त्रिशूर के ऐतिहासिक वडक्कुनाथन मंदिर में हाथियों को खाना खिलाने का भव्य समारोह 17 जुलाई को आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन की देखरेख करने वाली एकमात्र संस्था, मंदिर की सलाहकार समिति ने गज पूजा और 43वें अष्टद्रव्य महा गणपति होमम आयोजित करेगी. इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षित और आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक रैंप की व्यवस्था सहित कई इंतजाम किए गए हैं. अष्टद्रव्य महा गणपति होमम के दौरान, नारियल, गुड़, चावल, गन्ना, शहद, तिल का तेल और नींबू सहित आठ पवित्र वस्तुओं को एक साथ पकाकर प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. गज पूजा समारोह मलयालम महीने कर्किडकम के पहले दिन आयोजित किया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर में कर्किडकम की शुरुआत जुलाई महीने में होती है. ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान के दौरान हाथियों को भोजन कराने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं को साल भर बीमारियों से बचाते हैं.
00:00त्रिशूर के एतिहासिक वड़कुन नाधन मंदिर में हातियों को खाना खिलाने का भव्य समारो 17 जुलाई को आयोजित किया जाएगा।
00:10इस आयोजिन की देखरेख करने वाली संस्था मंदिर की सलाकार समिती गजपूजा और 33 अश्टद्रव्य महागणपती होमं आयोजित करेगी। इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है।
00:40श्रद्धालों की सुरक्षा और आसान पहुच सुनिष्चत करने के लिए सार्वजनिक राम्प की ववस्था समेत कई इंतजाम किये गए हैं।
01:10श्रद्रव्य महागणपती होमं में नार्यल, गुड, चावल, गन्ना, शहद, तिल और नीम्बु समेत आठ पवित्र वस्थूं को एक साथ पका कर प्रसाथ के रूप में चड़ाया जाता है।
01:22श्रद्रव्य महागणपती होमं में नार्यल, गन्ना, श्रद्रव्य महागणपती होमं में चड़ाया जाता है।
01:34गजपूजा समारो मल्यालम मही ने करकिडगम के पहले दिन आयोजित किया जाता है।
02:00अंग्रीजी कैलेंडर में करकिडगम की शुरुवात जुलाय महीने में होती है।
02:05ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान के दोरान हाथियों को भोजन कराने से भगवान गनेश प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालों को साल भर बीमारियों से बचाते हैं।