01:00आज रावनमास का प्रतम्दी भगवान महाकालेश्यों के दुवार तीन बजे खोले गए ये लोकिक व्यवस्ता है परंपरा नहीं है परंपरा भगवान की चार बजे से छे बजे की दुवार खोलने की है और पूजा आरती की है रेकिन बादिक सदिक शिव भक्तों को दर्�
01:30पूर्व ये कई वर्षों से है और भगवान का पूजन अर्चन करते हुए पुजारियों ने आज भगवान को विजया शंग्दार से शंग्दारित किया भगवान को आज चंद्रमोलेश्योर चंद्रमा का धारण भी महस्तक्षपे कराया ये दिव्य सरूप आलोकिक दर्
02:00यही प्रात्ना होती है कि महाकाल सभी भगतों को और ज्यादा करते हैं विशेस में शिव भगतों को सदा आनंद में रखे सुकी रखे और स्वस्त रखे यही कामना पुजारी की और से इस वसमार्ति में होती है यह स्रावन मास है इस स्रावन मास में संकल्प होता है उस संक
02:30अपनी मन और इच्छा अनुसार कई मरतबा हमारे भक्त अपनी मन कामना के अनुसार भी भगवान की भक्ति करता है तब उसके मनोरत पूर्ण होते हैं भगवान श्यू यह माना जाता है कि स्रावन मास में जितने शिवाले इस देश के अंदर हैं वो स्वियम के लाज छोड़
03:00यह अवंतिका उज्जेन में महाकालेश्वर में विशेश तोर को देखने को मिलती है क्योंकि यहां भगवान महाकालेश्वर दक्षिन मोखी है जैश्री महाकाल
03:10जैश्री महाकाल वंतिकायाम वहेता वतारं मुक्ति प्रदानाय भोसवज्जन आतं आकाल अम्रित्यू परिनक्षन आतं वंदे महाकाल महाम सुरेश्वर आज बाबा महाकाल के दरवार में श्रावन मास के प्रथम दिवस पर बाबा की आरती का आनंद मिला और भगवान के
03:40पूरे 45 जिन तक बावा महाकाल के दरबार में चलेगा जिसमें भगवान की छे सवारिया निकलेगी एक रास्ती सवारी निकलेगी और पूरा मतलब ये पेतालिज जिन का जो डेड़ महा रहेगा ये बहुती आनंद और उल्लास का पूरा महिना रहेगा जैश्रीमा