तो अप अधिमाग में अधिमाग में अधिए नाना याद आते हैं जहां से डेली चल के सेक्टर 6 आरकेपुरम में जाते थी उनका बहुत इंफ
02:26पहली बार मैं प्रिचार जिन के लिए करने गई उनका नाम है विजयकुमार मनुत्रा जै मैं तीन महीने की थी घर में था कि आपको सामाजिक सेवा करनी है तो आप संग में सेवा दीजिए राजनीती में जाने के क्या ज़रूरत है तो मेरा ये विचार था कि मुझे पॉल
02:56थे पिता जी कॉंग्रिस से थे मास अंगी पर आपके बद के वह पिच्छर भी वा कि लिए वन बीजो सी चल रहा है ऩुर बहुता है तो बास इंस बीज़ करें vaccins याए वा प्रलाभ मंँवा आ कि को मिलना वा
03:13काई कॉंगरिसी ओंके चितर भी लेकि मेरे पिताजी तो अवर्षों से मतलब तो पात क्या हुए उन दोलों के बीच में वो पिताजी और प्रधान मंतरी तक्सीम उट्र है तो बहतर है लेकि में लगता है कि मेरे लिए उनके जीवन के ही लालसा थी कि पिताजी तब भी जब
03:43कि पिदान मंत्री मोडी ने मेरी बेटी को मुखा दिया कि वह थेश की सेवा कर सेकें तो मुझे एक भार मैं को थांक यू बोला थे कर दो ला थे कर दो सबसे बढ अंग को जानते हैं उनमें से।
03:54कोई है जो आपको बोलता है कि आज आपने ऐसे क्यों बोला ये जितने लोग है उन सब के पास ही अधिकार है
04:01मेरा कुछ कि अधर उनको पसंद ना है तो बताएं मैं अपना अपक्ष रख हुए मेरी लाइफ ऐसी ऐसा नहीं को कोई विशेश विक्ति बता देगा जितने लोग मुझ से जुड़ है चाहे कारेकरता ही क्यो ना हूं जिनके साथ मेरे अपना राजनीतिक जीवन जिया है उन
04:31यहाँ से 40 साल पहले कोई जो परिवार रहता था उनके पास तेलिविजन होता था तो उस खिड़की के बाहर खड़ के मैने रवी शास्त्री ने जब छे चक्के मारे थे तो जोड़ जोड़ से चिलाने वालो में से एक मै थी क्या जेखो तेखो तुमका तुमका तुमका त
05:01यहाँ से उड़की कितनों के जीवन में क्या कर जेता है बतला मुझे एक सिवल होता था था उड़ान में और कहीता चौति बनती थी तुम बनती थी ज़ुछ और मुझे इस बात का बहुत कहीं कहीं मेरी रूची थी कि मैं एक द ए एसे ही IPS एपसर बनूद के मेरे पिताट �
05:31एक वीकली एक न्यूस बुलिटन आता था जो बिशुभर की न्यूस को बतलाता था बहुत सीनियर जर्नलिस हो थे थे, मैं वहां भी गई उस चैनल के ओफिस में, चैनल नहीं था था वो प्रोड़क्शन हाउस था कि भाई मुझे जर्नलिस की भी अगर जर्नलिस्क एसिस्ट
06:01बन जाओंगी न्यूस बन जाएंगी और हम आके आपका इंटर्व्य करेंगी बट मैंने यह भी कही पड़ा है आप जब एकता कपूर के सामने आप गई थी अपना वो करने के लिए तो एक जोतिश बैठे थे और उन्हें बोला इसको रोको इसी को काम दो हाँ जनादमनों
06:31बेडंगा से जीन, फटावाटी शिर्ट जोला लेके रोको कान्ट्राइट नौकरी मांगने के लिए थी रेसेप्शन तो रेसेप्शन पे हाँ अब क्योंकि सास्पो के लिए वो ने दे रही थी मैं किसी और कारिक्रम घरेक बंदर करके चलता था साथ साथ सुनी तीव उस
07:01करेंगे आपको बता है मैं इतिहास त्रश्ने वाली मुझे उस वग से सालरी से सरोकार था मैं इतिहास गया तेलने मुझे बस नौकरी चाहिए क्योंकि पैसे की तंगी थी उनका बड़ा विश्वास था कि इतिहास इक होगा और मेरा ध्यान सिर्फ पेचेक से लेकिन उन द
07:31पाटो में आती हैं मैं उसे क्या फरक बड़ता है मैं शर्मसार होता हूँ बाकी लों के सामने कि मैं अच्छे खासे बाइक बाइक बाइक तो पहला मोटा पैसा वही से आया साथ सभी का हम सब का घर गाड़ी उसले वो बरकत वाली जगा है हमारे लिए लिए तब क्या था �
08:01अगरी बार जो बंबई गई तो 17 साल की थी वहां कमला नेरु पाख है जहां से मरीन राइव दिखता है पूरी बंबई दिखती है चका चांद बंबई की दिखती है वहां पर भी मैंने का एक दिन ये शहर मुझे जानेगा तो मेरी माताजी ने कहा हूँ
08:13अगरा झाले जहां सबसे बड़ा चालेंज परिशान करता रहा था नाइफ चालेंज होती है देखिए पहले आप मोको की तalash में होते है कि कोई नोकरी मिले है अज अज अपार चाहँ आज तक पर बूच यह नोकरी क्यों कर रहे हो आप सोच रहे है अप सोच्री हो कि ए ल
08:43मेरे जीवन की उपलब्धी है कि ने सेयर्स ये सेयर्स बन गए इंट्रेस्टिंग यह है