- 7/12/2025
एक देश एक चुनाव को लेकर संसदीय पैनल के सामने पेश हुए हैं देश के कुछ पूर्व मुख्य न्यायाधीश। पद पर रहते सरकार के खिलाफ न बोलने वाले इन मी लॉर्ड से लोकतंत्र के हित में कुछ बोलने की उम्मीद कम ही थी, इसलिए उन्होंने एक देश एक चुनाव की धारणा का विरोध तो न किया, लेकिन इस बात की चिंताएं और आशंकाएं ज़रूर जता दीं कि इस प्रक्रिया में चुनाव आयोग को बेलगाम अधिकार मिलने वाले हैं, जो ठीक न होगा। #news #latestnews #newsanalysis #dailynewsanalysis #newspaperanalysis #dailynewspaperanalysis #onenationoneelection #onoe #electioncommissionofindia #democracyinindia
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00:00एक देश एक चुनाओ एक राष्ट श्रेश्ट राष्ट दा हिंदू राष्ट इन तीन जो अलग-अलग स्टेट्मेंट्स सुनने में आ रहे हैं इन में कोई आपसी कनेक्शन है क्या आप सोच रहे होंगे अरे तीनों तो अलग-अलग हैं एक राष्ट एक चुनाओ एक रा
00:30दो हजार पच्चिस में जुलाई में जब हम आपसे बात कर रहे हैं इन तीनों के बीच जबरदस्ट एक्वेशन नजर आ रही है एक दूसरे की पूर्ती करते हुए यह तीनों वाक्य कान में एक ही धंग से सुनाए जाने चाहिए सुनी भी जा रहे हैं एक ही धंग से
00:50नमस्कार दोस्तों मैं आपकी दोस्त भाषा आप देख रहे हैं बेबाग भाषा पे यूट्यूब लाइव रोजनामा पूरी जगा चर्चा है कि किस तरह से एक राश्ट्र एक चुनाओ
01:04वन नेशन वन इलेक्शन पर जो ड्राफ तैयार किया है सरकार बहादुर ने मूदी जी ने उस पर जो सगन चर्चा चल रही है उसमें देश के चार पूर्व मुख्य नयाएधीशों ने क्या कहा
01:22क्या प्रॉब्लम्स जनरेट हुई क्या आशंका जताई गई है एक आशंका सब में कॉमन है यह बड़ी क्लासिक बात है एक प्रॉब्लम जो सबसे बड़ी प्रॉब्लम के रूप में चाहे जस्टिस डीवाय चंद्रचूर हों चाहे खेलकर हों चाहे गोगोई हों या यू
01:52एक स्वर में पर चुनाव आयोग को अकूत पावर देने वाला है अकूत पावर यानि जबरदस्ट पावर देने वाला यह पूरा प्रोविजन है
02:17और आप दिल पर हात रखे कहिए कि इस समय जो चुनाव आयोग है उसकी जो साख है उसकी जो काबलियत है
02:31इस समय जो चुनाव आयोग है उसकी जो साख है उसकी जो काबलियत है वह नियुन्तम स्तर पर है इतने बुरे हाल चुनाव आयोग के कभी नहीं रहे जैसे अब है
02:52यह पूरे देश में एक बार चुनाव कराने की बाद सरकार बहादूर कर रहे हैं मोदी जी कर रहे हैं जिसका निश्चित तोर पर जो छेत्री दल हैं जो विपक्षी दल हैं बहुत कड़ा विरोत कर रहे हैं क्योंकि उनके लिए यह फेडरल स्ट्रक्चर यानि कॉंस्ट्य�
03:22क्यों जरूरत है वह अभी उस देश में जहां पिछले 11 साल से अगर हम सिर्फ और सिर्फ क्योंकि यह प्रयास मोदी जी ने ही शुरू किया है और अगर यह प्रयास अभी शुरू हुआ है तो इसका सीधा एक कारण होगा बंद कर देना इसका सीधा कारण होगा कि
03:50इससे कोई फाइदा होगा लेकिन पिछले 11 साल मैं बोल रही हूँ आप काउंट कीजिए गूगल मैया की शर्ण में जाएए और देखिए चार-चार राजियों में एक साथ चुनाव करवाने जाएए थे करवाने थे
