- 7/20/2025
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Short filmTranscript
00:01हमें संजीब पर एक तक पहुंचने का कोई तो जरिया चाहिए
00:03कैसे दे सर
00:05हमें संजीब भाया के बारे में कुछ भी पता नहीं रहता है
00:08वो क्या करते हैं, कहां रहते हैं, किस से मिलते हैं
00:12एक तो वो मोबाइल फोन नहीं रखते
00:13और जब उन्हें ज़रूरत होती है, सिर्फ तभी कॉन्टाक करते है
00:17सरी सांचल के पॉर्ण रिकोर्ड से एडिया मिलेगा
00:22संजीव ने से कहां पुलाया होगा मिले
00:23मामगवा अंदा टबल
00:25अब हमारे पास संजीव से जोड़ी चार औरतों के नाम है
00:28पहली बीवी गुर्प्रीत कौर, अमरसर की
00:31दूसरी बीवी जयनाडू हैदराबाद की
00:34तीसरी बीवी पूजा पारिव जिसकी कोई डेटेल ली है
00:36और अब ये मानसी बेनर्ट जी जो उसके साथ रह रही है
00:39और जिसका पता हमें नहीं है
00:40देपक, सावेत्री और राजीव के पिछे आपने आपी लेगा लो
00:42पता ने क्यों मझे लग रहा है
00:44कि इन दोने ने हमें जितना बदाया
00:46इससे जादा जानते है
00:47संजीव ने कभीता जी को क्यों मारा
00:55कुछ, कुछ समझ में नहीं है अरब रभी
00:59क्या किसी जगडे का जिकरे किया था मा पापा ने
01:03नहीं नंदनी, कभी नहीं
01:07तो क्या ऐसा हो सकता है
01:08कि स्टेशन के CCTV में जो दस्वीर है
01:11वो संजीव और उसके बेटे की है
01:14लेकिन मुडर करने वाले दो लोग
01:18कोई और ही हो
01:19हाँ, होने को तो हो सकता है
01:28लेकिन उस समीर और आचल को लेकर ऐसे पाग क्यों किया
01:31यहां शिमला में जो
01:34हर्बल प्रोड़क्ट मैनिफेट्टरिंग प्लांट सेटफ हो रहा है
01:36मैं वहां प्रोजेक्ट मैनेजर हूँ
01:38काफी बड़ा प्रोजेक्ट है
01:40जो लगता है
01:41साल देड़ साल तो फोजो यहें रहना पुड़ेगा
01:44तो मतलब गास भी लंबे टाइम के लिए चाहिए
01:47कम से कम एकसा ज्यादा भी हो सकता है
01:50ठीकिए सर्जी आपकी जो भी
01:52जो भी रिक्वार्मेंट होगी ना
01:53हम पूरी करेंगे
01:54आपको जितनी गारी चाहिए
01:56कौन से टाइप की चाहिए
01:57बस चोविस कंड़े पहले इनफॉर्म कर दीजिए
01:59आपको भी दो भाई चाहिए
02:01मुझे चार-छे जगे जाना प्रसंद भी नहीं
02:03उतना टाइम भी नहीं
02:04आप बता देंजी के आपको फायर पर गारी यह कब से चाहिए
02:06हम अभी से बंदोबस चुरू करते थे
02:08फिलाल तो मुझे साइड इंस्पेक्शन के लिए जाना है
02:10अभी इमीजेटली कौन सी गार अवेलेबल है
02:13अभी हमारे पास सिर्फ नाम है
02:18संजीव पारिक के बारे में कुछ और डीटेल्स चाहिए हो
02:48शाकिर हमारे पास इसके अलावा और कुछ नहीं है
02:50अमरसर की गुर्प्रीत कौर की तरह
02:53हैदरबाद की जैन आइडू भी किसी अमीर फैमिली को बिलॉंग करती है
02:56अब ये संजीव हैदरबाद में क्यों आया था, क्या कर रहा था
02:59हमें कुछ नहीं पाता
03:01अमरसर में भी ट्रेवल एजिंसी का नाम सिर्विसले पता चला
03:04क्योंकि संजीव ने कभी एक बार उसके भाई के साथ जेकर किया था
03:08लेकिन दीपक यहाँ पे हैदराबाद में जैन आइडू नाम की हजारों और ते
03:11उसके बार में कुछ और जानगारी चे
03:13कुछ भी संजीव के जया के साथ दो बच्चे समीर और अंचर उनके फोड़ग्रेफ से हैं हमारे बास हाँ हाँ वो बेज दो और इस संजीव पारी की भी फोटोज है हाँ है मैं तीनों के फोटोज तो मैं फॉरवर्ट पूर्ट
03:24आंचल के कॉल रिकॉर्ड से हमें एक नंबर मिला चादा जुलाई का इसके तुरंट बाद लिए अचल गायब हुई तो इस कॉल के जरी हमें पता लगने वाला था कि आंचल कहां गायब हुई तो और उस वक्त वो उसका भाई समीर और पिता संजीव कहां हो सते हैं हालो
03:50अशिस्टेंस अब इंस्पेक्टर आरती बात करे हुई दिल्ली पुलिस से आप कौन बोल रहे हैं मैडम ये पीसीओ का नंबर है लाजपतनागर मार्केट के पास है क्या बात मैडम एड्रेस
03:58सब पीसीओ वाले को संजीव का फोटो दिखाया पहचान नहीं पाया लेकिन पक्का लगता है कि संजीव नहीं फोन किया होगा आचल को अपने साथ ले जाने के लिए
04:08पापा का है अंदर है चलो हेलो पापा कैसी हो आचल मैं ठीक हूँ आप कैसे हो मैं भी ठीक हूँ अच्छा सुनो हम तीनों को कहीं जाना है कहां है एक जगर लेकिन पहले कुछ
