Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • yesterday
CJI BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट (Supreme COURT) की तरफ से केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस (Supreme Court Notice) जारी कर दिया है...सवाल है कि संसद और विधानसभा से पारित विधेयकों पर प्रेसिडेंट और गवर्नर कबतक फैसला लेंगे...क्या इसकी कोई समय सीमा तय की जा सकती है...सवालों की ये फेहरिस्त काफी लंबी है...असल में ये सवाल महामहिम द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के हैं...जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से पूछे थे...सुप्रीम कोर्ट महामहिम के सवालों पर विचार करने को तैयार हो गई है...जिसके लिए पांच जजों की बेंच भी गठित कर दी गई है...इस बेंच की अध्यक्षता खुद सीजेआई बीआर गवई (CJI BR Gavai) करेंगे...सीजेआई बीआर गवई के अलावा इस बेंच में जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस ए एस चंदूरकर (Justice Surya Kant, Justice Vikram Nath, Justice PS Narasimha and Justice AS Chandurkar) में शामिल होंगे...सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगस्त माह के बीच से सुनवाई शुरू कर सकती है...उससे पहले यानी 29 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ देश के सभी राज्य सरकारों से इस मामले में विस्तार से जवाब मांग सकता है.


#CJI_BRGavai #SupremeCourt #DraupadiMurmu #SupremeCourtVsParliament #CJIOnPresidentMurmu14Question #14QuestionsOfMurmu #SupremeCourtOnPresident14Questions #SupremeCourtNoticeToModi #JusticeSuryaKant #JusticeVikramNath #JusticePSNarasimha #JusticeASChandurkar #CJIGavai #CJINews #CJIGavaiNews #SupremeCourtNews #LawNews #LawNewsInHindi

Also Read

CJI BR Gavai ने 12 करोड़ एलिमनी मांग रही महिला को लगाई फटकार, 'नौकरी ढूंढ़ो और गुजारा करो' :: https://hindi.oneindia.com/news/india/cji-br-gavai-strongly-reprimanded-woman-demanding-12-crore-alimony-get-job-maintain-yourself-hindi-1344831.html?ref=DMDesc

Bihar SIR: आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को नागरिकता प्रमाण नहीं मान सकते, चुनाव आयोग ने SC से क्या-क्या कहा? :: https://hindi.oneindia.com/news/bihar/ec-tells-sc-aadhaar-voter-id-ration-cards-not-valid-proofs-for-bihar-electoral-roll-verification-1344775.html?ref=DMDesc

कांवड़ यात्रा मार्ग पर अवैध होटल-ढाबों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, बिना लाइसेंस नहीं चलेंगे दुकान :: https://hindi.oneindia.com/news/uttar-pradesh/supreme-court-kanwar-yatra-route-hotels-must-have-license-registration-up-kanwar-yatra-1344753.html?ref=DMDesc