04:09आलमोस्स सेम टाइम पर सबके टर्म्स पूरे हो रहे थे लेकिन हम सब ने देखा कि चुकी मोदी जी तयार नहीं थे चुकी चुनाव आयोग तयार नहीं था
04:22चार-चार राजियों में अलग-अलग चुनाव कर आए गए यह है काबलियत चुनाव आयोग की और जहां तक साख की बात है इस समय बिहार में उसकी साख को बिहारी ठोक ठोक कर देख रहा है
04:39उसे रत्ती भर भरोसा नहीं है कि आखिर चुनाव आयोग बिहारियों से इतना क्यों खौर खाया हुआ है क्यों इतना परेशान है कि उसने ठीक चुनाव से कुछी महीने पहले
04:53नवंबर में वहाँ नई सरकार बननी है और जून के अंत में
04:59इस्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ओफ वोटर रोल क्यों शुरू किया अब आप देखिए यह जो एक सीन है साख की बात है यानि आप कितने इमानदार हैं
05:12राहूल गांधी नेता प्रतिपक्ष कॉंग्रेस के नेता सांसद खुल कर चुनाव आयोग की साख उसकी क्रेडिबिलिटी उसकी न्यूट्रालिटी पर सवाल उठा रहे हैं
05:28और उन्होंने कहा है सीधे सीधे कि महराष्ट में चुनाव चोरी किया गया और जिस तरह से यहां पर वोटर लिस्ट में नाम बढ़ाए गए
05:41चे महीने के बीतर लाखों नाम इंक्लूड किये गए और वे सारे सारे जहां इंक्लूड किये गए वहां भाजपा जीती है
05:51और वह प्रमान देकर चुनाव आयोग का दर्वाजा खट-खटा रहे हैं
05:56लेटर भी लिखा, आर्टिकल्स भी लिखे, सब कुछ लिखा
05:59लेकिन दे ग्रेट चुनाव आयोग हिला नहीं इधर से उधर
06:04क्योंकि सरकार बीजेपी की जो बन रही थी
06:07ये क्रेडिबिलिटी है चुनाव आयोग की
06:10कि उसे माना जा रहा है कि वो एक अलग से
06:13constitutional body जरूर है लेकिन माना उसके बारे में
06:18यह जा रहा है कि मोदी जी का almost घरेलू
06:24हिसाब किताब रखने वाला एक institution हो गया है
06:28कि जब बीजेपी को लगता और कई बार तो चुनाव की
06:32तैयारी चुनाव का announcement एक तरह से मोदी जी की
06:36अंगिनत रैलियां उस राज में और कई बार नेता बोल भी देते हैं
06:41कि इस महीने में अभी चुनाव होने वाला है
06:43चुनाव आयोग का declaration बाद में आता है
06:46तो सवाल ये है कि जब चुनाव आयोग का हाल ये है
06:51कि उसकी साख नियूंतम इस तर पर है
06:53कल जो पूर चुनाव आयोग थे अशोक लवासा
07:00उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस में साफ साफ आर्टिकल लिखा
07:04कि मोदी जी के शाशनकाल में किस तरह से चुनाव आयोगत
07:09एक जेबी संस्था बन कर रह गया है
07:12और बिहार में जो हो रहा है
07:14यह दरसल लोगतंत्र के लिए बहुत ही ज़्यादा खतरनाक है
07:18अब आप सोचिए कि यह जो स्टेट्मेंट रहुल गांधी ने बिहार के धर्ती पे दिया
07:24इसका कोई जवाब है
07:26जब हम वन नेशन वन इलक्षन के लिए पार्लेमेंट में बात करने हैं
07:30बिजेपी को चुनाव नहीं चुरी करने देगे
07:35जैसे महराष्टा में जुनाव चुरी किया गया वैसे ही बिहार में जुनाव चुरी करने की कोशिच की जारी है
07:42और जुनाव चुरी करने के लिए एलेक्षन कमिशन ने नई शाजे शुरू की है