04:38अगर संजीव ने लाजपतनागर मार्किट वाले पीसों से आचल को फोन किया था तो आचल वहाँ गई होगी और संजीव और समीर शायद वहां उसका पहले से इंतदार कर रहे हूं हां ऐसा हुआ हो सकता है सर तो हमें उस जगा को खंगालना चाहिए जहां पे वो तीनों म
05:08एक पूरे दिन की तलाश के बाद एक मौल के सिसी टीवी में संजीव समीर और आंचल को टेक्सी लेते वक्त देखा देखा देखा देखा अब हम उस टेक्सी की ट्रेकिंग काने वाले थे
05:26पापा अब हम कहां जाएंगे देखते हैं कई जगा है जाने के लिए पर पापा दादी बहुत टेंशन में आ जाएंगी
05:45लेकिन हमें उनको बताना नहीं है कि हम कहां पर हैं राइट आचल दीदी हम कोई सुराग नहीं छोड़ सकते हैं
05:53संजीव ने ऐसा क्यूं किया अच्छों को शामिल किया बच्चों को हमें क्या पता है कुछ नहीं
06:16हमें बहिया के बारे में कभी कुछ पता चला है लेकिन वो औरत
06:20तो मेरी उमर की रही होगी ना उसने ऐसा क्या किया होगा
06:27दल्जीच तेरा ही टैक्सी चौदा जूलाई की दो पहर को तीन बज कर पांच मिट का समय दिखा रहा है यह देख चापाई है
06:36हाँ हाँ देख रहा हूँ तीनों याद भी है मुझे लेकिन यह कहा के सवारी थी यह नहीं आता रहा है लगा लगा दिमाग पर जोर लगा यह लोग कूलिस को चाहिए
06:46मडर केस है कहां छोड़ा था हाँ कश्मीरी गेट कश्मीरी गेट बस स्टेंड के पिछे टूरें ट्रैवल वाले आना जहांसे लगलग शेरों के लिए बसे चलती है वहाँ पे छोड़ा था
06:58पक्का इन तीनों को मैंने मई छोड़ा था और ये तीनों सीधा एक दुकान के अंदर चलेगे भाई दल जी मुझे वहाँ लेकर चाहिए अब चल चल चल जल दे
07:22यह यह संजीव पारे यह आचल पारे और यह समीर पारे संजीव आचल और समीर पारे और
07:38संजी पारिक बिल गई यह में कहां के बुक ही है शिमला की बस लिए यह रात की पॉने नोग की बस थी टिकेट कैंसल नहीं हो तो बैट गया हूँ
07:54लोकाच अपी शुरुवने से पहली धाना इन तीनों को अरती एक टीम लेकर अभी शिमला की नहीं हो अगर यह संजीव पार एक होटल में ना हो और वहाँ किसी के घर में ठेह रहा हो तो कोई तो जानता होगा तुरंत अपने लड़का को फोन करें सर गुर्पीत को और अभी
08:24सब्सक्राइब के साथ अब भी टच में हैं मैंने बता ची कि उस इंसान से बड़सों से मेरा कोई वास्ता नहीं है घिनातिय मुझे सोचके कि कभी वो गलीज इंसान मेरा पती था बच्चे कभी आपके टच में रहें समीर या आचल नहीं सर बल्कि इनोंने जब मुझे उन
08:54संजीव ने एक बोड़ी औरत कभी ता अचारे का कतल कर दिया है
08:57मैंने इंको बताया जबार लेकिन इनका कहना है कि ये किसी कभी आचारे को जानती ही नहीं है यहां तक इनोंने कभी उनका नाम भी नहीं सुना
09:04लेकिन सर वो कतल संजीव कर सबता है जब उससे मेरी शादी हुई थी तब मैंने उसका असली चहरा नहीं दिखा था
09:12लेकिन शादी होने के बाद वो जानवर बन गया था रोज पीटता था मुझे
09:17आज भी सोचती हुँ तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं आप उसके साथ दिल्ली आगई थी जे
09:22मैंने अपने पहले पती को संजीव के लिए छोड़ा था क्योंकि मैं संजीव से बहुत प्यार करती थी
09:27मुझे लगता था कि संजीव भी मुझसे प्यार करता है और उसके साथ मुझे बहतर जिंदगी मिल सकती है
09:32मेरे अम्मा अपन मेरे इस फैसले के सब खिलाफ थे पर फिर भी मैंने उन्हें छोड़का संजीव के साथ शादी कर ली
09:40अम्मा अप्पा ने इसलिए मुझसे सारे नाते तोड़ दिये
09:43जब मेरी बेटी आचल पैदा हुई तब हम दिल्ली में थे
09:47संजीवा कुर्शी टूर्ज और ट्रेवल्स में जॉब करता था
09:49फिर वो मसकट चला गया
09:51क्योंकि उसकी वहीं किसी ट्रेवल लाइन में ही जॉब लग गए थी
09:54बीचवीश में आता था फिर समीर पैदा हुआ
09:58समीर के पैदा होने के बाद
10:00वो हमसे एक बार भी मिलने नहीं आ है
10:02बलकि उसमें तो में पैसे भी भेजने बंद कर दिये थे
10:05अब आप ही बताईए मैं दो बच्चों के अकेले दिख भल कैसे कर दी
10:08इसलिए मैंने अपने अम्मा अप्पा से माफी मांगी
10:11और समीर और आचल को लेकर हैदरबाद चलियाई
10:13यहां अपने अम्मा अप्पा के पास
10:15पर बच्चे तो संजीब के पास है
10:16यही तो दुप्ती राग्यासार
10:18मैं बच्चों को हैदरबाद लेकर जरूर आई थी
10:21लेकिन संजीब ने यहां आकर मुझे धंकाया
10:24और छीन लेगया मेरे बच्चों को
10:26नहीं संजीब भाई
