00:00अगर धर्मानतर लोब लालच से कराय जाए या डराग कराय जाए तो वो एक किराईम है, ऐसे धर्मानतर किसी को भी नहीं कराना चाहिए, कि इनके लिए अलग सड़क बनाई जाए, उस सड़क के उपर कोई और ना चले सिवाए कामड़ वालों के,
00:20देखिए अगर कोई आदमी अपनी स्वेच्छा से धर्मानतर लोब लालच से कराय जाए या डराग कराय जाए तो वो एक किराईम है, वो अपराद है, ऐसे धर्मानतर किसी को भी नहीं कराना चाहिए,
00:48हाँ, जो अपनी स्वेच्छा से करना चाह रहा है और कानून के दाएरे में कर रहा है, उसके खिलाब कारवाई नहीं होनी चाहिए, देखिए समाइबादी पार्टी की सरकार में कामड़ व्यातरा बड़े आराम और सुकून से होती थी, सब काम होते थे, डीजे भी बचता
01:18कामड़ यातरा में कोई बवाल नहीं होता था, किसी को पिड़तारित नहीं किया जाता था, किसी की ट्रेंटे नहीं उतारी जाती थी, और हिंदू मुसल्मान नहीं किया जाता था, मुसल्मान भी कामड़ियों का सम्मान करते थे, उनके सेवा करते थे, उनके लिए भंड़
01:48यह एक धर्मिक यात्रा है और यह लोग बहुत डिवोशन से अपने पैदा करने वाले का अपने पालनहर की इबादत या पूजा किया करते हैं।
02:18जब करोड़ों लोग कावरल लेके जा रहे हैं, तो सरकार का दायत बनता है कि उनके यह रास्ता भी अलग करें।
02:39लेकिन बहुत से लोग करते भी हैं।
02:49मैं तो यही इनसे रिक्वेस्ट करऊंगा कि का आप उस मालिक की इबादत कर रह रहे हो जो जो सबका मालिक है।
02:58आप उस देवता की अबादत कर रहा हो जिसे भोले के नाम से जाना जाता है
03:03तो आप के अंदर भी सहन शूरता होनी चाहिए
03:08और आपका अखलाग भी वही होना चाहिए
03:12कि इनसानों को आप से कोई परिशानी ना हो
03:17हाँ तो क्या वाद उनकी स्वरक्षा भी तो होनी चाहिए
03:21इसलिए करा आप
03:22देखिये नाम लिखने में हमें कोई आपती नहीं है
03:29अब अगर यह फोटो भी लगवा रहे हैं तो फोटो भी लगवा रहे हैं
03:33जिसकी मर्जी आए वहाँ खाए, जिसकी मर्जी आए ना खाए, सरकारी आदेश जो दिये जा रहे हैं, अगर उसमें यह आदेश दे दिया गया है, किसा हम मुसल्मान के यहां से कोई ना खाए, यह मुसल्मान नहीं लगाएंगे दुकाने, तो तो हमारा अब्जिक्शन है, �
04:03प्रवाँ नहीं लगास्ट है, शरू हमारा मुसल्मान नहीं लगाएंगे प्रत्रव कि दोगकों मुसल्मान के लिगकाने, वह मुसल्मान