07:47अब आप देखिए यह सीधा सीधा सवाल जो राहुल गांधी पूछ रहे हैं
08:17कि एक करोड मदाता कहां से ज़्यादा आए लाखों की तादाद में जो कई कई काई कॉंस्ट्वेंसी में आये थे वहां पर सवाल है
08:26और यही सवाल दरसल एक तरह से उठाया जो चीफ जस्टिस है पूर्फ चीफ जस्टिस है चंदरचूड उन्होंने उठाया और हमने कल यह भी देखा कि चंदरचूड के साथ साथ कल जो पार्लेमेंट की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग थी इस पर
08:47फॉर्मर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस दीवाय चंदरचूड
08:57उन्होंने कहा कि भाई इसमें जो स्वीपिंग पावस है चुनावायों को
09:10स्वीपिंग पावस ध्यान से देखिए यहाँ पर स्वीपिंग पावस की बात कर रहें यानि अकूत शक्ती जो दे दी गई है यह देश के लिए हानिकारक है
09:20लोक तंत्र के लिए हानिकारक है और इसी पर हिंदू ने भी अपनी हेडिंग बनाई है
09:26सवाल है कि इसमें चंद्रचूर पहले ही लिखित अपनी टिपणी दे चुके हैं
09:35वह पब्लिक डोमेन में हैं और वह बताते हैं कि दरअसल उन्हें इसमें कॉंस्ट्यूशनल कोई दिक्कत नहीं नजराती है
09:43लेकिन जो हाल चल रहा है इसमें सरकार का उसमें बिल्कुल साफ है
09:49किसी को एक रती भ्रम नहीं हो सकता है कि दरअसल यह कोशिश की क्यों जा रही है
09:55क्या इसके जरीए जो पूरा चुनाव है वह मोदी जी की जेब में चला जाएगा
10:01जब वह इशारा करेंगे तब चुनाव हो जाएगा और स्टेट गवर्फमेंट्स के पास कोई पावर नहीं रहेंगी
10:08वह सीधे सीधे इलेक्शन कमिशन के जरीए चुनाव को रेगुलेट करेंगे
10:14यह एक बुनियादी बहुत बड़ा सवाल है जिसमें जो पूछा जाना चाहिए
10:21और यहां पर कम से कम जो शुरुवाती इस तर पर बात चीत हुई है उसमें भी यह पूछा गया है
10:25आज है 11 जुलाई को यह बात सामने आई थी 12 जुलाई को हम इस पर चर्शा कर रहे हैं
10:33आप देखिए कि इस पैनल की जो अध्यक्षता है वो बीजेपी के जो सांसद है पीपी चौधरी वह कर रहे हैं
10:40और साथ ही साथ यहां पर जो दोनों ये चीफ जस्टिस पेश हुए थे
10:45जस्टिस चंदरचूड और जस्टिस खेहर इन दोनों ने कहा कि जिस तरह की अकूत शक्ती दी गई है
10:53चुनाव आयुक्त को whether to hold election in a state or not
10:58but the law have not prescribed any oversight mechanism to check the EC power
11:04कि भाईया तुमने कह दिया कि चुनाव आयुक्ती माई बाप हो जाएगा कि किस राजी में वह चुनाव कराए
11:13और किस राजी में चुनाव ना कराए लेकिन यह जो अकूत शम्ता आपने दे दी अकूत पावर दे दी गई है
11:20इसको control कौन करेगा क्या राजी सरकारों के पास कोई हक रहेगा आज की तारीक में
11:27राजी सरकारे अपने जो कारेकाल होता है उसको चलाती है बीच में बंध होता है तो चलाती है यहां पर
11:34emergency बीच में गिरने वाला तो सरकार गिर जाती है उन सब को लेकर बड़े पैमाने पर दुविधा है
11:40और यहाँ पर बड़ी हैरानी की बात थी कि जो बहुत विवादों में रहे हैं
11:47Chief Justice of India रंजन गोगोई जो मोदी जी की महरबानी से रासभा सांसत भी है