10:37जया भावी ने कुछ भी नहीं बताया हमें
10:39वोन भी दो अफ्तों से बन दो
10:41घर भी दो अफ्तों से लौग है समझ लीजी
10:43बलकि हमने तो सुचा भावी आपके पास कई है बच्चों को लेकर बॉरन में
10:46यह क्या लगा रखा है
11:04मुझे तुम्हाई साथ में रहना हो
11:05पच्चे का है
11:06तू भार में जा
11:09मेרא बच्चे मेरे साथ नहीं
11:11मेरे बच्चस को तुम्हाँरे जैसी बाब की जरूरत नहीं है
11:17और उन्हाँ चीजों के लिस्ट बना जो को तुने मेरे घर से चुराइई है
11:22आठ लाग के गहने का तो मुझे पता है
11:24ये लिस्ट मुझे पुलीस को देनी है
11:26पर मैंने कुछ ने चुना है तुम्हारे गर से
11:29ये इंस्पेक्टर को बोलना
11:30इंस्पेक्टर शरद
11:31दोस्ते मेरा
11:33उसने देरे खिलाफ लुकाउट नोटिस निगा ली
11:36आशरत
11:37मिल गई
11:39पता बेचता हूँ
11:40अभिया के गरफ तर दर ले
11:42संजीव ने मेरे अम्मा अप्पा को भी बहुत धंकाया
11:45कि वो मुझे जेल भिज देगा
11:47जब मैंने अपने पहले पती को संजीव के लिए छोड़ा था
11:50तो मेरे अम्मा अप्पा बहुत दुखी हुए थे
11:52बहुत कुछ सुना था उनों ने
11:54इसलिए मैं संजीव की धंकियों से अपने अम्मा अप्पा को और तकलिफ नहीं देना चाती थी
11:58मैं बहुत डर गई थी
11:59जाने दिया मैने बच्चों को संजीव के साथ
12:02यह सोचकर कि कभी ना कभी तो उनसे मिलोंगी
12:06लेकिन ऐसे मिलोंगी यह कभी नहीं सोचाथ
12:11अंजली अपाट्मेंट सरोजनी नगर
12:13यह ही रहते थे दिनापलो
12:15जी
12:15और वो पंकरस देवारी आपका पढ़ोसी और उसकी पत्नी
12:19काजल, काजल देवारी
12:21चया जी, अगर संजीव और बच्चे आपसे कॉंटेक्ट करते हैं, तो आप हमें तुरंद बताएंगे।
12:25जी.
12:29तीन दीन लगातार शिमला में धूनने के बाद, हम एक सुराग ने, जिससे साबित हुए के संजीव और उसके बच्चे वाके में शिमला आए थे।
12:37हाँ में, यही था वो, और यह दोनों उसके बच्चे, पंदरा को चेक इन हुए थे।
12:42और चेक आउट?
12:45अठर जुलाई को, कमल सिर्फ यह तिनो थे हैं, इनके साथ एक औरत भी थी, 28-29 साल की, मानसी ना हूँ
12:51नहीं में, क्योवल यही तिनो थे।
12:52संजीव ने ID प्रूफ क्या दिया था?
12:58यह में, यह तो उसकी मा के घर का अड्रस है, पुराने वाला, कोई और अड्रस नहीं लिख वाया?
13:07नहीं में, उनकी बातों में कहीं सुनाए दिया हो, कि आगे कहां जा रहे हैं?
13:11नहीं में, उसने अपना बिल क्लियर किया और वो तीनों निकल गए
13:14सर अट्रा को चेक आउट हुए, तो शायर शिम्ला भी अट्रा को छोड़ा होगा
13:18मैं सभी लोकल ट्रेवल वालों से बात करती हूँ
13:20हाँ, कोई ना कोई लीट जरूर मिलेगी
13:23वैसे हमें जाय नाडू से संजीब पारे का देली का पुराना ड्रेस मिला
13:26देखते हैं कहां ले जाता
13:42हाँ, पेपर में बढ़ा, हिल गए हम तो
13:44इतने साल से मैं संजीब के लिए बोरा लग रा था
13:47क्यो?
13:49संजीब भाई ने हमसे कहा था कि Jya का किस की साथ चक्र चल गया और वो उसी की साथ भाग गई है
13:55बच्चों को भी उसने हैधराबाद में किसी के घर � ऐसी छोड़ दिया था
13:58बलकि यह उन्हें महां से लेखिया है
14:01वो क्या बोलता है, Christian क्या कडरता है, वह है क्या है
14:03किसी को कुछ ने पता, उसने एक बोड़ी औरत कविता अचारे का मर्डर क्यूं किया, इस बात की भनक भी ने लग रिया, पूजा, पूजा से बता किया अपने, जया के बाद उसकी बत नहीं, वो ट्रेस नहीं उपारी, संजीव की माने हमें बता है कि पूजा ने भी उसे छ
14:33मिले थे, वहीं यह दोनों जॉब करते थे, कहां है प्रसाटरबस? रजवरी गाड़ा, अरे सर, हमने जब से पेपर में पड़ा है, बस ओफिस में उस ही की बात हो रही है, जब संजीव यहां काम करता था, तब हम दोनों एक ही पोस्ट पर थे, सर, संजीव जैसा सेल्स एक
15:03पुजा भी संजीव को इसी ओफिस में ली थी, और उनका अफेर हो गया था, हम उसे ढून रहे हैं, सर सुना था कि वो दोना अलग हो गये थे, क्यों वो हुए थे और कब हुए थे, ये तो नहीं पता, जग्दीश हमाँ पुजा की तलाश है, कहां मिले गी? वो MP साइट की
15:33स्टेट प्राइबेट, सब स्कैन किये, नहीं मिले, वो सकतार शिमला में कहीं किराय पर रह रहे है, सर गुरू की टीम ने शिमला से लगे हुए कसोली और कुफरी को भी खंगाला, एक-एक गली, एक-एक एजन्ट तक पहुँचे, कोई लीड नहीं मिली सर, पुजा के बा