~HT.178~GR.125~ED.108~GR.122~

Category

🗞
News
Transcript
00:00राश्ट्रपती के चौध है सवाल
00:02सवाल है कि विधान सभा से पारित विधेयकों पर प्रेसिडेंट और गवर्नर कब तक फैसला लेंगे?
00:19क्या इसकी कोई समय सीमा तै की जा सकती है?
00:21सवालों की एफेहरस्त काफी लंबी है
00:23असल में ये सवाल महमहीम द्रापदी मुर्मु के हैं जिन्होंने सुप्रीम कोट से पूछे थे
00:28सुप्रीम कोट महमहीम के सवालों पर विचार करने को तयार हो गई है
00:32जिसके लिए पांच जजों की बेंच भी गठित कर दी गई है
00:35इस बेंच की अध्यक्षता खुद CJIBR गवई करेंगे
00:39CJIBR गवई के अलावा इस बेंच में
00:41जिस्टिस सुर्यकांत, जिस्टिस विक्रमनाथ, जिस्टिस पीएस नरसिम्हा और जिस्टिस एस चंदूर कर भी शामिल होंगे
00:49सुप्रिम कोर्ट इस मामले में अगस्त माह के बीच सुनवाई शुरू कर सकती है
00:53उससे पहले यानि 29 जुलाई तक सुप्रिम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ
00:58देश के सभी राज्य सरकारों से इस मामले में विस्तार से जवाब मांग सकता है
01:03सुप्रिम कोट में शुरू होने वाले सुनवाई से पहले ये जान लेते हैं कि आकेर राश्टपती द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रिम कोट से जो 14 सवाल पूछे थे वो क्या है
01:11सवाल नमबर एक राश्यपाल के समक्ष अगर कोई विधयक पेश किया जाता है तो सम्मिधान के आर्टिकल लोसों के तहट उनके पास क्या विकल्प है
01:20सवाल नमबर दो क्या राश्यपाल इन विकल्पों पर विचार करते समय मंत्री परिशद की सला से पंधे हैं
01:28सवाल नमबर तीन क्या अनुछेद दोसों के तहट राश्यपाल की तरफ से लिए गए फैसले की नियाईक समीक्षा हो सकती है
01:35सवाल नमबर 4, क्या अनुचे 361 राजय पाल द्वारा आर्टिकल 200 के तहत लिए गए फैसलों पर नियाईक समीक्षा को पूरी तरह से रोक सकता है?
01:44सवाल नमबर पांच, क्या अदालतें राजयपाल की तरफ से आर्टिकल 200 के तहट लिए गए फैसनू की समय सीमाताय कर सकती हैं?
01:52जबकि समिधान में ऐसी कोई समय सीमाताय नहीं की गई हैं
01:55सवाल नमबर छे, क्या आर्टिकल 201 के तहट राश्ट्रपती के तरफ से लिए गए फैसले की समीक्षा हो सकती है?
02:02सवाल नमबर साथ, क्या अदालतें आर्टिकल 201 के तहट राश्ट्रपती द्वारा फैसला लेने की समय सीमाताय कर सकती हैं?
02:09सवाल नमबर आट, अगर राजयपाल ने विधेयक को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया है तो क्या आर्टिकल 143 के तहट सुप्रीम कोट को सुप्रीम कोट की सलाह लेनी चाहिए?
02:20सवाल नमबर नो, क्या राजयपाल और राश्ट्रपती की तरफ से आर्टिकल 200 और 201 के तहट लिए गए फैसलों पर अदालतें लागू होने से पहले सुनवाई कर सकती है?
02:30सवाल नमबर 10, क्या सुप्रीम कोट अनुछेद 142 की तरफ से राश्ट्रपती और राजयपाल की सम्विधानिक शक्तियों में बदलाओ कर सकता है?
02:38सवाल नमबर 11, क्या आर्टिकल 200 के तहट राजयपाल की मन्जूरी के बिना राज्यसरकार कानून लागू कर सकती है?
02:45सवाल नमबर 12, क्या सुप्रीम कोट की कोई बेंच आर्टिकल 145 से व्याक्या से चुड़े मामले को सुप्रीम कोट की पांच जजों की बेंच के भेजने पर फैसला कर सकती है?
02:57सवाल नमबर 13, क्या सुप्रिम कोट ऐसे निर्देश या आदेश दे सकते हैं जो सम्मिधान या वर्तमान कानू उन्हों मेल न खाता हो
03:05सवाल नमबर 14, क्या आटिकल 131 के तहट सम्मिधान इसकी इजाज़त देता है कि किंद्र और राजसरकार के बीच विवाद सिर्फ सुप्रिम कोट ही सुलजा सकता है
03:14बहरा हाल अगस्त के महीने में महा महीम के सवालों को लेकर सुप्रिम कोट में जम कर दलीलों और तर्कों की बयार बहने वाली है
03:21सुप्रिम कोट में इस मामले का क्या होगा ये देखना बेहद ही दिलचस्प होगा जिसको सबको इंतजार है
03:28महा महीम के सवालों को लेकर अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें
03:31इस खबर में बस इतना ही बाकी अपडेट्स के लिए जुड़े रहें वन इंडिया हिंदी के साथ धन्यवाद

Recommended