11:53उन्होंने भी यही reservation पेश किये उन्होंने कहा कि सबको सही है
11:59लेकिन यह जो चुनाव आयुक्त को एक सूपर बॉस बना दिया है
12:04बनाने की कोशिश हो रही है लोगतंत्र को कंट्रोल करने वाला सूपर बॉस
12:09यह देश के लिए हानिका रख है अब आप देखिए यह तमाम वे लोग हैं
12:15जो किसी न किसी तरह से सत्ता के साथ होब नॉबिंग करते हैं
12:20चंद्रचूर अपने कारेकाल में मोदी जी के साथ घंटी टुन्टुनाते हुए रिखाई दिये थे
12:26उनके घर मोदी जी आये थे और उन्होंने दोनों लोगों ने मिलकर गड़पती बपा मौरिया की आरती उता रही थी
12:33और उसे लेकर भी एक बड़ा सवाल उठा था कि किस तरह से ये एक्जेक्यूटिव और जुडिशरी के बीच जो डिवीजन ऑफ पावर है उसका खात्मा है
12:42लेकिन यह शक्स यानि चंद्रचूर मोहदे यह जरूर कहते हैं कि भाई एक कॉंस्टूशनल मामला नहीं है
12:53क्योंकि कॉंस्टूशन के हिसाब से ऐसा हो सकता है कॉंस्टूशन ने कहीं से रोका नहीं है यह बात चंद्रचूर कहते हैं लेकिन इतनी बेशर्मी से इस बिल में चुनाव आयुक्त को ही सबका माईबा बना दिया है
13:08सारी पॉलिटिकल पाटी उसके आगे नतमस तक हो जाएंगी सारे राजसरकारें बस हाथ बांदे खड़ी रहेंगी कि भाईया हमारे हां अब चुनाव करा दो नहीं चुनाव करा दो वो तै करेंगे कि कब कहां चुनाव होगा इसे लेकर एक गंभीर सवाल है
13:23यहां पर नो ने कहा है कि भाई यह सारे जो प्रोविजन्स लिखे हुए है इस कानून में
13:51यह कौन तै करेगा सबसे बड़ा सवाल है कि आप कह रहे हैं कि इलेक्शन कमिशन को कैसे लगेगा आप खुदी सोचिए
14:00सबसे बुनियादी सवाल है आज की तारीख में एक प्रोसेज है उस प्रोसेज में इतनी खामियों के बावजूद आपको पता चलता हमें पता है आज की तारीख में कि नवंबर में बिहार में इलेक्शन होने हैं
14:18यह सिस्टम हो जाएगा तो यह सब तो चुनाव आयो की महरबानी पर हो जाएगा और चुनाव आयो की महरबानी मतलब मोदी जी की या केंदर में जिसकी भी सरकार होगी उसकी महरबानी पर ते होगा कि चुनाव कब होगा
14:35कैसे decide होगा
14:37और सबसे बड़ी बात
14:39कि जिन राज्यों में
14:40विपक्ष की सरकारे चल रही है
14:43उनका भविश्य क्या होगा
14:44Who will decide about them
14:47अभी देखिए बिहार में
14:49special intensive revision शुरू कर दिया
14:52चुनाव आयोग ने
14:53क्या किसी राजनतिक पार्टी
14:55मैं बीजेपी की बात नहीं कर रही है
14:57तो कि बीजेपी को से पूछे बिना
14:59चुनाव आयोगत ने नहीं किया होगा ये
15:01लेकिन 11 विपक्षी दल
15:04सुप्रीम कोड गए
15:06मीडिया के सामने गए
15:07सब ने कहा
15:09कि तुमने जब सर्व दली
15:11मैं बैठक बुलाई थी
15:12चुनाव को लेकर
15:13चुनाव आयोगत जी
15:14तब हमारे सामने यह क्यों नहीं रखा
15:17कि हमें S.I.E.R कराना है
15:19क्यों इस पे परदेदारी रखी आपने
15:21और आपको पता है
15:22चुनाव आयोगत ने क्या कहा
15:24कि अगर हम बता देते
15:25तो बिहारी बहुत तेज है
15:27वे सारे डॉकुमेंट्स बना देते
15:29यह जो एक्सक्लूजन वाला दिमाग में है