16:03अधिन पार जाए, यार यह बंदा संजीब पारख, आखिर चीज क्या है, अपनी आइडी देकर चेक इन करता है, चेक आउट करता है, और फिर शेयर सगायव हो जाता है, को इस्ते निखली सकी क्राइब में है, नाए, जी सावित्र जी, एक आदमी आया है, शिमला से, संज
16:33बड़ी बड़ी बात है की, सर जी, बोला, जो हरपल प्रजेक्ट लग रहा है ने, शिमले में, उसका मैनेजर है, काब आया है, 17 जुलाई को, फिर क्या, सर जी, मैं आगया उसकी बातों में, और गरंटी दी, कि सारी की सारी गढ़ियों की सप्लाई मैं दूँगा, अगले म
17:03कभी बात नहीं की सनमर पर, कभी ज़रूरत नहीं पड़ी ना, सर जी, वो 17 को मेरे पास आया, और फिर 18 को दो बार आया, और 18 को यह गाड़ी लेकर निकला,
17:12मैं अपने सभी कस्टमर से उनके ड्राइविंग लेसेंस की कोपी लेता हूँ, वो थी मेरे पास, वो ही से यह यह तक पोँचा, कोई आडवांस वगरा नहीं दिया, वंदरा ऐसी उब लेने की बात कर रहा था, सर जी, उस चक्र में मैंने इस कार के बारे में बोला ही नहीं
17:42संजीब, समीर और आचल पारिक की खोज, अब शेशांक भट की कार की खोज बन गए, पड़ोसी राजियों, टोन लाके, और चेक मैंट्स को खबर कर दी गए, इस चुराई की कार, और इसमें सवार तीनों लोगों के बारे में, हम अभी तक संजीब की कार को ट्रेस नहीं क
18:12लगा पायें कि संजीब अपने बच्चों को लेकर किस तरफ गया है, मतलब आपको कोई अंदाजा नहीं है कि संजीब में हमारी मा को क्यों माल डाना, जी ने, क्योंकि सिर्फ संजीब जानता है, और अगर कोई और जानता है, तो वो हमें बतानी रहा, मुझे तो ये बात �
18:42संजीब को छोड़ा, पता चला है कि वो भपाल में है, हमारी एक टेम भपाल गयी है, हमें पूजा का भपाल का एड्रेस परसाध टेवल से मिला था, यहां पूजा और संजीब एक साथ काम करते थे, अमारी टीम ने भपाल में पूजा को खो़ लिए
18:57आच्छलो और समीर को भी घसिट लिया वो अभी पता नहीं दोनों उसके साथ है पूजा तुम कवीता आचारय को अच्छे से जा दी संजीव ने उन्हों क्यों मारा कवीता आचारय या फिर उनके हस्बंड मुकेश आचारय के साथ संजीव का कभी कोई जगडा हुआ था ज�
19:27अजिव बाद ना मेरे उससे आना बच्छों से कभी कोई बात हुए उसने बच्छों को भी मेरे किलाब भड़काया होगा तीनों आक्री बार शिमला में दिखे थे कहां जा सकते हैं मोलो वो हैद्राबाद जया के पास कभी नहीं जाएगा भूपाल मेरे पास भी नहीं आ�
19:57एक लास्क मांसी बैनर जी थी उसकी लाइफ में लक्षमी नगर वाले घर के पडोसे उमें कोई मांसी को जानता है जी नहीं यह हमारे पटेल नगर शिप्ट होने के बात की बात है देखिए संजीव एक नमर का फ्रॉड आपमी है जहसा देकर लड़कियों को पटाता है औ
20:27अब से यही रहेगी यहां रही मतलब मैंने इसे आचल अर समीर से मिलवाया हम लोग ने साथ में डिनर भी लिया हम समझ नहीं रही हुं के ना क्या चाहते हो मैं मांसी से प्यार करता हूँ और वो भी मुझसे प्यार करता हुए
20:57मा, हमें वो अच्छी नहीं लगती है
21:01मा, आप उसे यहां से जाने के लिए कहो न
21:06और वो यहां रहने के सोच भी कैसे सकती है
21:10यह तुम्हारे पापा को सोच नहीं
21:13क्या करना है और क्या नहीं
21:16तो आप भी पापा को बोलो न
21:19मार तो बहुत खाई थी मैंने
21:26उसके बच्चों को अपने बच्चों जैसा मानती थी
21:30वो भी उससे बहुत प्यार करते थे
21:33मा कहते थे
21:35संजीव ने मुझे पहले ही बोलके रखा था कि
21:37पर खुद के बच्चे नहीं होंगे
21:39सब कबूल था
21:40पर दूसरी आउरत कबूल नहीं थी
21:44इसलिए मैंने उससे छूड़ दिया
21:46हमें इस मांसी की कोई खबर नहीं मिल रही
21:48मुझे नहीं लगता कि मांसी बहुत ज्यादा सीरियस थी
21:51वो तो बस संजीव की चिकनी चुपड़ी बातों में जूम रही थी
21:54लक्ष्मी नगर से निकलने के बाद तुम लोग पटेल नगर शिफ्ट हुए
21:57वहाँ का एक्जेक रडूस क्या है?
21:59देती हूँ
22:00और एक बाद
22:01ये मांसी कॉलकटा से है
22:04एक बारी उसने मुझे बोला था
22:06और ये संजीव मोबाईल फोन यूज नहीं करता
22:09सच है?
22:24पूजा ने पटेल नगर का जो एड्रेस दिया
22:29वहाँ जा करा है
22:29पड़ोसियों को मांसी तो याद है पर सिर्फ नाम से
22:32वो लोग 2015 में वहाँ से निकले
22:34मांसी का क्यों कुट कर देला?
