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  • 2 days ago
बेबाक भाषा के ख़ास कार्यक्रम Decoding RSS में लेखक और प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता राम पुनियानी बता रहे हैं कि RSS की शाखाओं में क्या कुछ होता है। कैसे खेलकूद और बौद्धिक के बहाने हिंदूराष्ट्र का विचार और मुसलमानों के प्रति नफ़रत फैलाई जाती है।
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00:00दोस्तो बेबाग भाशा पर आपका स्वागत है डिकोडिंग RSS की इस कड़ी में आज हम बात करेंगे RSS की शाखा की
00:12वैसे तो हम सब जानते हैं आज देश या शायद दुनिया का सबसे बड़ा संगठन जो है जो रिजिस्टर भी नहीं है एंजियो टाइप है और जो पूरी देश की राजनीती को नियंतरित करता है बहुत सारे संगठनों को नियंतरित करता है वो RSS इतना बड़ा फैलाओ उस
00:42अब RSS की शाखा की जो कलपना है ये कलपना में इस प्रकार की बात है कि 5 से 15 साल के लड़के उसके उपर के पुरुष ये शाखा में आएं शाखा में आएं पहले कुछ भारतिय खेल खेले और वहां तिरंगा नहीं भगवा जंडा जो RSS का लक्ष है हिंदू राष्ट का �
01:12जो अपनी शाखा वहां लगाते हैं एक प्रातना होती है संस्कृत में नमस्ते सदावत सले मातर भूमे और वैसे तो RSS में आगे जाने के बाद एक शपत भी लेनी पड़ती है जो भारती समीदान के अनुरूप नहीं है और जो ये कहती है कि ये लोग हिंदू राष्ट की
01:42लड़कों की संख्या में शाखाएं हैं और ये शाखाओं में गुरू गोलवल करने एक बार कही थी कही बात कही थी कि अब लड़कों के दिमाग में हिंदू राष्ट की विचारदारा तो डालना है तो उनको आकरशित कैसे करना तो उनको आकरशित करना खेल कुद के माध
02:12और वो रोज रोज आपके बगिच्चे के पास आएगा जिससे वो आप उसको अफिम दे सकते हैं
02:18इसी एनलोजी पे इसी के उद्धारन के साथ उनने कह था कि आरेस की शाखा भी एक ऐसी है
02:23जिसमें उनको एक प्रकार से जो खेल खूद का नशा पैदा किया जाता है
02:29और उसके साथ साथ फिर वो उनकी जो विचार धारा है और दूसरों की जो आलोजना है उसको लड़कों तक होचाते हैं
02:40ये केवल पूरुश प्रिदान संगटन है पता नहीं आजकल जो महिलाएं या लड़कियां हैं उनके लिए दुरगा वहिनी हैं
02:48राष्ट सेवी का समिती है जो पर मुख्य आरेसेस की शाखा होती है उसमें लड़कियां महिलाओं की कोई जगह नहीं होती और इसमें खेल कुद के बाद फिर जो वहां का मुख्य इंचार रहता है वो इनको कुछ शोटी मोटी बातें बताता है
03:05हिंदू राष्ट के बारे में हिंदू नायकों के बारे में हिंदू राजाओं के बारे में और साथी साथ आजादी के अंदोलन के जो नेता थे खास तौर से गांधी और नहरू इनकी बहुत आलोचना भी वहां करते हैं
03:19तो इन शाखाओं मेंसे एक कहते हैं शाखा जो खेल कुद के लिए है फिर उसी के साथ शाखा बौदिक शाखा में जो उनकी विचारदारा है उनको लड़कों तक महुंचाना है
03:35और ये फिर शाखाओं के मद्यम से जो RSS ने पूरे भारत में जाल फैलाया है, ये जाल देश के हर भाग में है, कई भागों में उत्तर भारत में भाज़ा पसत्ता में दिखती है, पर हो इसका कोई प्रतीक नहीं है, कि RSS की शाखाएं कहां हैं, कहां नहीं है, कई ऐसे भी र
04:05पाई और इनके माध्यम से, शाख़ाओं के माध्यम से वो अपना विस्तार करते हैं, कोई भी खुली जगा पर जाकर वो भगवा जंडा लगा देते हैं और इनका प्रचारा या स्वायं सेवक्ट जो शाखा का इंचार्ज होता है, उलड़कों को लाता है, खेलते हैं और इस
04:35कि जो सरकारी आफिसर हैं वो RSS की गतिविदियों में भाग ले सकते हैं
04:40ये अपने आप में भारती समीधान के मुल्यों के विरोध में जाता है