15:32कि आपको कुछ लोगों को बाहर निकालना है
15:34महराश्ट में आपको कुछ लोगों को
15:36अंदर इंट्री देनी थी
15:38इसलिए आज की तारीक तक
15:40चुनाव आयुक्त यह नहीं बता पाया
15:43कि छे महीने के अंदर में
15:45छे महीने पहले लोगसभा चुना हुआ
15:47उस समय वहाँ पर जितने लोग वोटर थे
15:50उससे तकरीबन एक करोड वोटर्स जादा बढ़े
15:54कुछ कॉंस्ट्वेंसीज में तो कई लाख बढ़े हैं
15:58यह कैसे बढ़ गई यह चमतकार कैसे हो गया
16:01वोटर लिस्ट कैसे बढ़ गई
16:04यह सवाल इसलिए मैं उठा रही हूँ
16:07क्योंकि चुनाव आयुक्त के आचरण पर गंभीर आदिकते हैं
16:12सवाल उठ रहे हैं
16:14मैं यहाँ वो सवाल ही नहीं उठा रही हूँ
16:16कि 2024 का जो इलक्षन था
16:19जनरल इलक्षन
16:20उसमें इतने नफरती बयान
16:23BJP के नेताओं ने दिये
16:24इंक्लूडिंग प्रधान मंत्री नरेन मोदी
16:27मंगल सूत्र बैस उठा ले जाएंगे
16:29टोटी खोल देंगे
16:31मुसल्मान ऐसा कर लेते हैं
16:33मुसल्मान वैसा कर लेते हैं
16:35जो सब
16:36काईदे से हेट स्पीचेस के जरी आना चाहिए
16:40BJP का जो पूरा नारा था
16:42जो योगी आदितिनात ने दिया था
16:44कटेंगे तो बटेंगे
16:45इन सब पर बैन होना चाहिए था
16:47अगर कोई मुसल्मान ये नारा देता
16:50तो उसे निश्चित तोर पर आप
16:51हेट स्पीच या
16:53जो आपकी पूरी की
16:55पूरी नरेशन है उसमें आप
16:57उनके खिलाफ कारवाई करते
16:59लेकिन कहीं से भी
17:01चूं तक नहीं निकली
17:03और वही इलेक्शन कमिशन को
17:05आपका वन नेशन
17:07वन इलेक्शन सूपर बॉस बना रहा है
17:09कि बेटा वही बाप हो जाएगा
17:11अभी तक लोगतंत्र में
17:13कोई माई बाप नहीं है जनता जनारदन
17:15के लावा ध्यान रखिए
17:17ये बहुत important बात है
17:19हमारी democracy में
17:21हमारे समयधान को बनाने वालों
17:23ने हमें और आपको
17:25लोगतंत्र का सरकार का माई बाप
17:27बनाया है कि हम
17:29decide करेंगे कि सरकार किसकी
17:31होगी हम चुनते हैं
17:33सरकार को लेकिन
17:35अब यह process ही उल्टा करने
17:37की तैयारी हो रही है
17:38कि सरकार चुनेगी कि कौन
17:41मत दाता है कौन नहीं है
17:42सरकार बहादूर और
17:44election commission सोचेगा
17:46कि कहां पर चुनाव कराना है
17:48कहां पर नहीं कराना है
17:49और यह सब उसके मन मरजी पर होगा
17:52कोई जवाब दे ही नहीं
17:54कोई पारदर्शिता नहीं
17:56किसी को कभी पता नहीं चलेगा
17:58कि चुनाव आयोग ने
17:59फलाना राज में चुनाव क्यों नहीं कराया
18:02और धमा का राज में क्यों चुनाव करा दिये
18:04और दूसरी
18:06तीसरी एहम बात
18:08one nation one election के जरीए
18:10जो अभी चर्चा में नहीं आया है
18:12लेकिन तबसे चर्चा में है
18:14जबसे इसकी concept पर बात हो रही है
18:16कि आज की तारीख में
18:19जब राज्यों में जो चुनाव होते हैं
18:21वो कई-कई चर्णों में आप करते हैं
18:24मनिपुर सबसे छोटा सा राज्य है
18:27सिर्फ दो लोग सभा सीटे
18:30दो लोग सभा सीटे
18:31आपको पता है
18:33तीन चर्णों में दो चर्णों में