22:36आर्थी के पास मांसी का पुराना नबर है
22:37जो को यह और ही इस्तेमाल कर रहे है
22:39वैसे मैंने 2015 के पहले के कालिकोर्स मंगवाए हैं
22:42जब वो नबर मांसी यूज कर रहे थी
22:43हमारे पास उस चुराई की गाड़ी पर भी कुलेट है
22:46जिसमें तीना फरार हुए
22:50इसके पहले के हम मांसी तक महांगते है
22:53हमें चुराई की कार की खाबर लखनाउ से लिए
22:55शिमला की ये गाड़ी
22:57लखनाउ की एक सेकेंड इंड कारों की दुपान में पाई गी
23:01हाँ सर गाड़ी के कागजा सचांग भट के नाम पर ही है
23:11इन पेपर्स के अगेंस्ट में तुमने लोन दिया था उसको
23:14हाँ सर मतलब मैंने गाड़ी खरीदी नहीं है
23:18उसने गिरवी रखी थी एक महिने के लिए
23:20और कहा था कि एक महिने के लिए मैं गाड़ी किसी को भी किलाएपे दे सकता हूँ
23:23जब वो लोन सूट समय लटा देगा गाड़ी दे जाएगा
23:27शशांक, मेरा दोस्त, ये गाड़ी मैंने उसी से खरी दिया
23:33अभी नाम ट्रांसफर नहीं हुआ, इसलिए सारे पेपर उसी के नाम पर लेकिन गाड़ी है
23:38एक महिने में लोन चुका दूँगा, सूट समय
23:41और अगर एक महिने बाद तुमने पैसा सूट समय नहीं लटा है संजी, तो मैं गाड़ी बेज दूँगा
23:44उसके नावबत नहीं आगी, मैं अपने गाड़ी पिकने नहीं दूँगा
23:47हाँ भी ज़रा डाउन चल रहा है, इसलिए गिरवी रख रहा है
23:50एक लाग का लोन, दस हजार का प्याज, महिने में चुका दूँगा
23:55लोन के लिए थैंक्स, चलो बेटा
23:57इतना डीसेंट आदमी लग रहा था सर, मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि गाड़ी चोरी की निकले लेकिन जब गिरवी रखी गाड़ी किसी और के नमबर थी
24:05तो वो गड़ी तुमने लिए क्या?
24:07गलती होगी सर, मुझे लगा बस एक ही महिने की तो बात है
24:10ये लखनो में कहा रह रहा था?
24:12उसने हेड्रेस तो दिया था सर, लेकिन वो जाली निकला
24:14एक नमबर भी दिया था, लेकिन वो भी जाली निकला
24:17और तुमने महीने बार इस नमबर पे कभी कॉली नहीं किया
24:23आप, अब हमारी खोच लखनों में शरूरी
24:28सारे मुदर्स, गैस्ट होफिस
24:35और जहां भी संजीब और उसके बच्चों के रहने की संभाव ना थी
24:40हमने वहाँ पूछता थी
24:42अब हम अधाश होगे
24:47मांसी बैनर जी, दिली पुलिस
24:50सारी कोशिशों के बावजूद संजीब पर एक हमारे हाथ नहीं लग रहा था
24:55पर हम मांसी बैनर जी तक पहुँचे
24:57अरे संजीब या बच्चे मेरे पास क्यों आएंगे
25:01क्यों आएंगे वो छोड़ी
25:03आया था या नहीं आया था ये बताईए
25:04क्या उसने आपको फोन किया था या किसी भी तरह से आपको
25:07कोट्रक्ट करने के कोशिश की थी
25:09मैंने सब कुछ फोन पर बता चुक्यों
25:10आपके दुबारा पूछने से कुछ बदल नहीं जाएगा
25:13आप उसकी जिन्दगी में सबसे रिसेंट दौर थी
25:15क्या आप दावे के साथ कह सकते हैं
25:17कि मेरे दौरान या मेरे बाद उसकी जिन्दगी में कोई नहीं आया
25:19हमें खबर
25:20आप लास थी
25:21देखें सर्ट 2015 में मैं उससे अलग हो गई थी
25:24और वैसे भी हमारे बीच कुछ सीरियस नहीं था
25:26बस कुछ थो था कि जब तक चला तब तक ठीक था
25:29उसके बाद मुझे मेरा बाइफरेंड मिल गया और मैं उससे अलग होगी
25:31बाइ मतलब
25:33क्या बाइ हाँ
25:34क्या बाइ
25:36बाइ मतलब अलवेदा
25:37जारेयो में तुम्हे छोड़ कर हमेशा के लिए
25:39लेकिन क्यों
25:40मैं तो तुम से शादी की बात करने वाला था
25:42हाँ तो तुम्हें शादी करनी है तो करो ना
25:44पर तुम्हारी शादी मुझसे नहीं हो सकते
25:46Manci
25:48तुम ये गलट कर रही हो
25:49देखो संजीफ
25:50ड्रामा नहीं करते हैं, मुझे मीरी उम्र का और मीरी वेवलेंद का लड़का मिल गया
25:54सीरियूस हूं में उसके साथ, बहुत जल सेटल हो जाओंगी
25:58तो भीर तुम यहां आए क्यों थी मेरे घर
26:00डेफिनेटली आंचल और समीर की मा बनने तो आई नहीं थी
26:02पूजा नहीं हूँ मैं
26:04बांसी, तुम बेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते
26:07तो तुम भी मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते
26:09कि जबर्दर्टी शादी की उम्मीद करें
26:11नहीं मतलब नहीं
26:12हाँ ठेस तो पॉची थी उसे
26:15पर मैंने जादा केर नहीं किया
26:17और तब से मैंने उससे कट आफ कर दिया
26:19और सर मैं नहीं जानती कि कविता अचारे कौन है
26:22और संजीव ने उसका मर्डर क्यूं किया
26:23नेट पे अपलोड कर दो
26:34सारे स्टेट्स के सभी शहरों के हर कोन में
26:37लोकाट की खाबर फैलनी जाहिए
26:38कविता अचारे के परिवार वाले बार बार बार पुझने आ रहे
26:44कि उनकी मा का कातिल अब तक पकड़ा प्योंने की
26:47और कतल किसलिए हुआ
26:48और हमारे पास उनके सवालों का कोई जवाव नहीं था
