Radhika Yadav Murder: टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव के चाचा ने इस केस में दो बड़े खुलासे किये हैं..पहला खुलासा ये कि राधिका के पिता काफी अमीर थे...जो कि ये साफ करता है कि वो अपनी बेटी की कमाई नहीं खाते थे...वहीं दूसरा कि विजय के भाई और राधिका के पिता दीपक यादव ने उनसे और पुलिस से भी फांसी की मांग की थी...विजय यादव ने बताया कि उसने मुझसे कहा भई, मैंने कन्या वध कर दिया है. मुझे मार दो उसने कोई कारण नहीं बताया. उसने कहा कि उसका दिमाग खराब हो गया है. राधिका के पिता उसे सुबह 5 बजे ट्रेनिंग के लिए ले जाते थे और शाम को ट्रेनिंग चलने तक वापस लाते थे। उसने कहीं आना-जाना और बाकी सब कुछ बंद कर दिया था... उसने थाने में भी कहा था कि अगर फांसी का नियम है, तो फाँसी लगा दो... वह टेनिस कोच थी। मेरे हिसाब से उसने अपनी कोई अकादमी नहीं खोली थी... ये लोग शुरू से ही अमीर थे। उसके पिता ने बहुत मेहनत की है। जब उनके गाँव में सबके कच्चे घर थे, तब उनके पास पक्का घर था... जब कोई खुद दोषी हो, तो उसे एहसास होने से बड़ी कोई सज़ा नहीं होती।
((Tennis player Radhika Yadav's uncle has made two big revelations in this case..the first revelation is that Radhika's father was very rich...which makes it clear that he did not spend his daughter's earnings...secondly that Vijay's brother and Radhika's father Deepak Yadav had demanded death penalty from him and the police as well...Vijay Yadav said that she told me brother, I have committed female infanticide. Kill me. She did not give any reason. She said that she has lost her mind. Radhika's father used to take her for training at 5 in the morning and bring her back by the time the training was over in the evening. She had stopped going anywhere and doing everything else...she had also said in the police station that if there is a law for hanging, then hang her.))
00:00मेरे को यह का बाई मैंने कन्यावद कर दिया और मेरे को मार दो
00:04कोई ऐसा रूल आप लोगों का हो फांसी का तो मेरे को फांसी दे दो मैंने बहुत गल्द कर रहा
00:10वजह नहीं बताई तो सिरू से इस लड़के ने उसके बाबा ने पिताजी ने बहुत मेहनत करी है
00:19बहुत मेंनट करी है शिरू से पैसे वाले दे जब इस गयाओं में किसी
00:25के मकान नहीं थे जब पकए मकान था जब ओरो के कच्छे थे चाहाज कोठी घड़ीं लाड़ी तो बड़िए थी
00:31जब अवार्ड मिले अगर बढ़िया नहीं होती तो कोई आवार्ड देता भाई मेर को नहीं देगे कोई आपको नहीं देगे
00:36तो बुरा मत माना और और में खल टैनिस तो ऐसा गेम है कि इसमें पैसा लगता है और पैसे कही गेम है
00:46औरो में तो चलो जोइंट का होता है यह तो अपना के लिए इंडिविज्वल का गेम है तो इसमें तो इनके पिता जी ने बच्पन से
00:57बच्पन से सुबह पांच बजे लेके जाता था और शाम को जब तक चलता था जब तक सब कुछ उसने छोड़ दिया ता कहीं जाना आना सब कुछ चोड़ा हुआ था
01:07उसर दस तरही को जब इंसिडंट शुमाता सबसे पहली मलगम कर रहता है तो क्या व्रक मेरेको है का भाए मैंने कन्यावद कर दिया अ और मेरे को मार दो
01:16मेरे को मार दो कि मैरे को फॉलिस थाने में भी मैसा था वहावी उसने यह का कि कोई ऐसा रूल आप
01:24लोगों का हो फानना सी का तो मेरे को फाकी दे दो मैंने बहुत गल्द कराएं वजह नहीं
01:42करता कि तो बस भाई दिमाग कराब हो गया उन्हों ना ऐसा कोई वो नी निदी चला रही थी से एकड़ मिनी कोच थी ना पुली सो वाले वो उस चीज को समझेशें ना अप लोग मीडिया वाले समझें वह उन्हों कह दीया उन्हों कई
02:03मेरे ख्याल कोई अकेडमी से नाराज थे और कुछ ऐसे लोग हैं जो आपकी गाहूं अग्यारा के होंगे उन्होंने लेको वह चीज का उसने मेरे आगे कहा है तिरह यह का है कि भाई कई लोग बहुत गल्ट बोल रहें
02:28तो यह बता हम तो पैसे से भूका था कि जो बेटी की कमाई का हुआ है तो शुरू से उस लड़के ने उसके बाबा ने पिताजी ने बहुत मेहनत करी वह मेहनत करिए शुरू से पैसे वाले जब इस गाहों में किसी के मकान नहीं थे जब पक के मकान था जब औरों के कच्छे
02:58वह वाली बाहता ना अब करी तो जाएगी कोछिस
03:04सजादो मेले पर कम से कम जोई सहास हो रहा है
03:08एसास से बडी कोई सजा नहीं होती
03:11जब अंदर आदमी के खुद को गिल्टी हो तो से बडी मेरे हिसाब से
03:15कोई सजा नहीं होती
03:17तो प्लीस, थैंक यू
03:28झाली कोई से बड़िया जाएगी कोई से बड़िया नहीं होती