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Nimisha Priya Hanging Postponed: यमन में फांसी की सजा पा चुकीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. यह जानकारी ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ के सदस्य सैमुअल जेरोम ने दी, जो 1999 से यमन में रह रहे हैं. हालांकि पीड़ित परिवार ने अब तक माफी देने या ‘ब्लड मनी’ स्वीकार करने पर सहमति नहीं दी है. गौरतलब है कि निमिषा को 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन अंतिम समय में कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रयासों से सजा पर रोक लगी है. भारत सरकार की दखल की सीमाएं इसलिए हैं क्योंकि यमन की राजधानी सना में भारतीय दूतावास नहीं है. फिर भी भारत ने औपचारिक रूप से सजा पर रोक की मांग की है और धार्मिक नेताओं के ज़रिए बातचीत कर रहा है. मामले पर निमिषा के पति क्या बोले वीडियो में जानें विस्तार से.

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~HT.318~PR.250~ED.106~GR.125~

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Transcript
00:00बच्ची हमेशा अपनी मा को देखना चाहती है वो दास है और चिंदित भी मैं हमेशा उसे कहता हूँ उसकी मा लौट आईगी ये बूल है एक पिता एक पती के जसकी पत्नी यमन में मौत की सजा के नस्दीक है
00:18ननी सी बच्ची रोज अपने पिता से एक ही सवाल करती है पापा मंपी कब आएंगी और पिता हर बार वही जवाब देता है जल्दी आएगी बेटा मंपी लोट आएगी लेकिन उसके दिल को पता है कि वो जो कह रहा है वो सर्फ एक तसलिमातर है एक उमीद है जिसके सच होन
00:48जिन पर हत्या का आरोप है और जिन्हें यमन की सर्वोच्यादालत ने फांसी की सजा सुनाई
00:5516 जुलाई 2025 को फांसी दी चानी थी लेकिन अब ये सजा स्थाकित हो गई
01:00आना कि हर कोई इस खबर से थोड़ी राहत महसूस कर रहा है
01:05लेकिन निमिशा के पती के लिए ये राहत अधूरी है
01:09उनका मानना है ये खुशी पूरी नहीं है
01:11फांसी टालना एक अस्थाई चीज है
01:14वे चाहते हैं कि निमिशा की जान बक्षी जाए
01:18उनका मानना है कि उनकी बच्ची को मा की जरुरत है
01:21एक पिता जो अब मा बन गया है वो जानता है कि ममता की कमी क्या होती है
01:27वो कहते हैं मैंने बच्ची से जूट बोलना सीख लिया पर हर बार जूट बोलकर मेरा दिल तूटता है
01:34भारत सरकार ने बहुत कोशिशें की विदेश मंत्रा ले लगातार यमन प्रिशाशन से संपर्ग में रहा
01:40भारत या दूतावास ने वहां के अधिकारियों से बाचीत की, नेमिशा के परिवार को कानूनी चानकारी दी और यहां तक की पीडित के परिवार से बाचीत करवाने की कोशिशें भी की गई, लेकिन अंध में यमन के सक्त कानून और सेमित विकल्पों के चलते बहुत कुछ
02:10अब एक ही रास्ता बचा है ब्लड मनी का यानि पीडित परिवार को आर्थिक मुआवज़ा दे कर उनसे माफी मागना लेकिन क्या ये तना आसान है पैसे से जिन्दकी की कीमत चुकाना एक समवेदन शील और कठिन रास्ता होता है और कई बार पीडित परिवार इसके लिए �
02:40वो कहते हैं मैं रोज सोचता हूँ अगर उस व्यक्ति की जगए होता जो मारा गया तो क्या मेरी बीवी को फांसी मिलनी चाहिए शायद नहीं वे चाहते हैं कि उनकी बच्ची मां से महरूम ना रही उनका कहना है मैं रोज दूआ करता हूँ कि हमारी बेटी को उनकी मा मिले
03:10पती उम्मीद कर रहा है कि दुनिया उसके दर्द को समझे उसकी ये लड़ाई केवल न्याय की नहीं इंसानियत की भी है

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