26:52एक तरफ आचारे परिवार कविता जी को खोने का खाली पान महसूस कर रहा था
26:57और दूसरी तरफ था पतल का बारण ना चानने का अपरोश
27:01ये खाली पान और अपरोश आरोपी के परिवार में भीज़ा लग रहा था
27:07एक बुड़ी औरत अपने पोते की सुरक्षा को लेकर परिशान थी
27:10वो ये समझ ही नहीं पा रही थी कि उसके बेटे ने कतल जैसा संगीन जुन्ट क्यों किया
27:15और अपने बच्चों को उस जुर्म में शामिल क्यों किया
27:37दिल्ली पुलिस के सोचल मीडिय अकाउन पर ये मैसेज आए
27:53संजीव पारिक के बारे में
27:54मेरा नाम भासकर जाए
27:56आपने जिस क्रिमिनल का फोटो डाला था नेट पर
27:58संजीव पारिक उसने मेरे साथ फ्रॉड किया है
28:00यह हमारा नसी में
28:01इस भासकर जासे त्रंट कर्टक
28:03बूरे दो महेने हम संजीव पारे के पीछे लग रहे है
28:08वो हमारे हाथ नहीं लग
28:09अब अचानक से ब्रेक्ट्रू एक ऐसे शक से मिल ला था
28:13जिसका कविता अचार्य मुर्डर केस से कोई वास्ता नहीं था
28:17बस संजीव से जरूर था
28:18एक हफ्ता पहले संजीव ने मुझे बाइक बेची थी
28:23मुझे बोला दो दिन में बाइक के पेपर्स दे देगा
28:25अब हवा हो गया सर
28:26कहां रह रहा था
28:27सर यहां एक गणेश लॉज है
28:28वहां अपने बेटे और बेटी के साथ रह रहा था सर
28:30सर बाइक रिशी केस से चोरी हुए
28:32पिराया पे ली थी फिर इसका जीपियस निकाला
28:34और इसको यहां वारानसिम लेया
28:35इस पक्त कहा होगा बो
28:37पता नहीं सर
28:38लेकिन तीन दिन पहले मैंने उससे गाट पर देखा था
28:40मैंने जैसी यावाज लगाई सर भाग कहड़ा हुआ
28:42वीड का फायदा मिल गया सर उसे वरना मैं उसे भाही दर लेता
28:44तुम्हारी पहचान कैसे हुए
28:46सर मैं यहाँ पर टूरिस्ट गाएड हूँ
28:47मैं संजीब पारिक और उसके दोनों बच्चों को सैर करवा रहा था सर
28:50बातों बातों मैं मुझसे बोला कि वो यहाँ पर ट्रैवल एजनसी डालना चाहता है
28:53गाड़ी खरीदने वाला है
28:54इसलिए बाइग बेचना चाहता है
28:55सार मैं जहां से में आ गया हूँ
28:57नंबर दे उसके
28:58सर
28:59इलीजीब पारिक मुझसे बहुत बड़ी बड़ी बाते कर रहा हूँ
29:03मुझे बोला दिल्ली में इसकी एक अजनसी है
29:05मसकट में एक अजनसी है
29:06मुझे लगा इंटरनेट पर सर्च करूँगा तो कोई जानकारी मिल जाएगी
29:09सर जैसे ही मैंने इसका नाम डाला
29:10सबसे पहले ये मडर वाली ख़बर और इसकी फोटो देख गई
29:12सर मैं तो देखके ठंडा पड़के एक दम से
29:14नंबर स्विच ओफ है
29:16तुमने असी घाट पर कब देखा था तीन दिन पहले
29:20हाँ सर असी घाट पर तीन दिन पहले
29:22वैसे तेन दिन काफी होते हैं
29:24चांसे इस काम है कि वह अभी भी वारा नसी में हो
29:26अखलेश फिर भी कोशिश करो
29:28सर पूरा नेटरॉक लगा देख
29:29तिल्ली, शिमला और लखनव के तजर्बों के बार
29:34हमें ये लग रहा था कि इस बार भी संजीब बारेक हमारे हाथ से निकल गया
29:39वारा नसी छोड़ चुका
29:41पर फिर भी हमने कोई कसन नहीं छोड़े
29:43और आखिर में मेहना रंग लग
29:59कि अरे सुन अरे सुन
30:09चाय नहीं कि ले किया
30:29हालो
30:36अहाँ एक में तो
30:40साथ, मैं फोन के ने बाहर गया
30:55आखिर में बाहर गया
30:56भाई गायब
30:57यह लड़का यहीं बैठा रहा
30:59समीर
31:01हाँ
31:02तुम्हारी बाबा संजीब परेकाट
31:04वह पंदरा मिनिट में आएंगे
31:07यह लिए
31:08बिल चुका देना और यहीं रुकना
31:10मैं पंदरा मिनिट में आता
31:12और तुम्हारी बेन आचा वो का है
31:26पर्ना लॉज
31:27लड़का और फादर बाहर गये हैं
31:28लड़की अब भी कमरे पे हैं
31:29मैंने उसे बाहर जाते नहीं देखा सर्थ
31:31तरसल लड़की के फादर में होटल के फोन पर कोल किया था
31:33और मैंने खुद लड़की योग कोल ट्रांसपर की थी
31:36वो रही से
31:42आजल पारी?
31:53हाँ
31:54पापा कहा है?
31:56मुझे नहीं पता
31:58और तुम कहा जारी?
32:00तुम्हारा पापा रस्ट्रेंट नहीं पहुंचा
32:04वो नहीं होटल
32:06वो तुम दोनों बच्चे को छोड़कर भाग गया है
32:08वो अदा किया था पापा ने
32:10वो आ कर हमें ले जाएंगे
32:12फोन पर तुम्हारे पापा ने तुमसे क्या कहा चल
32:16बोले धरो नहीं
32:20पर तुम तो कहीं जा रही थी?
32:22भाग रही थी
32:24आचल तुम्हारे पापा कहा है?
32:28तुम लोगों ने कवीता अचारे का कतल क्यों किया?
32:32नहीं सर, मैंने कवीता दादी को नहीं मारा
32:36मैंने उन्हें इतने सालों में देखा तक नहीं
32:38पर समीर तो करा है कि यह सब तुम सब लोगों की मिली जुली साजिश्ती
32:42तुम्हारे पापा ने और उसने मिलकर कवीता को मार दिया
32:45और पिर तुम भी उनके साथ भागी
32:47आचल तुम भागी क्यों?