18:35वहां चुनाव हुआ
18:36एक constituency के अंदर
18:39यानि एक लोग सभा सीट को भी
18:40उन्होंने दो में डिवाइड किया था
18:42यह इस्तिती इस मुल्क में है
18:45जारखन में चुनाव होता है
18:48कई चर्णों में चुनाव होता है
18:50वहां पर
18:50वजह आपके पास जो capacity है वह आपके पास जो electoral mechanism है वह जो EVMs है वह उन सब का हिसाब है और सीधी सी बात एक और
19:04कि one nation one election दरसल देश के संघिय धाचे के खिलाफ है क्योंकि राज सरकारें अपने हिसाब से term पूरा करती है सरकारें गिरती है उठापटक होती है नई सरकार बनती है पुरानी सरकार जाती है और इसकी timing एक ही election के साथ अगर set होगी तो इसका मतलब है सब के सब का control केंदर के पा
19:34जो पूरा control है वो चुनाव आयोग के जरिये है यह जो बुनियादी सवाल है इस debate में आने वाले समय में यह debate और तकड़ी होगी और कुछ हद तक times of India ने यह जो सारे concerns है हाला कि अभी आज की तारीक में सारे concerns जो chief justice ex chief justice of India है उन्होंने जो रखें उन्ही पर केंदरित है और
20:04चुनाव कराने की पूरी प्रक्रिया में उन संकटों के बारे में पूरी तरह से सन्नाटा है किसके पास power रहेगा कौन कहां कब क्या करेगा bill passes basic structure test यह जरूर कहते हैं लेकिन बाकी जो चीजे हैं another issue flagged lack of clarity on whether polls would be conducted for assembly in brief remaining terms अगर कोई विधान सबा बीश में भंग हो जाती है त
20:34प्रक्रिया के लिए दो साल देर साल के लिए आप वहां पर छोटे समय के लिए चुनाव कराओगे च्छोटा चुनाव कराओगे क्या करोगे आप छोटी अवधी के लिए चुनाव कराओगे यह जो सारे सवाल है इन पर जो सरनाटा है इस बिल में और सबसे इन तमाम मु�
21:04जैक किया जा रहा है लोगतंत्र में मद्दाताओं की छटनी की एक तैयारी हो रही है अब देश के सामने यह साफ हो गया है कि चुनाव आयोग पूरे देश में SIR यानि Special Intensive Revision जैसी प्रक्विया करने जा रहा है बिहार के बाद पश्चिम बंगाल असम फिर तमिलनाडो फिर
21:34महले महले बूत बूत लेवल पर हंगामा चलता रहेगा कि मैं मद्दाता हूँ नहीं भाया मेरे पास ये कागज है बिहार जाके देखिए जराब कैसे बिहारी मद्दाता जो आठ करोड है वह अपने मदातिकार के लिए लड़ रहा है चुनाव आयोग से सवाल पूछ रहा
22:04को कहते हैं इसे पैसा खर्च कम होगा यह बिलकुल गलत तत्य है क्योंकि देश में पैसे की कमी नहीं है मोदी जी भी कहते हैं कि हमारे पास पैसे की कमी नहीं है नितिन गटकरी जी कहते हैं कि हमारे पास पैसे की कमी नहीं है पॉलिटिक्स इसके पीछे दूसरी है इसके प
22:34पर एक ही बार चुनावी रैलिया करके, हिंदु मुसल्मान करके, बस वे चुनाव जीच जाएं, एक ही बार बार जनता के बीच जाना, नौकरियों को आफर करना, पंद्रा लाख के जुमले देना कि पंद्रा लाख रुपे मिलेंगे, यह सब करने की जरुवत नहीं पड़े
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