04:44पर वो शाखा वो जगा है जहां लोगों को इनको केवल एक वालेंटियर के लिए ट्रेन नहीं किया जाता है
04:51जैसे पहले दूसरी संस्ताओं को लगता था कि RSS के जो लड़के हैं इनको हम अपने कारेक्रमों में बुलाकर दरी बिचाने के लिए कुर्सियां लगाने के लिए काम देंगे
05:02पर ये हेडगेवार जी ने इसको मना कर दिया उन्होंने कहा कि मेरे लड़के इनकामों के लिए नहीं हैं और वो जिनकामों के लिए हैं उसका वो प्रशिक्षन देते हैं पहले सबताहिक कारेक्रम होता है प्रशिक्षन का इसको शाखा बहुत दिक कहते हैं ये शाखा बह
05:32इनको बनाया दिया जाता है, और ये कई स्थारा में पॉइंट से जाकर बाद में इनमें से प्रचारक तयार होते हैं, तो प्रचारक जो हैं, वो ज्यादा तर अविवाहित रहते हैं, और पूरे अपना पूरा वक्त RSS के कारे को देते हैं, और ये प्रचारक जो बनते हैं ब
06:02था अभी BJP है और इसी के साथ साथ ABVP, VHP, बजरंगदल, विश्व हिंदु परिशद, वनवासी कल्यान आश्रम इस प्रकार की संस्ताओं में ये काम करते हैं और इनी प्रचारकों को सरकार के अंदर भी कई सालों से गुसाया जा रहा है
06:21ये सरकारी नौकरशाही हो, पुलिस विवस्ता हो, न्याएं विवस्ता हो और उसी के साथ साथ मीडिया, बिरोक्रिसी इसमें भी इनको बड़ी संक्या में फैलाए जाता है
06:33इन RSS का जो बड़ा एक जाड़ है, उसमें बहुत सारी शाखाएं हैं पर उनकी विचारधारा के वर एक ही रहती है
06:41और वो विचारधारा जो है, वो शाखाओं के माद्यम से जो उनको शपत दिलाते हैं, वो शपत हिंदु राष्ट के लिए रहती है और हिंदु रूहिंदुों की प्रगती के लिए रहती है
06:52इनमें साल में एक बार विजा जश्मी पर ये कारिकरम करते हैं, जिसमें गुरु दक्षना के रूप में ये एक पेटी में धन डालते हैं
07:03और ये गुरु दक्षना भी इनकी आये का एक बहुत बड़ा साधन है
07:06आजकर तो खेर शाखाएं चलाने के लिए साधनों की कोई कमी नहीं है
07:10बहुत बड़ी संख्या में इनके पस धन, संपत्ती और दूसी चीजें बाहर से भी आ रही है
07:17और यहां के भी बड़े जो सेट, पुझी पती हैं वो भी इनको बड़ी संख्या में देते हैं
07:22तो शाखा में बच्चों को आकर्शन होता है, खेल खूद का, भारती खेल खूद जैसे कबड़ी, हुतुतु वगरे गये थे
07:29तो इसी में मैं एक नीची अनुभव डाल दूँ कि शाखाओं से मेरा दो बार अनुभव आया
07:35एक तो मैं जब आट नो साल का था, तब मैं जाता था, करीब एक दो महीने गया हूँगा
07:41और खेलने में अच्छा लगता था, फिर उसके बाद जब मैं तेरा चौदा साल का हुआ, तो मैंने उस समय तक
07:50गांधी, नहरू, भारत की आजादी का अंदोलन, पंचवर्शी योजना, नहरू का योगदानी पढ़ना शुरू कर दिया था, तो एक दिन जो मेरा सबसे करीबी दोस्त था, वो शाखा में जाता था, उसमें गा तुम भी आओ यार, बड़ा मज़ा आता है वहां, खेल क�
08:20करना चालू कर दी, नहरू की कश्मीर की नीतियों के आलशना चालू कर दी, गांधी के बारे में बहुत उल्टा सीधा कहने लग गए, तो उसी दिन मेरा दिमाग ठंका, वो एक ही दिन में गया, जब मेरी समझ थोड़ी बड़ी थी, और उसके बाद से मैंने उसके कभी ज�
08:50की शाखाओं में जो सिखाते हैं कि हिंदु राजा कितने महान थे, प्रत्वी राज चवान, चत्रपति शिवाजी महराज, राजा राना प्रताफ, इनकी महानता के बारे में, और मुसल्मान राजाओं की कुरूरता के बारे में, महमुद गजनवी, गोरी, औरंग जेब, �
09:20आरेसेस की हिंदु राष्टवादी राजनीती का उगम होता है, और इसी विस्तार से वो समाज भी अपना प्रभुत्व जमाते हैं, धन्यवाद.

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