32:50और तुम्हें कैसे पता चला कि हम तुम्हारी दादी के गड़ता को पहुंच गए?
32:53पापा ने फोन करके कहा कि तुरंट आ जाओ
32:57मैं गई
32:59मैंने कहा था पापा से कि दादी टेंशन लेंगी
33:02पर तुम्हें मालूम था कि उन लोगों ने कवित अचारे को मार दिया है?
33:05जब पापा के साथ गई तब नहीं मालूम था
33:09लेकिन दो दिन बाद न्यूज में आने लगा
33:14तुम ने पापा से पूछा तो उन्होंने बताया
33:19पर सर मेरा कोई इनवाल्मेंट नहीं है इसमें
33:23पर आचल तुम उन दोनों हत्यारों के साथ भागती रही हो
33:26आचल जूट जादा दूर तक नहीं चलेगा
33:29बता दो हमें कहां है तुम्हारे पापा
33:32तो तुम्हारे पापा ने तुम्हे एक रामजाऊब की इस की निफेछन दिखा है
33:35चार मेहने लगा था यह मड़र के लिए
33:39हां
33:40तो प्लाण हे था
33:42कर्वीध जबां जायरे जिससे तुम दादी कहते थी उसको मान नเถर नहीं है
33:46क्यों मान नहीं बताए
33:48यह नहीं बताया पापा ने नहीं बताया कि वो मारी जाएगी लेकिन तुम तो अपना चेहरा चुपाते हैं उनकी घर तक पहुंचे थे ताकि उनकी बिल्डिंग के सिसिटिव कैमरे में तुमारी शकल नजलना है पापा ने कहा था कैप पैनने के लिए और मूँ छुपाने क
34:18हां ऐसा अंदा सपॉट हुए यह पहले से मिलें था अचानुक पापा ने कहा उनकी टांगें पकड़ लो
34:28क्यों क्यों मार डाला मुझे नहीं पता पापा और कवीता दादी के बीच में कुछ बातचीत हुई थी
34:48किस बारे में कैसा हुए इतनी दूर आये हो तो चाय पी के जाना लेकिन इस विषय पर अब चर्चा नहीं मेरा सर फटा जा रहा है तुम्हार इन बातों से ऐसी कहुंसी बात के दी मैने अपने पैसे तो मांग रहा हूँ लो चाय पी लो देखो संजू मेरा दिमाग और मत �
35:18साल पहले जब मैन आपको फोन किया था आपने कहा था एक लाख रुपए धीरे धीरे गरगे चुका दोंगी हर महीने किष्टे दोंगी कुछ नहीं दिया दो साल पहले जब मैन आपको फोन किया था आपने कहा था प्रॉबलम में हूँ नहीं दे सकती अब मैं प्रॉबलम म
35:48और कहा था लक्ष्मिनगर का घर बेच कर द्वारका में फ्लैट लूगा तब पैसे होंगे हाथ में दे दूगा
35:54कुछ नहीं दिया अब वो नहीं रहे तो तुम्हारी जो मर्जी है वो तुम बोलोगे
36:00जाने से पहले उन्होंने मुझे तो नहीं बताया था तुम्हारे इस लूग की बात तो फिर मैं एक लाग क्यों बोलता दस लाग बोलता ना
36:08संजीव तुम्हें जो बोलना है बोलो जो सोचना है सोचो मुझे फरक नहीं पड़ता लेकिन एक बात धैन से सुनो मैं यहां आपके लिए रहती हूं इनके पेंशन पे मेरा गुजारा होता है तुम्हें देने के लिए मेरे पास एक फुटी काउल तक नहीं है
36:23मुझे मालम था ऐसे वापस करने का आपका इरादा ही नहीं है तो फिर पूछते क्यों हो मत पुछा करो लेकिन ये प्लैन तो चार मेने पहले थे चल दा था कि कवित आचारे को मानना है मुझे नहीं पता जब संजीव तुम्हें तुम्हारी दादी से अलग लेकर चला गय
36:53हाँ संजीव भाया ने बच्चे का ब्रेंवाश कर दिया होगा एक बार संजीव पारे खात लग जया है तो फ़र पूछते हैं आचल तुम्हारा भाई समीर अभी बहुत छोटे हो और तुम्हारे पापा तुम दोनों को छोड़कर भाग गय है और तुम्हारा भाई समीर �
37:23तुम्हारे पापा कहां? उन्होंने वरानासी रेलवे स्टेशन पर मिलने को कहां कहां जाने वाले थे? मुझे नहीं पता बोले कि बैग वैग सब रूम पर ही छोड़ दो और रिक्षाल लेके स्टेशन पर पहुचो तुम्हारे पापा ने तुम्हारा भाई पकड़ा जय
37:53समीर के फिक्र मत करो
37:56उसे कुछ नहीं होगा
37:59हम बात में उसे भी साथ में ले लेंगे
38:03पर ऐसा तो हुआ नहीं
38:05तुमारा भाई समीर तो पकड़ा के
38:06और तुम भी पकड़े गए
38:08नहीं इसलिए बोले
38:11तुमारे बापा कहा है
38:13उन्होंने बस इतना ही कहा
38:16कि आप ट्रेन की टिकेट खरीद लिए
38:20हम दोनों के लिए
38:23राद की ट्रेन है
38:46मुझे वो ही लग रहा है
39:03इत्यान से आगे बढ़ना
39:05इस बाद संजीप पारे का चेहरा चुपाने का पैंतरा काम नहीं की
39:08हमने उसे हर तरफ से घे लिया था
39:10समीर ने सब कुछ तो बता दिया सर
39:19अब मैं और क्या बोलू
39:20हमें उसकी बताई कहानी पर यकीन नहीं है
39:22तो आप अपने कहानी बना लो
39:24इस पर आपको यकीन हो
39:25देखिये सर
39:28मोटा मोटा ऐसा है
39:29मुकेश यहने मुझसे लोन लिया था
39:32एक लाक रुपे
39:33वो चुकाने के पहले ही वो गुजर गए
39:35मुझे पैसों की जरूरत थी
39:38मैंने उनकी पत्नी
39:40कविताजी से पैसे माल गए
39:41उस वक्त समीर मेरा बेटा मेरे साथ
39:44कविताजी ने साफ मोना करती
39:46मेरा दिमाग खराब हो गया से
39:49मुझे मालूम था
39:51मेरी बेटी आचल से पूछताज करोगी
39:52मैं आचल को अपने बास बुला लिया
39:54मैं आचल अर्व समीर को लेकर
39:57यहां वहां भटकता रहा
39:59यहां लोग बीचा करते रहे
40:01फाइनलि आप जित गए
40:03मैं हार गया
40:04तुमने अपने बेटे समीर को स्कूल से निकाल
40:06पंच कुला में उसे बिठाकर
40:09चार मेहने क्राइम वीडियो दिखा
40:10तुम वहां सिर्फ पैसे ले नहीं गए
40:12तुम वहां गये थे मर्डर करने
40:14तब यह बताओ के मर्डर का असली मकसद क्या था
40:17वहां जाने का एक ही मकसद था
40:19और वो था एक लाक रुब बै
40:22जो मुझे उनके कंगन गिरिवे रखकर मिले
40:25आप आसी में एक आदमी था
40:29जिसके पास वो गिरिवे रखके
40:30सवा लाक मिले
40:32हिसाब चुटता
40:34अंजीब पारिक
40:36तुमने चेहरा ड़का
40:38साथ में छुरा लेकर गया
40:39अपने बेटे को साथ लेकर गया
40:42संजीब पारिक से
40:55इस कतल के पीछे का मकसद निकलवाना आसान नहीं था
40:58पर मकसद थो था
41:00एक बड़ा मकसद
41:02जिसने सब को चौका दिया
41:04हमने कविता अचारिय के गंगन उस दोकान से ब्रामत की
41:10यहां संजीब पारिक में उने गिर्वी रखा था
41:13समीर पारिक नाबालिक होने की वज़ा से
41:16जोवेनेल होम भेजा गया
41:18आंचल पारिक को
41:20एक कर्ल्स अब्जर्विशन होम भेजा गया
41:22कॉंसलिंग के लिए
41:22उसके बाद उसे छोड़ दिया गया
41:25उसका इस कातल से कोई तालुक नहीं था
41:27वो बस अपने पीता और भाई के साथ भागी थी
41:29संजीब बार बार उसे एक लाग की बात करता रहा
41:34जो आपकी पिता ने उसे लोन लिया थी
41:35तो हमसे बात करता है
41:37हमसे मांग लेता है
41:38मां को मारने की गया जरुरत थी
41:40इतनी सी बात होती
41:43तो मां हमें बताती
41:45नहीं
41:48नहीं
41:50वो अदमी से हुआ है जुद बोल रहा है
41:54कुछठ तक क्या मतलब है सर
41:56सच गया है और जुट क्या है
41:58मेरी महां को उसने क्यों माह डाला
42:00उसने ऐसा कहा
42:02जी इसने कबूल किया
42:05हमें पहले सी शाक्ता के बाद कुछ और है
42:07वह अन्ना वह अपने बेटे को अपने साथ क्यों ले जाता हूँ
42:09उसे क्राइम वीडियो दिखा कर
42:11क्राइम बनना क्यों सिखाता हूँ
42:12वो भी लगा था चार महें ने
42:14वो समीर को फसाना चाहते थे
42:16लेकिन क्यों
42:19पागल हो गया है क्या वो
42:22तो संजीप पारक
42:26अब सच बोलोगे
42:27या थोड़ी और पिटाई करें
42:29मुझे मालूम था सर
42:32वो बैसे नहीं लोटाएगी
42:34बुडिया का एरादा ही नहीं था पहले से
42:36तेरा एरादा क्या था
42:38क्या मकसद था
42:39असली मकसद एक ही था
42:41मर्डर
42:43इसके लिए मैंने समीर
42:46मेरे बेटे को ट्रेन किया
42:49और अपने साथ ले गया
42:51तुने बच्चे को जुर्मे शामिल किया
42:53अपने खुद के बेटे को
42:55क्यों
42:56क्या?
42:58क्योंकि वो
42:59क्योंकि वो
43:04समीर
43:06मेरा बेटा नहीं है
43:08जया के अफैर की निशानी है
43:14उसके चीटिंग की पैलाहिश
43:16तो तु समीर को क्रिमिनल बनाकर
43:18उसकी लाइफ बरबाद करना चाहता था
43:20उसकी माने मेरी लाइफ बरबाद की उसका क्या
43:22हाँ?
43:24उससे क्या लगा था, मुझे बता नहीं चलिगा,
43:27मैं तो वहाँ था, मसकत था,
43:30फैमिली के लिए पैसे कमा रहा था,
43:32और वो यहाँ,
43:34अपने पेट में किसी का पाप पाल रही थी,
43:36पता नहीं किसका है,
43:39फिर भी मैंने सोचे,
43:41सब भूल जाता हूँ,
43:42रहे सिरे से जिन्देगी शुरू करता हूँ,
43:45लेकिन एक दिन अचानक,
43:47बच्चों को लेकर भाग गई,
43:49कुछ बताया नहीं,
43:50कोई रीजन नहीं, कुछ नहीं,
43:51और फिर भी एक छोटे बच्चे को जोन में शामिल करने का लॉजिक क्या था,
43:54वो भी मर्डर जैसा जोन,
43:56बदला, और क्या,
44:00समीर मेरा बेटा नहीं है,
44:02वो मेरा खून नहीं है,
44:05और जिये, मरे उसका जोभी हो,
44:07मुझे कोई फरक नहीं परता,
44:13मेरा बेटा,
44:14मेरा बेटा नहीं है,
44:17वो निशानी है,
44:18मेरे साथ हुए दोगे के निशानी
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